सोमवार, 8 नवंबर 2021

हत्या के प्रयास के अपराधियों की पहचान की

हत्या के प्रयास के अपराधियों की पहचान की
बगदाद। इराक के प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी ने कहा है कि उनकी असफल हत्या के प्रयास के अपराधियों की पहचान कर ली गयी है। प्रधानमंत्री के मीडिया कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक अल-कदीमी ने कहा कि हम अपराध करने वालों को नहीं छोड़ेंगे।
हम उन्हें अच्छी तरह से जानते हैं और उनकी पहचान उजागर करेंगे। अल-कदीमी ने विस्तृत विवरण न देते हुए कहा कि ये वही अपराधी हैं जिन्होंने इराकी नेशनल इंटेलिजेंस सर्विस (आईएनआईएस) के अधिकारी निब्रास फरमान की हत्या की थी और इन लोगों को न्याय के दायरे में लाया जायेगा।
संघीय सरकार के सभी कर्मचारियों को टीके लगें
वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन अगले साल की शुरुआत तक निजी क्षेत्र के करोड़ों कर्मचारियों को कोविड-19 रोधी टीके लगाने की योजना बना रहे हैं। लेकिन इससे पहले यह सुनिश्चित करना उनके लिए चुनौतीपूर्ण बनता जा रहा है कि उनकी संघीय सरकार के सभी कर्मचारियों को टीके लगें।
एजेंसियों और संघ नेताओं के अनुसार, राष्ट्रपति के कार्यकारी आदेश के तहत 22 नवंबर तक 40 लाख संघीय कर्मचारियों को कोविड-19 रोधी टीके लगाए जाने हैं। कुछ कर्मचारियों, जैसे व्हाइट हाउस में सभी कर्मचारियों को टीके लग चुके हैं, लेकिन संघीय एजेंसियां, खासकर जो कानून प्रवर्तन तथा खुफिया मामलों से जुड़ी हैं, उनके कर्मचारियों के टीकाकरण की दर काफी कम है। वहीं, कुछ कर्मचारी टीका लगाने को इच्छुक नहीं और इसके खिलाफ मुकदमे दायर कर रहे हैं और इसका विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने इसे व्हाइट हाउस द्वारा अनुचित अतिक्रमण करार दिया है। आगामी समय सीमा लोगों को टीका लगवाने के लिए राजी करने की बाइडन की पहली परीक्षा है। संघीय कर्मचारी नियम के बाद एक अन्य अनिवार्य नियम जनवरी से लागू होगा, जिसके तहत निजी क्षेत्र के 8.4 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। इस बीच, लुइसियाना में एक संघीय अपील अदालत ने शनिवार को उन व्यवसायों को टीकाकरण की अनिवार्यता के नियम से अस्थायी छूट दे दी थी, जिनसे 100 या उससे अधिक कर्मचारी जुड़े हैं।
वहीं, प्रशासन ने कहा कि उसे पता है कि उसकी इस पहल को कानूनी चुनौतियां का सामना करना पड़ेगा क्योंकि उसके सुरक्षा नियम राज्य के कानूनों को प्रभावित करते हैं।

पहली चीनी महिला की उपलब्धि हासिल, इतिहास रचा
बीजिंग। अंतरिक्षयात्री वांग यपिंग ने सोमवार को अंतरिक्ष में चलनेवाली पहली चीनी महिला की उपलब्धि हासिल कर इतिहास रच दिया है। अपने पुरुष सहकर्मी जाई जिगांग के साथ वह निर्माणाधीन अंतरिक्ष स्टेशन से बाहर निकलीं और छह घंटे से ज्यादा समय तक उन्होंने अन्य गतिविधियों में हिस्सा लिया। सरकारी मीडिया की खबर से यह जानकारी मिली।
सरकारी समाचार एजेंसी की खबर के अनुसार दोनों अंतरिक्ष स्टेशन के कोर मॉड्यूल ‘तियान’ से बाहर निकले और सोमवार तड़के साढ़े छह घंटे तक अंतरिक्ष में चहलकदमी की और फिर सफलतापूर्वक स्टेशन लौट आए। ‘चाइना मेन्ड स्पेस एजेंसी’ ने एक बयान में कहा कि चीन के अंतरिक्ष इतिहास में ऐसा पहली बार था जब एक महिला अंतरिक्षयात्री ने अंतरिक्ष में चहलकदमी की। चीन ने तीन अंतरिक्ष यात्रियों को छह महीने के लिए शेनजो-13 यान से अंतरिक्ष में रवाना किया था।
देश द्वारा आर्बिटिंग स्ट्रक्चर (अंतरिक्ष स्टेशन) का काम पूरा किए के लक्ष्य से इन्हें भेजा गया है और ऐसी उम्मीदें हैं कि स्टेशन निर्माण का काम अगले साल तक पूरा हो जाएगा। शांदोंग प्रांत की मूल निवासी और पांच साल की एक बच्ची की मां वेंग पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) एयर फोर्स से अगस्त,1997 में जुड़ी थीं। पीएलए की अंतरिक्ष इकाई के दूसरे समूह के अंतरिक्षयात्रियों से मई, 2010 में जुड़ने से पहले वह उप स्क्वाड्रन कमांडर थीं।

अंतरिक्ष में जानेवाली वह दूसरी चीनी महिला हैं। मौजूदा मानव अंतिरक्ष मिशन के लिए उनका चयन दिसंबर 2019 में किया गया था। वांग और झाई सोमवार को जब चहलकदमी कर रहे थे तो उनकी तीसरी सहयोगी ये गुआंगफू मॉड्यूल के भीतर से उन्हें अहम सहायता प्रदान कर रही थीं।

विस्फोट की धमकी मिलने के बाद आदेश दियें
वाशिंगटन डीसी। अमेरिका में न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय समेत देश के कई विश्वविद्यालयों को बम विस्फोट की धमकी मिलने के बाद खाली करने के आदेश दिये गये हैं। कोलंबिया विश्वविद्यालय ने ट्विटर पर कहा, “ रविवार 07 नवंबर को दोपहर करीब 14.30 बजे विश्वविद्यालय भवनों पर बम विस्फोट की धमकी मिलने के बाद आपातकालीन अलर्ट जारी किया।
न्यूयार्क पुलिस मामले की जांच कर रही है।” न्यूयार्क पुलिस ने हालांकि इन धमकियों को विश्वसनीय नहीं माना है। लेकिन आवश्यक जांच पड़ताल कर रही है। इस बीच न्यूयॉर्क स्थित कॉर्नेल विश्वविद्यालय ने भी ऐसी ही धमकी की सूचना दी है। विश्वविद्यालय ने ट्वीट किया, “ बम की धमकी की पुलिस जांच जारी है। इमारत में तलाशी का काम चल रहा है।
कृपया अभी केंद्रीय परिसर में आने से बचें।” दूसरी तरफ रोड आइलैंड के प्रोविडेंस स्थित ब्राउन यूनिवर्सिटी ने कहा कि बम की धमकी के बाद रविवार को परिसर की कई इमारतों को खाली करा लिया गया , हालांकि बाद में यहां फिर से प्रवेश के लिए मंजूरी दे दी गयी। इससे पहले कनेक्टिकट प्रांत में येल विश्वविद्यालय में शुक्रवार को बम विस्फोट की धमकी मिलने के बाद कई इमारतों को खाली करा लिया गया था।

जलवायु परिवर्तन को भारत के लिए चुनौती बताया
नई दिल्ली/ वाशिंगटन डीसी। ग्लासगो में 31 अक्टूबर से चल रहे वैश्विक जलवायु शिखर सम्मेलन को पृथ्वी के बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह ऐसा सम्मेलन है जहाँ, उम्मीद है। विश्व के नेता अतीत के अपने अधूरे वादों को भविष्य के लिए ठोस कार्यों में बदल देंगे। इसी सम्मेलन में प्रधान मंत्री मोदी जहाँ एक ओर भारत के नेट ज़ीरो लक्ष्य की घोषणा की, वहीँ जलवायु परिवर्तन को भारत के लिए चुनौती भी बताया।
संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) में सदस्यों का यह 26वां सम्मेलन (सीओपी26) स्कॉटलैंड के ग्लासगो में 12 नवंबर तक चलेगा और इसके लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने फरवरी में कहा था, कि “जलवायु आपदा को रोकने के हमारे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा (सीओपी26)
इस वर्ष का शिखर सम्मेलन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें विकासशील देशों द्वारा विकसित देशों द्वारा किए गए जलवायु वित्त वादों की स्थिति पर चर्चा करने की उम्मीद है और भारत के लिए यह प्राथमिकता का विषय है। पेरिस समझौते और यूएनएफसीसीसी के लक्ष्यों की दिशा में कार्रवाई में तेजी आने की उम्मीद है। पेरिस समझौते के अंतर्गत, प्रत्येक देश अपनी उच्चतम संभावित महत्वाकांक्षा और समय के साथ प्रगति को दर्शाने के लिए हर पांच साल में अपने उत्सर्जन में कमी के लक्ष्यों – या राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) – को बताने या अपडेट करने के लिए सहमत हुए।
ये लक्ष्य निर्धारित करते हैं कि कितने देश अपनी पूरी अर्थव्यवस्था और/या विशिष्ट क्षेत्रों में उत्सर्जन को कम करने की योजना बना रहे हैं। वर्ष 2020 ने पहले पांच साल के चक्र के अंत को चिह्नित किया। ग्लासगो में, देशों को महत्वाकांक्षी 2030 उत्सर्जन कटौती लक्ष्यों के साथ आगे आने के लिए कहा जा रहा है जो सदी के मध्य तक शुद्ध-शून्य तक पहुंचने के साथ संरेखित हैं।
पहले से ही 130 से अधिक देशों ने इस सदी के मध्य तक उत्सर्जन को नेट ज़ीरो करने का लक्ष्य निर्धारित किया है या विचार कर रहे हैं। व्यवसायों और निवेशकों ने भी इसी दिशा में बढ़ने का फैसला लिया है।
संक्षेप में, नेट-जीरो का अर्थ है वातावरण में डाली गई ग्रीनहाउस गैसों और बाहर निकाली गई गैसों के बीच संतुलन हासिल करना। लेकिन, जैसे-जैसे देशों और निगमों पर अधिक महत्वाकांक्षी शुद्ध-शून्य लक्ष्यों के लिए प्रतिबद्ध होने का दबाव बनता है, नेट-शून्य प्रतिज्ञाओं की अवधारणा के बारे में तीखी आलोचना हुई है। आलोचकों का कहना है कि 2050 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन के लिए कोई भी प्रतिबद्धता धोखाधड़ी है यदि वे कोयले, तेल और गैस के विस्तार की अनुमति देते हैं और वर्तमान जीवाश्म ईंधन के उपयोग में भारी और तत्काल कटौती शामिल नहीं करते हैं।
भारत जिन मुद्दों को उठाने के लिए तैयार है, उनमें जलवायु आपदाओं के कारण होने वाले मुआवजे या नुकसान शामिल हैं। G20 शिखर सम्मेलन में भारत के ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि भारत कई अन्य विकासशील देशों के साथ विकासशील देशों के हितों की रक्षा के लिए जोर दे रहा है।
वहीँ अपने ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन के साथ द्विपक्षीय बैठक से पहले एक बयान में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि भारत स्थापित अक्षय ऊर्जा, पवन और सौर ऊर्जा क्षमता के मामले में दुनिया के शीर्ष देशों में से एक है।
प्रधान मंत्री मोदी ने पहली बार भारत के नेट जीरो लक्ष्य की अवधि का एलान किया। मोदी ने कहा कि भारत 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य हासिल कर लेगा। मतलब भारत की तरफ से नेट जीरो तक पहुंचने का जो लक्ष्य है, वो 2050 के वैश्विक लक्ष्य से दो दशक ज्यादा है। मोदी ने इस देरी पर कई तर्क दिए और विकसित देशों से विकासशील देशों के सहयोग की भी मांग की।
वहीँ दुनिया के सबसे बड़े ऊर्जा संगठन इंटरनेशनल एनर्जी फोरम (आईईएफ) ने बृहस्पतिवार को भारत द्वारा 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन (नेट जीरो) के लक्ष्य को हासिल करने की घोषणा की सराहना की।
आईईएफ के 71 सदस्य हैं, जिसमें भारत भी शामिल है। भारत ने 2070 तक कुल शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य पाने की घोषणा की है।
भारत के लिए बड़ी चुनौती है जलवायु परिवर्तन मोदी
प्रधान मंत्री मोदी ने COP26 में कहा, “दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन को लेकर हो रही चर्चा में अनुकूलन (एडेप्टेशन) को उतना महत्व नहीं मिला है जितना प्रभाव कम करने को (मिटिगेशन) को मिला है. यह उन विकासशील देशों के साथ अन्याय है जो जलवायु परिवर्तन से अधिक प्रभावित हैं।”
“भारत समेत जितने विकासशील देश जलवायु परिवर्तन एक बड़ी चुनौती है। फसल से जुड़े पैटर्न में बदलाव आ रहा है। असमय बारिश और बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है।
न्होंने कहा कि “इस मामले में मेरे तीन विचार हैं, हमें एडेप्टेशन को अपनी विकास नीतियों और परियोजनाओं का एक अभिन्न अंग बनाना होगा।
भारत में नल से जल, स्वच्छ भारत मिशन और उज्जवला जैसी परियोजनाओं से हमारे जरूरतमंद नागरिकों को अनुकूलन लाभ तो मिले ही हैं, उनके जीवन स्तर में भी सुधार हुआ है।
कई पारंपरिक समुदायों में प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने का ज्ञान है। हमारी अनुकूलन नीतियों में इन्हें उचित महत्व मिलना चाहिए। स्कूल के पाठ्यक्रम में भी इसे जोड़ा जाना चाहिए।
अनुकूलन (अडपटेशन) के तरीके चाहे लोकल हों पिछड़े देशों को इसके लिए ग्लोबल सहयोग मिलना चाहिए।
लोकल अडपटेशन के लिए ग्लोबल सहयोग के लिए भारत ने कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेजिस्टेंस इंफ्रास्ट्रक्चर पहल की शुरूआत की थी। मैं सभी देशों को इस पहल से जुड़ने का अनुरोध करता हूं।

‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई वायु गुणवत्ता

‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई वायु गुणवत्ता
अकांशु उपाध्याय         
नई दिल्ली। दिल्ली में वायु गुणवत्ता लगातार तीन दिन तक ‘गंभीर’ श्रेणी में रहने के बाद, सोमवार सुबह थोड़े सुधार के बाद ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई), दिल्ली में सुबह नौ बजकर पांच मिनट पर 385 था। नोएडा, गुरुग्राम और ग्रेटर नोएडा में यह क्रमश: 406, 363, 296 दर्ज किया गया। 
एक्यूआई को शून्य और 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार को ‘गंभीर’ श्रेणी में रही, जिसके लिए मुख्यतौर पर पराली जलाने के अधिक मामले होना जिम्मेदार रहा।
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों अनुसार, रविवार रात आठ बजे एक्यूआई 416 था। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को न्यूनतम तापमान 13.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह साढ़े आठ बजे हवा में आर्द्रता का स्तर 85 प्रतिशत रहा। मौसम वैज्ञानिक ने दिन में बादल छाने और अधिकतम तापमान के 29 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का पूर्वानुमान लगाया है।

भारत: संक्रमितों की संख्या-3,43,66,987 हुईं
अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोविड-19 के 11,451 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,43,66,987 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 1,42,826 हो गई है, जो 262 दिन में सबसे कम है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार सुबह आठ बजे जारी कि गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण से 266 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,61,057 हो गई है। देश में लगातार 31 दिनों से कोविड-19 के दैनिक मामले 20 हजार से कम हैं और 134 दिन से 50 हजार से कम नए दैनिक मामले सामने आ रहे हैं।
उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी घटकर 1,42,826 हो गई है, जो कुल मामलों का 0.42 प्रतिशत है। यह दर मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 2,019 की कमी दर्ज की गई है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.24 प्रतिशत है, जो मार्च 2020 के बाद से सर्वाधिक है।
राष्ट्रव्यापी टीकाकरण मुहिम के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 108.47 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं।
देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, इस साल चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।

कर्मचारियों का शोषण नहीं करने का आग्रह किया
अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। एयर इंडिया के पायलट यूनियनों में से एक- इंडियन पायलट गिल्ड (आईपीजी) ने उम्मीद जताई है कि निवर्तमान प्रबंधन यह सुनिश्चित करेगा कि विमानन कंपनी के नए मालिक टाटा संस के पास जाने से पहले कर्मचारियों के बकाया निपटान की प्रक्रिया को सही ढंग से पूरा कर लिया जाएगा। एयर इंडिया के सीएमडी को लिखे एक पत्र में गिल्ड ने रविवनार को कहा कि वह विमानन कंपनी के नए मालिकों के साथ एक नई शुरुआत करने को लेकर ”आशावादी” हैं।
पत्र में साथ ही मौजूदा प्रबंधन से कर्मचारियों का ”शोषण” नहीं करने का आग्रह किया गया। गिल्ड ने कहा कि शोषण की स्थिति में बड़े पैमाने पर विरोध और औद्योगिक अशांति के हालात बन सकते हैं। आईपीजी के अनुसार 2006 के वेतन समझौते के तहत कैप्टन और सह-पायलटों के लिए मासिक लेओवर सब्सिस्टेंस अलाउंस (एलएसए) का प्रावधान किया गया था।
इन वर्षों में इस राशि का 25 प्रतिशत को रोक दिया गया, जो अभी भी बकाया है। गिल्ड ने कहा कि इसके अलावा इस वेतन समझौते के तहत ओवरटाइम भुगतान भी लंबे समय से रुका हुआ है। साथ ही 2012 में सभी कर्मचारियों पर गलत और एकतरफा तरीके से 25 प्रतिशत वेतन कटौती लागू की गई थी। पिछले महीने के अंत में केंद्र सरकार ने एयर इंडिया को 18,000 करोड़ रुपये में टाटा संस के हाथों बेचने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

दायर याचिका पर सरकार को नोटिस जारी किया
अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने वैवाहिक जीवन में (घरेलू हिंसा) प्रताड़ना का सामना करने और पति तथा ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाली महिलाओं को कानूनी सहायता और आवास सुविधा मुहैया कराने के लिए दायर याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।
न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट की पीठ ने एक गैर सरकारी संगठन की जनहित याचिका पर केन्द्र सरकार, महिलाएं एवं बाल विकास मंत्रालय और सूचाना एवं प्रसारण मंत्रालय को नोटिस जारी किये और उन्हें छह दिसंबर तक अपने जवाब दाखिल करने के निर्देश दिये।
याचिका में अनुरोध किया गया है कि प्रताड़ना का सामना करने और ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाली महिलाओं को कानूनी सहायता प्रदान करने के साथ ही उनके लिए देश भर में बुनियादी आवास सुविधाओं का सृजन करने का निर्देश दिया जाए। पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अभी हम एक से तीन नंबर प्रतिवादी को नोटिस जारी कर रहे हैं।
हम राज्यों को नोटिस जारी नहीं कर रहे, क्योंकि इससे ‘जमावड़ा’ लग जाएगा (जवाबों को)। इसके बाद हम मामले को निगरानी के लिए केन्द्र सरकार को सौंप देंगे। न्यायालय एक अपंजीकृत संगठन ‘वी द वीमन ऑफ इंडिया’ की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिका में वैवाहिक जीवन में प्रताड़ना का सामना करने वाली महिलाओं को कानूनी मदद मुहैया कराने और उनके लिए आश्रय गृह बनाने के लिए देशभर में पर्याप्त बुनियादी ढांचे की मांग की गई है।
याचिका के अनुसार घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 लागू होने के 15 साल बाद भी भारत में महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा आम अपराध है। याचिका में कहा गया कि 2019 राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ अपराध के तहत वर्गीकृत 4.05 लाख मामलों में से 30 प्रतिशत से अधिक घरेलू हिंसा के मामले थे।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के निष्कर्षों का हवाला देते हुए याचिका में कहा गया कि घरेलू हिंसा की पीड़ित महिलाओं में से लगभग 86 प्रतिशत ने कभी मदद ही नहीं मांगी। याचिका में केन्द्र, सभी राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों को पक्षकार बनाया गया है।

26 मैचों में अजय रिकार्ड तक पहुंचने से रोका

26 मैचों में अजय रिकार्ड तक पहुंचने से रोका

मोहम्मद रियाज      लंदन। वेस्ट हैम ने लिवरपूल को 3-2 से हराकर उसे न सिर्फ 26 मैचों में अजय रहने के क्लब के रिकार्ड तक पहुंचने से रोका। बल्कि प्रीमियर लीग फुटबॉल प्रतियोगिता में शीर्ष तीन से भी बाहर कर दिया। लंदन स्टेडियम में रविवार को खेले गये इस मैच में वेस्ट हैम के दर्शकों का उत्साह देखते ही बनता था। उसकी इस जीत में लिवरपूल के गोलकीपर एलिसन बेकर का भी योगदान रहा। बेकर ने खेल के चौथे मिनट में पाब्लो फोरनैल्स के कार्नर को रोकने की कोशिश की लेकिन इस प्रयास में वह आत्मघाती गोल कर बैठे। ट्रेंट अलेक्सांद्र अर्नाल्ड ने 41वें मिनट में बराबरी का गोल दागा लेकिन फोरनैल्स ने 67वें और कुर्ट जोमा ने 74वें मिनट में गोल करके वेस्ट हैम को 3-1 से आगे कर दिया। लिवरपूल के लिये डियोक ओरिगी ने 83वें मिनट में गोल किया लेकिन इससे हार का अंतर ही कम हो पाया।


शतरंज प्रतियोगिता में 5वांं स्थान हासिल किया

रीगा। भारतीय स्टार द्रोणवल्लि हरिका ने फिडे महिला ग्रैंड स्विस शतरंज प्रतियोगिता के 11वें और आखिरी दौर में यूक्रेन की शीर्ष वरीयता प्राप्त मारिया मुजिचुक को ड्रा पर रोककर पांचवां स्थान हासिल किया और अगले महिला ग्रां प्री चक्र के लिये क्वालीफाई किया। हरिका चौथी वरीय खिलाड़ी के रूप में प्रतियोगिता में उतरी थी। उन्होंने मुजिचुक से 31 चाल के बाद अंक बांटे। उन्होंने टूर्नामेंट में कुल सात अंक हासिल किये और वह अजेय रही। हरिका यूक्रेन की खिलाड़ी के साथ संयुक्त तीसरे स्थान पर थी लेकिन टाई ब्रेक स्कोर के आधार पर उन्हें पांचवां स्थान मिला। इस बीच हाल में महिला ग्रैंडमास्टर बनने वाली 19 वर्षीय वनिका अग्रवाल ने तीन जीत, सात ड्रा और एक हार के साथ 6.5 अंक हासिल किये और वह 14वें स्थान पर रही। उन्होंने अपनी आखिरी बाजी ड्रा खेली। ओपन वर्ग में भारतीय ग्रैंडमास्टर निहाल सरीन 6.5 अंकों के साथ 18वें स्थान पर रहे।


बादशाह ज़फर को बंदरगाह पर रिसीव किया 

मोमिन मलिक    17 अक्टूबर 1858 को बाहदुर शाह ज़फर मकेंजी नाम के समुंद्री जहाज़ से रंगून पहुंचा दिए गये थे। शाही खानदान के 35 लोग उस जहाज़ में सवार थे। कैप्टेन नेल्सन डेविस रंगून का इंचार्ज था। उसने बादशाह और उनके लोगों को बंदरगाह पर रिसीव किया और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी हुकूमत के बादशाह को लेकर अपने घर पहुंचा। बहादुर शाह ज़फर कैदी होने के बाद भी बादशाह थे, इसलिए नेल्सन परेशान था। उसे ये ठीक नही लग रहा था कि बादशाह को किसी जेल ख़ाने में रखा जाये। इसलिए उसने अपना गैराज खाली करवाया और वहीं बादशाह को रखने का इंतज़ाम कराया।
बहादुर शाह ज़फर 17 अक्टूबर 1858 को इस गैराज में गए और 7 नवंबर 1862 को अपनी चार साल की गैराज की जिंदगी को मौत के हवाले कर के ही निकले, बहादुर शाह ज़फर ने अपनी मशहुर ग़ज़ल इसी गैराज में लिखा था। 7 नवंबर 1862 को बादशाह की खादमा परेशानी के हाल में नेल्सन के दरवाज़े पर दस्तक देती है। बर्मी खादिम आने की वजह पूछता है। खादमा बताती है बादशाह अपनी ज़िन्दगी के आखिरी सांस गिन रहा है गैराज की खिड़की खोलने की फरमाईश ले कर आई है। बर्मी ख़ादिम जवाब में कहता है। अभी साहब कुत्ते को कंघी कर रहे है, मै उन्हें डिस्टर्ब नही कर सकता। ख़ादमा जोर जोर से रोने लगती है। आवाज़ सुन कर नेल्सन बाहर आता है। ख़ादमा की फरमाइश सुन कर वो गैराज पहुँचता है। बादशाह के आखिरी आरामगाह में बदबू फैली हुई थी ,और मौत की ख़ामोशी थी। बादशाह का आधा कम्बल ज़मीन पर और आधा बिस्तर पर। नंगा सर तकिये पर था लेकिन गर्दन लुढ़की हुई थी, आँख को बहार को थे और सूखे होंटो पर मक्खी भिनभिना रही थी।  नेल्सन ने ज़िन्दगी में हजारो चेहरे देखे थे लेकिन इतनी बेचारगी किसी के चेहरे पर नही देखि थी। वो बादशाह का चेहरा नही बल्कि दुनिया के सबसे बड़े भिखारी का चेहरा था। उसके चेहरे पर एक ही फ़रमाइश थी। आज़ाद साँस की। हिंदुस्तान के आखिरी बादशाह की ज़िन्दगी खत्म हो चुकी थी। कफ़न दफ़न की तय्यारी होने लगी। शहजादा जवान बख़्त और हाफिज़ मोहम्मद इब्राहीम देहलवी ने गुसुल दिया। बादशाह के लिए रंगून में ज़मीन नही थी। सरकारी बंगले के पीछे खुदाई की गयी और बादशाह को खैरात में मिली मिटटी के निचे डाल दिया गया। उस्ताद हाफिज़ इब्राहीम देहलवी के आँखों को सामने 30 सितम्बर 1837 के मंज़र दौड़ने लगे। जब 62 साल की उम्र में बहादुर शाह ज़फर तख़्त नशीं हुआ था। वो वक़्त कुछ और था। ये वक़्त कुछ और था। इब्राहीम दहलवी सुरह तौबा की तिलावत करते है। नेल्सन क़बर को आखिरी सलामी पेश करता है और एक सूरज गुरूब हो जाता है।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-21 (वर्ष-05)
2. मंगलवार, नवंबर 9, 2021
3. शक-1984, मार्गशीर्ष, शुक्ल-पक्ष, तिथि-पंचमी, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 06:30, सूर्यास्त 05:48।
5. न्‍यूनतम तापमान -14 डी.सै., अधिकतम-28+ डी.सै.। 
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक शिवाशुं व राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.-20110
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संपर्क सूत्र :- +919350302745  
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रविवार, 7 नवंबर 2021

यूपी: जन सुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया

यूपी: जन सुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया
गणेश साहू      
कौशाम्बी। प्रत्येक सप्ताह की तरह इस रविवार को भी विधायक चायल संजय कुमार गुप्ता के केंद्रीय कार्यालय भरवारी में जन सुनवाई कार्यक्रम रविवार को आयोजित किया गया। जन सुनवाई के दौरान विधायक संजय गुप्ता के समक्ष 173 शिकायतें प्राप्त हुई। ज्यादातर शिकायतें जमीनी विवाद व प्रधानमंत्री आवास से संबंधित रही। 8 शिकायतों को विधायक ने मौके पर पीड़ितों से वार्तालाप कर जनसुनवाई में ही निस्तारण कर दिया। शिकायत निस्तारण होने के बाद पीड़ित विधायक का गुणगान करते चले गए शेष बची शिकायतों को निस्तारण हेतु संबंधित विभाग के अधिकारियों को पत्र के माध्यम से निस्तारण हेतु विधायक चायल ने निर्देशित किया।
शिकायतकर्ता मे मुख्य रूप से शेखपुर रसूलपुर के शाहीपर से लल्लू सिंह ने बताया कि गांव के ही कृष्णा प्रसाद ने दबंगई के बल पर मेरी भूमिधरी जमीन कब्जा कर लिया है। 
बड़ी धमनी से कमला देवी ने गांव के ही अनवर द्वारा जबरन जमीन कब्जा करने का आरोप लगाया। गुड़िया देवी मलिकपुर महेवा ने पारिवारिक विवाद को बताते हुए मदद की अपील की अनीता देवी  टीकरडीह ने प्रधानमंत्री आवास दिलाए जाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया, कृतिका गुप्ता भरवारी ने अपने ही परिवार के विवाद को प्रार्थना पत्र के माध्यम से बताते हुए सहयोग की मांग की सुनील मौर्या महगांव ने गांव के ही मोहम्मद अहमद पर जबरन विवाद करने का आरोप लगाते हुए आरोपियों पर कार्रवाई की मांग सहित तमाम शिकायती पत्र लेकर फरियादी विधायक के दरबार में पहुंचे और समस्याओं के निस्तारण की मांग की। विधायक श्री गुप्ता ने सभी शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सुना और संबंधित विभाग के अधिकारियों को फोन के माध्यम से व पत्र के माध्यम से सभी शिकायतों को अभिलंब निस्तारण हेतु निर्देशित किया।

गाजियाबाद: छठ पूजा की तैयारियां शुरू की

अश्वनी उपाध्याय     गाजियाबाद। सोमवार से छठ महापर्व शुरू हो रहा है। सोमवार की सुबह महिलाएं सुबह नहा कर छठ मैया की पूजा करेंगी। सारा दिन वृत रखने के बाद शाम को घिया लौकी की सब्जी, अरवा चावल और चने की दाल बनाई जाएगी। शनिवार को साहिबाबाद क्षेत्र के कई संगठन हिंडन पहुंचे और वहाँ बेदी बना कर छठ पूजा की तैयारियां शुरू कर दी। इस बार छठ पूजा के लिए 58 घाट बनाए गए हैं। इनमें 38 घाट ट्रांस हिडन क्षेत्र में हैं। शनिवार से सभी घाटों पर कार सेवा शुरू हो गई। श्रद्धालुओं के लिए घाटों पर विशेष सुविधा रहेगी। छठ घाटों को संवारने में बहुत से युवा संगठन भी निगम के कर्मचारियों का सहयोग कर रहे हैं।  

वहीं गाज़ियाबाद की विभिन्न सोसायटियों के स्विमिंग पूल में छठ पूजा और अर्घ देने की व्यवस्था की जा रही है। पिछले साल कोरोना संकट के चलते कुछ लोगों ने घर पर ही छठ पूजा की थी। इस बार भी नगर निगम के अधिकारी छठ पूजा पर कोरोना नियमों का पालन कराने का दावा कर रहे हैं। घाटों पर सैनिटाइजर व मास्क की व्यवस्था रहेगी।

मशहूर बाघिन ने दो शावकों को दिया जन्म

मशहूर बाघिन ने दो शावकों को दिया जन्म 

मनोज सिंह ठाकुर     भोपाल। सागर और आसपास के जिलों में फैले मध्य प्रदेश के नौरादेही अभयारण्य में ‘राधा’ नाम से मशहूर बाघिन ने दो शावकों को जन्म दिया है। इन्हें घने जंगल में आराम करते देखा गया है। इसी के साथ इस अभयारण्य में बाघों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। डिवीजनल वन अधिकारी सुधांशु यादव ने बताया, ‘राधा’ नाम से मशहूर बाघिन एन-1 ने दूसरी बार में दो शावकों को जन्म दिया है।

इस बाघिन को घने जंगल में चंदा हथिनी की सहायता से अपने दो नन्हें शावकों के साथ शुक्रवार को आराम करते देखा गया। मादा बाघिन और दोनों शावक स्वस्थ हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले वर्ष 2020 में वह पहली बार तीन शावकों को जन्म दे चुकी है। यादव ने कहा कि कान्हा बाघ अभयारण्य से बाघिन राधा और बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य से बाघ कान्हा को लाकर वर्ष 2018 में नौरादेही में बसाया गया था। इन दो शावकों के साथ नौरादेही बाघ अभयारण्य में बाघों की संख्या बढ़कर सात हो गई है।


ट्रक ने ऑटोरिक्शा में मारीं टक्कर, मां-बेटी की मौंत
राणा ओबराय     सोनीपत। जिले में कथूरा गांव के नजदीक गोहाना-महम रोड पर एक ट्रक ने ऑटोरिक्शा में टक्कर मार दी। जिससे उसमें सवार मां-बेटी की मौत हो गई। जबकि तीन बच्चों समेत पांच लोग घायल हो गए। हादसे को अंजाम देने के बाद ट्रक चालक वाहन सहित फरार हो गया। 
हिसार शहर के आदर्श नगर निवासी एवं पीड़ित विष्णु ने बताया कि वह ऑटो चलाता है और शनिवार को भैया दूज पर पत्नी सरिता (28) को सोनीपत स्थित उसके मायके लेकर जा रहा था। उनके साथ उनकी ढाई साल की बेटी हर्षिका भी ऑटो में सवार थी। बीच रास्ते में गांव मोखरा से विष्णु ने अपनी साली पूनम व उसके तीन बच्चों को भी साथ ले लिया। उन्होंने बताया कि शनिवार शाम करीब सात बजे वे गोहाना-महम रोड स्थित गांव कथूरा के निकट पहुंचे तो ट्रक ने उनके ऑटोरिक्शा में टक्कर मार दी।

पाकिस्तान की गोलाबारी में मछुवारा घायल हुआ

द्वारका। गुजरात सहित महाराष्ट् के कुछ मछुवारो के साथ जलपरी नाम की नौका पर सवार महाराष्ट् के एक मछुवारे को पाकिस्तान सुरक्षा बलों द्वारा गोली मारे जाने की जानकारी आ रही है। बताया जा रहा है, कि पाकिस्तान की इस गोलाबारी में एक अन्य मछुवारा घायल भी हो गया है। पुलिस ने मामले मे एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। घटना उस समय घटी जब जलपरी नाव पर सवार होकर मछली पकडने के लिए महाराष्ट निवासी 32 वर्षीय श्रीधर रमेश छाबरे तथा अन्य मछवारे विगत 25 अक्टूबर को ओखा से निकले थे। बताया जा रहा है। नाव में 5 गुजरात तथा दो महाराष्ट् के मछवारे थे। मछली पकडने के दौरान ही पाकिस्तान सीमा के पास पहुचे जलपरी पर सवाल मछुवारो पर पाकिस्तानी सुरक्षा बलो ने गोली चला दी। जिसमेे छाबरे की मौत हो गयी और एक अन्य मछवारा घायल हो गया। द्वारका के पुलिस अधीक्षक सुनील जोशी के अनुसार छाबरे पीएमएसए की गोली बारी मे मारा गया है और एक अन्य को भी चोट आयी है। नाव रविवार को ओखा तट पर आयी जिसमे छाबरे की लाश मिली है। मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी है, जांच की जा रही है।


पैराडाइज पर जनसभा को संबोधित करेंगे सीएम 

हरिओम उपाध्याय      सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 10 नवंबर को देबवंद में सहारनपुर-मुजफ्फरनगर स्टेट हाईवे पर स्थित सिल्वर पैराडाइज पर जनसभा को संबोधित करेंगे और सभास्थल से ही देवबंद के रेलवे रोड स्थित राजकीय पायलट वर्कशाप के दो हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बनाए जाने वाले एटीएस कमांडो सैंटर का शिलान्यास करेंगे। देवबंद नगर की संवेदनशीलता को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के अभूतपूर्व प्रबंध किए जाएंगे। योगी आदित्यनाथ पहली बार दारूल उलूम देवबंद की जमीन पर कदम रखेंगे। योगी आदित्यनाथ अनेक बार सहारनपुर जिले में आ चुके है। योगी आदित्यनाथ की मां शांकुबरी देवी शक्तिपीठ में गहरी आस्था है। लोकसभा चुनाव 2019 का आगाज उन्होंने शाकुंबर देवी स्थित देवी के दर्शन और पूजा-अर्चना करने के बाद किया था। देवबंद में देवीकुंड के विशाल सरोवर के किनारे मां श्री त्रिपुर बाला सुंदरी का ऐतिहासिक एवं प्राचीन मंदिर है। महाभारतकालीन इस मंदिर का अतीत मे जीणोद्धार मराठा राजाओं द्वारा किया गया था। इस मंदिर की विशेषता यह है कि छुआछूत के जमाने में भी चमारो को इस मंदिर में प्रवेश और पूजा का अधिकार और सम्मान प्राप्त था। राजपूतों के सबसे बडे गांव के प्रमुख भाजपा किसान नेता ठाकुर अनिल सिंह पुंडीर एवं अन्य प्रमुख भाजपा नेताओं सहकारी बैंक के डिस्ट्रिक चेयरमैन राजपाल चैधरी, वरिष्ठ भाजपा नेता विनोद कुमार गुप्ता, भाजपा जिलाध्यक्ष डा. महेंद्र सैनी समेत देवबंद के हिंदुओं की इच्छा और आकांक्षा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देवबंद आगमन के अवसर पर मां त्रिपुर बाला सुंदरी देवी का आशीर्वाद भी ग्रहण करे और उनके नाम पर देवबंद में किसी नए संस्थान की घोषणा करे।

देवबंद विधानसभा क्षेत्र को लोग आज भी ठाकुर फूल सिंह के नाम से याद करते है। जिन्होंने अपने मंत्री काल में देवबंद क्षेत्र को अनेक उपलब्धियों से नवाजा लेकिन दुख की बात यह है कि पश्मिची उत्तर प्रदेश में राजपूत बहुल इस देवबंद क्षेत्र को बाद के जनप्रतिनिधियों ने भुला दिया। वे मात्र विधायक रहे लेकिन किसी ने भी ठाकुर फूल सिंह का अनुसरण नहीं किया। देवबंद क्षेत्रवासी प्रदेश के सबसे बडे मुखिया से यह भी अपेक्षा रखते है कि वे इस बार इस क्षेत्र को ऐसा विधायक देने का काम करे जो ठाकुर फूल सिंह की तरह देवबंद को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उसकी प्रसिद्धि के अनुसार उसका विकास करा सके।

विवाद: तीसरे अंपायर ने यशस्वी को आउट दिया

विवाद: तीसरे अंपायर ने यशस्वी को आउट दिया  अखिलेश पांडेय  मेलबर्न। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेले जा रहे चौथे टे...