1 करोड़ खुराक खरीदने के आदेश दिएं: केंद्र
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अहमदाबाद की कंपनी जाइडस कैडिला की तीन खुराक वाले टीके ‘जाइकोव-डी’ की एक करोड़ खुराक खरीदने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही यह टीका राष्ट्रीय कोरोना वायरस रोधी टीकाकरण अभियान में इस महीने शामिल हो जाएगा। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि समझा जाता है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में विकसित दुनिया के पहले डीएनए-आधारित कोविड-19 टीके को टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने के लिए शुरुआती कदमों को हरी झंडी दिखा दी है। शुरुआत में इसे वयस्कों को लगाने में प्राथमिकता दी जाएगी। जाइकोव-डी पहला ऐसा टीका है जिसे भारत के औषधि नियामक ने 12 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों के टीकाकरण के लिए मंजूरी दी है। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि केंद्र जाइडस कैडिला को जाइकोव-डी टीके की एक करोड़ खुराक के लिए ऑर्डर दे चुका है, जिसकी कीमत कर को छोड़कर करीब 358 रुपये है।
इस कीमत में 93 रुपये की लागत वाले ‘जेट एप्लीकेटर’ का खर्च भी शामिल है। इसकी मदद से ही टीके की खुराक दी जाएगी। सूत्र ने बताया, ” सीमित उत्पादन क्षमता की वजह से शुरू में सिर्फ वयस्कों को ही यह टीका दिये जाने की संभावना है।”
भविष्य में अपने वाहनों के दाम तय करेगी मारुति
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। देश की प्रमुख कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) की जिंस कीमतों पर नजर है और इन्हीं के आधार पर वह भविष्य में अपने वाहनों के दाम तय करेगी। दूसरी तिमाही में जिंसों के दाम काफी ऊंचे हो चुके हैं और कंपनी ने इस वृद्धि का पूरा बोझ अभी उपभोक्ताओं पर नहीं डाला है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (विपणन एवं बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने कहा, ”दूसरी तिमाही में शुद्ध बिक्री अनुपात में हमारी सामग्री की लागत 80.5 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई है। यह काफी ऊंचा स्तर है।” कंपनी को उम्मीद है कि आगे जिंस कीमतों में कमी आएगी। कई जिंसों के दाम अपने अधिकतम स्तर पर है, इसलिए उनको नीचे आना चाहिए। मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) के लिए सामग्री की लागत काफी महत्वपूर्ण होती है।
ओईएम की कुल लागत में सामान्य तौर पर सामग्री का हिस्सा 70 से 75 प्रतिशत होता है। यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी अपने वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी करेगी, विशेषरूप से नए साल के अवसर पर, श्रीवास्तव ने कहा, ”हम बड़ी सावधानी से इसकी निगरानी कर रहे हैं। हमने पूर्व में हुई बढ़ोतरी का बोझ भी उपभोक्ताओं पर नहीं डाला है।” उन्होंने कहा कि कंपनी ने सितंबर की शुरुआत में अपने वाहनों के दाम 1.9 प्रतिशत बढ़ाए हैं।
लेकिन भविष्य की कीमतें तय करने के लिए जिंस कीमतों की दिशा पर नजर रखने की जरूरत होगी।” उन्होंने कहा कि जिंसों के दाम पहली तिमाही में उच्चस्तर पर थे लेकिन मारुति सुजुकी जैसी ओईएम पर इसका प्रभाव एक तिमाही बाद दिखता है। उन्होंने कहा कि इसका असर मारुति सुजुकी पर दूसरी तिमाही में अधिक पड़ा है।
श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान जिंसों के दाम काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस्पात के दाम 38 रुपये प्रति किलोग्राम से 72 रुपये पर पहुंच गए थे। हालांकि, ये अब कुछ नीचे आए हैं। इसी तरह तांबा 5,200 डॉलर प्रति टन से 10,400 डॉलर प्रति टन हो गया है। उन्होंने कहा कि अन्य धातुओं के दाम भी पहले की तुलना में दो/तिहाई बढ़ चुके हैं।
संक्रमण के मामलों की संख्या-3,43,55,536 हुईं
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोविड-19 के 10,853 नए मामले आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,43,55,536 पहुंच गयी। जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 1,44,845 हो गयी जो 260 दिनों में सबसे कम है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, 526 और मरीजों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 4,60,791 पर पहुंच गयी है। कोरोना वायरस के रोज आने वाले मामले लगातार 30वें दिन 20,000 से कम और लगातार 133वें दिन 50,000 से कम हैं।
मंत्रालय ने बताया कि उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 1,44,845 हो गयी है जो संक्रमण के कुल मामलों का 0.42 प्रतिशत है और पिछले साल मार्च के बाद से सबसे कम है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की राष्ट्रीय दर 98.24 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 2,105 मामलों की कमी दर्ज की गयी। संक्रमण की दैनिक दर 1.18 प्रतिशत दर्ज की गयी जो पिछले 34 दिनों से दो प्रतिशत से कम है।
साप्ताहिक संक्रमण दर 1.28 प्रतिशत दर्ज की गयी जो पिछले 44 दिनों से दो प्रतिशत से कम है। आंकड़ों के मुताबिक, इस बीमारी से उबरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 3,37,49,900 हो गयी है जबकि मृत्यु दर 1.34 प्रतिशत है। अभी तक देशव्यापी कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के तहत 108.21 करोड़ खुराकें दी जा चुकी है।
देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, इस साल चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।
उड़ानों की संख्या बढ़ाने की मंजूरी देगी सरकार
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। विमानन कंपनी एयर फ्रांस-केएलएम की भारतीय सेवाएं ‘एयर बबल’ पाबंदियों के कारण अभी सीमित हैं लेकिन एयरलाइन को उम्मीद है कि भारत सरकार बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उसकी उड़ानों की संख्या बढ़ाने की मंजूरी देगी। विमानन कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही।
‘एयर बबल’ दो देशों के बीच उड़ान सेवा को फिर से शुरू करने की अस्थायी व्यवस्था है। इसके तहत हवाई अड्डे पर और यात्रा के दौरान कोरोना वायरस संबंधी नियमों का पालन करना अनिवार्य है। भारत ने जुलाई 2020 के बाद से फ्रांस और नीदरलैंड समेत तकरीबन 28 देशों के साथ ‘एयर बबल’ के तहत यात्री पाबंदियों के साथ सीमित विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को अनुमति दी है। भारत में पिछले साल 23 मार्च के बाद से ही निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें निलंबित हैं।
एयर फ्रांस-केएलएम के महाप्रबंधक (भारतीय उप महाद्वीप) जीन-नोएल रॉल्ट ने एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि कोविड-19 महामारी से पहले एयरलाइन तीन भारतीय शहरों बेंगलुरु, दिल्ली और मुंबई से पेरिस और एम्सटर्डम तक 38 साप्ताहिक उड़ानों का संचालन करती थी। वर्तमान में सप्ताह में इसकी केवल 17 उड़ानें संचालित हो रही हैं। यह पूछने पर कि क्या भारतीय उड़ानों के लिए मांग बढ़ रही है, इस पर रॉल्ट ने कहा कि भारत का वीएफआर (देश आने वाले दोस्त और रिश्तेदार) बाजार बहुत मजबूत है। मेरी राय में यह मांग बढ़ने के प्रमुख कारणों में से एक है।
हमें उम्मीद है कि सीमाएं खुलने के साथ ही हमें बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अपनी उड़ानों की संख्या बढ़ाने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हम भारत में फ्रांस दूतावास और नीदरलैंड दूतावास के साथ संबंधित प्राधिकारियों से बातचीत करते रहेंगे। अपने दूतावासों के साथ मिलकर हम भारत से उड़ानों की संख्या बढ़ाने के लिए भारतीय प्राधिकारियों के साथ अवसरों की तलाश करते रहेंगे। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सितंबर में कहा था कि केंद्र को यूरोप और दक्षिण अमेरिका जैसे स्थानों पर भारतीय एयरलाइनों की लंबी दूरी की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बढ़ाने के लिए कुछ व्यवस्था बनाने पर विचार करना होगा।
उप-प्रबंध निदेशकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय जल्द नवगठित विकास वित्त संस्थान राष्ट्रीय अवसंरचना वित्तपोषण एवं विकास बैंक (एनएबीएफआईडी) के प्रबंध निदेशक और उप-प्रबंध निदेशकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेगा। पिछले महीने सरकार ने दिग्गज बैंकर के वी कामत को इस 20,000 करोड़ रुपये के विकास वित्त संस्थान का चेयरपर्सन नियुक्त किया है। यह संस्थान कोष की कमी से जूझ रहे बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा। सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय जल्द बैंक बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी) को एनएबीएफआईडी के प्रबंध निदेशक और उप-प्रबंध निदेशकों की नियुक्ति करने के बारे में सूचित करेगा। ब्यूरो इसके लिए विज्ञापन निकालेगा और चयन की प्रक्रिया शुरू करेगा। बीबीबी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए शीर्ष अधिकारियों की खोज करता है। बैंक के प्रबंध निदेशक अधिकतम 65 साल की उम्र तथा उप-प्रबंध निदेशक 62 साल की उम्र तक के लिए नियुक्त किए जाएंगे।
एनएबीएफआईडी कानून, 2021 के तहत संस्थान में एक प्रबंध निदेशक और तीन उप-प्रबंध निदेशक हो सकते हैं। सरकार ने इसमें 20,000 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी के ऊंपर 5,000 करोड़ रुपये का अनुदान देने की प्रतिबद्धता जताई है। सरकार पहले वित्त वर्ष के अंत तक अनुदान देगी। सरकार बहुपक्षीय संस्थानों, सॉवरेन संपदा कोषों तथा अन्य विदेशी कोषों से कर्ज के लिए 0.1 प्रतिशत की रियायती दर पर गारंटी भी देगी। विकास वित्त संस्थान (डीएफआई) की स्थापना एक सांविधिक निकाय के रूप में की गई है। यह लंबी अवधि, निचले मार्जिन तथा बुनियादी ढांचा वित्तपोषण की जोखिम वाली प्रकृति से होने वाली विफलता के समाधान में मदद करेगा।