बुधवार, 27 अक्टूबर 2021
कच्ची शराब-45 किलोग्राम लहन, महिला अरेस्ट
सभी प्रदेश अध्यक्षों से विस्तृत चर्चा की: राहुल
महापंचायत रैली को संबोधित करते हुए ओम प्रकाश राजभर ने एक के बाद एक कई वादे भी किए। उन्हाेंने कहा कि अखिलेश सरकार बनने पर गरीबों का फ्री इलाज, गरीबों का फ्री में इलाज का कानून पास कराएंगे। पुलिस विभाग की ड्यूटी 8 घंटे की करेंगे। गृह जिलों के पास पुलिसकर्मियों की तैनाती होगी सभी पुरानी सरकारी पेंशन बहाल कराएंगे। सरकारी स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों जैसी सुविधा देंगे।। पूरे उत्तर प्रदेश को शिक्षित करने का लक्ष्य,जो बच्चों को स्कूल नहीं भेजेगा उनको जेल भेजेंगे। भागीदारी संकल्प मोर्चा के संयोजक और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी करने वाले एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असद्उद्दीन ओवैसी बुधवार 27 अक्तूबर को मऊ में होने वाले राजभर के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। इस बारे में एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने कहा कि इस बारे में एआईएमआईएम नेतृत्व को कोई जानकारी नहीं दी गई है।
महाराष्ट्र हाई कोर्ट का याचिका पर सुनवाई से इंंकार
मनोज सिंह ठाकुर
मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता नवाब मलिक को अभिनेता शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान से जुड़े मादक पदार्थ के मामले में स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं करने के संबंध में निर्देश देने संबंधी जनहित याचिका पर बुधवार को तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया।
उच्च न्यायालय में मंगलवार को जनहित याचिका दाखिल करने वाले कौसर अली ने खुद को मौलवी और नशा करने वालों के पुनर्वास के लिए काम करने वाला व्यक्ति बताया है। अली ने उच्च न्यायालय से मलिक को एनसीबी या आर्यन खान मामले से जुड़ी किसी अन्य जांच एजेंसी और ऐसी एजेंसियों के अधिकारियों के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं करने का निर्देश देने का आग्रह किया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस तरह की बयानबाजी से जांच एजेंसियों का मनोबल गिरेगा और नशीली दवाओं के उपयोग को बढ़ावा। याचिकाकर्ता के वकील अशोक सरोगी ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए जनहित याचिका का उल्लेख किया। हालांकि, उच्च न्यायालय ने सरोगी को अगले सप्ताह अवकाशकालीन पीठ से संपर्क करने के लिए कहा, या एक नवंबर से शुरू होने वाली दिवाली की छुट्टियों के बाद नियमित अदालतों के फिर से शुरू होने की प्रतीक्षा करने के लिए कहा।
मलिक के हाल के कुछ ट्वीट्स का हवाला देते हुए जनहित याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मंत्री लगातार ट्वीट कर रहे हैं और एनसीबी तथा उसके अधिकारी समीर वानखेड़े का ‘मनोबल’ तोड़ने का काम कर रहे हैं। याचिका में दावा किया गया है कि वानखेड़े की निगरानी में एनसीबी हाल के दिनों में ‘‘सबसे प्रभावी’’ एजेंसी साबित हुई है।
फिल्म 'सत्यमेव जयते 2' का ट्रेलर रिलीज किया
रिचार्ज पर 2 रुपये का प्रोसेसिंग शुल्क लागू
सोने के भाव में 52 रुपये की भारी गिरावट
सुनील श्रीवास्तव
नई दिल्ली। बुधवार को सोने की कीमत में भारी गिरावट देखी जा रही है। MCX पर दिसंबर डिलिवरी वाला सोना आज 52 रुपये की गिरावट के साथ खुला। मंगलवार को यह 47813 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था और आज 47761 रुपये पर खुला। दोपहर बाद 1.15 बजे यह 163 रुपये की गिरावट के साथ 47650 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। सुबह के सत्र में इसने 47,650 रुपये का न्यूनतम और 47,796 रुपये का उच्चतम स्तर छू लिया। दूसरी ओर दिसंबर डिलिवरी वाली चांदी 199 रुपये की गिरावट के साथ 64,809 रुपये प्रति किलो के भाव पर ट्रेड कर रही थी।
सोने की कीमतों में भले ही आज गिरावट देखी जा रही है। लंबी अवधि में सोना करीब 8.5 हजार रुपये सस्ता हो चुका है। पिछले साल अगस्त में सोना 56,200 रुपये के अपने उच्चतम स्तर तक जा पहुंचा था और अभी सोना 47,650 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर के करीब पहुंच गया है। इस तरह सोना अभी अपनी ऑल टाइम हाई कीमत से करीब 8.5 हजार रुपये सस्ता मिल रहा है। अगर आप सोना खरीदने की सोच रहे हैं तो ये खरीदारी का अच्छा मौका है। अगर बात सोने की करें तो पिछले साल सोने ने 28 फीसदी का रिटर्न दिया है। उससे पिछले साल भी सोने का रिटर्न करीब 25 फीसदी रहा था। अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए निवेश कर रहे हैं तो सोना अभी भी निवेश के लिए बेहद सुरक्षित और अच्छा विकल्प है, जिसमें शानदार रिटर्न मिलता है। पिछले सालों में सोने से मिला रिटर्न आपके सामने है, जो दिखाता है कि निवेश करने से फायदा ही है। जानकारों के मुताबिक, साल के अंतिम महीनों में सोना रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकता है। अमेरिका का इकनॉमिक डेटा और क्रूड की बढ़ रही कीमतों से महंगाई बढ़ने की चिंता सोने के लिए उत्प्रेरक का काम कर सकती है। इसके अलावा त्योहारों, शादी ब्याह का सीजन भी सोने की कीमत को पुश कर सकता है। चीन में चल रहे बिजली संकट की वजह से भी इक्विटी निवेशक गोल्ड में इन्वेस्टमेंट की ओर शिफ्ट हो सकते हैं। हालांकि अमेरिकी डॉलर में मजबूती के चलते सोने की कीमत पर दबाव रहने की भी संभावना है।
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड कोषों (ईटीएफ) में सितंबर में 446 करोड़ रुपये का निवेश आया। देश में त्योहारी सीजन के मद्देनजर मजबूत मांग के चलते निवेश का यह प्रवाह अभी जारी रहने की उम्मीद है। इससे पिछले महीने गोल्ड ईटीएफ में 24 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया था। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में गोल्ड ईटीएफ से निवेशकों ने शुद्ध रूप से 61.5 करोड़ रुपये की निकासी की थी।
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