शनिवार, 23 अक्तूबर 2021

हिंद-प्रशांत क्षेत्र रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा

हिंद-प्रशांत क्षेत्र रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा 
अखिलेश पाण्डेय  
लंदन। ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस ने शनिवार को भारत में कहा कि विमानवाहक पोत एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ के नेतृत्व वाले कैरियर स्ट्राइक ग्रुप की मुंबई में प्रमुख बंदरगाह की यात्रा ब्रिटेन के हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर झुकाव को प्रदर्शित करती है। नई दिल्ली से मुंबई पहुंची मंत्री ने कहा कि उनकी यात्रा का उद्देश्य ब्रिटेन की हिंद-प्रशांत रणनीति के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के साथ मजबूत सुरक्षा और रक्षा संबंध बनाना है। 
विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने कहा कि मंत्री एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत सुनिश्चित करने के लिए भारत को ‘आवश्यक’ सहयोगी के रूप में देखती हैं। ट्रस ने कहा कि ब्रिटेन और भारत के बीच घनिष्ठ रक्षा और सुरक्षा साझेदारी गहरे आर्थिक संबंधों को रेखांकित करती है और दोनों देशों के साथ-साथ व्यापक क्षेत्र को भी सुरक्षित बनाती है।” विदेश मंत्री ने कहा कि हमें अपने समुद्री और व्यापार मार्गों की रक्षा करने की जरूरत है और मजबूती से अपने हितों की रक्षा करने तथा अनुचित प्रथाओं को चुनौती देने में कठोर होना चाहिए।

फुटबॉल लीग में शीर्ष पर पहुंचने से चूका स्पेनिश

सुनील श्रीवास्तव   

बार्सिलोना। ग्रेनाडा के स्थानापन्न खिलाड़ी एंजेल मोंटोरो के 90वें मिनट में किये गये गोल से ओसासुना स्पेनिश फुटबॉल लीग ला लिगा में शीर्ष पर पहुंचने से चूक गया। मोंटोरो के गोल की मदद से ग्रेनाडा ने यह मैच 1-1 से ड्रा करवाया। ओसासुना को अंतिम 15 मिनटों में 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ रहा था।

ओसासुना को लीग में शीर्ष पर चल रहे रीयाल सोसिडाड की बराबरी पर पहुंचने के लिये जीत की जरूरत थी लेकिन मोंटोरो के गोल से वह लगातार चौथी जीत दर्ज नहीं कर पाया। ओसासुना को अर्जेंटीना के फारवर्ड चिमी अविला ने मध्यांतर से ठीक पहले बढ़त दिलायी थी। ओसासुना के 10 मैचों में 18 अंक हैं और वह सोसिडाड (नौ मैचों में 20 अंक) के बाद दूसरे स्थान पर है। रीयाल मैड्रिड, सेविला और एटलेटिको मैड्रिड तीनों के आठ मैचों में समान 17 अंक हैं।

ऑस्ट्रेलिया को हराकर भारत शानदार लय मे  

निहाल अहमद  

लंदन। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन का मानना है कि वैकल्पिक योजना की कमी और खेल के सबसे छोटे प्रारूप में अनिश्चितता की स्थिति के कारण आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) टी20 विश्व कप के नॉकआउट चरण में ‘कोई भी टीम भारत को हरा सकती है’। अभ्यास मैचों में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया को हराकर भारत टूर्नामेंट से पहले शानदार लय में दिख रहा है। आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) के कारण टीम के खिलाड़ियों के पास आवश्यक मैच अभ्यास भी है। 

हुसैन ने ‘स्काई क्रिकेट’ से कहा, ” वे खिताब जीतने के दावेदार है। मैं उन्हें हालांकि प्रबल दावेदार नहीं मानूंगा क्योंकि यह प्रारूप अनिश्चितता वाला है।”उन्होंने कहा, ” इस प्रारूप में किसी एक खिलाड़ी की 70 या 80 रन की पारी या महज तीन गेंदों में मैच का रुख पलट सकता है। इसलिए कोई भी नॉकआउट मैच में भारत को परेशान कर सकता है।” हुसैन ने हाल के आईसीसी प्रतियोगिताओं के नॉकआउट चरणों में भारत के खराब रिकॉर्ड का भी जिक्र किया। 

भारत ने अपना आखिरी आईसीसी खिताब 2013 में एमएस धोनी के नेतृत्व में चैम्पियंस ट्रॉफी फाइनल में इंग्लैंड को हराकर हासिल किया था। भारतीय टीम इसके बाद  2015 विश्व कप, 2016 टी 20 विश्व कप और 2019 विश्व कप में सेमीफाइनल से बाहर हो गयी थी, जबकि 2017 चैंपियंस ट्रॉफी और इस साल की शुरुआत में  विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में उपविजेता रही है। उन्होंने कहा , ” भारत का आईसीसी टूर्नामेंटों में पिछले कुछ वर्षों में  रिकॉर्ड अच्छा नहीं है और यह कुछ ऐसा है जिससे उन्हें निपटना होगा । जब वे नॉकआउट में खेलते है तो भारतीय दर्शकों और प्रशंसकों की उम्मीदों का दबाव और बढ़ जाता है।”

इंस्टेंट रेसिपी बनाएं, चॉकलेट का मीठा पेड़ा

इंस्टेंट रेसिपी बनाएं, चॉकलेट से मीठा पेड़ा 
चॉकलेट खाना तो ज्यादातर लोगों को पसंद आता ही है। चाहे वह चॉकलेट आइसक्रीम हो, चॉकलेट केक हो या चॉकलेट से बनी कोई भी चीज हो। लोग बहुत शौक से चॉकलेट खाना पसंद करते हैं। ज्यादातर लोग अपने फ्रिज में मिठाई और चॉकलेट रखना पसंद करते हैं।ताकि जब भी मन करे तो तुरंत निकालकर इसे खा लें।मिठाई वैसे घर में भी बनाई जा सकती है और इसमें मिलावट का भी कोई डर नहीं रहता। वहीं अगर आप कुछ इंस्टेंट रेसिपी बनाना चाहते हैं तो चॉकलेट से पेड़ा बना सकते है। चॉकलेट पेड़ा बनाने के लिए अधिक चीजों की आवश्यकता नहीं है। इसे सीमित चीजों से भी घर पर आसानी से बनाया जा सकता है। फेस्टिवल में अगर आप कोई मिठाई बनाना चाहते हैं तो चॉको ब्रैड पेड़ा आपके लिए परफेक्ट ऑप्शन है। चॉको ब्रैड पेड़ा एक आसान रेसिपी है। जिसे आप आसानी से कभी भी घर में बना सकते है। ये टेस्टी के साथ-साथ हेल्दी है।जिसे आप अपनी फैमिली और फ्रेंड्स को भी फेस्टिवल में खिला सकते हैं।
सर्दी के मौसम में बेहद फायदेमंद है अमरूद
सर्दी के मौसम में पाया जाने वाल अमरूद सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। इस समय में बाजार में नए सीजन के अमरूद बिकने लगे हैं। अमरूद खट्टा-मीठा ऐसा फल है जो खाने में स्वादिष्ट तो होता ही है बल्कि सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इसमें कैलोरी कम और फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है। यह वज़न को कंट्रोल करने में बेहद मददगार है। यह फल शुगर के मरीज़ों के लिए बेहतरीन इलाज है। इसका सेवन करने से शुगर कंट्रोल रहती है।

अमरूद न्यूट्रिएंट्स का भंडार है, जिसमें विटामिन सी, लाइकोपीन और एंटीऑक्सिडेंट अधिक मात्रा में मौजूद होता है। जो सेहत को कई बीमारियों से बचाने में मदद करता हैं। अमरूद के साथ ही उसके पत्तें भी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। अमरूद का सेवन सर्दी में बेहद फायदेमंद होता है। बॉडी में खून की कमी को पूरा करता है, साथ ही सर्दी में होने वाली सर्दी-खांसी से भी निजात दिलाता है। सर्दी में अमरूद ठंड से बचाता है। जानिए इतने उपयोगी अमरूद से कौन-कौन से फायदे हो सकते हैं।

इम्यूनिटी इम्प्रूव करता है अमरूद: बदलते मौसम में इम्यूनिटी कमजोर होती है ऐसे मौसम में अमरूद का सेवन बेहद फायदेमंद होता है। अमरूद इम्यूनिटी को बूस्ट करेगा, साथ ही आपको एनर्जी भी देगा।

पाचन ठीक रखेगा: अमरूद में दूसरे फलों की तुलना में सबसे अधिक फाइबर मौजूद होता है जो कब्ज की समस्या से निजात दिलाता है। अमरूद के बीज गैस और अपच की समस्या को दूर करने में मदद करता हैं।

दिल की सेहत का ध्यान रखता है: दिल को सेहतमंद रखने में अमरूद बेहद असरदार है। अमरूद में एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो दिल की सेहत को दुरुस्त रखने में मदद करते हैं। 

डायबिटीज़ कंट्रोल रखता है: अमरूद में मौजूद फाइबर कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद करता है। अमरूद में नेचुरल शुगर पाई जाती है जो डायबिटीज के मरीज़ों के लिए भी फायदेमंद हो सकती है।  

स्किन का ध्यान रखता है: अमरूद को स्किन के लिए फायदेमंद माना जाता है। अमरूद में विटामिन्स और मिनरल्स भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं जो स्किन को हेल्दी रखने में मददगार हो सकते हैं। डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-4 (साल-05)
2.रविवार, अक्टूबर 24, 2021
3. शक-1984,अश्विन, कृष्ण-पक्ष, तिथि- चतुर्थी, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 06:30, सूर्यास्त 05:48।
5. न्‍यूनतम तापमान -20 डी.सै., अधिकतम-31+ डी.सै.। 
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक शिवाशुं व राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.-20110
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संपर्क सूत्र :- +919350302745  
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शुक्रवार, 22 अक्तूबर 2021

करवा चौथ मुहूर्त, व्रत कथा-विधि 'धर्म-कर्म'

करवा चौथ  मुहूर्त, करवा चौथ व्रत कथा, व्रत विधि
करवा चौथ का दिन और संकष्टी चतुर्थी, जो कि भगवान गणेश के लिए उपवास करने का दिन होता है, एक ही समय होते हैं। विवाहित महिलाएँ पति की दीर्घ आयु के लिए करवा चौथ का व्रत और इसकी रस्मों को पूरी निष्ठा से करती हैं। छान्दोग्य उपनिषद के अनुसार करवा चौथ के दिन व्रत रखने से सारे पाप नष्ट होते हैं और जीवन में किसी प्रकार का कष्ट नहीं होता है। इससे आयु में वृद्धि होती है और इस दिन गणेश तथा शिव-पार्वती और चंद्रमा की पूजा की जाती है।
विवाहित महिलाएँ भगवान शिव, माता पार्वती और कार्तिकेय के साथ-साथ भगवान गणेश की पूजा करती हैं और अपने व्रत को चन्द्रमा के दर्शन और उनको अर्घ अर्पण करने के बाद ही तोड़ती हैं। करवा चौथ का व्रत कठोर होता है और इसे अन्न और जल ग्रहण किये बिना ही सूर्योदय से रात में चन्द्रमा के दर्शन तक किया जाता है।
करवा चौथ के दिन को करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। करवा या करक मिट्टी के पात्र को कहते हैं जिससे चन्द्रमा को जल अर्पण, जो कि अर्घ कहलाता है, किया जाता है। पूजा के दौरान करवा बहुत महत्वपूर्ण होता है और इसे ब्राह्मण या किसी योग्य महिला को दान में भी दिया जाता है। करवा चौथ दक्षिण भारत की तुलना में उत्तरी भारत में ज्यादा प्रसिद्ध है। करवा चौथ के चार दिन बाद पुत्रों की दीर्घ आयु और समृद्धि के लिए अहोई अष्टमी व्रत किया जाता है।
करवा चौथ कब होता है?
करवा चौथ  का व्रत कार्तिक हिन्दू माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दौरान किया जाता है। अमांत पञ्चाङ्ग जिसका अनुसरण गुजरात, महाराष्ट्र, और दक्षिणी भारत में किया जाता है, के अनुसार करवा चौथ अश्विन माह में पड़ता है। हालाँकि यह केवल माह का नाम है जो इसे अलग-अलग करता है और सभी राज्यों में करवा चौथ एक ही दिन मनाया जाता है। करवा चौथ के दिन चौथ माता की पूजा अर्चना और व्रत वैसे तो पुरे ही भारत में रखा जाता है लेकिन मुख्य रूप से उत्तर भारतीय लोग वृहद स्तर पर करवा चौथ का व्रत रखते हैं और विधिविधान से पूजा करते हैं।
उत्तर भारत में विशेष कर राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश और पंजाब में भी बहुत ही हर्ष के साथ व्रत रखकर करवा चौथ की कहानी सुनी जाती है। इस पावन अवसर पर दिन में कहानी सुनी जाती है और रात्रि के समय चाँद को देखने के उपरान्त स्त्रियाँ अपने पति के हाथो से पानी पीकर/खाना ग्रहण करके व्रत खोलती हैं। करवा चौथ का यह व्रत पति की लम्बी आयु, स्वास्थ्य और सुखद वैवाहिक जीवन के उद्देश्य से किया जाता है।
करवा चौथ व्रत १२ वर्ष तक अथवा १६ वर्ष तक लगातार हर वर्ष किया जाता है। अवधि पूरी होने के पश्चात इस व्रत का उद्यापन (उपसंहार) किया जाता है। जो सुहागिन स्त्रियाँ आजीवन रखना चाहें वे जीवनभर इस व्रत को कर सकती हैं। इस व्रत के समान सौभाग्यदायक व्रत अन्य कोई दूसरा नहीं है। अतः सुहागिन स्त्रियाँ अपने सुहाग की रक्षार्थ इस व्रत का सतत पालन कर सकती हैं।
करवा चौथ २४ अक्टुबर २०२१ रविवार,
करवा चौथ पूजा मुहूर्त १७:४३ से १८:५०
चंद्रोदय २०:०७
चतुर्थी तिथि आरंभ ०३:०० (२४ अक्टूबर)
चतुर्थी तिथि समाप्त ०५:४० (२५ अक्टूबर को)
करवा चौथ व्रत कथा:
बहुत समय पहले इन्द्रप्रस्थपुर के एक शहर में वेदशर्मा नाम का एक ब्राह्मण रहता था। वेदशर्मा का विवाह लीलावती से हुआ था जिससे उसके सात महान पुत्र और वीरावती नाम की एक गुणवान पुत्री थी। क्योंकि सात भाईयों की वह केवल एक अकेली बहन थी जिसके कारण वह अपने माता-पिता के साथ-साथ अपने भाईयों की भी लाड़ली थी।
जब वह विवाह के लायक हो गयी तब उसकी शादी एक उचित ब्राह्मण युवक से हुई। शादी के बाद वीरावती जब अपने माता-पिता के यहाँ थी तब उसने अपनी भाभियों के साथ पति की लम्बी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखा। करवा चौथ के व्रत के दौरान वीरावती को भूख सहन नहीं हुई और कमजोरी के कारण वह मूर्छित होकर जमीन पर गिर गई।
सभी भाईयों से उनकी प्यारी बहन की दयनीय स्थिति सहन नहीं हो पा रही थी। वे जानते थे वीरावती जो कि एक पतिव्रता नारी है चन्द्रमा के दर्शन किये बिना भोजन ग्रहण नहीं करेगी चाहे उसके प्राण ही क्यों ना निकल जायें। सभी भाईयों ने मिलकर एक योजना बनाई जिससे उनकी बहन भोजन ग्रहण कर ले। उनमें से एक भाई कुछ दूर वट के वृक्ष पर हाथ में छलनी और दीपक लेकर चढ़ गया। जब वीरावती मूर्छित अवस्था से जागी तो उसके बाकी सभी भाईयों ने उससे कहा कि चन्द्रोदय हो गया है और उसे छत पर चन्द्रमा के दर्शन कराने ले आये।
वीरावती ने कुछ दूर वट के वृक्ष पर छलनी के पीछे दीपक को देख विश्वास कर लिया कि चन्द्रमा वृक्ष के पीछे निकल आया है। अपनी भूख से व्याकुल वीरावती ने शीघ्र ही दीपक को चन्द्रमा समझ अर्घ अर्पण कर अपने व्रत को तोड़ा। वीरावती ने जब भोजन करना प्रारम्भ किया तो उसे अशुभ संकेत मिलने लगे। पहले कौर में उसे बाल मिला, दुसरें में उसे छींक आई और तीसरे कौर में उसे अपने ससुराल वालों से निमंत्रण मिला। पहली बार अपने ससुराल पहुँचने के बाद उसने अपने पति के मृत शरीर को पाया।
अपने पति के मृत शरीर को देखकर वीरावती रोने लगी और करवा चौथ के व्रत के दौरान अपनी किसी भूल के लिए खुद को दोषी ठहराने लगी। वह विलाप करने लगी। उसका विलाप सुनकर देवी इन्द्राणी जो कि इन्द्र देवता की पत्नी है, वीरावती को सान्त्वना देने के लिए पहुँची।
वीरावती ने देवी इन्द्राणी से पूछा कि करवा चौथ के दिन ही उसके पति की मृत्यु क्यों हुई और अपने पति को जीवित करने की वह देवी इन्द्राणी से विनती करने लगी। वीरावती का दुःख देखकर देवी इन्द्राणी ने उससे कहा कि उसने चन्द्रमा को अर्घ अर्पण किये बिना ही व्रत को तोड़ा था जिसके कारण उसके पति की असामयिक मृत्यु हो गई। देवी इन्द्राणी ने वीरावती को करवा चौथ के व्रत के साथ-साथ पूरे साल में हर माह की चौथ को व्रत करने की सलाह दी और उसे आश्वासित किया कि ऐसा करने से उसका पति जीवित लौट आएगा।
इसके बाद वीरावती सभी धार्मिक कृत्यों और मासिक उपवास को पूरे विश्वास के साथ करती। अन्त में उन सभी व्रतों से मिले पुण्य के कारण वीरावती को उसका पति पुनः प्राप्त हो गया।
करवा चौथ व्रत विधि :-
नैवेद्य : आप शुद्ध घी में आटे को सेंककर उसमें शक्कर अथवा खांड मिलाकर मोदक (लड्डू) नैवेद्य के रूप में उपयोग में ले।
करवाः
काली मिट्टी में शक्कर की चासनी मिलाकर उस मिट्टी से तैयार किए गए मिट्टी के करवे उपयोग किया जा सकता है। 
करवा चौथ पूजन के लिए मंत्र :
ॐ शिवायै नमः’ से पार्वती का,‘
ॐ नमः शिवाय’ से शिव का, ‘
ॐ षण्मुखाय नमः’ 
से स्वामी कार्तिकेय का,‘
ॐ गणेशाय नमः’ से गणेश का तथा ‘
ॐ सोमाय नमः’ से चन्द्रदेव का पूजन करें।
करवा चौथ की थाली :
करवा चौथ की रात्रि के समय चाँद देखने के लिए आप पहले से ही थाली को सजाकर रख लेवे। थाली में आप निम्न सामग्री को रखें। 
•दीपक 
•करवा चौथ का कलश (ताम्बे का कलश इसके लिए श्रेष्ठ होता है )
•छलनी
•कलश को ढकने के लिए वस्त्र
•मिठाई या ड्राई फ्रूट
•चन्दन और धुप
•मोली और गुड/चूरमा
•व्रत के दिन प्रातः स्नानादि करने के पश्चात यह संकल्प बोलकर करवा चौथ व्रत का आरंभ करें- 
मम सुखसौभाग्य 
पुत्रपौत्रादि सुस्थिर 
श्री प्राप्तये करक चतुर्थी 
व्रतमहं करिष्ये।
पूरे दिन निर्जला रहें।
दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा चित्रित करें। इसे वर कहते हैं। चित्रित करने की कला को करवा धरना कहा जाता है।
●आठ पूरियों की अठावरी बनाएं। हलुआ बनाएं। पक्के पकवान बनाएं।
पीली मिट्टी से गौरी बनाएं और उनकी गोद में गणेश जी बनाकर बिठाएं।
गौरी को लकड़ी के आसन पर बिठाएं। चौक बनाकर आसन को उस पर रखें। गौरी को चुनरी ओढ़ाएं। बिंदी आदि सुहाग सामग्री से गौरी का श्रृंगार करें।
●जल से भरा हुआ लोटा रखें।
वायना (भेंट) देने के लिए मिट्टी का टोंटीदार करवा लें। करवा में गेहूं और ढक्कन में शक्कर का बूरा भर दें। उसके ऊपर दक्षिणा रखें।
●रोली से करवा पर स्वस्तिक बनाएं।
●गौरी-गणेश और चित्रित करवा 
की परंपरानुसार पूजा करें। पति की दीर्घायु की कामना करें।
नमः शिवायै शर्वाण्यै 
सौभाग्यं संतति शुभाम्‌। 
प्रयच्छ भक्तियुक्तानां 
नारीणां हरवल्लभे॥’
●करवा पर १३ बिंदी रखें और गेहूं या चावल के १३ दाने हाथ में लेकर करवा चौथ की कथा कहें या सुनें।
कथा सुनने के बाद करवा पर हाथ घुमाकर अपनी सासुजी के पैर छूकर आशीर्वाद लें और करवा उन्हें दे दें।
तेरह दाने गेहूं के और पानी का लोटा या टोंटीदार करवा अलग रख लें।
रात्रि में चन्द्रमा निकलने के बाद छलनी की ओट से उसे देखें और चन्द्रमा को अर्घ्य दें। इसके बाद पति से आशीर्वाद लें। उन्हें भोजन कराएं और स्वयं भी भोजन कर लें। पूजन के पश्चात आस-पड़ोस की महिलाओं को करवा चौथ की बधाई देकर पर्व को संपन्न करें।
●करवा चौथ में सरगी
पंजाब में करवा चौथ का त्यौहार सरगी के साथ आरम्भ होता है। यह करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले किया जाने वाला भोजन होता है। जो महिलाएँ इस दिन व्रत रखती हैं उनकी सास उनके लिए सरगी बनाती हैं। शाम को सभी महिलाएँ श्रृंगार करके एकत्रित होती हैं और फेरी की रस्म करती हैं।
●इस रस्म में महिलाएँ एक घेरा बनाकर बैठती हैं और पूजा की थाली एक दूसरे को देकर पूरे घेरे में घुमाती हैं। इस रस्म के दौरान एक बुज़ुर्ग महिला करवा चौथ की कथा गाती हैं। भारत के अन्य प्रदेश जैसे उत्तर प्रदेश और राजस्थान में गौर माता की पूजा की जाती है। गौर माता की पूजा के लिए प्रतिमा गाय के गोबर से बनाई जाती है।
•क्या अविवाहित करवा चौथ व्रत रख सकते हैं?
 करवा चौथ का व्रत शादीशुदा स्त्रियों के द्वारा ही रखा जाता है। इसके लिए आप अपने घर में बड़ी बुजुर्ग स्त्रियों की सलाह जरूर लेवे क्यों की कुछ अंचल में अच्छे वर के लिए कुंवारी लड़किया भी यह व्रत रखती हैं। 
•करवा चौथ व्रत में हम क्या खा सकते हैं? 
कुछ अंचल में अल्पाहार के लिए फल का उपयोग किया जाता है लेकिन इस व्रत को  निर्जला करना अधिक लाभदायी होता है। 
•क्या आप करवा चौथ पर पानी पी सकते हैं? 
नहीं, क्यों की यह निर्जला व्रत होता है इसलिए इस दिन ना तो कुछ खाया जाता है और नाही पानी हीग्रहण किया जाता है। 
•सरगी खाने का सही समय क्या है? 
वैसे तो इस व्रत को आप निर्जला करे तो उचित रहेगा, अन्यथा अपनी परम्पराओं के अनुसार सरगी का उपयोग करे जिसके लिए सूर्योदय से पूर्व (प्रातः चार से पांच बाते) तक का समय अनुकूल होता है।
•क्या हम करवा चौथ पर बाल धो सकते हैं?
नहीं, मान्यता नहीं है। 
•करवा चौथ पर किस भगवान की पूजा की जाती है?
•चौथ माता की पूजा के साथ आप माता पार्वती जी की पूजा करें और शिव, गणेश, और कार्तिकेय की भी पूजा अर्चना करे।

पत्रकारों के साथ बदसलूकी करने वालों पर दर्ज होगी एफआईआर, मिलेगी सजा
बृजेश केसरवानी    
प्रयागराज। हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद पीएम और सीएम का भी ऐलान आया है कि, पत्रकारों से अभद्रता करने वालों पर लगेगा 50,000 का जुर्माना एवं पत्रकारों से बदसलूकी करने पर हो सकती है 3 साल की जेल पत्रकार को धमकाने वाले को 24 घंटे के अंदर जेल भेज दिया जाएगा। पत्रकारों को धमकी के आरोप में गिरफ्तार लोगों को आसानी से नहीं मिलेगी जमानत। सीएम योगी का कहना है कि पत्रकारों को परेशानी होने पर तुरंत संपर्क कर सहायता प्रदान करें और पत्रकारों से मान-सम्मान से बात करें वरना आप को पड़ेगा महंगा।
बदसलूकी करने वालों पर दर्ज होगी FIR :
बदसलूकी करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ दर्ज होगी FIR नही तो एसएसपी पर होगी कार्यवाही पत्रकार नही हैं भीड़ का हिस्सा l पत्रकारों के साथ बढ़ती ज्यादती और पुलिस के अनुचित व्यवहार के चलते कई बार पत्रकार आजादी के साथ अपना काम नही कर पाते हैं, उसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय प्रेस काउंसिल के अध्यक्ष मार्कण्डेय काटजू ने राज्य सरकारों को चेतावनी देते हुए निर्देश भी दिया है कि पुलिस आदि पत्रकारों के साथ बदसलूकी ना करे।
पत्रकार भीड़ का हिस्सा नही हैं :
किसी स्थान पर हिंसा या बवाल होने की स्थिति में पत्रकारों को उनके काम करने में पुलिस व्यवधान नही पहुँचा सकती। पुलिस जैसे भीड़ को हटाती है वैसा व्यवहार पत्रकारों के साथ नही कर सकती।
ऐसा होने की स्थिति में बदसलूकी करने वाले -
पुलिसवालों या अधिकारियों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज किया जायेगा। काटजू ने कहाँ कि, "जिस तरह कोर्ट में एक अधिवक्ता अपने मुवक्किल का हत्या का केस लड़ता है पर वह हत्यारा नही हो जाता है। उसी प्रकार किसी सावर्जनिक स्थान पर पत्रकार अपना काम करते हैं पर वे भीड़ का हिस्सा नहीं होते। इसलिए पत्रकारों को उनके काम से रोकना मीडिया की स्वतंत्रता का हनन करना है।"
सभी राज्यों को दिए निर्देश : प्रेस काउन्सिल ने देश के केबिनेट सचिव, गृह सचिव, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिवों व गृह सचिवों को इस सम्बन्ध में निर्देश भेजा है और उसमें स्पष्ट कहा है कि, पत्रकारों के साथ पुलिस या अर्द्धसैनिक बलों की हिंसा बर्दाश्त नही की जायेगी। सरकारें ये सुनिश्चित करें कि, पत्रकारों के साथ ऐसी कोई कार्यवाही कहीं न हो। पुलिस की पत्रकारों के साथ की गयी हिंसा मीडिया की स्वतन्त्रता के अधिकार का हनन माना जायेगा जो संविधान की धारा 19 एक ए में दी गयी है और इस संविधान की धारा के तहत बदसलूकी करने वाले पुलिसकर्मी या अधिकारी पर आपराधिक मामला दर्ज होगा।

26 को कांग्रेस प्रतिज्ञा यात्रा का आयोजन होगा

26 को कांग्रेस प्रतिज्ञा यात्रा का आयोजन होगा 

बृजेश केसरवानी   

नैनी/प्रयागराज। शुक्रवार को शहर कांग्रेस कमेटी की बैठक महासचिव नयन कुशवाहा के आवास काटन मिल तिराहे पर सम्पन्न हुई। जिसमे नवनियुक्त शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रदीप मिश्रा अंशुमन का माल्यार्पण के साथ स्वागत किया गया। शहर अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस प्रतिज्ञा यात्रा दिनांक 26 अक्टूबर 21को नैनी मेवा लाल बगिया तिराहा पर समय 4, बजे पहुंचेगी। इस यात्रा में उत्तर प्रदेश के बड़े 11, नेताओं की टीम होगी ।कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी कांग्रेस पार्टी के नेताओं एवं आम नागरिकों का आवाहन किया है। बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ नेता केदारनाथ सचदेवा एवम् संचालन शहर कांग्रेस कमेटी के महासचिव राकेश श्रीवास्तव ने किया। बैठक को सम्बोधित करने वालों में सर्वश्री उज्जवल शुक्ल प्रदेश सचिव, पूर्व मेयर प्रत्याशी विजय मिश्रा, संतोष मिश्रा, नयन कुशवाहा, राकेश श्रीवास्तव, अंजुम नाज़, प्रदीप द्विवेदी, नागेन्द्र मिश्रा, निजामुद्दीन, नूर आलम, शिव शंकर मिश्रा, वीरेन्द्र शर्मा, सत्रुघन भारतीय, अशोक सोनी , विजय कुशवाहा,गनी खान, निशांत रस्तोगी, सूरज कुमार शुक्ला, अन्नू शुक्ला, आदि लोग शामिल रहें।


सीएम की बैठक, कानून व्यवस्था की समीक्षा   

दुष्यंत टीकम      

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज प्रदेश के सभी आईजी और एसपी की कांफ्रेंस लेकर प्रदेश में कानून व्यवस्था की समीक्षा की। आईजी और एसपी की कांफ्रेंस में सीएम ने दो टूक शब्दों में कहा कि प्रदेश में हुक्का बार पूरी तरह प्रतिबंधित हों। सीएम ने कड़े निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में नशे के कारोबार को पनपने न दिया जाए। इस पर सभी पुलिस अधीक्षक कड़ी कार्रवाई करें ।

सीएम ने कहा कि दूसरे राज्यों से आ रहे नशीले पदार्थ छत्तीसगढ़ में नहीं घुसने चाहिए, गांजे की एक पत्ती भी दूसरे राज्य से छत्तीसगढ़ में नहीं घुसना चाहिए। गौरतलब है कि प्रदेश में अब तक चिटफंड कंपनियों के 774 डायरेक्टर/पदाधिकारी गिरफ़्तार किए गए हैं, सीएम ने यह भी कहा कि चिट फंड कम्पनी के शेष फ़रार डायरेक्टर और पदाधिकारियों को तत्काल गिरफ़्तार करें।

सीएम ने कहा कि हमने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार के क्षेत्र में काम किया है, विकास के लिए शांति ज़रूरी है, कलेक्टर और एसपी के बीच परस्पर समन्वय जरूरी है, कलेक्टर और एसपी महीने में 4 से 5 बार साथ में दौरा करें। सीएम ने कहा कि क़ानून-व्यवस्था बनाए रखना आपकी सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी है। ज़िला प्रशासन की उपस्थिति हर स्तर पर दिखनी चाहिए।

सीजी: संयुक्त विज्ञापन जारी करने के निर्देश दिए

दुष्यंत टीकम      

रायपुर। बस्तर कमिश्नर एवं अध्यक्ष विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड श्री जी.आर. चुरेन्द्र ने संभाग के सभी जिला कलेक्टरों को विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से तृतीय-चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों में भर्ती हेतु 02 जनवरी 2022 को परीक्षा आयोजन एवं 01 नवम्बर 2021 से ऑनलाइन आवेदन करने हेतु संयुक्त विज्ञापन जारी करने के निर्देश दिए है।

ज्ञात हो कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 'विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड' के माध्यम से बस्तर संभाग के अंतर्गत जिले के विभिन्न विभागों में सहायक ग्रेड-03 के 234 एवं भृत्य के 754 पदांे सहित कुल 988 पदों पर भर्ती किए जाने हेतु सहमति प्रदान किया गया है। जिला स्तर में विभिन्न विभागों के रिक्त पदों पर विभागवार, संवर्गवार तथा 100 बिन्दु रोस्टर का पालन करते हुए जिला कलेक्टर के माध्यम से संयुक्त विज्ञापन जारी करने के लिए समय-सारणी निर्धारित किया गया है। जिसमें ऑनलाईन आवेदन करने की तिथि 01 नवम्बर से 23 नवम्बर 2021 निर्धारित की गई है। परीक्षा की तिथि 02 जनवरी 2022 को प्रातः 11:45 से दोपहर 2 बजे तक निर्धारित किया गया है। अधिक जानकारी के लिए विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड की वेबसाईट www.jssbbastar.cgstate.gov.in पर अवलोकन किया जा सकता है।

कश्मीर में फंसे बिहारियों को वापस लाएंगेः पप्पू  

अविनाश श्रीवास्तव   

पटना। जम्मू कश्मीर में बीते दिनों बिहार से काम करने गए चार लोगों की आतंकियों ने हत्या कर दी। एक के बाद एक चार लोगों की हत्या के बाद सूबे के सियासी पारा चढ़ गया है। मामले पर लगातार बयानबाजी की जा रही है. इधर, आतंकी घटना से सहमे बिहार समेत अन्य राज्यों के लोग जो रोजी रोटी कमाने के लिए कश्मीर गए थे, वहां से वापस लौटने लगे हैं। लेकिन वापस आने के क्रम में उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव  ने इस परेशानी को लेकर बिहार सरकार से बड़ी अपील की है। शुक्रवार को बिहार की राजधानी पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा, " जन अधिकार पार्टी बिहारी मजदूरों को कश्मीर से सुरक्षित वापसी के लिए बिहार सरकार से आग्रह करती है। अगर सरकार बिहारी मजदूरों को वापस लाने में असक्षम है तो जाप अपनी मदद से बिहारियों को वापस लाएगी।

पप्पू यादव ने कहा कि अगर राष्ट्रपति के लिए 100 करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च किए जा सकते हैं, तो बिहारियों को वापस लाने के लिए प्लेन की सुविधा क्यों नहीं दी जा सकती है। जन अधिकार पार्टी 50 लाख रुपये खर्च कर बिहारी मजदूरों को कश्मीर से सुरक्षित वापस लाएगी।

बता दें कि पीसी के दौरान उन्होंने बिहार के दो विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस (Congress) का समर्थन करने का भी एलान किया है।उन्होंने बताया कि बिहार में कांग्रेस बिहार को बचाने की लड़ाई लड़ रही है। किसानों और मजदूरों की लड़ाई लड़ रही हैं। इस कारण बिहार को बचाने के लिए जाप आगामी उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी को समर्थन देने का निर्णय लिया है। पप्पू यादव ने कहा कि उपचुनाव में कांग्रेस महागठबंधन से अलग होकर पूरी ताकत के साथ लड़ रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा ने हमारी पार्टी से समर्थन मांगा है। कांग्रेस के समर्थन मांगने को लेकर आज जन अधिकार पार्टी की राष्ट्रीय कमेटी की बैठक हुई, जिसमें सर्वसम्मति से तारापुर और कुशेश्वरस्थान विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में समर्थन देने का फैसला लिया गया।


5 को रिलीज होने वालीं हैं फिल्म 'सूर्यवंशी'

5 नवंबर को रिलीज होगीं फिल्म 'सूर्यवंशी'

कविता गर्ग     

मुंबई। अक्षय कुमार, रणवीर सिंह और कटरीना कैफ स्टार फिल्म सूर्यवंशी 5 नवंबर को रिलीज होने वाली है। मूवी का गाना 'आइला रे आइला' हाल ही में रिलीज हुआ है। अब अक्षय कुमार ने इस पर मजेदार बिहाइंड दा सीन वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में वह रणवीर के साथ 'बाला' स्टेप कर रहे हैं। रणवीर खुद को गलत जगह मार लेते हैं। इस पर अक्षय ने पोस्ट के साथ स्टेप गलत करने पर वॉर्निंग भी लिखी है।

अक्षय ने वीडियो शेयर किया है। इसमें वह और रणवीर पुलिस की यूनिफॉर्म में हैं। रणवीर अक्षय के हाथ पकड़कर डांस के लिए खींचते दिख रहे हैं। इसके बाद अक्षय 'बाला' स्टेप करते हैं और रणवीर उनको फॉलो करते हैं। वीडियो के लास्ट में रणवीर के एक्सप्रेशंस से ऐसा लगता है कि उन्होंने खुद को हर्ट कर लिया। अक्षय ने वीडियो के साथ लिखा है, यह रणवीर सिंह और मेरा आइला रे आइला स्टेप है। अपना भी क्रेजी डांस कीजिए और मुझे दिखाइए। वॉर्निंग यह स्टेप गलत करना फ्यूचर प्लानिंग के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

परिणीती ने अपना 33वां जन्मदिन सेलिब्रेट किया

कविता गर्ग        

मुंबई। बॉलीवुड की चुलबुली अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा आज शुक्रवार को अपना 33वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रही हैं। फिल्म 'लेडीज वर्सेज रिकी बहल' से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत करने वाली परिणीति चोपड़ा अब फिल्म इंडस्ट्री की पसंदीदा अभिनेत्रियों में शुमार हैं।2011 में डेब्यू कर बॉलीवुड पर छाने वाली परिणीति को इंडस्ट्री में दो दशक हो गए हैं। इस दौरान उन्होंने एक से एक फिल्में हिंदी सिनेमा को दीं। जिनमें 'इश्कबाज', 'संदीप और पिंकी फरार', 'द गर्ल ऑन द ट्रेन', 'साइना' और 'गोलमाल अगेन' जैसी कई शानदार फिल्में शामिल हैं।

इन दो दशकों में अपनी फिल्मों के जरिए परिणीति ने लोकप्रियता तो हासिल की ही है। लेकिन साथ ही उनके बैंक बैलेंस भी उछाल आया है। आज परिणीति के जन्मदिन के मौके पर जानते हैं कि एक्ट्रेस की नेट वर्थ कितनी है। ऑनलाइन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, परिणीति चोपड़ा की कुल संपत्ति 60 करोड़ रुपये है।परिणीति की कमाई का जरिया उनकी फिल्में, उनकी सिंगिंग और उन्हें मिलने वाले ब्रैंड एंडोर्समेंट्स हैं।

परिणीति का मुंबई में एक सी-फेसिंग अपार्टमेंट है, जिसकी कीमत लगभग 22 करोड़ रुपये बताई जाती है।परिणीति के पास कई लग्जरी गाड़ियां भी हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके पास ऑडी ए6, जगुआर का न्यू मॉडल है। इसके अलावा उनके पास एक ऑडी और है। बताया जाता है कि परिणीति साल में एक फिल्म ही साइन करती हैं और उसके लिए वह तकरीबन पांच करोड़ रुपये चार्ज करती हैं।


17 अक्टूबर को रिलीज़ हुई थीं नागर की फिल्म
कविता गर्ग       
नई दिल्ली। 17 अक्टूबर को रिलीज़ हुई थी निर्देशक अरुण नागर की फिल्म "गुर्जर आन्दोलन"। जिसमे कई बाधाऐ आई, अनेक मुसीबतों का सामना किया। 
गुर्जर समाज मे एक अलग नाम करने वाले फिल्मी जगत मे एक सितारे की तरह चमकने वाले फिल्म डायरेक्टर अरुण नागर ने बताया कि ये बात उन दिनों की है। जब नागर पुणे, महाराष्ट्र में एक सीरियल की शूटिंग कर रहे थे। तब ठंडी का वक्त था और राजस्थान में वीर गुर्जरों ने एक बार फिर पटरियां रोक दी थी। तब इन्होंने इसके बारे में पढ़ा और फिर गहराई से सोचा कि कितनी यातनाएं सही है मेरे समाज ने। उसी दिन ठान लिया था कि मैं अपनी फिल्म इसी मुद्दे पर बनाऊंगा। जिसमे हमारा समाज पिछले 50 सालों से अपने हक़ की लड़ाई लड़ रहा था।
अरुण नागर ने खुद ही इस फिल्म की कहानी लिखना शुरू की और मुंबई में प्रोड्यूसर्स को ये कहानी सुनानी शुरू कर दी। कुछ प्रोड्यूसर्स को ये कहानी पसंद भी आई, लेकिन बात अटक गई फिल्म के टाइटल (नाम) पर, उनका मानना था कि इस फिल्म का नाम सिर्फ आंदोलन होना चाहिए। लेकिन वो जिद पर अड़े था कि ये फिल्म बनेगी तो गुर्जर नाम से ही बनेगी। मतलब फिल्म का नाम होगा गुर्जर आंदोलन, बिलकुल वैसा ही जैसे आजकल मिहिरभोज बाबा के नाम के आगे से कुछ लोग गुर्जर शब्द को हटाने का प्रयास कर रहे है। खैर बात नही बनी और प्रोड्यूसर्स ने मेरी फिल्म में पैसे लगाने से हाथ पीछे खींच लिए, उनका मानना था कि गुर्जर शब्द के लगने से ये सिर्फ जातिवाद पर आधारित फिल्म बन जायेगी। लेकिन उन्होने कुछ उदाहरण दिए.
खैर बात नही बनी और अंत में उनके सामने दो रास्ते बचे थे, एक या तो इस प्रोजेक्ट को बनाने का ख्याल छोड़ दे, या फिर अपने दम पर इस प्रोजेक्ट को बनाए। पहला वाला ऑप्शन ज्यादा आसान था लेकिन उन्होने मुश्किल वाले ऑप्शन को चुना और खुद ही इस महान फिल्म को बनाने का निश्चय लिया।
ये काम सुनने में आसान लग रहा था। लेकिन इसे करने में लाख मुसीबतें आई, अपने और परायों का बोध हुआ। नागर ने बताया की जिन लोगों, महासभा, समाज के धन्ना सेठ और गुर्जर नेताओं से मैने मदद की उम्मीदें लगाकर ये बीड़ा उठाया था। उन्होंने उन्हे सिर्फ झूठे दिलासे ही दिए, लेकिन जिन लोगो से  बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी, उन्होंने उनकी बहुत मदद की और वो लोग थे समाज का निम्न, मध्यम वर्ग, जिनके पास उनको देने के लिए ढेर सारा आशीर्वाद था, सहयोग था, लाड था, प्यार था, जिसकी उन्हे उस वक्त सबसे ज्यादा जरूरत थी।
नागर ने कहा की इस फिल्म को बनाने की लड़ाई बहुत लंबी थी और लगभग 2 से 3 साल की कड़ी मेहनत के बाद यह फिल्म कंप्लीट हो सकी।
लेकिन मुसीबतें खत्म नहीं हुई थी बल्कि शुरू हुई थी । रिलीज से पहले ही इस फिल्म पर उस वक्त की राजस्थान सरकार ने बैन लगा दिया, सिनेमा से इसके पोस्टर हटा दिए गए, सिनेमा मालिकों को सख्त हिदायत दी गई कि इस फिल्म को रिलीज नही किया जाए।
लेकिन मन में एक सवाल था कि क्या हमारे समाज के लोग इस फिल्म को वाकई देखना चाहते है, फिर उन्होने फरीदाबाद में फिर से इसे रिलीज किया। समाज ने इस फिल्म को हाउसफुल करार दे दिया, लोगों ने खूब दिल से 7 दिनों तक फरीदाबाद में मल्टीप्लेक्स सिनेमा में अपार भीड़ के साथ इस फिल्म को देखा।
उनकी जो उम्मीदें टूट चुकी थी, उन्हे लोगो ने फिर से रोशन कर दिया।  इससे उत्साहित होकर फिर उन्होने इसे यूट्यूब पर रिलीज किया। वहां भी कई बार स्ट्राइक मारकर इस फिल्म को डिलीट कराने के प्रयास हुए, लगभग 6 बार यह फिल्म यूट्यूब से डिलीट हुई। लेकिन हर बार लोगो ने इस फिल्म को बढ़ चढ़कर देखा।
आज 7 साल बाद भी लोग उन्हे इसी गुर्जर आंदोलन फिल्म के नाम से ही जानते है।

नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं

नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिला अधिकारी उमेश मिश्रा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक ...