सोमवार, 4 अक्टूबर 2021

हिस्ट्रीशीटर के खिलाफ धाराओं के तहत मुकदमा

हरिओम उपाध्याय       
कानपुर। भारतीय जनता युवा मोर्चा में प्रदेश मंत्री बनाए गए हिस्ट्रीशीटर के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। भाजयुमो प्रदेश मंत्री अरविंद राज त्रिपाठी उर्फ छोटू के अलावा उसके चार साथियों पर एससी-एसटी एक्ट के अलावा धोखाधड़ी की धाराओं में पीड़ित की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोप है कि नामजद कराए गए लोगों ने लाखों की कीमती जमीन लेने के बाद बेचने वाले को उसकी कीमत का भुगतान नहीं किया। पीड़ित ने जब रुपए मांगे तो घर में घुसकर उसे जान से मारने की धमकी दी गई।
सोमवार को अशोक नगर निवासी मनोज कुमार की ओर से नजीराबाद थाने में दी गई तहरीर में बताया गया है कि वह मूल रूप से बैकुंठपुर बिठूर के रहने वाले हैं। उन्होंने गांव की 487 वर्ग मीटर जमीन का सौदा भाजयुमो नेता अरविंद राज त्रिपाठी उर्फ छोटू, जुगराज सिंह, विपिन सिंह, महेंद्र सिंह और गिरिजेश कुमार कटियार के साथ किया था। मनोज कुमार ने बताया है कि जमीन खरीदनें वाले पांचों लोग जमीन की लिखा पढ़ी कराने के लिए उसे अपने एक वकील के पास ले गए थे। जमीन का एग्रीमेंट टाइप होने के बाद जब उन्होंने उसे पढ़ने का प्रयास किया तो उन पांचों ने कहा है कि चाचा आप बिल्कुल भी परेशान मत हो। हम लोगों के बीच जो भी सौदा तय हुआ है वही होगा।

केन्द्रीय गृहमंत्री अजय को बर्खास्त करने की मांग की

अकांशु उपाध्याय                 
नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर, उनसे उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग की। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान रविवार को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने पत्र में कहा कि केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को उनके पद से बर्खास्त किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ हिंसा भड़काने तथा सांप्रदायिक नफरत फैलाने का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। केन्द्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ‘मोनू’ और उसके साथी गुंडों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए और उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
किसान संगठनों के प्रमुख मंच ने इसक साथ ही उच्चतम न्यायालय की निगरानी में एक विषेश जांच दल (एसआईटी) से घटना की जांच कराने की मांग की। उसने किसानों के खिलाफ की गई हरियाण के मुख्यमंत्री एमएल खट्टर की कथित टिप्पणी के मामले में उन्हें पद से हटाने की भी मांग की।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चंडीगढ़ में रविवार को भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा की एक बैठक के दौरान कथित तौर पर ‘जैसे को तैसा’ (टिट फॉर टैट) करने की बात कही थी। उन्होंने वहां मौजूद लोगों से 500 से 1000 लोगों का समूह बनाने और जेल जाने के लिये भी तैयार रहने को कहा था।

प्रमाण-पत्र में कोरोना को मौत का कारण नहीं बताया

अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि किसी भी राज्य को कोविड-19 के कारण मारे गए लोगों के परिजन को 50,000 रुपए की मुआवजा देने से केवल इस आधार पर इंकार नहीं करना चाहिए कि मृत्यु प्रमाण-पत्र में कोरोना वायरस को मौत का कारण नहीं बताया गया है। कोविड-19 के कारण मारे गए लोगों के परिजन को 50,000 रुपए की अनुग्रह राशि देने की सिफारिश राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने की थी। 
न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि कोविड-19 की वजह से मृत्यु होना प्रमाणित किए जाने और आवेदन जमा करने के 30 दिन के भीतर राज्य आपदा राहत कोष से मुआवजा वितरित किया जाएगा। पीठ ने राज्यों और केंद्र को यह भी आदेश दिया कि वह प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए इस योजना का व्यापक प्रचार करें।
पीठ ने एनडीएमए के दिशा-निर्देशों को मंजूरी देते हुए कहा कि पहले से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र और परिवार के किसी सदस्य के असंतुष्ट होने पर परिजन उपयुक्त प्राधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि आरटीपीसीआर जांच जैसे आवश्यक दस्तावेज दिखाए जाने पर संबंधित प्राधिकारी मृत्यु प्रमाण पत्रों में संशोधन कर सकते हैं और यदि वे इसके बाद भी असंतुष्ट रहते हैं, तो परिवार के सदस्य शिकायत निवारण समिति के पास जा सकते हैं।
पीठ ने कहा कि कोई भी राज्य इस आधार पर अनुग्रह राशि देने से इनकार नहीं करेगा कि मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत का कारण कोविड-19 नहीं बताया गया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि शिकायत निवारण समिति मृतक के चिकित्सकीय रिकॉर्ड की समीक्षा करने के बाद 30 दिन में फैसला कर सकती है और मुआवजा देने का आदेश दे सकती है। इससे पहले, एनडीएमए ने कोविड-19 से जान गंवा चुके लोगों को परिजन को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की सिफारिश की थी।

यूके: छात्रवृत्ति में बढोतरी का शासनादेश जारी किया

पंकज कपूर         
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के क्रम में डॉ. शिवानंद नौटियाल छात्रवृत्ति और श्रीदेव सुमन राज्य मेधावी छात्रवृत्ति में बढोतरी का शासनादेश जारी कर दिया गया है। अब डॉ. शिवानंद नौटियाल छात्रवृत्ति रूपए 250 प्रतिमाह से बढ़ाकर  रूपए 1500 प्रति माह कर दिया गया है। साथ ही यह छात्रवृत्ति 11 बच्चों की बजाय 100 बच्चों को प्रदान की जाएगी। इसी प्रकार श्रीदेव सुमन राज्य मेधावी छात्रवृत्ति में भी वृद्धि करते हुए इसे रूपए 150 प्रति माह से बढ़ाकर रूपए 1000 प्रतिमाह कर दिया गया है।  श्री देव सुमन राज्य मेधावी छात्रवृत्ति योजना में प्रत्येक विकास खंड से 5 छात्र-छात्राओं का चयन कर राज्य भर से प्रतिवर्ष 475 छात्र-छात्राओं को इस छात्रवृत्ति का लाभ दिया जाएगा।गौरतलब है कि शिक्षा विभाग के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ये घोषणाएं की थीं।

चारधाम यात्रा की समीक्षा के दौरान निर्देश दियें

पंकज कपूर             
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित कैम्प कार्यालय में चारधाम यात्रा की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाय प्रदेश में आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को हर संभव सुविधा दी जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालु एवं पर्यटक देवभूमि उत्तराखण्ड से अच्छा संदेश लेकर जाएं, यह सबकी जिम्मेदारी है। 
श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के प्रति किसी भी प्रकार की अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में यदि एक भी यात्री को परेशानी होगी तो प्रदेश का मुख्य सेवक होने के नाते मुझे परेशानी होगी।
मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़े रूद्रप्रयाग, चमोली एवं उत्तरकाशी के जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाय कि चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्थाएं अच्छी हों। गाईडलाइन के अनुसार श्रद्धालु दर्शन कर सकें। पर्यटक स्थलों पर जाने वाले यात्रियों को भी कोई परेशानी न हो।मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि चारधाम यात्रा के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद जिन लोगों को परमिशन मिली है। वही लोग उत्तराखण्ड के चारधाम यात्रा के लिए आयें।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, डीजीपी अशोक कुमार, मुख्यमंत्री के अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव दिलीप जावलकर, गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन, डीआईजी गढ़वाल श्रीमती नीरू गर्ग, अपर सचिव युगल किशोर पंत उपस्थित थे।

मामले की जांच में जुटी पुलिस की टीम के उड़ें होश

अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। देश में आए दिन ह्यूमन ट्रैफिकिंग और सेक्स रैकेट  के भंडाफोड़ की खबरें सामने आती हैं। ताजा मामले में मध्य प्रदेश से पकड़े गए एक युवक के खुलासे के बाद मामले की जांच में जुटी पुलिस की टीम के होश उड़ गए। आरोपी का नाम मुनीर है। जिसे इंदौर पुलिस ने सूरत से गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान मुनीर ने सबसे पहले ये बात कबूली कि उसके निशाने पर बांग्लादेशी लड़कियां और महिलाएं होती थीं। वो 5 साल से देह व्यापार के धंधे में शामिल था।  मुनीर ने कबूला कि वो हर महीने करीब 55 लड़कियों को अपना शिकार बनाता था। इसी सिलसिले में मुनीर 200 से ज्यादा बांग्लादेशी लड़कियों को भारत लाकर जिस्मफिरोशी के धंधे में धकेल चुका था। देश में आए दिन ह्यूमन ट्रैफिकिंग और सेक्स रैकेट  के भंडाफोड़ की खबरें सामने आती हैं। ताजा मामले में मध्य प्रदेश से पकड़े गए एक युवक के खुलासे के बाद मामले की जांच में जुटी पुलिस की टीम के होश उड़ गए। आरोपी का नाम मुनीर है जिसे इंदौर पुलिस ने सूरत से गिरफ्तार किया।
पूछताछ के दौरान मुनीर ने सबसे पहले ये बात कबूली कि उसके निशाने पर बांग्लादेशी लड़कियां और महिलाएं होती थीं। वो 5 साल से देह व्यापार के धंधे में शामिल था। मुनीर ने कबूला कि वो हर महीने करीब 55 लड़कियों को अपना शिकार बनाता था। इसी सिलसिले में मुनीर 200 से ज्यादा बांग्लादेशी लड़कियों को भारत लाकर जिस्मफिरोशी के धंधे में धकेल चुका था। दैनिक भाष्कर में प्रकाशित खबर के मुताबिक आरोपी मुनीर पर 10 हजार रुपए का इनाम था। वह बांग्लादेश के जसोर का है। उसने ज्यादातर लड़कियों के साथ शादी की और फिर इंडिया में लाकर बेच दिया. उसके पीछे बड़ा नेटवर्क है। मध्य प्रदेश पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने ये भी बताया कि वो किसी भी परेशानी से बचने के लिए 75 लड़कियों के साथ शादी भी कर चुका है. आरोपी लड़कियों को बांग्लादेश और भारत के पोरस बॉर्डर पर नाले के रास्ते लाता था और बॉर्डर के पास के छोटे गांव में एजेंट्स के जरिये लड़कियों को मुर्शिदाबाद और आसपास के ग्रामीण इलाकों में लाकर ही भारत में एंट्री करवाते थे।
दरअसल, इंदौर पुलिस ने 11 महीने पहले लसूड़िया और विजय नगर इलाकों में ऑपरेशन चलाकर 21  बांग्लादेशी लड़कियों को रेस्क्यू ककर छुड़ाया था जिसमें 11 बांग्लादेशी युवतियां और बाकी अन्य युवतियां थीं। मामले में सागर उर्फ सैंडो, आफरीन, आमरीन व अन्य लोग आरोपी बनाए गए थे, मुनीर भाग निकला था।उसे गुरुवार को सूरत से पकड़कर इंदौर लाया गया।

धरना-प्रदर्शन स्थलों पर पुलिस बलों की संख्या बढ़ीं

हरिओम उपाध्याय             
लखनऊ। घटना के मद्देनजर दिल्ली में सोमवार को सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। राष्ट्रीय राजधानी के गाजियाबाद, सिंघु और टिकरी बॉर्डरों पर केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। किसानों के धरना-प्रदर्शन स्थलों पर पुलिस बलों की संख्या बढ़ा दी गई है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश के सभी मार्गों पर पुलिस बैरिकेडिंग कर आवश्यक जांच कर रही है।
इसकी वजह उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर कई-कई स्थानों पर लोगों को घंटों यातायात जाम का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली पुलिस ने अचानक लोगों से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या नौ और 24 के बंद किए जाने के संबंध में ट्विटर पर जानकारी दी तथा राहगीरों को वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की सलाह। अचानक आए इन दिशा निर्देशों की वजह से गाजियाबाद और नोएडा की ओर से दिल्ली के विभिन्न भागों में अपने कार्यालयों और अन्य कामों पर आने वाले लोगों को बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
करीब सवा 12 बजे हालांकि दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्विटर पर जानकारी दी कि जिन दो मार्गों पर आवाजाही रोकी गई थी, उन्हें खोल दिया गया है और अब इस इलाके में यातायात सामान्य हो रही है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने लोगों से राष्ट्रीय राजमार्ग 24 और नौ का इस्तेमाल नहीं करनी की सलाह दी थी। एहतियातन यातायात रोकने और जगह-जगह सुरक्षा जांच के कारण आनंद विहार , चिल्ला, डीएनडी फ्लाईओवर आदि क्षेत्रों में हजारों लोग जहां-तहां तक सड़कों पर काफी समय तक फंसे रहे। उल्लेखनीय है कि लखीमपुर खीरी में रविवार को कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं किसानों ने उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव मौर्या का उनके एक कार्यक्रम में आने से पहले ही विरोध शुरू कर दिया था। जो बाद में हिंसक हो गया। आंदोलनकारी किसानों ने हेलीपैड पर कथित रूप से कब्जा कर लिया था।
इसके बाद आरोप है कि केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र ने अपने वाहन से सड़क पर विरोध कर रहे हैं किसानों कुचल दिया था जिससे चार लोगों की मृत्यु हो गई थी। हालांकि, अजय मिश्र ने किसानों के आरोपों का खंडन किया है। उनका आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी के तीन सदस्य सदस्यों और एक वाहन चालक पर प्रदर्शनकारियों ने हमला किया। जिससे उनकी मौत हो गई किसानों के आंदोलन में शामिल कुछ उपद्रवियों ने उनकी कई गाड़ियों को निशाना बनाया। तोड़फोड़ कर उसे आग के हवाले कर दिया था।

'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी

'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात...