शनिवार, 2 अक्टूबर 2021

स्वतंत्रता व निजता के अधिकार का उल्लंघन किया

अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि सामान्य परिस्थितियों में किसी व्यक्ति को डीएनए जांच के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।
न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने पैतृक संपत्ति के मालिकाना हक से जुड़े एक विवाद में डीएनए जांच के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका पर शुक्रवार को अपने फैसले में ये रेखांकित किया।
शीर्ष अदालत ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा संबंधित पक्ष के एक व्यक्ति का डीएनए जांच कराने के आदेश को पलटते हुए कहा कि वैकल्पिक सबूतों के रहते डीएनए जांच का आदेश देना उस व्यक्ति के व्यक्तिगत स्वतंत्रता एवं निजता के अधिकार का उल्लंघन है।
उच्चतम न्यायालय ने यह भी कहा कि डीएनए जांच के आदेश देने से पहले अदालतों को यह देखना चाहिए कि संबंधित मामले में सबूत के तौर पर वह जांच कितने महत्वपूर्ण हैं। डीएनए जांच का आदेश विशेष परिस्थितिओं ही दिया जा सकता है। किसी व्यक्ति की पहचान जानने, पारिवारिक संबंधों का पता लगाने और स्वास्थ्य संबंधी अनिवार्य जानकारी हासिल करने आदि परिस्थितियों में संबंधित व्यक्ति की सहमति से किया जा सकता है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि डीएनए जांच संबंधित व्यक्ति की सहमति के विपरीत नहीं किया जा सकता है। बिना सहमति जांच का आदेश न केवल उस व्यक्ति के संवैधानिक अधिकारों का हनन है, बल्कि संबंधित पक्ष पर एक बोझ की तरह है।
न्यायालय ने इस संबंध में 'के एस पुट्टास्वामी बनाम भारत संघ' मामले में नौ न्यायाधीशों के सर्वसम्मत फैसले का उल्लेख किया। अदालत ने कहा सामान्य परिस्थितियों में डीएनए जांच के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। संविधान में इसे संरक्षित किया गया है।
उच्चतम न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश के कालका के एडिशनल सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के 2017 उस फैसले को बहाल करने का कभी आदेश दिया, जिसमें डीएनए जांच कराने की मांग को खारिज कर दी गई थी।
यह मामला वर्ष 2013 से हिमाचल प्रदेश के कालका जिले की अदालत में दाखिल किया गया था, जिसमें अशोक कुमार नाम के एक व्यक्ति ने दिवंगत त्रिलोक चंद्र गुप्ता और सोना देवी का बेटा होने के साथ-साथ उनकी रिहायशी पैतृक संपत्ति पर मालिकाना हक का दावा किया था। सुनवाई के दौरान दिवंगत दंपति की तीन बेटियों ने कहा कि अशोक (दिवंगत गुप्ता दंपति) का बेटा नहीं है। तीनों बेटियों ने सच्चाई का पता लगाने के लिए अदालत से अशोक का डीएनए जांच कराने की मांग उठाई थी, जिसे निचली अदालत ने खारिज कर दिया था। दंपति की बेटियों का कहना था कि अशोक से उनका खून का कोई नाता नहीं है।
निचली अदालत ने जमीन संबंधी कागजातों में अशोक का नाम पाया था। अशोक के अन्य प्रमाण पत्रों में त्रिलोकचंद और सोना देवी का नाम दर्ज किए जाने को सबूत मानते हुए अपना फैसला दिया था।

कांग्रेस में घमासान, रायपुर से दिल्ली पहुंचें सीएम

अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। पंजाब के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस में अब घमासान मच गया है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समर्थक चार और विधायक आज सुबह रायपुर से दिल्ली पहुंचे।
इस तरह से दो दिन में मुख्यमंत्री समर्थक 10 विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं। भूपेश समर्थक 25 विधायक पहले से ही यहां डेरा डाले हैं और उनका कहना है कि वे पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलकर उन्हें बताएंगे कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार अच्छा काम कर रही है, इसलिए उन्हें बदलाव नहीं जाना चाहिए। मुख्यमंत्री के समर्थन में दिल्ली पहुंच रहे विधायको को बताया नहीं जा रहा है कि उन्हें दिल्ली में करना क्या है।रायपुर से दिल्ली जा रहे एक-एक विधायक से जब फोन पर पूछा गया है कि वह क्यों जा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि दिल्ली से उनके एक वरिष्ठ साथी का फोन आया है कि आपको दिल्ली आना है। दिल्ली में क्या कार्यक्रम है, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है।
इस बीच मुख्यमंत्री बधेल ने छत्तीसगढ़ में आज से अपनी सरकार की उपलब्धियों को बताने के लिए राज्यव्यापी दौरा शुरू कर दिया है। वह प्रदेश के हर जिले में जाकर लोगों से मिलेंगे, उनकी समस्याएं सुनेंगे और अपनी सरकार की उपलब्धियां उन्हें बताएंगे।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर जंग छिड़ी है और मामला पार्टी आलाकमान तक पहुंच चुका है। सिंहदेव का कहना है कि समझौते के तहत बघेल को ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनाया गया था इसलिए अब मुख्यमंत्री उन्हें बनाया जाना चाहिए।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-413 (साल-02)
2. रविवार, अक्टूबर 3, 2021
3. शक-1984,सावन, कृष्ण-पक्ष, तिथि-त्रियोदशी, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 06:11, सूर्यास्त 06:13।
5. न्‍यूनतम तापमान -24 डी.सै., अधिकतम-36+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेंगी।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
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शुक्रवार, 1 अक्टूबर 2021

आंतक के खिलाफ जंग की तैयारी कर रहा यूएसए

काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान के आंतक के खिलाफ अमेरिका फिर से जंग की तैयारी कर रहा है। इसके संकेत अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने दिए हैं। पीटीआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पेंटागन सचिव जॉन किर्बी ने कहा है कि अमेरिका को हक है कि वह अफगानिस्तान में ड्रोन स्ट्राइक जारी रखे। उन्होंने आगे कहा कि हमें अधिकार है कि हम आतंक से लड़ाई लड़ते हुए अपने राष्ट्र को सुरक्षित करें।  
पेंटागन की ओर से यह बयान उस समय जारी किया गया है। जब तालिबान ने अमेरिका को चेतावनी जारी की है। दरअसल, अमेरिका के कुछ ड्रोन अफगानिस्तान के ऊपर उड़ते दिखाई दिए थे। इसके बाद तालिबान ने कहा कि अमेरिका दोहा समझौते का उल्लंघन कर रहा है। इसको लेकर अमेरिका को चेतावनी भी जारी की गई है। 

अवैध पटाखा फैक्ट्री में धमाका होने से 4 की मौंत

भानु प्रताप उपाध्याय           
शामली। पटाखा फैक्ट्री का मालिक राशिद फरार। मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने में लगी पुलिस।
उत्तर प्रदेश के शामली के कस्बा कैराना में अवैध पटाखा फैक्ट्री में शुक्रवार दोपहर करीब 4 बजे तेज धमाका हो गया। हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई। 4 गंभीर घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। धमाके के वक्त फैक्ट्री में 12 मजदूर काम कर रहे थे।
शामली एसपी सुकीर्ति माधव ने बताया कि कुछ मजदूरों के मलबे में दबे होने की आशंका है। उनका रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। फैक्ट्री मालिक राशिद अभी फरार है। राशिद के पास पटाखा बनाने का लाइसेंस है या नहीं, इसकी जांच की जा रही है। ​​​​​डीएम जसजीत कौर, एसडीएम कैराना उद्भव त्रिपाठी और एसएसपी अन्य अधिकारियों के साथ मौके पर हैं। अधिकारियों का कहना है कि जिन मजदूरों की मौत हुई है। उनकी शिनाख्त की कोशिश की जा रही है।
अफसरों ने बताया कि यह फैक्ट्री पानीपत का रहने वाला राशिद चला रहा है। पहले यहां कैराना के इकबाल की जंगल में अचार बनाने की फैक्ट्री थी। यह कई सालों से बंद पड़ी थी। इकबाल ने करीब डेढ़ महीने पहले राशिद को फैक्ट्री लीज पर दी थी। राशिद करीब 15 दिन से इसमें अवैध रूप से पटाखे बनवाने लगा था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, धमाका हुआ तो फैक्ट्री भरभरा कर गिर गई।

जान-माल के नुकसान की स्थिति पर नियंत्रण पाया

अविनाश श्रीवास्तव       

बेगूसराय। पीएनजीआरबी और अन्य वैधानिक निकायों के दिशानिर्देशों के अनुसार बरौनी रिफाइनरी में नियमित रूप से आपदा अभ्यास आयोजित किए जाते हैं। इस तरह के अभ्यास हर तिमाही में आयोजित किए जाते हैं।साथ ही रिफाइनरी की आपदा प्रबंधन क्षमता में औ सुधार करना है। 2021-22 की दूसरी तिमाही के लिए ऑनसाइट आपदा मॉक ड्रिल का आयोजन बरौनी रिफाइनरी में 30 सितंबर को लगभग 16.30 बजे टैंक 254 में फ्लैश फायर और टैंक की छत में आग लगने के परिदृश्य पर किया गया।

आग की सूचना मिलने पर, टैंक 254 के पास घटनास्थल पर दमकल की गाड़ियां पहुंचीं। स्थिति की गंभीरता का आंकलन करने के बाद ईआरडीएमपी (आपातकालीन प्रतिक्रिया और आपदा प्रबंधन योजना) को लागू किया गया था।
सीआईसी (मुख्य घटना नियंत्रक) द्वारा एसआईसी (साइट घटना नियंत्रक) के परामर्श से 16.40 बजे बड़ी आग के लिए सायरन बजाया गया और 16.49 बजे आपदा की घोषणा की गई तथा आपदा सायरन के माध्यम से सभी को इसकी सूचना दी गई।

ईआरडीएमपी के अनुसार आपातकालीन आपदा प्रबंधन तुरंत कार्रवाई में आ गया। बिना किसी जान-माल के नुकसान की स्थिति पर नियंत्रण पाया गया। आपातकालीन आपदा प्रबंधन घटना में बरौनी रिफाइनरी से अधिकारियों में मुख्य घटना नियंत्रक बीबी बरुआ, मुख्य महाप्रबंधक (परियोजना), सीआईसी के सलाहकार (रिफाइनरी संचालन) आरके झा, मुख्य महाप्रबन्धक (टीएस और एचएसई), साइट हादसा नियंत्रक मोहित रस्तोगी, उप महाप्रबंधक (उत्पादन) और अन्य आपदा समन्वयक, सीआईएसएफ टीम, अग्नि और सुरक्षा दल आदि शामिल थे।

एमए चौधरी, महाप्रबंधक (टीएस एंड एचएसई) ने साइट-घटना-नियंत्रक (एसआईसी) के साथ समग्र संचालन का समन्वय किया। उपरोक्त आपदा परिदृश्य को लगभग 17.40 बजे नियंत्रित किया गया। स्थिति का जायजा लेने के बाद ऑल-क्लियर घोषित करने वाला स्ट्रेट रन सायरन बजाया गया। डी-ब्रीफिंग सत्र आपदा नियंत्रण कक्ष में आयोजित किया गया और इसकी अध्यक्षता बरौनी रिफाइनरी, कार्यपालक निदेशक और रिफाइनरी प्रमुख सुश्री शुक्ला मिस्त्री ने की। डी-ब्रीफिंग सत्र बहुत संवादपूर्ण था।

वास्तविक घटना के मामले में बेहतर नियंत्रण के लिए सामने आए अनुभवों और कमियों पर विस्तार से चर्चा की गई। कोविड-19 सावधानियों के साथ आपदा ड्रिल आयोजित की गई। सुश्री मिस्त्री ने ड्रिल को उपयोगी बनाने के लिए ड्रिल से जुड़े सभी सक्रिय समूहों / टीमों की सराहना की और उन्हें धन्यवाद दिया। इस आशय की जानकारी अंकिता श्रीवास्तव, प्रबंधक (सीसी) ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी।

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...