दुष्यंत टीकम
रायपुर। तिल्दा विकासखंड जिला रायपुर के ग्राम पंचायत सरोरा के महिला स्व सहायता समूहों ने ग्रामिणो पर किये गये पुलिसिया कार्रवाई व लठचार्ज के खिलाफ सोमवार को आरक्षी केन्द्र तिल्दा-नेवरा के सामने जंगी प्रदर्शन किया। उक्त संबंध में मिली जानकारी के अनुसार विगत 3 सितंबर को ग्राम पंचायत सरोरा में संचालित संभव स्पंज एवं पांवर प्राइवेट लिमिटेड उद्योग के विस्तारीकरण एवं पर्यावरण के मामले को लेकर जनसुनवाई आहूत की गई थी। जिनमें सरपंच बीहारीराम द्वारा पूर्व मैं महेंद्रा सपन्ज प्लांट को मोटी रकम लेकर दिए गए एनओसी को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था। आरक्षी केन्द्र तिल्दा-नेवरा के थाना प्रभारी शारत चंद्रा द्वारा लाठीचार्ज करने व ग्रामीणों के खिलाफ झूठा दर्ज एफआईआर को लेकर भारी आक्रोश है। पुलिस प्रशासन द्वारा ग्रामीणों पर लगाये गये आरोपो को महिला समूह ने मिथ्या बताते हुए ग्रामीणों पर दर्ज प्रकरण को निरस्त करने व पुलिसिया लाठीचार्ज की न्यायायिक जांच की मांग को लेकर थाना तिल्दा-नेवरा के सामने धरना प्रर्दशन करने व अपनी गिरफ्तारियां देने गए थे। जिसे पुलिस बल दवारा सासाहोली मे रोकने की कोशिश की गई व भारी दबाव के बिच उन्हें रेलवे स्टेशन तिल्दा तक जाने दिया गया व वही पर तहसीलदार तिल्दा को मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन सौपा गया व सरकार व प्रशासन की बदनामी के डर से थाने तक नहीं जाने दिया गया।
विदित हो की संभव इस्पात पावर के विस्तारीकरण हेतु जनसुनवाई दिनांक 03 सितंबर को पंचायत भवन सरोरा में रखा गया था। सरपंच बिहारी राम वर्मा के द्वारा ग्रामीणों को इसकी सूचना नहीं दिया गया था और न ही इसकी मुनियादि गांव में कराई गई थी। ग्रामीणों ने बताया कि बिहारी राम महिंद्रा, हाईटेक, अपनी मनमर्जी से कंपनी से मिली सी.एस. आर की राशि को खर्च करता है, जिसका कोई हिसाब नही है। महिंद्रा कंपनी की जनसुनवाई में सरपंच ने कंपनी का खुलकर बहुत विरोध किया था और अब गुपचुप तरिके से मोटी रकम लेकर एन ओ सी दिया है जिसके विरोध मे जनसुनवाई में ग्रामीण सरपंच से स्पष्टी करण चाहते थे। किन्तु सरपंच मुँह छिपा कर स्वयं पंचयत भवन में दरवाजा अंदर से बंदकर महिला पंच व कुछ अन्य पंच उपसरपंच के साथ बैठ गए वे स्वयं से अंदर में बैठे थे किसी ने उन्हें नहीं रोका था व पुलिस की मौजूदगी में कुछ ग्रामीणों से चर्चा भी अंदर बुलाकर किये है। किन्तु उन्हें खुद अपने द्वारा कम्पनी से लिए गए पैसे के कारण जनता का सामना करने में शर्मिंदगी महसूस हो रही थी व जनता को मुँह दिखाने लायक नहीं है इसलिर बाहर निकलकर लोगों को कोई जवाब नहीं दे पाए सरपंच से ग्रामीण उक्त एन ओ सी दिए जाने का स्पष्टी करण चाहते थे किन्तु सरपंच के पास कोई जवाब नहीं है। कई पंच प्लाट से राशि मिलने व मोटरसायकिल खरीदने की बात स्वीकार भी कर चुके है। प्रशासनिक अधिकारियो के जाने के बाद थाना प्रभारी तिल्दा ने लाइट बंद करा दिया व ग्रामीणों पर बिना किसी चेतावनी के लाठीचार्ज किया गया जिससे कई लोगों को चोट आई है व देर रात्रि सरपंच द्वारा 14 ग्रामीणों पर व थाना प्रभारी नेवरा द्वारा 24 ग्रामीणों पर नामजद व 150 अन्य पर गैर जमानतीय धाराओं मे थाना नेवरा मे प्रकरण दर्ज किया गया है। सरपंच व थानाप्रभरी के इस तरह के व्यवहार से ग्रामीण भारी आक्रोशित है व महिला समूह द्वारा इस अन्याय के खिलाफ अब मोर्चा सम्हाला गया है। आज थाना का घेराव के बाद सरपंच व उपसरपंच व पंचो के घरों का भी घेराव किया जायेगा व केस वापस नहीं होने की दशा मे होने वाले आक्रोश व आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी सरपंच की होंगी. महेंद्र स्पंज प्लांट को दिए गए एन ओ सी को ग्रामसभा बुलाकर रद्द करने की मांग भी महिला समूह ने किया है।इस घटना से गांव मे भारी तनाव ह। 4 नवयुवकों की गिरफतारी से गांव मैं आग सुलग गया है व कभी भी इसका विस्फोट हो सकता है। अगर सरपंच ने घुस नहीं लिया है तो अपनी स्थिति स्पष्ट करे मुँह छिपाने व जनता के प्रति जवाबदारी से वे भाग नहीं सकते। सरपंच एक बार भी जनता के बिच आकर नहीं समझा सके इस्से साफ जाहिर है। सरपंच जनता का विश्वास खो चुके है।सिर्फ प्लांट से दलाली खाने के लिए बैठे हैं स्वयं बेजा कब्जा किये है व ग्रामीणों को पेशी बुलाकर पंचायत भवन में न्यायाधीश बनकर चपरासी से बाहर आवाज लगाकर बुलाकर बेइइजत किया जाता है। जिससे ग्रामीण भारी आक्रोषित है व यही गुस्सा निकला है। अगर समय रहते व्यवहार में सुधार नहीं हुआ तो बड़ी घटना कभी भी घट सकती है। महिलाओ ने बताया हैं कि ज़ब तक निर्दोस लोगों के ऊपर लगाये गए प्रकरण खत्म नहीं होगा आंदोलन जारी रहेगा। गांव मे सरपंच व पंचो का बहिस्कार किया जायेगा व दिनोदिन गांव का माहौल और तनावपूर्ण होगा।
उपसरपंच राकेश ठाकुर पर महिलाओ का गुस्सा फूटा : पुलिस की मुखबिरी करने व प्लांट से दलाली खाने व लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए महिलाओ ने राकेश ठाकुर पर जमकर भड़ास निकाला व गांव के माहौल को ख़राब करने मे उसे जिम्मेदार मानकर शिवसेना प्रमुख संतोष यदु ने उपसरपंच को जमकर फटकारा। तिल्दा मे महिलाओ के प्रदरशन मे उपसरपंच का पोलिस कि ओर से फोटो खींचना उसके स्तर को दर्शाता हैं कि सरोरा मैं कैसे नपुंसक उपसरपंच बना हैं।