रविवार, 26 सितंबर 2021

मुंबई: 100 मीटर रनिंग और हर्डल में अवार्ड जीता

कविता गर्ग        
मुबंई। डॉटर्स डे के खास मौके पर भास्कर वुमन ने बात की 5 टीवी अभिनेत्रियों से और उनसे जाने वो अनुभव जिनसे उन्हें बेटी होने पर गर्व महसूस होता है।
मैं बहुत खुशनसीब हूं कि मुझे ऐसे पैरेंट्स मिले, जिन्होंने मुझे वो सब करने दिया जो मैं चाहती थी। मेरे पैरेंट्स ने मेरे भाई और मुझमें कभी कोई फर्क नहीं किया, बल्कि मुझे भाई से ज्यादा प्यार दिया। 
जब मैं 14 साल की थी तब मैंने भाई से पहले बाइक चलाना सीख लिया था। मैंने 5 साल तक ओडिसी डांस सीखा, स्टेट लेवल पर 100 मीटर रनिंग और हर्डल में अवार्ड जीता। मेरे करियर में मां का बहुत बड़ा योगदान है। मेरी मां विजया पंत तुली माउंटेनियर हैं और उन्होंने मुझे हमेशा ऊंचाई की राह दिखाई। वो मेरी पिलर हैं। मैं स्पोर्ट्स में अच्छी थी इसलिए मां ने मुझे क्रिकेट में करियर बनाने की सलाह दी। मेरा सलेक्शन भी हो गया था, लेकिन डेस्टिनी को शायद कुछ और ही मंजूर था। क्रिकेट की ट्रेनिंग के दौरान मुझे एक ब्यूटी कोंटेस्ट में हिस्सा लेने का मौका मिला और वहीं से मेरे एक्टिंग करियर की शुरुआत हो गई। मैंने मुंबई आकर एक्टिंग सीखी और फिर पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं पड़ी। एकता कपूर के शो ‘कस्तूरी’ से टीवी इंडस्ट्री में मेरे एक्टिंग करियर की शुरुआत हुई, उसके बाद कुमकुम भाग्य, चंद्रकांता, कयामत की रात, नच बलिए, बिग बॉस 13, वेब सीरीज अवरोध, अक्षय कुमार के साथ बेबी फिल्म एक के बाद एक मौके मिलते गए। इस बीच करियर में कई उतार-चढ़ाव भी आए, लेकिन मां ताकत बनकर हमेशा मेरे साथ खड़ी रहीं और मुझे कभी डगमगाने नहीं दिया। डॉटर्स डे के मौके पर मैं सभी पेरेंट्स से कहना चाहती हूं कि अपनी बेटी को आत्मनिर्भर बनाएं, ताकि वो हमेशा स्ट्रांग महसूस करे और अपने परिवार का आधार बने।भाबी जी घर पर हैं’ शो की अंगूरी भाभी उर्फ शुभांगी अत्रे से जब हमने डॉटर्स डे पर बात की, तो उन्होंने इस खास अवसर पर अपनी बात ऐसे रखी, “​​​​​​मेरा जन्म खरगौन, मध्यप्रदेश के एक छोटे से गांव में हुआ है, जहां उस समय बेटियां होने पर घरवालों के चेहरे पर खुशी कम ही देखने को मिलती है। 
लेकिन जब मेरा जन्म हुआ तो तीसरी बेटी होने पर भी मेरे पापा उतने ही खुश हुए जितना मेरी दो बड़ी बहनों के जन्म पर हुए थे। हम तीनों बहनों की परवरिश प्रिंसेस की तरह हुई है और हमें कभी किसी काम के लिए रोका नहीं गया। मैंने सातवीं क्लास से कथक सीखना शुरू कर दिया था। मुझे याद है, दसवीं क्लास से मैं अपने घर के सारे फ्यूज ठीक करती थी, बाहर से सामान उठाकर लाती थी, वो सारे काम करती थी जो दूसरे घरों के बेटे करते थे। आज मैं जो भी हूं, उसमें मेरे माता-पिता का पूरा योगदान है। मां बनने के बाद मैंने अपनी बेटी को कभी किसी चीज के लिए रोका नहीं। मेरी 16 साल की बेटी आशी के साथ मेरा रिश्ता दोस्त जैसा है, मैं उससे अपनी हर बात शेयर करती हूं। अब तो हम एक-दूसरे के कपड़े भी शेयर करने लगे हैं। उसकी उम्र में मैं टोटल फिल्मी थी, लेकिन वो बहुत पढ़ाकू है, वो एस्ट्रोफिजिसिस्ट बनना चाहती है। मैंने बीएससी और एमबीए की पढ़ाई इंदौर से की है, लेकिन आज मैं ये बात एक्सेप्ट करना चाहती हूं कि फिजिक्स के कई थ्योरम जो मुझे तब समझ नहीं आते थे, अब आशी से डिस्कस करके ज्यादा समझ आते हैं। कई बार मैं सोचती हूं कि काश मेरी फिजिक्स की टीचर आशी जैसी होती। आज का टीचिंग पैटर्न जितना अच्छा है, बच्चे भी उतने ही शार्प हैं। हम दोनों में एक बड़ा फर्क ये भी है कि मुझे कैमरे से जितना प्यार है, आशी उससे उतना ही दूर रहती है। मेरे पास एक-दो ऐड कैंपेन ऐसे भी आए जहां वो चाहते थे कि आशी और मैं साथ रहें, लेकिन आशी को कैमरा बिल्कुल पसंद नहीं, इसलिए मैंने मना कर दिया, उसको फोटो खिंचवाना भी पसंद नहीं। डॉटर्स डे के अवसर मैं सभी पैरेंट्स से ये कहना चाहती हूं कि अपनी बेटियों को पंख फैलाने दीजिए, उन्हें उड़ने दीजिए। प्रकृति ने स्त्री को मां के रूप में बहुत बड़ी ताकत दी है, उसका सम्मान करें और अपने बेटों को सिखाएं कि महिलाओं का सम्मान कैसे करना चाहिए। बेटियों बांधें नहीं, उन्हें अपनी उड़ान भरने दीजिए।”
मां से जितना मैं प्यार करती हूं, उतनी ही तकरार भी, वो मेरी क्रिटिक भी हैं और गाइड भी। ये डॉटर्स डे मेरे लिए बहुत स्पेशल है, क्योंकि अब मैं मां के साथ अपने रिश्ते को अलग नजरिये से देखने लगी हूं, क्योंकि अब मैं भी मां बन गई हूं। बेटी को जन्म देने के बाद मैंने जाना कि मां होना क्या होता है, तब से मां के लिए मेरे मन में रिस्पेक्ट, प्यार और ज्यादा बढ़ गया है। जब से आयशा मेरी जिंदगी में आई है, मां मेरे दिल के और करीब हो गई हैं। मां बनकर लगा जैसे रातोंरात मैं मैच्योर हो गई हूं, अपनी बेटी के लिए जिम्मेदारी का एहसास और बढ़ गया। डॉटर्स डे के मौके पर आज मैं मां से कहना चाहती हूं कि आपने मुझे अच्छा इंसान बनाने के लिए मुझ पर जो पाबंदियां लगाईं, मुझे रोका-टोका, जो तब मुझे अच्छा नहीं लगता था, लेकिन आज एक बेटी की मां बनकर मैं समझ पा रही हूं कि आप सही थीं, आज मैं उन तमाम बहसबाजियों के लिए आपसे माफी मांगती हूं। मां बनकर मैं आपकी तरह सोचने लगी हूं। आज महसूस हो रहा है कि मेरी परवरिश बहुत सही हुई है और मुझे भी अपनी बेटी को ऐसे ही बड़ा करना है। मुझे याद है, जब हम अबू धाबी गए थे और मैंने रोलर कोस्टर पर बैठने से इनकार कर दिया था, लेकिन मां ने साठ की उम्र में भी कहा कि वो तो राइड पर जाएंगी। उन्हें देखकर मुझे प्रेरणा मिली और मैं भी रोलर कोस्टर की राइड के लिए राजी हो गई। मां की यही बातें मुझे मोटिवेट करती हैं और मेरे मन का डर दूर करती हैं। मेरे एक्टिंग करियर में भले ही कस्तूरी, कसौटी जिंदगी की, किस देश में निकला चाँद, लगी तुझसे लगन, दो हंसो का जोड़ा, उतरन, जमाई राजा, कसम तेरी प्यार की, कवच जैसे सीरियल जुड़े हों, लेकिन जिंदगी का पाठ मैंने मां से सीखा है।
घर की बड़ी बेटी होने के नाते जब पापा हर जरूरी फैसले में मेरी राय लेते हैं या मुझसे इमोशनल सपोर्ट चाहते हैं, तो मुझे जिम्मेदारी का एहसास होता है, जो मुझे अपनी राह से भटकने नहीं देता। मुझे और मेरी छोटी बहन आरोही को मम्मी-पापा ने कभी ये एहसास नहीं होने दिया कि बेटी होने के कारण हम कोई काम नहीं कर सकते। जमाई राजा, इश्क में मरजावां, बेगूसराय, थपकी प्यार की, लाल इश्क, मेरी गुड़िया जैसे सीरियल मेरी जिंदगी में इसलिए जुड़े, क्योंकि मेरे पैरेंट्स को मुझ पर भरोसा था कि मैं जो भी करूंगी उसे पूरी शिद्दत से करूंगी। मां के साथ मेरा रिश्ता फ्रेंड की तरह है, हम साथ में रील्स बनाते हैं, शॉपिंग के लिए जाते हैं। पापा मुझे हमेशा ये भरोसा दिलाते हैं कि मैं कोई भी काम कर सकती हूं। जब मैं शिमला में बिताए अपने बचपन के बारे में सोचती हूं, तो लगता है कि हमने अपने पैरेंट्स के साथ जो खूबसूरत वक्त बिताया है, वो हमारी बॉन्डिंग का आधार है और वो मेरी ज़िंदगी की सबसे खूबसूरत यादें हैं।
मां के साथ मेरी एक अलग ही बॉन्डिंग है, वो मेरी मेंटर, गाइड हैं। बचपन से उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया। मैं आज अपने सपनों को इसीलिए जी पा रही हूं, क्योंकि मां ने मुझे सपनों का पीछा करना सिखाया। जब कभी मैं निराश हो जाती हूं, तो वो कहती हैं दिलोजान से जो भी काम किया जाए, वो कभी फेल नहीं हो सकता। उनके बिना मैं अपनी जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकती। आज मैं जो भी हूं उसमें मेरे पैरेंट्स का बहुत बड़ा योगदान है। ये रिश्ते हैं प्यार के, नागिन 2, परदेस में है मेरा दिल, सावधान इंडिया जैसे टीवी सीरियल के अलावा फिल्म तिश्नगी में डेब्यू करते हुए करियर में जब भी उतार-चढ़ाव आए, तब मेरे पैरेंट्स हमेशा मेरे साथ खड़े रहे और यही मेरी असली ताकत है।

जोरदार बारिश होने से क्षेत्र का मौसम सुहाना हुआ

मनोज सिंह ठाकुर      
नीमच। शहर में रविवार को रूक-रूककर बारिश का दौर जारी है। शहर सहित जिलेभर के आसमान में रविवार सुबह से ही बादलों की मौजूदगी दिखाई दी। कुछ देर धूप निकलने के बाद सुबह करीब 11 बजे जोरदार बारिश का क्रम शुरू हुआ जो कुछ देर तक चला। इसके बाद दोपहर करीब 12ः30 बजे बादलों ने फिर से डेरा जमाया और जोरदार बारिश का क्रम शुरू हुआ। जोरदार बारिश होने से क्षेत्र का मौसम सुहाना हो गया। 
गत वर्ष की तुलना में 14 इंच अधिक बारिश रिकॉर्ड- नीमच जिले में चालू वर्षा काल में अब 40 इंच से अधिक बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है। जबकि गत वर्ष इस अवधि तक महज 26 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई थी। जिले की औसत बारिश का आंकड़ा 32.5 इंच है। जिले में औसत बारिश से 8.5 इंच अधिक बारिश हो चुकी है। जिले सहित आसपास के क्षेत्रों में हुई झमाझम बारिश से सभी बांध व जलाशय पूर्ण क्षमता से भर चुके हैं। बांध व जलाशयों में पानी की जोरदार आवक होने से किसानों ने भी राहत की सांस ली है। किसानों की मानें तो आगामी सीजन की फसल लेने में पानी का उपयोग किया जाएगा।   
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मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर फिर चर्चाएं गर्म हुईं

हरिओम उपाध्याय      
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर एक बार फिर चर्चाएं गर्म हो गई हैं। कहा जा रहा है कि योगी मंत्रिमंडल में 5-6 नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है। जिसमें हस्तिनापुर से भाजपा विधायक दिनेश खटीक को उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री बनाया जा रहा है। 
आपको बता दें पश्चिमी यूपी से विधायक दिनेश खटीक का नाम मंत्रियों की सूची में शामिल किया गया है। 44 वर्षीय दिनेश खटीक लखनऊ के राजभवन में आईजी समारोह में मंत्री पद की शपथ लेंगे।

4 दिन के अमेरिका दौरे से वापस स्वदेश लौटें पीएम

अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार दिन के अमेरिका दौरे से वापस स्वदेश लौट आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पोर्ट पर लैंड हुआ। थोड़ी देर में प्रधानमंत्री एयरपोर्ट से बाहर आएंगे। धानमंत्री के स्वागत के लिए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा खुद एयरपोर्ट पर पहुंचे।
इसके साथ ही बीजेपी के तमाम कार्यकर्ता एयरपोर्ट के बाहर प्रधानमंत्री के स्वागत में नाचते, गाते और नारे लगाते नजर आए। देश के अलग अलग राज्यों से लोग पारंपरिक परिधान और बाध्य यंत्रों के साथ एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए पहुंचे हैं।
कोरोना काल में एशिया के बाहर पीएम का पहला दौरा था। दुनिया में हिंदुस्तान के रिश्तों को नई शुरुआत लेकर आया है। इस दौरे में पीएम ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया, अमेरिका के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति से मुलाकात की। इसके साथ ही जापान और ऑस्ट्रेलिया के पीएम से मिले। चार देशों के समूह क्वाड की बैठक में हिस्सा लिया। इसके अलावा अमेरिका के टॉप सीईओ से भी मुलाकात की। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एयरपोर्ट पहुंचे बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, ''एक ग्लोबल लीडर के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी जी ने जो काम किया है, उसके लिए अपनी ओर से, दुनिया भर में उनके जो प्रशंसक है उनकी ओर से हार्दिक अभिनंदन करता हूं। दिल्ली जनता सुबह से अपने नेता का स्वागत करने आयी है। प्रधानमंत्री दिन रात देश की जनता की सेवा में लगे हैं, वहीं विश्व पलट पर भारत के विचारों को पूरी ताकत के साथ रखते रहे हैं।

अपाला ने यूपीएससी परीक्षा में 9वीं रैंक हासिल की

अश्वनी उपाध्याय           
गाजियाबाद। राजधानी दिल्‍ली से सटे उत्‍तर प्रदेश के गाजियाबाद की रहने वाली डॉ. अपाला मिश्रा ने यूपीएससी परीक्षा में 9वीं रैंक हासिल की है। जबकि वह आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की भतीजी और दिल्ली विश्वविद्यालय की हिंदी फैकल्टी की प्रोफेसर अल्पना मिश्रा की बेटी हैं। पेश से डेंटल सर्जन अपाला ने इस कामयाबी को अपने आत्मविश्वास और अनुशासन के दम पर तीसरे प्रयास में हासिल किया है। इसके अलावा उन्‍होंने अपने आईएएस बनने का सपना बिना किसी कोचिंग के पूरा किया है। यही नहीं, उनकी इस कामयाबी की वजह से यूपी के तीन जिलों में जश्‍न का माहौल है।
डेंटल सर्जन डॉ. अपाला मिश्रा इस समय यूपी के गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर-5 के ओलिव काउंटी में रहती हैं। जबकि उनके पिता अमिताभ मिश्रा मूल रूप से यूपी से बस्‍ती के रहने वाले हैं, जो कि आर्मी में कर्नल रहे हैं. वहीं, उनकी मां अल्पना मिश्रा दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी फैकल्टी में प्रोफेसर हैं। इसके अलावा अपाला का भाई अभिलेख मिश्रा आर्मी में मेजर है। डॉ. अपाला मिश्रा ने 10वीं तक की पढ़ाई देहरादून और फिर 11वीं व 12वीं की पढ़ाई दिल्ली से की है। जबकि उन्‍होंने 2017 में बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी की डिग्री हैदराबाद से पूरी की थी। इस दौरान ही अपाला ने देश सेवा के लिए आईएएस बनने का सपना देखा था। इस वजह से उन्‍होंने डेंटल सर्जन बनने के बाद 2018 से घर पर ही रहकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की थी। जबकि तीसरे प्रयास में उन्‍होंने सफलता हासिल कर अपना डंका बजवाया है।
डॉ. अपाला मिश्रा की कामयाबी की सबसे बड़ी वजह उनका आत्मविश्वास, अनुशासन और टाइम मैनेजमेंट रहा है। अपाला के मुताबिक, यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए अनुशासन बहुत जरूरी है. इस वजह से मेरा रूटीन प्रतिदिन तय समय पर उठना, थोड़ी एक्सरसाइज और हेल्दी खाने के साथ 7 से 8 घंटे पढ़ने का लक्ष्य रहता था. इसके साथ उन्‍होंने कहा कि किसी भी उड़ान के लिए हौसला बहुत जरूरी है। वहीं, अपाला अब देश की आवाज बनकर देश हित में काम करने के साथ भ्रष्टाचार और सामाजिक कुरीतियों को दूर करना चाहती हैं।
अपाला ने डेंटिस्‍टी में गोल्‍ड मेडल हासिल किया है। जबकि हिन्दी निबंधकार, आलोचक और उपन्यासकार हजारी प्रसाद द्विवेदी की नातिन होने का उनके जीवन पर पूरा असर है। इसी वजह से वह एक क्रिएटिव राइटर भी हैं। यही नहीं, साहित्‍य अकादमी ने अंग्रेजी में उनकी कविताओं का प्रकाशन किया है। इसके अलावा जब इंटरव्‍यू के दौरान पिता और भाई के आर्मी में होने की वजह से अपाला से पूछा गया कि उन्‍होंने परिवार से क्‍या लिया तो उनका जवाब था अनुशासन। साथ ही कहा था कि वह इसी के दम पर यहां पहुंची हैं और अपना सारा काम अनुशासन में रहकर करती हैं। डॉ. अपाला मिश्रा की कामयाबी को लेकर यूपी के तीन जिलों में जश्‍न मन रहा है। वह इस वक्‍त गाजियाबाद में रहती हैं, लिहाजा यहां जश्‍न मनना पहले से तय था। लेकिन इस उनकी कामयाबी के बाद बस्‍ती और बलिया में भी जश्‍न का माहौल है। दरसअल, अपाला के पिता मूल रूप से बस्ती के रहने वाले हैं, तो उनकी मां बलिया के ओझवलिया निवासी आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की भतीजी हैं।

झारखंड: शिशु सर्जरी का मॉड्यूलर ओटी तैयार हुआ

रांची। रिम्स में बच्चों की पहले से ज्यादा सुरक्षित होगी, क्योंकि शिशु सर्जरी का मॉड्यूलर ओटी तैयार हो गया है। मॉड्यूलर ओटी में सर्जरी का ट्रायल चल रहा है। इसका जल्द ही उद्घाटन किया जाएगा। बता दें कि सुपर स्पेशलिटी विंग के पांचवे तल्ले पर मॉड्यूलर ओटी बना है। ओटी को जर्मनी कि एजेंसी ने तैयार किया है जो बैक्टीरिया फ्री है। रिम्स में अब तक बच्चों के सर्जरी सामान्य ओटी में होती थी, जिसमें संक्रमण का खतरा रहता था।
इन सुविधाओं से लैस होगी मॉड्यूलर ओटी
मॉड्यूलर ओटी अत्याधुनिक मशीनों से लैस होगा। लेटेस्ट टेक्निक से लैस पूरी टेबल एडजस्टेबल है। हाइटेक लाइट और सीसीटीवी कैमरे भी हैं, जिससे ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर पूरी प्रक्रिया को स्क्रीन पर देख सकेंगे। मेजर ऑपरेशन और रोबोटिक सर्जरी करने में आसानी होगी। ज्यादातर उपकरणों का संचालन रिमोट कंट्रोल से होगा। ऑपरेशन थिएटर में सेंसर बेस्ड सुविधा भी होगी।
विभिन्न राज्यों से बच्चे आते हैं परामर्श के लिए 
शिशु सर्जरी विभाग में राज्य के अलावा उड़ीसा बंगाल बिहार छत्तीसगढ़ सहित विभिन्न राज्यों से बच्चे यहां परामर्श के लिए आते हैंँ। जांच के बाद आवश्यकता पड़ने पर बच्चों की सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है। शिशु सर्जरी के लिए अलग ओटी नहीं होने की वजह से काफी सर्जरी पेंडिंग रह जाती थी जो कि अब नियमित हो सकेगी। इससे मरीज के साथ विभाग के डॉक्टरों को भी राहत मिलेगी।
शिशु सर्जरी के विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ हरेंद्र बिरुआ ने बताया कि मॉड्यूलर ओटी में ट्रायल सर्जरी की गई है इसकी विधिवत उद्घाटन के लिए निदेशक से आग्रह किया गया है। मॉड्यूलर ओटी होने से बच्चों की सर्जरी में संक्रमण का खतरा बहुत कम हो जाता है।

रांची: झारखंड चेंबर का चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुईं

रांची। झारखंड चेंबर का चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। चेंबर चुनाव में कुल 3400 वोटर डालेंगे। कोरोना संक्रमण की वजह से प्रक्रिया 3 दिनों तक चलेगी। बता दें कि चेंबर भवन में आज पहला दिन 1400 वोट कास्ट करेंगे। वहीं, वोटिंग को लेकर गहमागहमी शुरू हो गई है। 1400 वोटरों के लिए20 बूथ बनाए गए हैं। जबकि चेंबर चुनाव में 35 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इसमें 14 निर्दलीय और 1 महिला उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रही हैं। 35 उम्मीदवारों में से 21 उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा. वोटिंग की प्रक्रिया 10:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक चलेगी।
चेंबर चुनाव के चेयरमैन ललित केडिया ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए 3 दिनों तक वोटिंग होगी। चेंबर के 57 साल के इतिहास में पहली बार चेंबर भवन में वोटिंग की प्रक्रिया और मतगणना की प्रक्रिया होगी। 
 

शामली: 'बाल पथ संचलन' का भव्य आयोजन किया

शामली: 'बाल पथ संचलन' का भव्य आयोजन किया  भानु प्रताप उपाध्याय  शामली। शामली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा बाल पथ संचलन का भव्य...