शुक्रवार, 24 सितंबर 2021

गिरी की मौंत पर दिल्ली में एफआईआर दर्ज कराई

अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत को लेकर सीबीआई ने दिल्ली में एफआईआर दर्ज कराई है। पूरे प्रकरण की जांच संयुक्त निदेशक विप्लव चौधरी को सौंपी गई है और जांच दल में 20 सदस्य है। जो प्रयागराज, हरिद्वार, दिल्ली सहित कई धार्मिक स्थलों पर जाएंगे। जांच दल में फॉरेंसिक विशेषज्ञ भी शामिल है।
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक प्रयागराज में एक टीम पहुंच गई है और उत्तर प्रदेश पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से विचार-विमर्श के बाद एफआईआर, पोस्टमार्टम एवं सुसाइड नोट की कॉपी ले ली है। सीबीआई जांच दल इस मामले में न्यायिक हिरासत में लिए गए महंत आनंद गिरी, मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी एवं संदीप तिवारी को अपने हिरासत में लेकर नए सिरे से पूछताछ करेगी।

‘अक्षर संग्रहालय’ का निर्माण शुरू करने का फैसला

अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। उच्च साक्षरता दर और अद्वितीय साहित्यिक एवं सांस्कृतिक परंपरा के लिए पहचाने जाने वाले केरल में जल्द ही इस विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक संग्रहालय होगा। जिसे दुनिया में अपनी तरह का पहला भाषा-साहित्यिक और सांस्कृतिक संग्रहालय बताया जा रहा है। केरल सरकार ने एक नवंबर को राज्य के स्थापना दिवस पर कोट्टायम जिले के नट्टकम में ‘अक्षर संग्रहालय’ का निर्माण शुरू करने का निर्णय लिया।
लेखकों की प्रकाशन और बिक्री सहकारी समिति, साहित्य प्रवर्तक सहकारी समिति के तत्वावधान में अद्वितीय संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा। राज्य के सहकारिता मंत्री वी एन वासवन और संग्रहालयों के प्रभारी मंत्री अहमद देवरकोविल की बृहस्पतिवार को हुई संयुक्त समीक्षा बैठक में संग्रहालय भवन का निर्माण शुरू करने का निर्णय लिया गया।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भाषा के मूल्यांकन और भाषण से लेकर आधुनिक पाठ तक के शब्दों को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी, संग्रहालय के प्रमुख आकर्षणों में से एक होगी जिसे वैश्विक मानकों के अनुरूप डिजाइन किया गया है। विभिन्न युगों में विद्यमान भाषा के मूल्यांकन की प्रस्तुति के अलावा, प्रस्तावित संग्रहालय आगंतुकों को गुफा चित्रों से लेकर आधुनिक साहित्यिक कार्यों तक सब कुछ एक बार में अनुभव करने का अवसर प्रदान करेगा।

इंफ्रास्ट्रक्चर और तीसरा कारों के सीमित विकल्प

वाशिंगटन डीसी। डीजल-पेट्रोल की कीमतों को आसमान छूते देख सोचता हूं कि क्यों न एक इलेक्ट्रिक कार खरीद लूं। किफायती रहेगी और पर्यावरण के अनुकूल भी। मगर जब इस खयाल को निर्णय तक पहुंचाने की कोशिश करता हूं। रास्ते में कुछ अवरोध आ खड़े होते हैं। इनमें से तीन कुछ ज्यादा ही प्रतोसाहित करने वाले हैं। पहला, इसकी ऊंची कीमत। दूसरा, जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर और तीसरा, इन कारों के सीमित विकल्प। ये तीन अवरोधक शायद मेरे जैसे कई और इच्छुक ग्राहकों के लिए फैसले की राह दुर्गम कर रहे हों और शायद इसी कारण तमाम सरकारी रियायतों के बावजूद देश में इलेक्ट्रिक कार की बिक्री मनचाही रफ्तार नहीं पकड़ पा रही। पर सुखद यह कि तमाम ऑटोमोबाइल कंपनियां इन कारों के सस्ते और सर्वसुलभ विकल्प विकसित करने में जुटी हैं, जिनके अपेक्षित नतीज़े जल्द आने की उम्मीद है।
वैसे यह जानना खासा दिलचस्प होगा कि जिस इलेक्ट्रिक कार को हम ताज़ा तकनीकी अविष्कार और भविष्य की कार के तौर पर देखते हैं, वह सही मायने में दुनिया की पहली कार है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इलेक्ट्रिक कार की अवधारणा करीब दो सौ साल पुरानी है।
हालांकि पहली इलेक्ट्रिक कार किसने ईजाद की, इसे लेकर थोड़ा विवाद है। फिर भी ज्यादा सहमति इस बात पर है कि पहली इलेक्ट्रिक कार बनाने में सफलता हंगरी के एनोस जेडलिक ने पाई। इसके बाद 1832 में स्कॉटलैंड के रॉबर्ट एंडरसन ने यह कर दिखाया। दो साल बाद (1834 में) अमेरिका के थॉमस डेवनपोर्ट ने भी इलेक्ट्रिक कार बनाने का दावा पेश कर दिया। हालांकि ये कारें बहुत व्यवहारिक नहीं बन सकी थीं।
लिहाज़ा, बेहतरी की कवायद चलती रही, प्रयोग होते रहे। 1890-91 में अमेरिका के ही वैज्ञानिक विलियम मॉरिसन ने एक ऐसी कार बनाने में सफलता पाई, जिसमें छह लोग बैठ सकते थे और यह 23 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफतार से दौड़ सकती थी। इस बीच 1885 में जर्मन इंजीनियर कार्ल बेंज ने पेट्रोल से चलने वाली पहली कार पेश कर दी थी, जिसकी लागत इलेक्ट्रिक कार से कम थी और रफ्तार ज्यादा।

आरजीओ और नोडल संपर्क व्यक्ति की नियुक्ति की

अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि ट्वीटर ने नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का अनुपालन करते हुए मुख्य अनुपालन अधिकारी (सीसीओ), निवासी शिकायत अधिकारी (आरजीओ) और नोडल संपर्क व्यक्ति की नियुक्ति कर दी है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक संक्षिप्त हलफनामे में कहा कि ट्वीटर ने कहा है कि इन कर्मियों (सीसीओ, नोडल संपर्क अधिकारी और आरजीओ) की नियुक्ति कंपनी के कर्मचारियों के तौर पर की गयी है न कि ‘आकस्मिक कर्मचारी’ के तौर पर।
मंत्रालय ने कहा, ”ट्वीटर ने उक्त नियुक्त किए गए कर्मियों और उनके पदों के नाम उपलब्ध कराए हैं। ट्वीटर के हलफनामे में कहा गया है कि इनकी नौकरी चार अगस्त 2021 को शुरू हुई। ट्वीटर ने ऐसी नियुक्तियों के सबूत के तौर पर हलफनामे के साथ उनके अनुबंधों को भी संलग्न किया है।”
अदालत ने 10 अगस्त को केंद्र को ट्वीटर के हलफनामे के जवाब में एक संक्षिप्त हलफनामा दायर करने के निर्देश दिए थे। ट्वीटर ने अपने हलफनामे में आईटी नियमों का अनुपालन दिखाया था। मंत्रालय में साइबर विधि समूह में वैज्ञानिक-ई के तौर पर काम कर रहे एन एस बालन ने हलफनामे में कहा, ”मैं स्वीकार करता हूं कि ट्वीटर ने सूचना प्रौद्योगिकी नियमों, 2021 का अनुपालन करते हुए कर्मचारियों की नियुक्ति की है।”
अमेरिका स्थित माइक्रोब्लॉगिंग साइट द्वारा आईटी नियमों का अनुपालन न किए जाने का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति रेखा पल्ली को पांच अक्टूबर को इस मामले पर सुनवाई करनी है। केंद्र के हलफनामे में कहा गया है कि आईटी नियम, 2021 ”देश में लागू एक कानून” है और ट्वीटर को ”आईटी नियमों 2021 का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा।” उसने कहा, ”अनुपालन न करना आईटी नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन है जिससे ट्वीटर को आईटी कानून, 2000 की धारा 79(1) के तहत मिली सुरक्षा खत्म हो जाएगी।”
केंद्र ने पहले अदालत में कहा था कि ट्वीट स्थायी रूप से अधिकारियों की नियुक्ति करके प्रथम दृष्टया नए आईटी नियमों का अनुपालन कर रहा है। इससे पहले ट्वीटर ने कहा था कि नियुक्त किए गए कर्मचारी पूर्णकालिक आधार पर काम करेंगे और वे कानून की शर्तों के अनुसार काम करने में पूरी तरह सक्षम हैं।
अदालत ने 28 जुलाई को, ट्विटर द्वारा सीसीओ पद पर की गई नियुक्ति को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी और कहा था कि सोशल मीडिया मंच नए आईटी नियमों का अनुपालन नहीं कर रहा। केन्द्र ने भी दावा किया था कि ट्विटर ”नियमों का घोर उल्लंघन” कर रहा है। याचिकाकर्ता-वकील अमित आचार्य ने दावा किया कि उन्हें ट्वीटर द्वारा आईटी नियमों का कथित तौर पर अनुपालन नहीं करने के बारे में तब पता चला जब उन्होंने कुछ ट्वीट्स की शिकायत करने की कोशिश की।

केदारनाथ धाम में लगातार दूसरे दिन भी बारिश जारी

पंकज कपूर        
देहरादून। उत्तराखंड में बदलते मौसम का असर केदारनाथ यात्रा पर भी देखने को मिल रहा है। वहीं केदारनाथ धाम में लगातार दूसरे दिन भी बारिश जारी है। धाम की चोटियों पर एक बार फिर से ताजा बर्फबारी भी हुई है जिसके चलते धाम में ठंड भी अत्यधिक बढ़ गई है। बारिश और ठंड के बावजूद भी धाम में यात्रियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। अभी 3642 तीर्थ यात्री बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं।
दरअसल विश्व विख्यात केदारनाथ धाम में बीते दिन से लगातार बारिश जारी है। वहीं धाम की चोटियों में बारिश के अलावा अब बर्फ की सफेद चादर बिछती नज़र आई है। धाम में लगातार हो रही बारिश के कारण धाम में चलने वाले द्वितीय चरण के पुनर्निर्माण कार्य भी प्रभावित हो गये हैं। धाम की चोटियों पर सीजन की तीसरी बर्फबारी हो गई है। बर्फबारी और बारिश के बाद धाम में ठंड भी बढ़ गई है। ठंड और बर्फबारी के बीच यात्रियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। अभी तक 3642 तीर्थ यात्री बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं।
लम्बे समय के बाद इन दिनों बाबा केदार का मंदिर श्रद्धालुओं से भरा नजर आ रहा है। बारिश में भी भक्त बाबा के दर्शनों के लिये मंदिर परिसर में जुट रहे हैं। वहीं तैयारियों को लेकर पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने कहा कि धाम में यात्रियों के लिये सभी तरह की व्यवस्थाएं जुटाई गई हैं। यात्रियों को कोई परेशानी न हो, इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है।

बेरोजगार अभ्यर्थियों से आवेदन आमंत्रित किया

दुष्यंत टीकम    
रायपुर। गौरेल्ला पंचायत विभाग द्वारा सहायक ग्रेड, डाटा एंट्री ऑपरेटर, भृत्य, लेखापाल , समन्वयक तकनीकी, कंप्यूटर प्रोग्रामर , कार्यक्रम अधिकारी , सहायक प्रोग्रामर , तकनीकी सहायक सहित अन्य पदों में भर्ती हेतु विज्ञापन जारी कर नौकरी करने के इच्छुक एवं योग्यतधारी बेरोजगार अभ्यर्थियों से आवेदन आमंत्रित किया है। कार्यालय जिला पंचायत जीपीएम (गौरेला-पेंड्रा-मरवाही) द्वारा जारी विज्ञापन एवं छ,ग. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय महानदी भवन अटल नगर नया रायपुर द्वारा जारी आदेश क्रमांक 2404 / आर – 1889 / 2020 /22 – 1 दिनांक 23.06.21 के तहत नवीन जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के अंतर्गत महात्मा गाँधी रोजगार गारंटी योजना के क्रियान्वयन हेतु सहायक ग्रेड, डाटा एंट्री ऑपरेटर, भृत्य, लेखापाल , कंप्यूटर प्रोग्रामर , कार्यक्रम अधिकारी , सहायक प्रोग्रामर सहित अन्य पदों में भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया है 

पीएम मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के पक्ष में करार दिया

वाशिंगटन डीसी/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका की उपराष्ट्रपति तथा ऑस्ट्रेलिया और जापान के प्रधानमंत्रियों से मुलाकात को सार्थक तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र के पक्ष में करार दिया है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट माैरिसन के साथ मुलाकात को अद्भुत बताते हुए श्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “मेरे अच्छे दोस्त, प्रधानमंत्री स्कॉट मौरिसन के साथ बातचीत करना हमेशा अद्भुत होता है। हमने वाणिज्य, व्यापार, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर व्यापक विचार-विमर्श किया।” 
वहीं, जापान को भारत के सबसे मूल्यवान भागीदारों में से एक बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने वाले विभिन्न विषयों पर जापानी प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा के साथ उनकी शानदार बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि भारत और जापान की मजबूत मित्रता पूरे ग्रह के लिए अच्छी है। मोदी ने अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मुलाकात पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उनके कौशल ने पूरी दुनिया को प्रेरणा दी है। उन्हाेंने कहा, “हमने कई विषयों पर बात की, जो साझा मूल्यों एवं सांस्कृतिक संबंधों पर आधारित भारत और अमेरिका की दोस्ती को और मजबूत करेंगे।” गौरतलब है कि  मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन की मेजबानी में शुक्रवार को आयाेजित चतुष्कोणीय फ्रेमवर्क (क्वाड) के प्रथम शिखर सम्मेलन से पहले गुरुवार को इस चार सदस्यीय गठजोड़ के अहम देशों के नेताओं से मुलाकात की।

 

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...