बुधवार, 22 सितंबर 2021

कनाडा के लोगों ने जस्टिन ट्रूडो पर विश्वास जताया

ओटावा। कनाडा के लोगों ने एक बार फिर जस्टिन ट्रूडो पर विश्वास जताया है। टेलीविजन नेटवर्क के अनुमानों के अनुसार, कनाडा के लोगों ने लिबरल प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को एक बार फिर सत्ता मे लौटा दिया है, लेकिन वह पूर्ण बहुमत हासिल करने में विफल रहे हैं।
पिछले महीने अचानक चुनाव का आह्वान किया था। हालांकि पांच सप्ताह के चुनाव प्रचार के बाद उनकी अधिकतर सीटों पर बड़ी जीत की मंशा पूरी नहीं हो सकी है। इन चुनावों में लिबरल पार्टी ने अन्य किसी भी पार्टी की तुलना में सबसे अधिक सीटें हासिल की हैं। ट्रूडो ने एक ट्वीट किया, थैंक यू कनाडा, अपना वोट डालने के लिए लिबरल टीम में अपना विश्वास रखने के लिए, एक उज्जवल भविष्य के चुनाव के लिए। हम कोविड के खिलाफ लड़ाई खत्म करने जा रहे हैं और कनाडा को आगे बढ़ाने जा रहे हैं। साल 2015 में ट्रूडो ने अपने दिवंगत पिता और पूर्व प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो की लोकप्रियता के सहारे जीत हासिल की थी। हालांकि इसके बाद दो बार उन्होंने अपने दम पर पार्टी को जीत दिलाई। 
खबर देने तक कनाडा चुनाव में लिबरल पार्टी 148 सीट पर और कंजरवेटिव पार्टी 103 सीटों पर आगे है, ब्लॉक क्यूबेकोइस 28 और वामपंथी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी 22 सीटों पर आगे चल रहे हैं। 

ओपन टेनिस टूर्नामेंट के दूसरे दौर में प्रवेश किया

पेरिस। एंडी मर्रे ने स्थानीय खिलाड़ी और छठी वरीयता प्राप्त युगो हंबर्ट को हराकर मोजेल ओपन टेनिस टूर्नामेंट के दूसरे दौर में प्रवेश किया। स्कॉटलैंड के मर्रे ने ब्रेक प्वाइंट हासिल करने के कई मौके गंवाये लेकिन आखिर में वह विश्व में 26वें नंबर के हंबर्ट को 4-6, 6-3, 6-2 से हराने में सफल रहे। 
मेत्ज में होने वाले इस टूर्नामेंट में 2007 में फाइनल में जगह बनाने वाले मर्रे ने पहला सेट गंवाने के बाद अच्छी वापसी की। विश्व के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी मर्रे दूसरे दौर में वासेक पोसपिसिल से भिड़ेंगे।

अलग याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार किया

अकांशु उपाध्याय         

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कथित रूप से फर्जी टूलकिट मामले संबंधी ट्वीट को लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता संबित पात्रा के खिलाफ जांच पर रोक लगाने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली छत्तीसगढ़ सरकार की दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करने से बुधवार को इनकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि इस मामले पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय को फैसला करने दीजिए।

पीठ ने कहा कि विभिन्न अदालतों में टूलकिट मामले संबंधी कई मामले लंबित हैं, इसलिए मौजूदा मामलों से विशेष रूप से निपटा नहीं जा सकता। राज्य की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सांघवी ने मामले के रिकॉर्ड का जिक्र करना चाहा तो पीठ ने कहा कि अपनी ऊर्जा यहां व्यर्थ मत कीजिए। हम विशेष अनुमति याचिकाओं (एसएलपी) पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं। हम एसएलपी खारिज करते हैं।

खेल: प्रदर्शन करने की कोशिश करेगी प्रिमियर लीग

आबुधाबी। मौजूदा चैंपियन मुंबई इंडियन्स की टीम पिछले मैच की नाकामी को भुलाकर कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के खिलाफ गुरुवार को यहां होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैच में कप्तान रोहित शर्मा से प्रेरणा लेकर दमदार प्रदर्शन करने की कोशिश करेगी। मुंबई पिछले मैच में रोहित और स्टार आलराउंडर हार्दिक पंड्या के बिना खेला था। इन दोनों को हल्की चोटों के कारण ऐहतियात के तौर पर विश्राम दिया गया था।

चेन्नई सुपर किंग्स ने इस मैच में मुंबई को 20 रन से हराया था। मुंबई के मुख्य कोच माहेला जयवर्धन के अनुसार रोहित केकेआर के खिलाफ मैच में चयन के लिये उपलब्ध रहेंगे। दूसरी तरफ केकेआर ने लीग के दूसरे चरण के अपने पहले मैच में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) पर नौ विकेट से धमाकेदार जीत दर्ज की। वह अपने इसी प्रदर्शन को जारी रखने के लिये प्रतिबद्ध होगा।

दिल्ली थोक जिंस बाजार में खाद्य तेलों में टिकाव रहा

अकांशु उपाध्याय          
नई दिल्ली। वैश्विक बाजार की तेजी के बावजूद स्थानीय स्तर पर मांग सुस्त पड़ने से मंगलवार को दिल्ली थोक जिंस बाजार में खाद्य तेलों में टिकाव रहा। साथ ही दाल-दलहन के भाव स्थिर रहे जबकि चीनी और चावल 50 रुपये प्रति क्विंटल सस्ते हो गए।
तेल-तिलहन : वैश्विक स्तर पर मलेशिया के बुरसा मलेशिया डेरिवेटिव एक्सचेंज में पाम ऑयल का अक्टूबर वायदा 17 रिंगिट बढ़कर 4460 रिंगिट प्रति टन पर पहुंच गया। साथ ही दिसंबर का अमेरिकी सोया तेल वायदा भी 0.46 सेंट चढ़कर 55.37 सेंट प्रति पौंड रहा।
वैश्विक बाजार में तेजी का असर स्थानीय स्तर पर नही रहा। उठाव सुस्त पड़ने से सरसाें तेल, मूंगफली तेल, सूरजमुखी तेल, सोया रिफाइंड और वनस्पति तेल के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ और वे पिछले दिवस के स्तर पर टिके रहे। हालांकि इस दौरान पाम ऑयल में 146 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी देखी गई।
गुड़-चीनी : मांग कमजोर पड़ने से चीनी की कीमत में 40 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई वहीं। आवक और उठाव बराबर रहने से गुड़ में कोई बदलाव नहीं हुआ और उसके भाव पिछले कारोबारी दिवस के स्तर पर पड़े रहे। दाल-दलहन : दाल दलहन के बाजार में आवक के बराबर उठाव नहीं होने से चना दाल, मसूर दाल, मूंग दाल, उड़द दाल और अरहर दाल में टिकाव रहीं। साथ ही चने के दाम भी स्थिर रहे।
अनाज : अनाज मंडी में उठाव सुस्त पड़ने से गेहूं के भाव स्थिर रहे। वहीं मांग फिसलने से चावल की कीमत 50 रुपये प्रति क्विंटल गिर गया।

किसी दलित नेता को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया

अमित शाह          
चडींगढ। पंजाब में कांग्रेस के प्रभारी मंत्री हरीश रावत ने ठीक उसी समय यह बयान क्यों दिया ? जब चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पंजाब में पहली बार किसी दलित नेता को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया गया है। कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री के पद से हटाकर गलती की, ऐसा सभी लोग मानते हैं लेकिन वहां के नेताओं ने ऐसे हालात ही पैदा कर दिये थे जिससे कैप्टन को कुर्सी से उतारना ही पड़ा। कांग्रेस के पास कैप्टन के कद का कोई नेता नहीं है और 6 महीने बाद ही विधानसभा के चुनाव होने हैं। इस सब के बाद भी दलित मुख्यमंत्री का कार्ड भारी पड़ रहा था। हरीश रावत ने बयान दिया कि विधानसभा के चुनाव नवजोत सिद्धू के चेहरे पर लड़े जाएंगे। इसका सीधा मतलब कि दलित नेता को सिर्फ दिखाने के लिए सीएम बनाया गया है। अकाली दल और पंजाब में उसकी सहयोगी बसपा प्रमुख मायावती ने इस मामले को तुरंत उठाया। इस प्रकार पंजाब में हरीश रावत ने कांग्रेस का सारा गुड़ गोबर कर दिया है। हरीश रावत के बयान को हाईकमान का मंतव्य समझा जा रहा है। यदि हाईकमान ने नवजोत सिद्धू को है। साधारण राजनीति भी यही बताती है कि दलित मुख्यमंत्री बनाते ही सवर्ण जाट का चेहरा आगे करने से पूरी रणनीति बिखर गयी है। सिद्धू के मन का ही तो सब कुछ हो रहा था, फिर बयान देने की हरीश रावत को इतनी जल्दी क्यों हुई।
इसमें कोई संदेह नहीं कि पंजाब के नए सीएम ने अच्छी छाप छोड़ी। पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने पदभार संभालने के बाद किसानों और आम लोगों को बड़ा तोहफा दिया है। चन्नी ने शपथ ग्रहण करने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम किसानों के पानी और बिजली के बिल माफ करेंगे।’ पंजाब के सीएम ने कहा, ‘पंजाब सरकार किसानों के साथ खड़ी है। हम केंद्र से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की अपील करते हैं। अगर ये तीनों कानून वापस नहीं लिए गए तो किसानी खत्म हो जाएगी और पंजाब के हर परिवार पर फर्क पड़ेगा।’  उन्होंने इसके साथ ही कहा किसानों पर अगर किसी तरह की आंच आई तो वह अपनी गर्दन पेश कर देंगे। उन्होंने अपने को आम आदमी (कामन मैन) बताया।
चंडीगढ़ में अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए चन्नी भावुक हो गए। उन्होंने खुद के गरीब परिवार में पैदा होने का जिक्र करते हुए कहा कि वह इस बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए कांग्रेस नेतृत्व का धन्यवाद करते हैं। उन्होंने कहा कि ‘कांग्रेस ने एक आम आदमी को मुख्यमंत्री बना दिया है।’ उन्होंने कहा कि पार्टी सुप्रीम है। सीएम या एमएलए सुप्रीम नहीं है।’ उन्होंने कहा कि सरकार कांग्रेस की विचारधारा पर चलेगी, जो सबको साथ लेकर चलने की है। उन्होंने कहा कि जाति या संप्रदाय के नाम पर कोई तोड़ नहीं सकता। उन्होंने कहा, ‘पंजाब की एकता, अखंडता और भाईचारा को कायम रखना है। हम सबको मिलकर रहना है। पंजाब को आगे बढ़ाना है। चन्नी ने यह भी कहा कि रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और सभी मुद्दों का समाधान होगा। उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व की ओर से तय 18 सूत्री कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि वह राज्य के लोगों का भरोसा दिलाते हैं कि आने वाले दिनों में सभी मसलों का हल होगा। नवनियुक्त सीएम ने कहा, ‘मैं पंजाब के आम लोगों की आवाज बनूंगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह पर चन्नी ने कहा ‘वह हमारे नेता हैं। उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार के अधूरे काम हम पूरे करेंगे।’ चन्नी ने कहा, ‘राहुल गांधी एक क्रांतिकारी नेता हैं। मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस, कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब के लोगों का शुक्रगुजार हूं।’ चन्नी ने कहा, ‘मैं खुद एक रिक्शा चालक रहा हूं? मैं किसी को भी कृषि क्षेत्र को चोट नहीं पहुंचाने दूंगा। मैं केंद्र से काले कानूनों को निरस्त करने की अपील करूंगा। मैं किसानों के संघर्ष का पूरा समर्थन करता हूं।’ चन्नी ने इतना अच्छा माहौल बनाया था लेकिन हरीश रावत के बयान ने किये धरे पर पानी फेर दिया। अभी कुछ दिन पहले ही पंज प्यारे कहकर वे कांग्रेस की फजीहत करवा चुके हैं।

गौरतलब है कि राज्य में विपक्षी दल आम आदमी पार्टी ने ऐलान किया था कि अगर वह आगामी चुनावों के बाद सरकार में आई तो फ्री बिजली और पानी का इंतजाम करेगी। ऐसे में कांग्रेस सरकार की कोशिश है कि वह अपने विपक्षियों को जनता के बीच कोई खास मौका न दे इसीलिए पंजाब में कांग्रेस पार्टी ने एक दलित चरनजीत सिंह चन्नी को सीएम की कुर्सी पर बैठाया और इधर यूपी में मायावती ने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोल दिया। कांग्रेस और बसपा का दलित वोट बैंक से रिश्ता ही ऐसा है। एक का प्लस दूसरे का माइनस बन जाता है। दलित पहले कांग्रेस के साथ थे। जैसे जैसे उसका साथ छोड़ते गये, बसपा के साथ जुड़ते गये। इसीलिए कांग्रेस खत्म होती गयी और बसपा खिलती गयी। अब मायावती सशंकित रहती हैं कि कहीं दलित फिर से न कांग्रेस की ओर रूख कर लें। कांग्रेस की यही लालसा है कि उसका घर फिर से दलित बसा दें। झगड़ा इसी का है। पंजाब और यूपी में अगले साल एक साथ विधानसभा के चुनाव होने हैं। पंजाब में तो कांग्रेस ने दलित कार्ड चल दिया है लेकिन, इसे यूपी में भी खूब प्रचारित किया जायेगा। दलित वोट बैंक की गोलबंदी के लिए कांग्रेस पार्टी यूपी की अपनी रैलियों और सभाओं में भी इसे जोर जोर से बताएगी कि उसने एक दलित को सीएम बनाया।
दलित वोट बैंक से कांग्रेस और बसपा का क्या रिश्ता रहा है। आंकड़े बताते हैं कि 1985 के बाद से कांग्रेस का ग्राफ गिरता चला गया। 1985 में यूपी में कांग्रेस का वोट शेयर 39 फीसदी था। 1989 में ये गिरकर 29 फीसदी रह गया। 1991 में तो मात्र 18 फीसदी ही बचा। 1993 में और गिरकर 15 फीसदी पर आ टिका। यही वो चुनाव था जिसमें दलित वोटबैंक पूरी तरह कांग्रेस से टूटकर बसपा के खेमे में जा खड़ा हुआ। बसपा के आंकड़े देखिए। 1989 और 1991 के चुनाव में बसपा को मात्र 10 फीसदी वोट मिले थे लेकिन, 1993 में उसका वोट शेयर बढ़ गया। पार्टी को 28 फीसदी से ज्यादा वोट मिले। बसपा के लिए यही चुनाव टर्निंग प्वाइंट था। इस चुनाव में दलित वोट बैंक कांग्रेस से पूरी तरह टूटकर बसपा के खेमें में आ चुका था। तब से लेकर आजतक बसपा गिरती हालत में भी 20 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल करती रही है और कांग्रेस 10 फीसदी से कम (2012 के चुनाव को छोड़कर)। बता दें कि इसी के बाद बसपा को सत्ता में आने का मौका हासिल हुआ। मायावती इसी वोट बैंक के सहारे चार बार सीएम बनीं। भले ही ये कहा जाए कि मायावती को सीएम बनाने में और भी कई समुदायों का वोट बैंक शामिल रहा है लेकिन, कोर वोट बैंक तो दलित समुदाय ही माना जाता है। 
अब कांग्रेस बसपा से इस वोट बैंक की छीनाझपटी में लगी है। ऐसा होते देख मायावती भला चुप कैसे रह सकती हैं। उन्हें भी तो अपना घर बचाना है। लिहाजा वे भाजपा पर हमला बोलते-बोलते कांग्रेस को लपेटे में लेना नहीं भूलतीं। चरणजीत सिंह चन्नी के राज्य का सीएम चुने जाने के बाद हरीश रावत ने सिद्धू के चेहरे पर चुनाव लड़ने की बात कह दी। पंजाब राज्य कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पार्टी के पंजाब के प्रभारी हरीश रावत के उस बयान को लेकर असहमति जताई है। जिसमें उन्होंने (रावत) ने कहा था कि अगले वर्ष होने वाले राज्य के विधानसभा चुनाव नवजोत सिंह सिद्धू की अगुवाई में लड़े जाएंगे। 

अनुमति देने के अनुरोध को खारिज किया: एससी

अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने एनडीए की प्रवेश परीक्षा में महिला उम्मीदवारों को अगले साल से शामिल करने की अनुमति देने के केंद्र के अनुरोध को बुधवार को खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह नहीं चाहती कि महिलाओं को उनके अधिकार से वंचित किया जाए तथा महिलाओं को एनडीए में शामिल करने के लिये एक साल तक प्रतीक्षा नहीं की जा सकती।
केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया था कि महिला उम्मीदवारों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रवेश परीक्षा में बैठने की अनुमति देने वाली अधिसूचना अगले साल मई तक जारी की जाएगी। न्यायमूर्ति एस के कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए सशस्त्र बल सबसे अच्छी प्रतिक्रिया टीम है और उम्मीद है कि बिना देरी किए महिलाओं को एनडीए में शामिल करने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाएगी।

बांग्लादेश ने वेस्टइंडीज को 101 रनों से हराया

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