अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ(एनआरएआई) के मोहाली में होने वाले चुनावों से एक दिन पहले खेल मंत्रालय ने निशानेबाजी संघ को नये सिरे से चुनाव प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिये हैं। क्योंकि अध्यक्ष पद के उम्मीद्वार श्याम सिंह यादव ने चुनावों के लिये चुनाव अधिकारी नियुक्त किये जाने में ‘हितों के स्पष्ट टकराव’ का हवाला दिया है।
करवाएगा क्योंकि यह मामला दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित है और सुनवाई की अगली तारीख दिसंबर है। मौजूदा अध्यक्ष रानिंदर सिंह फिर से इस पद के लिये चुनाव लड़ रहे हैं जिसमें उन्हें यादव चुनौती दे रहे हैं। मंत्रालय के निर्देश के बाद चुनावों को अमान्य ठहराया जाना तय है।
उत्तर प्रदेश राज्य राइफल संघ के अध्यक्ष यादव की याचिका पर कार्रवाई करते हुए मंत्रालय ने आदेश दिया कि यह सुनिश्चित करने के लिये कि राष्ट्रीय खेल संहिता 2011 का उल्लंघन न हो, चुनाव अधिकारी बदला जाना चाहिए। यादव उत्तर प्रदेश के जौनपुर लोकसभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी के सांसद हैं जबकि रानिंदर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह के पुत्र हैं।
चुनाव अधिकारी न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) मेहताब सिंह गिल हैं और याचिकाकर्ता के अनुसार उनकी नियुक्ति निष्पक्ष तरीके से नहीं की गयी। मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा, ”याचिकाकर्ता ने यह भी तर्क दिया है कि चुनाव अधिकारी को पंजाब राज्य सतर्कता आयोग अधिनियम के तहत पंजाब राज्य का मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीसी) नियुक्त किया गया था। ”
इसमें कहा गया है, ”और उक्त पद के लिए उनके नाम की सिफारिश एनआरएआई के वर्तमान अध्यक्ष के एक करीबी रिश्तेदार की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति ने की है।” इस पत्र की एक प्रति पीटीआई के पास भी है। पत्र के अनुसार, ”याचिकाकर्ता ने जो बात उठायी है उससे चुनाव अधिकारी और संबंधित हितधारकों के बीच निजी और पेशेवर संबंधों से हितों का स्पष्ट टकराव नजर आता है।”
पत्र में कहा गया है, ”इसलिए एनआरएआई को नये चुनाव अधिकारी की नियुक्ति करने और भारतीय राष्ट्रीय खेल विकास संहिता 2011 के प्रावधानों के अनुरूप निष्पक्ष, उद्देश्यपूर्ण और पारदर्शी तरीके से अपनी संचालन संस्था के चुनाव कराने के लिये नयी चुनाव प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया जाता है। ”
यादव ने रानिंदर सिंह के कार्यकाल को लेकर भी आपत्ति उठायी थी लेकिन मंत्रालय ने पाया कि वह फिर से चुनाव लड़ सकते हैं। खेल संहिता के अनुसार, ‘भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) सहित किसी भी एनएसएफ (राष्ट्रीय खेल महासंघ) का अध्यक्ष अधिकतम 12 साल तक अपने पद पर रह सकता है।” इस आधार पर रानिंदर सिंह की उम्मीद्वारी वैध है क्योंकि वह 2022 के आखिर में 12 साल पूरा करेंगे। रानिंदर ने इससे पहले 2010 और 2017 के चुनावों में भी अध्यक्ष पद के चुनाव में यादव को हराया था।