बुधवार, 15 सितंबर 2021

24 से शुरू होगा आईफोन 13 प्रो मैक्स का ऑर्डर

अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। भारत में प्रीमियम मोबाइल फोन एप्पल के दीवाने 24 सितंबर से आईफोन 13, आईफोन 13 मिनी, आईफोन 13 प्रो और आईफोन 13 प्रो मैक्स हासिल कर सकेंगे, जिनकी शुरुआती कीमत 69,900 रुपये से शुरू है। एप्पल ने एक बयान में कहा, ”ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, जर्मनी, भारत, जापान, ब्रिटेन, अमेरिका और 30 से अधिक अन्य देशों तथा क्षेत्रों के ग्राहक आईफोन 13 प्रो और आईफोन 13 प्रो मैक्स का प्री-ऑर्डर दे सकते हैं, जिसकी आपूर्ति 24 सितंबर शुक्रवार से शुरू होगी।”
एप्पल ने कहा कि ग्राहक आईफोन 13 प्रो को 1,19,900 रुपये (से लेकर) में और आईफोन 13 प्रो मैक्स को 1,29,900 रुपये (से लेकर) में ऐपल के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं। आईफोन 13 की कीमत 79,900 रुपये और आईफोन 13 मिनी की कीमत 69,900 रुपये है।
एप्पल ने हाल में बताया था कि भारत और लैटिन अमेरिकी जैसे बाजारों में उसने दो अंकों की मजबूत वृद्धि हासिल की है। इसके साथ ही जून तिमाही में कंपनी की आय बढ़कर 81.4 अरब अमेरिकी डॉलर हो गई, जो एक रिकॉर्ड है।
एप्पल ने जून 2021 तिमाही में 21.7 अरब डॉलर की शुद्ध आय हासिल की, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 11.2 अरब डॉलर था। इस दौरान कंपनी की कुल बिक्री 59.6 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 81.4 अरब अमेरिकी डॉलर हो गई। ये वैश्विक आंकड़े हैं और अलग-अलग देशों के आधार पर वित्तीय आंकड़े पेश नहीं किए।

1 सैकड़ा से भी अधिक इंस्पेक्टरों के तबादले किए

हरिओम उपाध्याय     
मेरठ। मेरठ परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक ने तबादला एक्सप्रेस चलाते हुए एक सैकड़ा से भी अधिक इंस्पेक्टरों के तबादले कर दिए हैं। थोक के भाव किए गए इंस्पेक्टरों के इन तबादलों से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।
बुधवार को मेरठ परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार की ओर से पिछले काफी समय से एक ही जनपद में जमा सौ से भी अधिक इंस्पेक्टरों के तबादले किए गए हैं। बड़े पैमाने पर किए गए इंस्पेक्टरों के तबादलों से विभाग में अफरा-तफरी की फैल गई है। पुलिस महानिरीक्षक ने जनपद मेरठ में तैनात इंस्पेक्टर अंजु सिंह को बागपत, अवधेश कुमार माहोर को मेरठ से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर आनंद प्रकाश मिश्र को मेरठ से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान सिद्दीकी को मेरठ से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर बृजेश कुमार को मेरठ से हापुड, इंस्पेक्टर अशोक कुमार को मेरठ से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर बृजेश कुमार सिंह को मेरठ से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर बृजेश कुमार कुशवाहा को मेरठ से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर भूपेंद्र सिंह को मेरठ से बागपत, इंस्पेक्टर भरत लाल शाह को मेरठ से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर धनुष कुमारी को मेरठ से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर देवेश कुमार शर्मा को मेरठ से बागपत, इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह राठौर को मेरठ से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर इंद्रपाल सिंह को मेरठ से बागपत, इंस्पेक्टर जनक सिंह को मेरठ से बागपत, इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार को मेरठ से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर किरण पाल सिंह को मेरठ से बागपत, इंस्पेक्टर मुकेश कुमार को मेरठ से बागपत, इंस्पेक्टर मनीष बिष्ट को मेरठ से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर नरेंद्र प्रसाद को मेरठ से हापुड़, इंस्पेक्टर नजीर अली खां को मेरठ से हापुड़, इंस्पेक्टर प्रहलाद सिंह यादव को मेरठ से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर प्रेमचंद शर्मा को मेरठ से बुलंदशहर, प्रदीप ढोडीयाल को मेरठ से बागपत, इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार को मेरठ से हापुड़, इंस्पेक्टर ऋषि पाल शर्मा को मेरठ से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर रघुराज सिंह गुर्जर को मेरठ से हापुड़, इंस्पेक्टर राम संजीवन को मेरठ से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर राजेंद्र कुमार त्यागी को मेरठ से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर सुबोध कुमार यादव को मेरठ से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर संध्या वर्मा को मेरठ से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर सत्यवीर सिंह को मेरठ से बागपत, इंस्पेक्टर तपेश्वर सागर को मेरठ से बागपत, इंस्पेक्टर योगेंद्र पाल को मेरठ से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर संदीप कुमार सिंह को गाजियाबाद से मेरठ, इंस्पेक्टर संजीव कुमार शर्मा को गाजियाबाद से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर अरविंद कुमार सिंह को गाजियाबाद से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर उमेश पंवार को गाजियाबाद से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर राजेश चतुर्वेदी को गाजियाबाद से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार सिंह को गाजियाबाद से हापुड, इंस्पेक्टर लक्ष्मण वर्मा को गाजियाबाद से मेरठ, इंस्पेक्टर अनिल कुमार शाही को गाजियाबाद से मेरठ, इंस्पेक्टर विष्णु कुमार कौशिक को गाजियाबाद से मेरठ, इंस्पेक्टर नीरज कुमार सिंह को गाजियाबाद से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर अशोक पाल सिंह को गाजियाबाद से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर दलीप सिंह को गाजियाबाद से हापुड़, इंस्पेक्टर बबीता तोमर को गाजियाबाद से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर राजीव कुमार को गाजियाबाद से मेरठ, इंस्पेक्टर रण सिंह को गाजियाबाद से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर ओमप्रकाश सिंह को गाजियाबाद से बागपत, इंस्पेक्टर मदन पाल को गाजियाबाद से बागपत, इंस्पेक्टर शैलेंद्र प्रताप सिंह को गाजियाबाद से मेरठ, इंस्पेक्टर अजय कुमार सिंह को गाजियाबाद से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर संजय कुमार पांडे को गाजियाबाद से हापुड़ इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह बेचारे को गाजियाबाद से मेरठ, इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह को गाजियाबाद से हापुड़, इंस्पेक्टर सुनीता राणा को गाजियाबाद से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर मोहम्मद असलम को गाजियाबाद से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह बिष्ट को गाजियाबाद से मेरठ, इंस्पेक्टर हरिओम सिंह को गाजियाबाद से मेरठ, इंस्पेक्टर ओम प्रकाश आर्य को गाजियाबाद से बागपत, इंस्पेक्टर प्रतिभा सिंह को गाजियाबाद से मेरठ, इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार को गाजियाबाद से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर शैलेंद्र मुरारी दीक्षित को गाजियाबाद से बागपत, इंस्पेक्टर मिथिलेश कुमार उपाध्याय को गाजियाबाद से हापुड़, इंस्पेक्टर अल्ताफ अंसारी को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर आनंद कुमार गौतम को बुलंदशहर से मेरठ, इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार शर्मा को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर योगेंद्र सिंह को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर नरेश कुमार शर्मा को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर राजेश कुमार रोहिल्ला को बुलंदशहर से गाजियाबाद, जितेंद्र कुमार तिवारी को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार गौड़ को बुलंदशहर से मेरठ, इंस्पेक्टर महेश राठौर को बुलंदशहर से मेरठ, इंस्पेक्टर सत्येंद्र कुमार को बुलंदशहर से मेरठ, इंस्पेक्टर ब्रजकिशोर को बुलंदशहर से मेरठ, इंस्पेक्टर जयवीर सिंह को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर दिनेश चंद्र शर्मा को बुलंदशहर से मेरठ, इंस्पेक्टर नरेंद्र कुमार शर्मा को बुलंदशहर से मेरठ, इंस्पेक्टर अवधेश कुमार त्रिपाठी को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर राज किशोर को बुलंदशहर से हापुड़, इंस्पेक्टर योगेंद्र कुमार को बुलंदशहर से हापुड़, इंस्पेक्टर विवेक शर्मा को बुलंदशहर से मेरठ, इंस्पेक्टर बच्चन सिंह को बुलंदशहर से हापुड़, इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार सिंह को बुलंदशहर से मेरठ, इंस्पेक्टर वेद राम को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर कटार सिंह को बुलंदशहर से मेरठ, इंस्पेक्टर रमाकांत यादव को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर रामवीर सिंह को बुलंदशहर से मेरठ, इंस्पेक्टर योगेंद्र मलिक को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर दीक्षित कुमार त्यागी को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर धनेंद्र कुमार यादव को बुलंदशहर से हापुड़, इंस्पेक्टर ध्रुव भूषण दुबे को बुलंदशहर से हापुड, इंस्पेक्टर राजेश कुमार यादव को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर सचिन कुमार को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर अरविंद कुमार को बागपत से मेरठ, इंस्पेक्टर शिव प्रकाश सिंह को बागपत से मेरठ, इंस्पेक्टर चमन प्रकाश शर्मा को बागपत से मेरठ, इंस्पेक्टर संजीव कुमार को बागपत से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर मुनेंद्र पाल सिंह को बागपत से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर अवधेश कुमार को बागपत से मेरठ, इंस्पेक्टर अजय कुमार शर्मा को बागपत से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर संतोष कुमार को हापुड़ से मेरठ, इंस्पेक्टर कौशलेंद्र यादव को हापुड़ से मेरठ, इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह को हापुड़ से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर दिनेश सिंह यादव को हापुड़ से मेरठ, इंस्पेक्टर आदेश गौड को हापुड़ से मेरठ, इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सक्सेना को हापुड़ से मेरठ, इंस्पेक्टर उत्तम सिंह राठौर को हापुड़ से मेरठ, इंस्पेक्टर राजपाल सिंह को हापुड से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर राजेंद्र कुमार को हापुड से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर योगेश बालियान को हापुड से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर अजय कुमार को हापुड़ से गाजियाबाद तथा इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह को हापुड से तबादला करते हंए बुलंदशहर भेजा गया है।

कामकाजी महिलाओं का प्रतिशत लगातार बढ़ा

रांची। महिला सशक्तीकरण के दौर में महिलाओं में कामकाजी महिलाओं का प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है। वे स्वावलंबी हो रही हैं और इससे पारिवारिक आर्थिक ढांचे में सुधार भी हो रहा है। मगर इसका खमियाजा महिलाओं की सेहत को भुगतना पड़ रहा है। दिल्ली, मुंबई समेत देश के सात बड़े शहरों में किए गए एक सर्वे में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। 'द इंडियन विमिन हेल्थ'  की वर्ष 2021 की रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में कामकाजी महिलाओं की सेहत ठीक नहीं है। करीब 67 प्रतिशत महिलाएं अपनी सेहत से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा करने से भी हिचकती हैं। नि:संदेह वे घुट-घुटकर अपनी व्याधियों और रोगों से मुकाबला कर रही होंगी।
 59% महिलाएं सेहत संबंधी समस्याओं से छोड़ देती हैं नौकरी
रिपोर्ट के अनुसार 22 से 55 वर्ष की उम्र की 59 प्रतिशत कामकाजी महिलाएं अपनी सेहत संबंधी परेशानियों के कारण नौकरी छोड़ देती हैं। दूसरा कारण बॉस का अच्छा व्यवहार नहीं होना। 90% महिलाओं को पारिवारिक दायित्व के कारण परेशानी होती है। 52% प्रतिशत महिलाओं के पास नौकरी और फैमिली रिस्पांसिबिलिटी के साथ खुद को स्वस्थ रखने का समय नहीं मिलता।
रिपोर्ट के अनुसार देश में महिलाएं वर्कप्लेस पर सेहत से जुड़ी समस्याओं - पीरियड्स ब्रेस्ट कैंसर गर्भाशय समेत कई समस्याओं पर बात करने से हिचकी जाती है। महिलाओं का कहना है कि जब हमारी सेहत की बात आती है, तो 80 फ़ीसदी पुरुष सहयोगी संवेदनशील नहीं होते हैं।
दोहरा बोझ झेल रही हैं कामकाजी महिलाएं।
क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ भाग्यश्री कर का कहना है कि सिर्फ लाइफस्टायल डिसॉर्डर ही नहीं बल्कि कामकाजी महिलाएं अन्य बीमारियों की चपेट में जल्दी आ जाती हैं। सेहत के प्रति लापरवाही भी इसके लिए जिम्मेदार है। लापरवाही की बात को नकारते हुए कविता दास नौकरी और घर के बीच सामंजस्य को मुश्किल मानती हैं। उनके अनुसार, "खुद के सेहत के लिए समय निकाल पाना मुश्किल है। खासतौर पर जब सास ससुर भी साथ रहते हैं।
 डॉ भाग्यश्री के अनुसार देश में महिलाओं में पॉलीसिस्टिस ओवेरिन सिंड्रोम यानी पीसीओएस की शिकायतें भी बढ़ रही हैं. यह समस्या कामकाजी महिलाओं में ज्यादा पायी जाती है. वे कहती हैं कि पीसीओएस से ग्रस्त हो जाने पर मरीज बार-बार बीमार पड़ता है। इससे महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। दोहरी जिम्मेदारियों की बोझ के चलते तनाव एवं अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से घिर चुकी महिलाओं को अब अपने लिए समय निकालने की जरूरत है।
महिला सशक्तीकरण के दौर में महिलाओं में कामकाजी महिलाओं का प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है। वे स्वावलंबी हो रही हैं और इससे पारिवारिक आर्थिक ढांचे में सुधार भी हो रहा है। मगर इसका खमियाजा महिलाओं की सेहत को भुगतना पड़ रहा है। इस सीजन में दूसरी बार खोला गया कांके डैम का फाटक, खतरे के निशान पर पहुंचा पानी।
इस मानसून सीजन में कांके (गोंदा) डैम का फाटक दूसरी बार खोला गया। इसके पहले 29 जुलाई को डैम का लेबल 27 फीट क्रॉस करने पर खोला गया था। बुधवार को अहले सुबह डैम का लेबल 27.8 फीट हो जाने पर तीनों फाटक खोल दिया गया। फिलहाल डैम का लेबल 27.2 फीट पर स्थिर बना हुआ है।  डैम की क्षमता 28 फीट है, मगर साढ़े 27 क्रॉस करने पर इसे सुरक्षा के लिहाज से खोल दिया जाता है।

रोहित शर्मा को कप्तान बनाए जाने का समर्थन किया

अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से लिमिटिड ओवर्स क्रिकेट में विराट कोहली की कप्तानी को लेकर सवालों का दौर चल रहा है। बीसीसीआई हालांकि कोहली के कप्तान बने रहने की बात कह चुका है। लेकिन भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी मदन लाल ने कोहली की बजाए रोहित शर्मा को कप्तान बनाए जाने का समर्थन किया है। मदन लाला का दावा है कि इस कदम से विराट कोहली का दबाव कम होगा।
मदन लाल ने कहा कि रोहित शर्मा के पास कप्तानी का अच्छा अनुभव है। उन्होंने कहा, ''यह एक अच्छा विकल्प होगा। हम लोग फिलहाल बेहतर स्थिति में हैं। हम लोग भाग्यशाली हैं कि हमारे पास रोहित शर्मा हैं और जब भी विराट कोहली को लगे कि वह एक या दो फॉर्मेट में ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं, उस वक्त रोहित आ सकते हैं और उनके पास काफी अनुभव है।
मिलने की बात कही है. पूर्व खिलाड़ी ने कहा, "मुझे लगता है कि इससे भारत को फायदा मिलेगा। मैंने पढ़ा है कि कोहली शायद वनडे और टी20 की कप्तानी छोड़ेंगे क्योंकि वह अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं जो अच्छी योजना है। मुझे नहीं पता यह महज अफवाह है या क्या है लेकिन विभाजित कप्तानी की योजना भारत को फायदा पहुंचाएगी। यह निर्भर करता है कि कोहली फिलहाल क्या सोच रहे है। भारत एक टीम के रूप में अच्छा कर रही है और यह हमने हाल ही में इंग्लैंड में देखा है। देखना होगा क्या होता है।
कोहली के टी20 वर्ल्ड कप के बाद लिमिटिड ओवर्स से कप्तानी छोड़ने का दावा किया गया था। लेकिन बीसीसीआई ने इन खबरों को खारिज कर दिया। बीसीसीआई ने कहा जब तक टीम विराट कोहली की अगुवाई में अच्छा प्रदर्शन कर रही है तब तक कप्तान बदलने का सवाल ही पैदा नहीं होता है।

बॉलीवुड में कमबैक करने जा रहे अभिनेता फरदीन

कविता गर्ग        

मुंबई। जाने-माने अभिनेता फरदीन खान बॉलीवुड में कमबैक करने जा रहे हैं। फरदीन खान काफी समय से फिल्मों से दूर हैं। फरदीन बॉलीवुड में कमबैक करने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि फरदीन ने अपनी अगली फिल्म भी साइन कर ली है। फरदीन की इस कमबैक फिल्म को संजय गुप्ता बनाने जा रहे हैं। इस फिल्म का नाम 'विस्फोट' होगा और इसमें फरदीन के साथ रितेश देशमुख भी नजर आएंगे। इससे पहले फरदीन खान वर्ष 2010 में प्रदर्शित फिल्म 'दूल्हा मिल गया' में नजर आए थे। फरदीन की यह कमबैक फिल्म वेनुजुएला की 2012 में रिलीज हुई फिल्म 'रॉक, पेपर, सिजर्स' का ऑफिशल हिंदी रीमेक है।

अफगानिस्तान पर नियंत्रण से चिंता में हैं सऊदी

नई दिल्ली/ रियाद/ काबुल। भारत के सहयोगी दो बड़े खाड़ी देश सऊदी अरब और यूएई तालिबान के अफगानिस्तान पर नियंत्रण से चिंता में हैं। ये मसला सऊदी अरब के लिए कितना अहम है कि इस हफ्ते के अंत में सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैजल बिन फरहान के भारत का दौरा करने की उम्मीद है।

दरअसल, ये देश अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के गठन और उसे कानूनी मान्यता देने में कतर की भूमिका को लेकर परेशान हैं। सऊदी अरब का मानना है कि तालिबान के आने के बाद क्षेत्र में सिक्युरिटी से जुड़े मसले पैदा हो सकते हैं।

दोनों खाड़ी देश अफगानिस्तान में कतर, पाकिस्तान और तुर्की की सक्रिय भूमिका को लेकर चिंता में है। पाकिस्तान ने अपनी कमर्शियल फ्लाइट्स का संचालन काबुल के लिए शुरू कर दिया है। काबुल एयरपोर्ट के टेक्निकल ऑपरेशन का जिम्मा कतर संभाल रहा है, जबकि तालिबान सरकार सिक्युरिटी का जिम्मा तुर्की आर्मी को देने के बारे में सोच रही है।  

राजनीति: इजरायल ने ईरान पर लगाया बड़ा इल्ज़ाम

येरूशलम। इजरायल ने ईरान पर बड़ा इल्ज़ाम लगाया है। इजरायल ने कहा है कि ईरान, इशफहान शहर के करीब स्थित एक एयरबेस पर विदेशी लड़ाकों को ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग दे रहा है। इजरायल के रक्षा मंत्री की तरफ से यह आरोप ईरान पर ऐसे समय में लगाया गया है। जब एक महीने पहले ही तेहरान पर ओमान में इजरायली टैंकर पर ड्रोन हमले का शक किया गया था।

इजरायल के रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज के ऑफिस की तरफ से उनके बयान को नया खुलासा करार दिया गया है। गैंट्ज ने रविवार को कहा था कि ईरान काशान एयरबेस का प्रयोग कर रहा है। उनका कहना था कि इशफहान के उत्तर में स्थित इस एयरबेस पर यमन, इराक, सीरिया और लेबनान के आतंकियों को ईरान के बने ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। उन्होंने इसके साथ ही यह भी कहा है कि ईरान इस बात की जानकारी भी दे रहा है कि गाजा पट्टी पर यूएवी को मैन्युफैक्चर करने की मंजूरी कैसे मिलेगी।

गैंट्ज ने तेल अवीव के करीब राशमैन यूनिवर्सिटी में एक कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बात कही है। गैंट्ज के ऑफिस की तरफ से कुछ सैटेलाइट तस्वीरों का हवाला दिया गया है। जिसमें काशान के रनवे पर कुछ यूएवी नजर आ रहे हैं। अभी तक ईरान ने इस पर कोई भी टिप्पणी नहीं की है।  

नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं

नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिला अधिकारी उमेश मिश्रा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक ...