गुरुवार, 9 सितंबर 2021

‘इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड’ का उद्घाटन किया: राजनाथ

इकबाल अंशारी           
जयपुर। राजस्थान केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी ने राजस्थान के बाड़मेर के गंधव भाकासर खंड में राष्ट्रीय राजमार्ग-925 पर भारतीय वायु सेना (आईएएएफ) के विमानों के लिए ‘इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड’ (ईएलएफ) का बृहस्पतिवार को उद्घाटन किया। आईएएएफ के एक हरक्यूलिस सी-130जे विमान ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजमार्ग पर ‘मॉक इमरजेंसी लैंडिंग’ की। इस दौरान दोनों मंत्री और प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत विमान में सवार थे।
यह एनएच-925ए राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारतीय वायुसेना के विमानों के लिए बना पहला ‘इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड’ है। दोनों मंत्रियों ने ‘एनएच-925’ पर तैयार आपातकालीन लैंडिंग सुविधा पर कई विमानों के संचालन को देखा। सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान और आईएएफ के एएन-32 सैन्य परिवहन विमान और एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर ने भी ईएलएफ पर ‘इमरजेंसी लैंडिंग’ की।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने भारतीय वायु सेना के लिए आपातकालीन स्थिति में विमान उतारने के वास्ते एनएच-925ए के सट्टा-गंधव खंड के तीन किलोमीटर के हिस्से पर ‘ईएलएफ’ का निर्माण किया है। यह सुविधा भारतमाला परियोजना के तहत गगरिया-बखासर और सट्टा-गंधव खंड के नव विकसित ‘टू-लेन पेव्ड शोल्डर’ का हिस्सा है, जिसकी कुल लंबाई 196.97 किलोमीटर है और इसकी लागत 765.52 करोड़ रुपये है।
‘पेव्ड शोल्डर’ उस भाग को कहा जाता है, जो राजमार्ग के उस हिस्से के पास हो जहां से वाहन नियमित रूप से गुजरते हैं । बयान में कहा गया कि यह परियोजना अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित बाड़मेर और जालौर जिलों के गांवों के बीच सम्पर्क में सुधार करेगी। इसके पश्चिमी सीमा क्षेत्र में स्थित होने से भारतीय सेना को निगरानी करने में मदद के साथ-साथ बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में भी सहायता मिलेगी।
ऐसा पहली बार होगा जब भारतीय वायु सेना (आईएएफ) द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग का इस्तेमाल आपात स्थिति में विमान उतारने के लिए किया जाएगा। ईएलएफ का निर्माण 19 महीने के अंदर पूरा किया गया है। इसका निर्माण कार्य जुलाई 2019 में शुरू किया गया था और जनवरी 2021 में यह सम्पन्न हो गया। आईएएफ और एनएचएआई की देखरेख में ‘जीएचवी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ ने इसका निर्माण किया है।

केंद्र बदलने की अनुमति देने पर इनकार किया

अकांशु उपाध्याय                 
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय प्रवेश एवं पात्रता परीक्षा (नीट) पीजी 2021 के लिए केंद्र बदलने की अनुमति दिये जाने संबंधी याचिका की सुनवाई से गुरुवार को इनकार कर दिया।
याचिकाकर्ता डॉक्टरों ने नेशनल बोर्ड ऑफ एक्जामिनेशन (एनबीई) द्वारा परीक्षा केंद्र बदलने की अनुमति दिये जाने तक परीक्षा के आयोजन पर रोक संबंधी दिशानिर्देश जारी करने का अनुरोध किया था।
न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की खंडपीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि देश में कोरोना की स्थिति में सुधार हो रहा है और मामूली यात्रा प्रतिबंध शेष हैं।
न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हो रही वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा की उन दलीलों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि केरल और देश के अन्य हिस्सों में कोरोना के मामलों में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है।

जमीन विवाद को लेकर झगड़े में 1 वृद्ध की मौंत

हरिओम उपाध्याय              
जौनपुर। उत्तर प्रदेश में जौनपुर जिले के बदलापुर क्षेत्र में दो पक्षों के बीच जमीन विवाद को लेकर हुए झगड़े में एक वृद्ध की मृत्यु हो गई। जबकि दोनो पक्षों के 17 लोग घायल हो गये।
पुलिस सूत्रों के अनुसार जिले में बदलापुर खुर्द गांव निवासी लालजी और दूसरे पक्ष के जयनाथ के बीच पट्टे की भूमि को लेकर बुधवार को विवाद हो गया था। विवाद बढ़ने पर दोनों पक्षों के लोगों ने एक दूसरे पर लाठी-डंडे व धारदार हथियार से हमला कर दिया। इस 18 लोग घायल गए। सभी घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बदलापुर पहुंचाया गया। जहां गंभीर रूप से घायल शीतला प्रसाद, लालजी, संजय, विशाल और मुलेमा को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि हालत गंभीर देखते हुए 60 वर्षीय शीतला को जिला अस्पताल से वाराणसी रेफर कर दिया गया। जहां इलाज के दौरान गुरुवार सुबह उसकी मृत्यु हो गई। इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार मिश्र ने बताया कि दोनों पक्ष की तरफ से तहरीर दी गई है। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है

सोनाक्षी के साथ काम करते नजर आयेंगे अक्षय

कविता गर्ग             
मुंबई। बॉलीवुड के खिलाड़ी कुमार अक्षय कुमार फिल्म 2 एक्स.एल में सोनाक्षी सिन्हा के साथ काम करते नजर आयेंगे।
अक्षय कुमार ने फिल्म निर्देशक मुदस्सर अजीज की अगली फिल्म भी साइन कर ली है। फिल्म का नाम 2 एक्स.एल होगा। इस फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा भी अहम किरदार निभाती नजर आयेंगी। इस फिल्म का निर्माण अश्विन वर्दे करेंगे।
बताया जा रहा है कि फिलम 2 एक्स. एल. के लिए अक्षय कुमार अपना लुक चेंज करेंगे। यह फिल्म एक मोटे व्यक्ति की कहानी होगी। अक्षय कुमार मेकअप की मदद से मोटे व्यक्ति का रूप धारण करेंगे और फैंस को बड़ा सरप्राइज देंगे।

अस्पताल में आग लगने से 14 लोगों की मौंत हुईं

स्कोप्जे। उत्तरी मेसिडोनिया के पश्चिमोत्तर शहर टेटोवो में स्थित एक कोविड-19 अस्पताल में भीषण आग लगने से कम से कम 14 लोगों की मौत हो गयी।
अल्साट न्यूज चैनल के मुताबिक आग को काबू में करने के लिए 30 दमकलकर्मियों तथा सात वाहनों का इस्तेमाल किया। वहीं स्वास्थ्य मंत्री वेंको फिलिप्स ने बताया कि आग को बुझा दिया गया है तथा इस हादसे में जख्मी हुए लोगों को बेहतर उपचार के देश की राजधानी स्कोप्जे भेजा गया है।

बीमारियों से बचाने में वाइन पीना बेहद फायदेमंद

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। वाइन और दिल के बीच के रिश्ते को नकारा नहीं जा सकता है। वैज्ञानिक शोधों में भी ये बात स्पष्ट की गई है कि लोअर हार्ट की बीमारियों से बचाने में वाइन पीना फायदेमंद साबित होता है। अब ताज़ा रिसर्च के मुताबिक एल्कोहॉल फ्री वाइन पीना भी दिल को उतना ही फायदा देने वाला है, जितना एल्कोहॉल वाली रेड वाइन देती है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक एल्कोहॉल फ्री वाइन भी सेहत को उतना ही फायदा देती हैं, जितनी एल्कोहॉल वाली वाइन। ये बात हैं की ओर से किए गए एक शोध में बताई गई है। इनके शरीर पर सीमित मात्रा में एल्कोहॉल लेने के प्रभाव देखे जा रहे थे।
रिसर्च में 40 से 69 साल की उम्र के 4 लाख 50 हज़ार लोगों को शामिल किया गया था।  शोध में पाया गया कि उन लोगों में दिल की बीमारी का खतरा कम पाया गया, जिन्होंने एक हफ्ते में 11 ग्लास वाइन पी थी। इन लोगों में ड्रिंक नहीं करने वाले और ज्यादा ड्रिंक करने वाले से 40 फीसदी कम कोरोनरी हार्ट डिज़ीज़ का खतरा था। ऐसा ही रिजल्ट उन लोगों में भी देखने को मिला, जो रोज़ाना नॉन एल्कोहॉल वाली वाइन पी रहे थे। ऐसा इसलिए था, क्योंकि वाइन की खूबियां एल्कोहॉल से नहीं, बल्कि अंगूर के ज़रिये आ रही थीं। अंगूर में पाए जाने वाले हाई एंटी ऑक्सीडेंट्स या पॉलीफेनल्स के चलते दिल की इनर लाइनिंग अच्छे से फंक्शन करने लगती है।
शोध में पाया गया कि जिन लोगों ने हफ्ते में 8-11 ग्लास रेस वाइन पी, उनमें दिल की बीमारी का खतरा कम हुआ। ठीक ऐसा ही उन लोगों के साथ भी हुआ, जिन्होंने एल्कोहॉल फ्री वाइन पी. मुख्य रिसर्चर डॉक्टर रुलोल्फ  का कहना है कि अंगूर से बनी हुई एल्कोहॉल और दिल के बीच के अच्छे रिश्ते को नकारा नहीं जा सकता है। ऐसा ही एल्कोहॉल फ्री वाइन के साथ भी है, क्योंकि पॉलीफेनल्स दोनों ही वाइन में पाए जाते हैं। हालांकि रिसर्च में ये बात भी कही गई है कि जो लोग बियर, साइडर और स्पिरिट जैसी चीज़ें पीते हैं, उनमें कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

 

वास्तुशास्त्र के लिए भी पौधे का इस्तेमाल किया

अकांशु उपाध्याय                  
नई दिल्ली। बोन्साई प्लांट एक ऐसा पौधा, जिसको आजकल लोगों का गुडलक माना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि आप इस पौधे के जरिए अच्छी कमाई कर सकते है। आज हम आपको बताएंगे कि आप कैसे इस पौधे की खेती कर सकते हैं और इसके लिए आपको कितने रुपए खर्च करने होंगे। आपको बता दें आजकल सजावट और गुडलक के अलावा ज्योतिष शास्त्र, वास्तुशास्त्र के लिए भी इस पौधे का इस्तेमाल किया जा सकता है। केंद्र सरकार भी इस खेती के लिए आर्थिक सहायता देती है।
बता दें आप इस बिजनेस को 20 हजार रुपये में भी शुरू कर सकते हैं फिलहाल शुरुआत में आप इसे अपनी जरूरत के हिसाब से छोटे या बड़े लेवल पर शुरु करें। इसके बाद प्रॉफिट और सेल बढ़ने पर आप बिजनेस का आकार बढ़ा सकते हैं। आजकल इसको लकी प्लांट के रुप में काफी इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल घर और ऑफिस में सजावट के लिए भी किया जाता है।  इसकी वजह से आजकल इनकी डिमांड काफी ज्यादा है। आजकल बाजार में इन पौधों की कीमत 200 रुपये से लेकर करीब 2500 रुपये तक हो सकती है। इसके अलावा बोनसाई प्लांट के शौकीन लोग इसकी मुंह मांगी कीमत भी देने के लिए तैयार रहते है।
पहला तरीके में आप बहुत ही कम पूंजी से इस बिजनेस को शुरू कर सकती है।
 लेकिन इसमें आपको थोड़ा समय लगेगा। क्योंकि बोनसाई प्लांट को तैयार होने में कम से कम दो से पांच साल का समय लगता है. इसके अलावा आप नर्सरी से तैयार प्लांट लाकर उन्हें 30 से 50 परसेंट अधिक कीमत पर भी बेच सकती है।
इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको साफ पानी, रेतीली मिट्टी या रेत, गमले व कांच के पॉट, जमीन या छत , 100 से 150 वर्ग फुट, साफ कंकड़ या कांच की गोलियां, पतला तार, पौध पर पानी छिड़कने के लिए स्प्रे बॉटल, शेड बनाने के लिए जाली. बता दें अगर आप ये बिजनेस छोटे पैमाने पर शुरू करेंगे तो करीब 5 हजार रुपये का निवेश होगा। वहीं, थोड़ा स्केल बढ़ाएंगे तो 20 हजार तक का खर्च आएगा। तीन साल में औसतन 240 रुपये प्रति प्लांट की लागत आएगी, जिसमें से 120 रुपये प्रति प्लांट सरकारी सहायता मिलेगी। नार्थ ईस्ट को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में इसकी खेती के लिए 50 फीसदी सरकार और 50 फीसदी किसान लगाएगा। 50 फीसदी सरकारी शेयर में 60 फीसदी केंद्र और 40 फीसदी राज्य की हिस्सेदारी होगी। जबकि नार्थ ईस्ट में 60 फीसदी सरकार और 40 फीसदी किसान लगाएगा। 60 फीसदी सरकारी पैसे में 90 फीसदी केंद्र और 10 फीसदी राज्य सरकार का शेयर होगा। जिले में इसका नोडल अधिकारी आपको पूरी जानकारी दे देगा।
जरूरत और प्रजाति के हिसाब से एक हेक्टेयर में 1500 से 2500 पौधे लगा सकते हैं। अगर आप 3 गुणा 2.5 मीटर पर पौधा लगाते हैं तो एक हेक्टेयर में करीब 1500 प्लांट लगेंगे। साथ में आप दो पौधों के बीच में बची जगह में दूसरी फसल उगा सकते हैं। 4 साल बाद 3 से 3.5 लाख रुपये की कमाई होने लगेगी। 
हर साल रिप्लांटेशन करने की जरूरत नहीं। क्योंकि बांस की पौध करीब 40 साल तक चलती है। दूसरी फसलों के साथ खेत की मेड़ पर 4 गुणा 4 मीटर पर यदि आप बांस लगाते हैं तो एक हेक्टेयर में चौथे साल से करीब 30 हजार रुपए की कमाई होने लगेगी। इसकी खेती किसान का रिस्क फैक्टर कम करती है। क्योंकि किसान बांस के बीच दूसरी खेती भी कर सकता है।

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