शुक्रवार, 3 सितंबर 2021

तालिबान ने वाहनों को नष्‍ट करने का आरोप लगाया

वाशिंगटन डीसी/ काबुल। तालिबान ने अमेरिका पर जानबूझकर काबुल एयरपोर्ट पर मौजूद विमानों और अन्‍य वाहनों को नष्‍ट करने का आरोप लगाया है। तालिबान ने कहा है कि ये सब कुछ बदनीयती की वजह से किया गया है। आरियाना न्‍यूज के हवाले से एजेंसी ने बताया कि अमेरिकी वायु सेना के आखिरी विमान के काबुल से उड़ान भरने के बाद तालिबानी आतंकियों ने काबुल एयरपोर्ट पर अपना कब्‍जा कर लिया था।

इसके बाद वहां पर तालिबान का प्रवक्‍ता जबीहुल्‍ला मुजाहिद्दीन अपने साथियों के साथ वहां पर आया था। उसने तालिबान के आतंकियों को वहां पर संबोधित किया था। उसने कहा था कि आखिरकार आज देश अमेरिका से पूरी तरह से आजाद हो गया है। ये खुशी का दिन है। मुजाहिद्दीन समेत दूसरे तालिबानी नेताओं ने एयरपोर्ट का जायजा भी लिया था और वहां पर मौजूद विमानों और हेलिकॉप्‍टरों की भी जांच की थी।

आपको बता दें कि अमेरिका अपने पीछे हजारों की संख्‍या में वाहन, बख्‍तरबंद गाड़ियां, हथियार काबुल में ही छोड़ गया है। जाने से पहले उसने काबुल एयरपोर्ट पर मौजूद वाहनों को बर्बाद कर दिया था। यही हाल उसने विमानों का किया। जाने से पहले विमानों को उड़ान भरने के काबिल नहीं छोड़ा गया। हेलिकॉप्‍टर्स के न सिर्फ बाहरी शीशे को तोड़ दिया गया, बल्कि उन्‍हें तकनीकी रूप से भी निष्क्रिय कर दिया गया था। अमेरिका ने जाने से पहले अपने अत्‍याधुनिक रॉकेट डिफेंस सिस्‍टम को भी नष्ट कर दिया था।

5 सितंबर को आयोजित होगीं किसान महापंचायत

हरिओम उपाध्याय          

मुजफ्फरनगर। संयुक्त राष्ट्रीय किसान मोर्चा के तत्वाधान में आगामी 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर जिला मुख्यालय पर आयोजित की जा रही किसान महापंचायत को लेकर पूरे देश की निगाहें मुजफ्फरनगर पर लगी हुई है। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ संजीव बालियान को लेकर बड़ा बयान दिया है।

राजधानी दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसी राजनीतिक दल के गठन के सवाल पर कहा कि वह ऐसी बीमारी नहीं पालते हैं। उन्होंने कहा कि आज पूरा मुजफ्फरनगर वहां पर पहुंचने वाले किसानों के स्वागत के लिए पूरी तरह से तैयार है। केंद्रीय राज्य मंत्री और मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट के सांसद संजीव बालियान को लेकर जब भाकियू नेता राकेश टिकैत से पूछा गया कि वह भी तो मुजफ्फरनगर की ही है। जिन्होंने फुगाना थाने में कहा था कि कप्तान साहब आप बीच में से हट जाओ, तो तपाक से राकेश टिकैत ने कहा कि महापंचायत में जाने वाले लोग तो उनके घर पर भी जाएंगे। लोग उनके घर पर खाना भी खाएंगे और पंचायत में भी शामिल होंगे।

उन्होंने कहा कि जब लोग उनके घर पर जाएंगे तो केंद्रीय मंत्री की जिम्मेदारी है कि वह दरवाजे पर आने वाले लोगों का स्वागत करें। भाकियू नेता ने कहा है कि घर पर आए अपने मेहमान को कोई ऐसे ही थोड़े नाराज कर देगा। महापंचायत में आने वाले लोगों की व्यवस्था की सबकी जिम्मेदारी है। भाकियू नेता ने मीडियाकर्मियों से कहा कि आप केंद्रीय मंत्री के आवास पर जाकर देख लेना वहां पर किसानों के खाने पीने लिये भटटी चढी हुई मिलेगी।

बहराइच में बाढ़ प्रभावित जिलों का निरीक्षण किया

हरिओम उपाध्याय         

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को देवीपाटन मंडल के गोण्डा व बलरामपुर के अलावा बहराइच में बाढ़ प्रभावित जिलों का निरीक्षण किया और पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित की। गोण्डा और बलरामपुर जिलों में घाघरा सरयू व राप्ती नदियों मे आयी बाढ़ से प्रभावित गांव का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्रकारों से कहा कि प्रदेश के 15 जिले बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ से बचाव के लिये नदियों पर बने सभी तटबंधों पर युद्धस्तर पर मरम्मत कार्य चल रहा है। सभी बंधों के सुरक्षित होने से बाढ़ की स्थिति फिलहाल सामान्य है।

उन्होनें कहा कि नेपाल के पानी से राप्ती, घाघरा व सरयू नदियां उफान पर है। बाढ़ से प्रभावित परिवारों को जिला प्रशासन द्वारा नावों द्वारा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी, जल पुलिस की मोटरबोटों से राहत सामग्रियां पहुंचायी जा रही है। इसके अलावा निचले इलाकों मे बसी गांव की आबादी को सुरक्षित ऊंचे स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नें कहा कि जलजनित रोगों की दवाइयों संग जहरीले जलचर जंतुओं के काटने पर किये जाने वाले उपचार की समुचित व्यवस्था स्वास्थ विभाग द्वारा की जा रही है। बाढ़ के कारण होने वाली मृत्यु पर मृतकों के परिजनों को चार लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। उन्होनें बताया कि नदियों की चैनलिंग से बाढ़ रोकने मे काफी मदद मिली है। उन्होनें गोण्डा जिले के तरबगंज तहसील क्षेत्र के बरौली व बलरामपुर जिले के उतरौला तहसील क्षेत्र के पालापुर गांवों मे बाढ़ से प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री वितरित की।

इससे पहले मुख्यमंत्री बहराइच के बाढ़ क्षेत्र का दौरा करने राजीचौराहा में बने हेलीपैड पर दोपहर दो बजे उतरे। उन्होने बाढ़ व कटान पीड़ितों को खाद्यान्न किट, गृह अनुदान राशि का चेक व आवास की चाबी सौंप कर उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने लोगों को भाजपा सरकार के जनकल्याणकारी योजनाओं से रूबरू कराया। 

उत्सवों के आयोजन में व्यस्त है भाजपा सरकार

हरिओम उपाध्याय          

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बाढ़ से हो रही तबाही से बेखबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार विज्ञापनी प्रचार उत्सवों के आयोजन में व्यस्त है। अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि प्रदेश के दर्जनों जिलों में नदियां उफान पर हैं। बाढ़ की विभीषिका में फंसे लोग जान-माल की गुहार लगा रहे हैं। तटबंध टूट रहे हैं, सड़क-सम्पर्क मार्ग तेज लहरों के बहाव में ध्वस्त हो रहे हैं, हर ओर तबाही है। बेबस पशु चारा-पानी को तरस रहे हें। बीमारियां फैल रही हैं। भाजपा सरकार को इधर देखने की फुर्सत नहीं है, वह आए दिन अपनी विज्ञापनी प्रचार उत्सवों के आयोजन में व्यस्त है।

उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री के गृह जिले गोरखपुर के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। छह प्रमुख नदियां यहां उफान पर हैं। यहां भरवलिया-बसावनपुर रिंग बांध टूट गया है। गोरखपुर-वाराणसी, सोनौली, गोरखपुर-लखनऊ जोड़ने वाली सड़कों पर यातायात बाधित है। कई तटबंध टूट फूट गए हैं। आमी नदी का पानी इंडियन आयल कारपोरेशन के बाटलिंग प्लांट में पानी भर जाने से प्लांट बंद हो गया है।

उत्तर प्रदेश में बलरामपुर, महाराजगंसिद्धार्थनगर गोण्डा, गोरखपुर, अयोध्या, रायबरेली, फर्रूखाबाद, कुशीनगर आदि जनपदों में बाढ़ ने ऐसा कहर मचाया है कि लोग अपने घर-गांव छोड़कर भाग रहे हैं। उन्हें जान बचाना मुश्किल हो रहा है। सैकड़ों गांवों में लोगों के घरों में पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। सैकड़ों हेक्टेयर फसल नदियों के जल प्रवाह में डूब बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोग घर की छतों पर या किसी ऊंचे स्थान पर शरण लिए हुए हैं। लोग नावों से ही इधर-उधर जा पा रहे हैं। सबसे बुरी दशा मवेशियों की है। उनकी देखभाल कौन करे जब लोगों का ही कहीं ठिकाना नहीं है। औरतों-बच्चों तथा बूढ़ों को ज्यादा ही परेशानियां उठानी पड़ रही है।

उन्हाेने कहा कि प्रदेश की जनता बाढ़ के प्रकोप से त्राहि-त्राहि कर रही है। भाजपा सरकार ने बाढ़ के हालात पर कोई गम्भीरता नहीं दिखाई है। राहत कार्य अभी तक नहीं चल रहे हैं। बाढ़गस्त इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने की सुचारू व्यवस्था नहीं है। कई जनपदों मे ज्वर और दूसरी बीमारियां भी फैल रही है जिनके इलाज के लिए कोई चिकित्सीय मदद नहीं मिल रही है। सब कुछ भगवान भरोसे है। ठीक उसी तरह जैसे कोरोना पीड़ितों की भाजपा ने कोई सुध नहीं ली थी। भाजपा सरकार पूर्णतया संवेदनशून्य है। 

वस्तुओं के वृद्धि के खिलाफ लाइन पर धरना: यूपी

बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। राज्यसभा सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह खाना पकाने की गैस, पेट्रोल-डीजल, खाने का सरसों के तेल सहित सभी जनउपयोगी आवश्यक वस्तुओं के मूल्य वृद्धि के खिलाफ 8 सितंबर 2021 दिन 12 बजे सुभाष चौराहे सिविल लाइन पर धरना देंगे।
सपा जिलाउपाध्यक्ष विनय कुशवाहा ने कहा कि " जबसे भाजपा की सरकार आयीं है, कमरतोड़ मंहगाई लायी हैं"।
आमलोगों का जीवनयापन मुश्किल होता जा रहा है।मोदी सरकार सिर्फ उधोगपतियों के हित में कार्य कर रहे हैं। इसलिए जनविरोधी भाजपा की केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ आठ सितंबर दिन बुधवार को सरकार के खिलाफ धरना देंगे। सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह सुभाष चौराहा सिविल लाइन प्रयागराज पर। 

न्यूज़ प्रकाशित किए जाने पर गंभीर चिंता व्यक्त की

अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नियामक तंत्र के अभाव में वेबसाइटों और यूट्यूब चैनल के माध्यम से फेक न्यूज़ प्रकाशित और प्रसारित किए जाने पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। अदालत ने कहा कि इससे देश की छवि को नुकसान पहुंच रहा है। गुरुवार को कोर्ट ने माना कि तबलीगी जमात मामले में मीडिया के 1 वर्ग की खबरों मैं संप्रदायिक रन जिससे देश की छवि खराब होती है। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि बिना किसी जवाबदेही के वेब पोर्टल पर सामग्री परोसी जा रही है। वे अनाप-शनाप प्रसारित कर रहे हैं। इस देश में सब कुछ एक संप्रदायिक कोण से दिखाया जाता है। खंडपीठ निजामुद्दीन मरकज की तबलीगी जमात वाली घटना के दौरान फर्जी और दुर्भावना से प्रेरित खबरों के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद और पीस पार्टी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह के डिजिटल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सिर्फ रसूख दारो की सुनते हैं और उनका तो जुडिशल संस्थानों के प्रति कोई उत्तरदायित्व भी नहीं होता है। चीफ जस्टिस में टिप्पणी करते हुए कहा कि मैंने कभी पब्लिक चैनल टि्वटर फेसबुक और यूट्यूब को जवाब देते नहीं देखा और संस्थानों के प्रति इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं दिखती है। अगर कुछ गलत दिखते हैं तो भी वह कोई जवाब नहीं देते। अगर आप यूट्यूब पर जाए तो आप देख सकते हैं कि वहां फेक न्यूज़ चल रहा होता है। वेब पोर्टल की निगरानी नहीं होती है । आम आदमी की तो छोड़िए न्यायाधीशों को भी नहीं बख्शते। खंडपीठ ने कहा कि यह वेब पोर्टल संस्थानों के खिलाफ बहुत बुरा लिखते हैं। आम आदमी की बात तो छोड़ दी जाए न्यायाधीशों को भी यह नहीं बख्शते। न्यायालय ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या इस सब से निपटने के लिए कोई तंत्र है। मुख्य न्यायाधीश का कहना था कि केंद्र सरकार के पास तो प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए तो नियामक हैं लेकिन वेब पोर्टल के लिए कुछ नहीं है और इसका उपाय सरकार को तलाशना होगा। सरकार की ओर से सालिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए जिन्होंने कहा कि सरकार के पास मीडिया के लगभग सभी अंगों पर अंकुश लगाने के लिए कानून मौजूद है। पिछली सुनवाई के दौरान न्यायालय ने भड़काऊ टीवी कार्यक्रमों पर रोक नहीं लगाने को लेकर केंद्र को कड़ी फटकार लगाई थी। एक ही अपराध के लिए पुलिस कई बार एफ आई आर दर्ज नहीं कर सकती दिल्ली हाई कोर्ट दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले साल उत्तर पूर्वी दंगों के दौरान एक परिसर को लूटने और आग लगाने के कथित अपराधों के लिए दर्ज चार प्राथमिकियों को खारिज कर दिया है। हाई कोर्ट का कहना है कि उसी संज्ञेय अपराध के लिए दूसरी प्राथमिकी दर्ज कर अलग से नई जाच नहीं हो सकती है। हाईकोर्ट ने कहा कि एक ही मामले के लिए पांच अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकती। ऐसा करना सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित कानूनों के विपरीत है। एक प्राथमिकी को बरकरार रखते हुए कोर्ट ने पिछले साल मार्च में जाफराबाद पुलिस स्टेशन में दर्ज चार अन्य प्राथमिकियों को रद्द कर दिया। न्यायमूर्ति सुब्रह्मणियम प्रसाद ने कहा यह नहीं कहा जा सकता कि घटनाएं अलग थी या अपराध अलग थे।

सड़कों के किनारे पर 5-5 फीट चौड़े फुटपाथ बनाएं

पंकज कपूर        

हल्द्वानी। नगर निगम ने शहर की सड़कों के किनारे पर 5-5 फीट चौड़े फुटपाथ बनाए। ताकि पैदल राहगीरों को बाजार आने-जाने में सहूलियत हो सके। लेकिन इन फुटपाथों पर दुकानदारों ने कब्जा कर लिया। दुकानदार अपनी दुकान का सामान फुटपाथ पर सजा रहे है।जबकि, पैदल राहगीरों को मजबूरन सड़क पर चलना पड़ रहा है। इसको लेकर न तो नगर निगम सजग है और न ही यातायात पुलिस कार्रवाई को तैयार है।

गौरतलब है कि, लगभग आठ वर्ष पूर्व हल्द्वानी को महानगर का दर्जा मिला था, इसके बाद हल्द्वानी- काठगोदाम नगर निगम आस्तित्व में आया। शहर के बीचो बीच से गुजरने वाले हाइवे के साथ ही अन्य सड़को के किनारे फुटपाथों का निर्माण दुर्घटनाओं के मद्देनजर किया गया। करोड़ो रुपए सड़कों के फुटपाथ के पास नाला निर्माण में खर्च किये गए। फुटपाथ बनाने को लेकर दो उद्देश्य मुख्य थे, जिसमें एक शहर का सौंदर्यीकरण और दूसरा लोगों को चलने के लिए जगह देना। लेकिन दोनों ही उद्देश्य करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी किसी काम के साबित न हुए। 

सड़क किनारे बने फुटपाथों पर लोगों ने अतिक्रमण कर लिया। कुछ लोगों ने नाले व फुटपाथ पर अवैध तरीके से गुमठियां रख ली तो दुकानदारों ने अपनी दुकानों के सामने फुटपाथ पर सामान रख दिया। जिससे न तो विकास दिखाई दे रहा है और न ही पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ नजर आ रहा है। ऐसे में मजबूरन लोगों को सड़कों पर ही चलना पड़ रहा है। खास बात तो यह है कि फुटपाथ पर हो रहे इस अतिक्रमण की जानकारी निगम को भी है और यातायात पुलिस को भी। लेकिन न तो निगम अतिक्रमण हटाने आगे आ रहा है और नहीं यातायात पुलिस। जिससे यह अतिक्रमण अस्थाई से अब स्थाई होता जा रहा है।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...