शनिवार, 28 अगस्त 2021

कश्मीर घाटी में आतंकवाद समाप्त होने की उम्मीद

श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कश्मीर घाटी में आतंकवाद जल्द समाप्त होने की उम्मीद जताई है। अब्दुल्ला ने शुक्रवार को गांदेरबल जिले के पर्यटक स्थल सोनमर्ग में ‘सुरक्षा और ऊर्जा’ पर दो दिवसीय कार्यक्रम के समापन के दौरान कहा कि आतंकवाद शीघ्र समाप्त हो जाएगा। भरोसा रखिए। हमें बचे रहना है और हमें देश को बचाए रखना है।
आतंकवाद के कारण जम्मू कश्मीर आने में लोगों में भय के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यमराज तो हर कहीं है।” उन्होंने कहा,” यद्यपि जम्मू कश्मीर ‘धरती पर स्वर्ग’ है, तब भी लोग इस क्षेत्र की यात्रा करने से डरते हैं। हिंसा और आतंकवाद के कारण उन्हें इस बात का इत्मिनान नहीं है कि वे घर जिंदा वापस लौट भी पाएंगे अथवा नहीं। लेकिन मैं खुश हूं कि आप (आगंतुक) आए, आप ने यहां आने का निश्चय किया।
जब आप वापस जाएं तो आपने जो देखा उसे अपने मित्रों को बताएं। श्रीनगर लोकसभा सीट से सांसद अब्दुल्ला ने कहा कि वह एक नया भारत देखना चाहते हैं, ऐसा भारत जो सभी के लिए हो। उन्होंने कहा, ”भगवान न तो मंदिर में हैं और न ही मस्जिद में। भगवान, अल्लाह हम सबमें हैं। यह हम सब की हार्दिक इच्छा है कि हम साथ रहें और साथ में तरक्की करें। हमने ऐसा देश बनाया है जो सबके साथ खड़ा है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कहा कि कोविड-19 ने अमेरिका जैसे देशों को तबाह कर दिया लेकिन भारत गरीबी के बावजूद इससे अच्छे से निपटा। उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिक और चिकित्सा समुदाय ने देश को गौरवान्वित किया।” अब्दुल्ला ने कहा कि सोनमर्ग जैसी जगहों पर सुरंगों के निर्माण से लोगों के लिए सर्दियों में भी ऐसे क्षेत्रों की यात्रा करने का मार्ग प्रशस्त होगा और शीतकालीन खेलों के लिए मार्ग खुलेगा। 
उन्होंने कहा कि हम जम्मू कश्मीर में कुछ अहम सुरंगों का निर्माण कर रहे हैं। इसका एक हिस्सा इन सर्दियों में खुलने जा रहा है। यह लोगों के लिए सर्दियों में भी इस क्षेत्र की यात्रा करने का मार्ग प्रशस्त करेगा, जो अब तक मुश्किल था। ये सुरंगें शीतकालीन खेलों के लिए भी अवसर पैदा करेंगी। इससे हमें ओलंपिक में अपने पदकों की संख्या में सुधार करने में मदद मिल सकती है। कई छोटे देश हमसे ज्यादा पदक जीतते हैं। हमें सुरंगों की जरूरत है। ये न सिर्फ सर्दियों में यात्रा सभंव करने के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि हमारी सेना के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।

अजेरबेजान जनजाति की सेक्स परंपराएं अजीब हैं

बाकू। आज तक आपने कई अजीबोगरीब देशों के बारे में सुना होगा। लेकिन हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बता रहे हैं। जहां की अजीबोगरीब परंपरा के बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। आपने आज तक सेक्स के बारे में कई बातें सुनी होंगी।
वैसे भी पूरी दुनिया में सेक्स, शादी, पीरियड्स आदि को लेकर कई परंपराएं हैं। आज हम आपको जिस परंपरा के बारे में बता रहे हैं वो वाकई में दिल को छू लेने वाली है।
के इस्तेमाल पर सामने आया चौकाने वाला खुलासा, 59 फीसदी बच्चे मोबाइल पर करते हैं ये सब।
जी हम बात कर रहे हैं पापुआ गिनी जनजाति की। इस जनजाति में कई ऐसी परंपराएं हैं जिन्हें जानकर आप हैरान रह जाएंगे। लेकिन इस जनजाति की सेक्स परंपराएं सबसे अजीब हैं। यहां सेक्स की मनाही नहीं है। एक व्यक्ति जब चाहे तब सेक्स कर सकता है, चाहे वह बड़ा हो या छोटा और बिना किसी प्रतिबंध के। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक को सेक्स करने की आजादी है जो जब चाहें अपने पार्टनर के साथ सेक्स कर सकते हैं।
इस जनजाति में सेक्स मेले भी होते हैं जिसमें महिलाएं अपनी पसंद के पुरुषों के साथ सेक्स कर सकती हैं। ये बहुत अजीब है लेकिन सच है। पापुआ गिनी जनजाति की सेक्स परंपराएं दुनिया में सबसे अजीब मानी जाती हैं। क्योंकि यहां सेक्स के लिए मेले लगते हैं, लोग जब चाहें तब सेक्स कर सकते हैं और भी बहुत कुछ।

लगातार हो रही बरसात से कई जगह मार्ग बंद हुए

पंकज कपूर                         
नैनीताल। लगातार हो रही है बरसात से पहाड़ों में कई जगह मार्ग बंद चुके है। ऐसे में नैनीताल पुलिस ने एक मैसेज जारी करते हुए लिखा है कि बारिश के कारण डॉन बॉस्को स्कूल के पास नैनीताल हल्द्वानी हाईवे पर भूस्खलन से सडक़ का बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है।
ऐसे में वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाया गया है। नैनीताल पुलिस लोगों से अपील की है कि वह रोड पूर्ण रूप से खुलने तक अपने वाहनों को मार्ग से आवागमन बंद रहेगा। ऐसे में पुलिस का सहयोग करें।



एक के बाद 1 शहरों के नाम बदलने का सिलसिला

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। शेक्सपियर ने कहा था कि नाम मे क्या रखा है ? उनकी इसी बात को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ ज्यादा ही गंभीरता से ली। तभी तो एक के बाद एक शहरों के नाम बदलने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। योगी की इन फैसलों का जनता पर क्या असर हो रहा है वो तो आने वाले विधानसभा चुनाव के परिणाम की बताएंगे। लेकिन दिल्ली की भाजपा पार्षद राधिका अबरोल को योगी आदित्यनाथ के इन फैसलों ने काफी प्रभावित किया है।
तभी तो उन्होंने दक्षिण नई दिल्ली नगर निगम में (एमडीएमसी) के दक्षिण ज़ोन की जोनल समिति में हुमायूंपुर गाँव का नाम बदल कर हनुमानपुर रखने पा प्रस्ताव रखा है। प्रस्ताव में अबरोल ने कहा है कि मुग़लराज के दोरान दिल्ली में सभी गाँव का नाम जबरन बदले गए था। उन्होंने कहा कि सफदरजंग एनक्वेल के वार्ड संख्या 61 में स्थित हुमायूंपुर गाँव भी इसमें शामिल है, जो इस एसडीएमसी के अधिकार क्षेत्र के तहत शहरीकृत गांव की श्रेणी में आता है। प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि हुमायूंपुर गाँव का नाम बदलकरहनुमानपुर रख दिया जाएगा।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-378 (साल-02)
2. रविवार, अगस्त 29, 2021
3. शक-1984,सावन, शुक्ल-पक्ष, तिथि-सप्तमी, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 05:44, सूर्यास्त 07:10।
5. न्‍यूनतम तापमान -22 डी.सै., अधिकतम-37+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेंगी।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
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शुक्रवार, 27 अगस्त 2021

'हिमालय' की चोटियों पर कब्‍जा करने का अभ्‍यास

बीजिंग। चीन की सेना पीएलए ने तिब्‍बत में हिमालय की चोटियों पर कब्‍जा करने का बड़ा अभ्‍यास किया है। इस अभ्‍यास में चीनी सेना की 10 से ज्‍यादा लड़ाकू टुकड़‍ियों ने 'शत्रु' के कब्‍जे वाली हिमालय की एक चोटी फिर से कब्‍जा करने का व्‍यापक अभ्‍यास किया है। चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि चीनी सेना के इस अभ्‍यास का मकसद भारत को चेतावनी देना था। इससे पहले भारत ने लद्दाख विवाद के दौरान चीनी सेना को चौकाते हुए कैलाश रेंज की चोटियों पर कब्‍जा कर लिया था।

माना जा रहा है कि इसी का जवाब देने के लिए चीनी सेना ने तिब्‍बत में चोटियों पर फिर से कब्‍जा करने का अभ्‍यास किया है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक भारत से लगी सीमा को देखने वाले पश्चिमी थिएटर कमांड ने अपनी सेना के कई ब्रिगेड को इकट्ठा किया और उसे दो टीमों में बांट दिया गया। एक का नाम पीएलए और दूसरे का नाम 'ब्‍लू आर्मी' दिया गया था।

27 वर्ष बाद दुष्कर्मी को 10 साल की सजा

27 वर्ष बाद दुष्कर्मी को 10 साल की सजा  गणेश साहू  कौशाम्बी। सैनी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में खेत से लौट रही बालिका के साथ 27 वर्ष पहले स...