शुक्रवार, 27 अगस्त 2021

प्रियंका ने नौकरी देने के झूठे प्रचार की होर्डिंग लगवाईं

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। कांग्रेस की  राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने युवाओं को सचेत करते हुए कहा है कि भाजपा सरकार नौकरी देने के झूठे प्रचार की बड़ी-बड़ी होर्डिंग लगवा चुकी है। इस संबंध में विज्ञापन भी छपवाए जा रहे हैं। लेकिन युवा सरकार के इस झूठ के झांसे में ना आकर अपना हक मांगने से पीछे नहीं हटे। क्योंकि न्याय की हर एक आवाज युवाओं के साथ है। 
शुक्रवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ को अपने निशाने पर लेते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर युवाओं को सचेत किया है। उन्होंने ट्विटर हैंडल पर किए ट्वीट में कहा है कि आगामी वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार झूठ का सहारा ले रही है। भाजपा सरकार की ओर से युवाओं को नौकरी देने के झूठे प्रचार की बड़ी-बड़ी होर्डिंग जगह जगह लगवाई जा चुकी हैं। इसके अलावा अन्य संचार माध्यमों के जरिए भी विज्ञापन प्रकाशित करवाए जा रहे हैं जबकि वास्तविक स्थिति यह है कि जब उत्तर प्रदेश के युवा अपना रोजगार का हक मांगने सरकार के पास जाते हैं तो सरकार उन्हें रोजगार ना देकर उनके ऊपर लाठीचार्ज करवाते हुए उन्हें अपमानित करती है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने युवाओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा है कि वह अपना हक मांगने में जरा भी हिचकिचाहट ना दिखाएं और अपनी आवाज को प्रमुखता के साथ उठाएं। क्योंकि न्याय की हर एक आवाज युवाओं के साथ खड़ी हुई है। युवाओं को नौकरी देने का काम सरकार का है। लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अपने कर्तव्य से भाग रही है और युवाओं को झूठे प्रचार से भ्रमाने की कोशिश कर रही है।

अनाथ आश्रम में 18 बच्चे कोरोना पॉजिटिव मिलें

कविता गर्ग             
मुबंई। देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण ने रफ्तार पकड़ ली है। इस बीच मुंबई के आगरी पाड़ा इलाके से कोरोना को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां मौजूद सेंट जोसेफ अनाथ आश्रम में 18 बच्चे कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें से चार बच्चों को मुंबई के नायर अस्पताल में भर्ती कराया गाय है, जो कि 12 साल की उम्र से कम के है। जानकारी के मुताबिक कोरोना संक्रमित पाए गए 18 बच्चों में 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को रिचर्ड्सन एंड क्रूडस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। 
बता दें कि अनाथ आश्रम में कुछ लोगों के कोरोना से संक्रमित होने की बात मालूम चली थी जिसके बाद यहां परीक्षण के लिए एक केम्प आयोजित कराया गया। कोरोना टेस्ट के दौरान कुल 18 बच्चों समेत कुल 22 लोग वायरस से संक्रमित पाए गए। नायर अस्पताल के डॉ. के अनुसार जिन बच्चों को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है, उनमें कोरोना का हल्के लक्षण हैं। जानकारी के अनुसार सभी लोगों को कोरोना टेस्ट 23 अगस्त 2021 को किया गया था और इनकी रिपोर्ट 24 अगस्त को कोविड पॉजिटिव की खबर मिली। अनाथ आश्रम से एक साथ इतनी तादात में कोरोना संक्रमण के मामलों के सामने आने से प्रशासन में हड़ंकप मच गया।

जूनियर सचिवालय सहायक के पदों पर भर्ती निकाली

अकांशु उपाध्याय           
नई दिल्ली। राष्ट्रीय अनुसंधान परिषद की घटक प्रयोगशाला राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, लखनऊ ने जूनियर सचिवालय सहायक के पदों पर भर्ती निकाली है। संस्थान की ओर से जारी विज्ञापन के अनुसार, सामान्य, वित्त एवं लेखा और भंडार एवं क्रय विभाग में कुल 09 वैकेंसी है। इन पदों के लिए 7वें वेतन आयोग के पे-मैट्रिक्स लेवल-2 (रु. 19,900 – रु.63,200) के अनुसार वेतन निर्धारित है। अभ्यर्थियों को आवेदन ऑफलाइन करना है। इसके लिए एनबीआरआई की वेबसाइट पर जाकर आवेदन फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2021 है। अभ्यर्थी आवेदन डाक से भेजने की बजाए सीधे ले जाकर जमा भी कर सकते हैं।
आवेदन पत्र भेजने का पता है- नियंत्रक प्रशासन, सीएसआईआर-एनबीआरआई, राणा प्रताप मार्ग, लखनऊ-226001। आवेदन के साथ 100 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट भी संलग्न करना होगा जो कि निदेशक, सीएसआईआर-एनबीआरआई के पक्ष में लखनऊ में देय होना चाहिए।
एनबीआरआई भर्ती 2021 के लिए वैकेंसी का विवरण
जूनियर सचिवालय सहायक (सामान्य)- 05 पद
जूनियर सचिवालय सहायक (वित्त एवं लेखा)- 03 पद जूनियर सचिवालय सहायक (भंडार एवं क्रय)- 02 पद
जूनियर सचिवालय सहायक (सामान्य)- 12वीं पास होने के साथ अंग्रेजी में 35 शब्द और हिंदी में 30 शब्द प्रति मिनट की दर से टाइपिंग में दक्षता. डीओपीटी द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार कंप्यूटर पर काम करना आना चाहिए।
जूनियर सचिवालय सहायक (वित्त एवं लेखा)- 12वीं अकाउंटेंसी के साथ पास होना चाहिए. साथ ही अंग्रेजी में 35 शब्द और हिंदी में 30 शब्द प्रति मिनट की दर से टाइपिंग में दक्षता। डीओपीटी द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार कंप्यूटर पर काम करना आना चाहिए।

कर्मचारियों को धमकाने के मामले पर सियासत शुरू

मनोज सिंह ठाकुर                 
भोपाल। मध्य प्रदेश में एक बार फिर अफसरों और कर्मचारियों को धमकाने के मामले पर सियासत शुरू हो गई है। इस बार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हुआ है। एक दिन पहले कमलनाथ द्वारा अफसरों को दी गई चेतावनी पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार किया है। शिवराज ने कहा कि 15 महीने सरकार थी, तब क्या कर रहे थे, जो अब कर्मचारियों को धमका रहे हैं। दूेख लूंगा, मिटा दूंगा और जांच करवा दूंगा। यह धमकाने वाला अंदाज अलोकतांत्रिक है। प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारी कर्तव्यनिष्ठ हैं।
शिवराज ने आगे कहा कि मध्यप्रदेश के नेता कह रहे हैं कि कांग्रेस में किसी की कदर नहीं है। उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को नसीहत देते हुए कहा कि वे पहले अपने घर को संभाल लें। इनसे (कमलनाथ) घर संभल नहीं रहा और कर्मचारियों को धमकाने निकले हैं।
गौरतलब है कि कमलनाथ ने 26 अगस्त को भोपाल में 'संस्कृति बचाओ' यात्रा के समापन के मौके पर सरकारी तंत्र को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि BJP का बिल्ला जेब में रखकर काम मत करो। 2 साल बाद सरकार बदल जाएगी। यदि रिटायर हो जाओगे तो भी फाइल खुल सकती है। पुलिस महकमे की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस को वर्दी की इज्जत रखनी चाहिए।
कमलनाथ ने यह भी कहा था कि मंदिर-मस्जिद को लेकर सड़क पर उतरने से रोज़गार नहीं बनते हैं। रोजगार निवेश से आएगा। मेरा लक्ष्य मध्यप्रदेश को विकास की राह पर लाना था। कांगेस की सरकार गिराने के लिए प्रदेश में सौदेबाजी हुई, लेकिन मैंने सौदा नहीं किया, क्योंकि मैं विकास का पक्षधर हूं। उन्होंने कहा -प्रदेश की जनता मुझे बताए कि मेरा क्या दोष है, मैंने कौन सा पाप किया।

लखनऊ में बनेगा बुलेट ट्रेन का जंक्शन, निर्णय लिया

हरिओम उपाध्याय             
लखनऊ। लखनऊ में बनेगा बुलेट ट्रेन का जंक्शन। एक साथ दो रूटों के लिए मिलेगी सुव‍िधा तो हो जाइए तैयार बुलेट ट्रेन की सवारी के लिए क्योंकि अब आपके अपने शहर लखनऊ में भी बनेगा बुलेट ट्रेन जंक्शन। करीब 300 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति वाली बुलेट ट्रेन लखनऊ को तीन शहरों से जोड़ेगी। लखनऊ से जहां वाराणसी और दिल्ली को बुलेट ट्रेन जोड़ेगी। वहीं अब अयोध्या के लिए भी एक अलग बुलेट ट्रेन का नेटवर्क बनाने की तैयारी है। हालांकि अभी लखनऊ से अयोध्या रूट को केंद्र सरकार की मंजूरी नहीं मिली है।
941 किलोमीटर रूट का डीपीआर केंद्र को सौंपा जाएगा
नेशनल हाइ स्पीड रेल कारपोरेशन लि (एनएचएसआरसीएल) अगले माह दिल्ली-वाराणसी के बीच 941 किलोमीटर रूट पर बुलेट ट्रेन चलाने का फाइनल डीपीआर केंद्र सरकार को सौंप देगा एनएचएसआरसीएल ने दिल्ली-वाराणसी के बीच बुलेट ट्रेन चलाने के लिए भूमि अलाइनमेंट, ट्रेन में सफर करने वालों की संख्या, उसके सिग्नल और इलेिक्ट्रक लाइन जैसे सभी महत्वपूर्ण पहलुओं का राडार सर्वे कर लिया है। इस स्टडी को अब फाइनल किया जा रहा है। अगले माह फाइनल डीपीआर सौंपा जाएगा तो उसमें इस प्रोजेक्ट की लागत , बुलेट ट्रेन के माडल भी तय होंगे।
केंद्र की मंजूरी के बाद खुलेगा रास्ता
फाइनल डीपीआर को केंद्र सरकार मंजूरी देगी तब मुंबई-अहमदाबाद की तरह दिल्ली-वाराणसी कारिडोर पर बुलेट ट्रेन का काम शुरू हो सकेगा। इस प्रोजेक्ट में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सबसे महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा लखनऊ से अयोध्या को बुलेट ट्रेन से जोड़ने की तैयारी चल रही है।
इसका एक सर्वे भी हो रहा है। एनएचएसआरसीएल के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन कारिडोर में लखनऊ से ही अयोध्या के लिए एक अलग कारिडोर बनाने का एक प्रस्ताव है। इसे स्वीकृति देने के बाद लखनऊ से अयोध्या रूट का डीपीआर फाइनल होगा।
बुलेट ट्रेन जंक्शन लखनऊ में बनना तय
लखनऊ बुलेट ट्रेन के लिए एक जंक्शन बनेगा। जहां से यात्री अयोध्या, वाराणसी और दिल्ली की ओर जा सकेंगे एनएचएसआरसीएल के फाइनल अलाइनमेंट में बुलेट ट्रेन का रूट नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मथुरा, आगरा, इटावा, लखनऊ, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही, वाराणसी तय किया गया है। ऐसे में इस 941 किलोमीटर के रूट में लखनऊ से अयोध्या करीब 135 किलोमीटर का नया कारिडोर जोड़ने की तैयारी है।

8वीं तक के छात्रों के स्कूल खोलने का फैसला होगा

मनोज सिंह ठाकुर             
भोपाल। मध्य प्रदेश में कक्षा 1 से 8वीं तक के छात्रों के स्कूल खुलेंगे या नहीं। इसका फैसला 4 दिन बाद किया जाएगा। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि  मध्य प्रदेश में पहली से आठवीं तक स्कूल खोलने को लेकर फिलहाल कोई निर्णय नहीं है। अभी दूसरे राज्यों में स्थितियां ठीक नहीं है और हम अभी और स्थितियों का आकलन करेंगे। इस हफ्ते स्कूल खोलने को लेकर महत्वपूर्ण बैठक ली जाएगी।
दरअसल, मप्र के स्कूल शिक्षा विभाग  की पहली से आठवीं कक्षा तक के स्कूलों को 15 सितंबर 2021 से खोलने की तैयारी है, ऐसे में जिला क्राइसिस मैनेजमेंट, स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी और प्रिंसिपल के साथ स्कूलों खोलने को लेकर तमाम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। ज्यादा समय तक स्कूलों को बंद नहीं रखा जा सकता है, सितंबर के दूसरे सप्ताह में खोलने पर विचार किया जा रहा है।अगले 4 दिन में यानी 30 अगस्त तक स्कूल में बच्चे कैसे आएं और क्लास कैसे शुरू हों, इस पर फैसला लेंगे और अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का होगा।
दो दिन के अंदर सभी के साथ मीटिंग कर स्कूलों को लेकर रणनीति तैयार करेंगे। इसके बाद 30 अगस्त तक फैसला लिया जाएगा कि स्कूल खोले या नहीं। वही माना जा रहा है कि  9 से 12वीं तक की कक्षाओं का संचालन पूरी क्षमता के साथ करने की अनुमति भी दी जा सकती है।वर्तमान में 50% क्षमता के साथ 9वीं से 12वीं की क्लास लग रही हैं, ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि 6वीं से 8वीं तक की कक्षाएं सप्ताह में दो दिन लगाई जा सकती है। 5वीं की कक्षाओं को सितंबर के दूसरे सप्ताह से शुरू किया जा सकता है। साथ ही ये कक्षाएं सप्ताह में एक दिन संचालित की जा सकती हैं, हालांकि अंतिम फैसला होना अभी बाकी है।

पटवारियों की हड़ताल, याचिका पर सुनवाई हुईं

मनोज सिंह ठाकुर              
जबलपुर। जबलपुर हाईकोर्ट  में दायर प्रदेश में पटवारियों की हड़ताल के ख़िलाफ़ याचिका पर आज सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने इसे अवैध घोषित करते हुए पटवारियों को तत्काल काम पर लौटने का आदेश दिया। वही राज्य सरकार को भी हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि पटवारियों की माँगो पर विचार करें। हाईकोर्ट ने कहा कि पटवारियों से मीटिंग कर जायज़ मांगों को पूरा करने पर विचार किया जाए। पटवारियों की समस्याओं का 60 दिन के भीतर सरकार निराकरण करें।
दरअसल, यह याचिका मनोज कुशवाहा सहित किसानों ने लगाई है। जिसमें पटवारियों की हड़ताल को चुनौती दी गई थी। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बीते 10 अगस्त से प्रदेश भर के पटवारियों ने काम बंद हड़ताल कर रखी है, जिसके चलते सरकारी कामकाज के साथ राजस्व का काम बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। वही लोग भी परेशान हो रहे है।इधर मामला मध्य प्रदेश हाईकोर्ट पहुंचा तो हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए निर्देश दिए कि प्रदेश भर के सभी पटवारी तुंरत काम पर वापस लौटे। साथ ही हाईकोर्ट ने पटवारियों की हड़ताल को अवैध घोषित करार किया है।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट  के न्यायाधीश प्रणव वर्मा और चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक की डिवीजन बैंच में चली सुनवाई में पटवारियों के साथ साथ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को भी आदेश दिए है कि आप पटवारियों से बात करें और जाने की उनकी मांगे कितनी जरूरी है।  इसके अलावा पटवारियों के साथ बैठक भी करें और उनकी मांगों पर विचार करें।हाई कोर्ट की डिवीजन बैंच ने पटवारियों की बीते 17 दिनों से चल रही हड़ताल पर राज्य सरकार को यह भी आदेश दिए है कि वह आगामी 60 दिनों के भीतर उनकी समस्याओं का निराकरण कर रिपोर्ट दें।
गौरतलब है कि पटवारियों की हड़ताल को लेकर सबसे ज्यादा कोई परेशान हो रहा था वह थे किसान ।लिहाजा मनोज कुशवाहा सहित किसानों ने पटवारियों की हड़ताल को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसका निराकरण आज हाई कोर्ट ने किया है।  प्रदेश भर के पटवारियों ने 2 एवं 3 अगस्त को सामूहिक अवकाश लिया था और उसके बाद पुनः 9 अगस्त से काम बंद हड़ताल कर दी थी। पटवारियों की मुख्य मांग थी कि उनका समयमान और वेतनमान बढ़ाया जाए साथ ही उनसे सिर्फ राजस्व संबधित काम लिया जाए।

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...