शुक्रवार, 27 अगस्त 2021

कजाकिस्तान के भंडार में विस्फोट होने से 9 की मौंत

एस्टाना। अफगानिस्तान के काबुल स्थित एयरपोर्ट पर हुए भयावह बम धमाकों के बाद शुक्रवार को कजाकिस्तान के शस्त्र भंडार में विस्फोट होने की खबर मिल रही है। समाचार एजेंसी के मुताबिक कजाकिस्तान के शस्त्र भंडार में हुए धमाकों में 9 लोगों की जान चली गई है। कहा जा रहा है कि यह धमाके जाम्बिल स्थित सैन्य अड्डे पर हुए हैं। धमाके में 9 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है और तकरीबन एक सैकडा लोग घायल हुए हैं।

कजाकिस्तान के रक्षामंत्री ने बताया है कि शस्त्र भंडार में हुए धमाके के बाद आग के भारी बवंडर उठे हैं और आग ने देखते ही देखते आसपास के हथियारों के गोदामों को अपनी चपेट में ले लिया। मंत्रालय की ओर से शुरुआत में कहा गया था कि 6 धमाके हुए हैं। लेकिन कुछ अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि कजाकिस्तान में 10 से भी ज्यादा धमाके हुए हैं। इन धमाकों का एक वीडियो भी सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आया है। इसमें आग एक बड़े बवंडर का रूप लेते हुए चारों तरफ फैल रही है। धमाकों के बाद प्रशासन की ओर से सैन्य अड्डे के आसपास रहने वाले लोगों को वहां से हटाया गया है। अभी तकरीबन 1000 लोगों ने सैन्य अड्डे के समीप से अस्थाई तौर पर अपना घर बार छोड़ दिया है। धमाकों के बाद रेलवे लाइन भी बंद कर दी गई है। धमाके के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। इस बीच कजाकिस्तान के रक्षा मंत्री नुर्लान येरमेकबायेव ने इन धमाकों के चलते अपना इस्तीफा देने की पेशकश की है। गौरतलब है कि इससे पहले बृहस्पतिवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित एयरपोर्ट पर दो बम धमाके हुए थे। इन धमाकों में 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई थी। हमले में कुल 95 लोगों के मौत की खबर सामने आई है।

बस्ती में 1 व्यक्ति ने पत्नी की गला दबाकर हत्या की

नरेश राघानी      

बाड़मेर। राजस्थान में बाड़मेर जिले के सेड़वा थाना क्षेत्र में भीलों की बस्ती में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की गला दबाकर हत्या कर दी।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार सुबह पति-पत्नी के बीच आपस में बहस हो गई। गुस्साये पति भंवराराम ने पत्नी चंपादेवी (26) की गला दबाकर हत्या कर दी। पुलिस को सूचना मिलने पर घटनास्थल पहुंची और भंवराराम को गिरफ्तार कर लिया। मृतका के पीहर पक्ष ने पति, सास और ससुर पर हत्या का आरोप लगाया है। 

मोर्चा: 25 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया

अकांशु उपाध्याय           

नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा का राष्ट्रीय अधिवेशन सर्वसम्मति से देश के हर गाँव में अपने आंदोलन का विस्तार करने और 25 सितंबर को भारत बंद का आह्वान करने के साथ शुक्रवार को संपन्न हुआ। इसने किसानों से यह भी आह्वान किया कि वे मुजफ्फरनगर में एसकेएम की रैली को विरोध का एक विशाल प्रदर्शन बनाने के लिए पूर्ण प्रयास करें। विभिन्न किसानों, कृषि श्रमिकों, ट्रेड यूनियनों, महिलाओं, छात्रों, युवाओं, व्यापारी निकायों के 90 वक्ताओं को, 2000 से अधिक प्रतिनिधियों ने तीन कृषि अधिनियमों को रद्द करने, स सभी कृषि उपज की खरीद की कानूनी गारंटी करने, नए बिजली बिल को निरस्त करने और एनसीआर में वायु गुणवत्ता के नाम पर किसानों पर मुकदमा चलाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग को गई।

सभा ने बार-बार अल्पसंख्यकों पर सांप्रदायिक हमलों करने और देश की प्राकृतिक संपत्ति और सार्वजनिक क्षेत्र को कॉर्पाेरेट और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को बेचने के खिलाफ भी नारे लगाए। इन तथा अन्य संबंधित विषयों पर प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इस अवसर पर आयोजन समिति के संयोजक, डॉ आशीष मित्तल ने कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि आज पूरा किसान समुदाय कृषि, खाद्य भंडारण और कृषि बाजार के सभी पहलुओं पर कॉर्पाेरेट और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के नियंत्रण से लड़ने के लिए मजबूर है। इन परिवर्तनों से किसान ऋण, आत्महत्या और भूमि से विस्थापन में व्यापक वृद्धि होगी।

लेकिन यह हमला किसानों और खेतिहर मजदूरों तक सीमित नहीं है। यह भारत के मेहनतकश लोगों के सभी वर्गों पर चौतरफा हमला हैं। देश की संपत्ति, जो अपने लोगों को रोजगार और सुरक्षा प्रदान करने के लिए है, जैसे रेलवे, पावर ट्रांसमिशन लाइन, प्राकृतिक गैस संसाधन, दूरसंचार परियोजनाएं, खाद्य भंडारण, बीमा, बैंक, आदि, को बेचे जा रहा है। गरीबों के लिए कल्याण और सेवा क्षेत्र, विशेष रूप से सब्सिडी और राशन पर निशाना साधा जा रहा है। आवश्यक वस्तुओं, विशेषकर ईंधन की कीमतों में भारी वृद्धि की जा रही है। सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा क्षेत्र का निजीकरण किया जा रहा है और इन क्षेत्रों के विकास में केवल कॉरपोरेट का वर्चस्व है। ऐतिहासिक किसान संघर्ष, जिसने अपने उपर सरकार के हमले को चुनौती दी है, केवल अपने अस्तित्व की लड़ाई नहीं है। यह देश को भारतीय और विदेशी कॉरपोरेट्स द्वारा, पूरी तरह से अपने कब्जे में लेने से बचाने की लड़ाई है। यह वास्तविक आत्म-निर्भर विकास का मार्ग है, जो अपने देशभक्त नागरिकों के जीवन और आजीविका की रक्षा करता है। इसने करोड़ों लोगों के विश्वास को प्रेरित किया है और आने वाले दिनों में भी।

इस कन्वेंशन ने तीन कानूनों, एमएसपी और अन्य की मांग पर चर्चा की और प्रत्येक पहलू पर एक विस्तृत प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसने किसानों से राज्य / जिला एसकेएम इकाइयों का गठन करने और सभी सहायक संगठनों के साथ राज्यों और जिलों में संघर्ष करने, सम्मेलनों, रैलियों का आयोजन करने, टोल वसूली का विरोध करने और किसानों की मांगों को स्वीकार करने से इनकार करने के लिए भाजपा और एनडीए नेताओं के खिलाफ विरोध करने का आह्वान किया 

कनेक्शन ना होने पर अधिकारी को निर्देशित किया

अतुल त्यागी
हापुड़। जिलाधिकारी अनुज सिंह, पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर के साथ वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण कर रहे थे। निरीक्षण के दौरान वन स्टॉप सेंटर की छोटी इमारत को देखते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि इसे बड़ी इमारत में स्थानांतरित करें। वन स्टॉप सेंटर में विद्युत कनेक्शन ना होने पर जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से विद्युत कनेक्शन करा कर विद्युत कार्य सुचारू कराएं और इनवर्टर की व्यवस्था भी की जाए। जिससे जहां तक आने वाली पीड़िताओ को समस्या ना आए। उन्होंने संबंधित को निर्देश दिए कि यहां पर आने वाली पीड़िताओं की समस्या महिला पुलिस अधिकारी तसल्ली पूर्वक सुनकर उनका निस्तारण कराना सुनिश्चित करें साथ ही वहां पर साफ सफाई और अच्छी प्रकार करने हेतु निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि वन स्टॉप सेंटर पर आने वाली बालिका एवं महिलाओं के भोजन की व्यवस्था भी की जाए। निरीक्षण के दौरान उप जिलाधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी विशाल यादव सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। 

अफगानिस्तान से निकासी उड़ानें फिर से शुरू की

काबुल। अफगानिस्तान काबुल एयरपोर्ट पर बम धमाके के बाद अब स्थितियां सामान्य करने की कोशिशें की जा रही हैं। जिसके लिए बम धमाकों के एक दिन बाद ही अफगानिस्तान से निकासी उड़ानें फिर से शुरू कर दी गई हैं। यहां रेस्क्यू का काम तेजी से किया जा रहा है।
अफगानिस्तान के काबुल में एयरपोर्ट के बाहर एक के बाद एक तीन सीरियल धमाकों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई, जिसमें 90  अफगान नागरिक हैं। वहीं 150 से ज्यादा लोग इसमें घायल हैं। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक एयरपोर्ट के बाहर धमाकों में अमेरिका के 13 सैनिकों की भी मौत हुई है।
आईएस से संबद्ध इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। यह समूह तालिबान से कहीं अधिक कट्टरपंथी है। वहीं काबुल हमले को लेकर व्हाइट हाउस से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि हम माफ नहीं करेंगे। हम नहीं भूलेंगे। हम आपका शिकार करेंगे और आपको इसकी कीमत चुकानी होगी।
अफगानिस्तान से अमेरिकी लोगों की वापसी के अभियान की निगरानी कर रहे जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने कहा कि अफगानिस्तान से बाहर जाने के इच्छुक लोगों को लाने के लिए वैकल्पिक मार्ग इस्तेमाल किए जा रहे हैं। करीब 5,000 लोग हवाई अड्डे पर उड़ानों का इंतजार कर रहे हैं।

साबरमती आश्रम के मूल स्वरूप को खत्म किया

नरेश राघानी                
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम के मूल स्वरूप को खत्म कर इसे आधुनिक बनाने के केन्द्र और गुजरात सरकार के फैसले को गलत बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गांधी की विरासत को मिटाने का प्रयास है। गहलोत ने ट्वीट किया कि केन्द्र सरकार एवं गुजरात सरकार द्वारा अहमदाबाद के साबरमती आश्रम के मूल स्वरूप को खत्म कर इसे आधुनिक बनाने का फैसला पूरी तरह गलत है।
भारत ही नहीं दुनियाभर में इस फैसले की आलोचना हो रही है। गहलोत के अनुसार इस फैसले से साबरमती आश्रम की सादगी एवं शुचिता खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने अपना पूरा जीवन सादगी के साथ आजादी की लड़ाई एवं मानवता की सेवा में लगा दिया। सादगी से जीवन जीने वाले महात्मा के आश्रम में अत्याधुनिक एवं लग्जरी अवसंरचना बनाना उनके जीवन की मौलिकता के विपरीत है। साबरमती आश्रम में बापू के विचारों और सिद्धांतों की परछाई है।
गहलोत ने कहा कि इसके मूल ढांचे से छेड़छाड़ कर सरकार महात्मा गांधी की विरासत को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है। तमाम बुद्धिजीवियों ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर इसपर विरोध जताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं केन्द्र सरकार से पुन: अपील करता हूं कि साबरमती आश्रम के मूल स्वरूप से कोई छेड़छाड़ ना करें। इससे धनार्जन के प्रयास करने के बजाय इसे चिंतन-मनन का केन्द्र रहने दें।


काबुल में हुए आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा की

काबूल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा करते हुए भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा है कि ये हमले आतंकवाद और आतंकवादियों को पनाहगाह मुहैया कराने वालों के खिलाफ विश्व के एकजुट होकर खड़े होने की आवश्यकता को प्रबल करते हैं।
दो आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधारियों ने काबुल के हवाईअड्डे पर अफगानों की भीड़ पर बृहस्पतिवार को हमला किया, जिसमें कम से कम 60 अफगान और 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि एवं सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने बृहस्पतिवार को कहा कि मैं काबुल में आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं।
हम इस आतंकवादी हमले के पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। इथियोपिया पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की ब्रीफिंग में तिरुमूर्ति ने कहा कि काबुल में हुए हमले आतंकवाद और आतंकवादियों को शरण देने वाले सभी लोगों के खिलाफ एकजुट होने की विश्व की आवश्यकता को मजबूत करते हैं। अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट से संबद्ध ‘इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रांत’ (आईएसकेपी) ने काबुल हवाईअड्डे के बाहर हुए हमलों की जिम्मेदारी ली है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने काबुल में हुए हमलों में मारे गए लोगों की जान का बदला लेने का संकल्प लिया है। बाइडन ने बृहस्पतिवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, ”इस हमले को अंजाम देने वाले और अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की मंशा रखने वाले ध्यान रखें कि हम तुम्हें बख्शेंगे नहीं। हम यह भूलेंगे नहीं। हम तुम्हें पकड़कर इसकी सजा देंगे। मैं अपने देश के हितों और लोगों की रक्षा करूंगा।

27 वर्ष बाद दुष्कर्मी को 10 साल की सजा

27 वर्ष बाद दुष्कर्मी को 10 साल की सजा  गणेश साहू  कौशाम्बी। सैनी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में खेत से लौट रही बालिका के साथ 27 वर्ष पहले स...