बुधवार, 25 अगस्त 2021

अमरिंदर की नीतिया, राज्य का किसान खुशहाल

अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि जहां उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान परेशान हैं। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की नीतियों के कारण राज्य का किसान खुशहाल है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने पंजाब सरकार की सराहना करते हुए ट्वीट किया,"पंजाब की कांग्रेस सरकार ने किसानों की बात सुनी और गन्ने के दाम 360 रुपए प्रति क्विंटल किए।"
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा,"गन्ने का 400 रुपए क्विंटल का वादा करके आई उप्र भाजपा सरकार ने तीन साल से गन्ने के दाम पर एक फूटी कौड़ी नहीं बढ़ाई है और किसानों द्वारा आवाज उठाने पर 'देख लेने' जैसी धमकी देती है।

कलाकारों व गायकों के अलावा आम लोगों पर हमलें

काबूल। अफगानिस्तान पर अपना कब्जा जमाने के बाद तालिबान की ओर से कलाकारों व गायकों के अलावा आम लोगों पर हमले किए जा रहे हैं। तालिबान ने अफगानिस्तान के लोकप्रिय कॉमेडियन नजर मोहम्मद उर्फ खासा ज्वान की हत्या कर दी थी। अब तालिबान ने गायकों व फिल्म निर्माताओं और अन्य कलाकारों को लेकर अपनी राय रखते हुए उन्हें अपना पेशा बदलने की सलाह दे डाली है।
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद जब मीडिया से बात करने को आए और उनसे पूछा गया कि क्या तालिबान गायकों और फिल्म निर्माताओं को अपना काम जारी रखने की इजाजत देगा? इसके जवाब में तालिबानी प्रवक्ता मुजाहिद ने कहा है कि अगर शरिया के खिलाफ आकलन किया जाता है तो कलाकारों व गायकों को अपना पेशा बदल लेना चाहिए। अफगानिस्तान के सिनेमा जगत की कई हस्तियां तालिबान की वजह से अपनी जमीन छोड़कर वहां से पलायन कर रही है। अफगानिस्तान की जानी-मानी पॉपस्टार अर्याना सईद भी तालिबान के डर से भारत आ पहुंची है। उन्होंने तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए भारत को सच्चा दोस्त बताया है। अफगानिस्तान से हो रहे पलायन को लेकर तालिबान की ओर से चेतावनी दी गई है कि वह अब किसी भी अफगान नागरिक को देश छोड़ने की इजाजत नहीं देगा। तालिबान ने कहा है कि वह अफगान नागरिकों को काबुल एयरपोर्ट की यात्रा करने से रोकेंगे ताकि कोई अफगान निकासी विमान में सवार होकर विदेश में ना चला जाए।

देश की प्रगति में उद्योग के योगदान की सराहना की

अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वाहन विनिर्माण से जुड़ी मूल्य श्रृंखला के लिए समग्र उपाय किए जा रहे हैं। इससे यह उद्योग अधिक उत्पादक और टिकाऊ बन सकेगा। सोसायटी आफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) को उसके 61वें वार्षिक सम्मेलन के मौके पर बुधवार को संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक स्वच्छ और आधुनिक परिवहन व्यवस्था (मोबिलिटी) के लक्ष्य को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
उन्होंने देश की प्रगति में उद्योग के योगदान की सराहना की। मोदी के संदेश को वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के अध्यक्ष केनिची आयुकावा ने पढ़कर सुनाया। अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा, ”भारत की अर्थव्यवस्था और प्रगति में वाहन उद्योग की भूमिका काफी शानदार रही है। इस क्षेत्र ने विनिर्माण के साथ निर्यात बढ़ाने में योगदान दिया। साथ ही क्षेत्र ने बड़ी संख्या में रोजगार के अवसरों का सृजन किया और लोगों के जीवन को सुगम बनाया। देश की वृद्धि की कहानी में यह क्षेत्र भागीदार रहा है।
मोदी ने कहा कि कोविड-19 महामारी से संघर्ष के दौरान भी क्षेत्र ने संवेदनशील और सक्रिय तरीके से अपना योगदान दिया। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का भारत स्वच्छ और आधुनिक मोबिलिटी के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। वाहन विनिर्माण से जुड़ी मूल्य श्रृंखला के लिए समग्र उपाय किए जा रहे है। इससे यह उद्योग अधिक उत्पादक और सतत बन सकेगा। उन्होंने वाहन उद्योग को भरोसा दिलाया कि भारत को विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनाने में सभी अंशधारकों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। मोदी ने कहा कि वैश्विक वाहन कंपनियों की विनिर्माण इकाइयां भारत में हैं। इससे भारत के संपन्न पारिस्थितिकी तंत्र का पता चलता है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हमें अपने पर्यावरण, संसाधनों और कच्चे माल का संरक्षण करने की भी जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। अगले 25 साल देश के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। मोदी ने कहा, ”हमें अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे, विश्वस्तरीय विनिर्माण और प्रौद्योगिकी के लिए काम करने की जरूरत है।” उन्होंने कहा कि भारत अपने नागरिकों को वैश्विक स्तर की गुणवत्ता और सुरक्षा प्रदान करने को प्रतिबद्ध है।

अफगानिस्तान के पूर्व संचार मंत्री की फोटो शेयर की

काबूल। अफगानिस्तान के पूर्व संचार मंत्री इन दिनों जर्मनी में पिज्जा डिलीवरी का काम कर रहे हैं। अफगान संकट के बीच उनकी कुछ तस्वीरें वायरल हो रही है।जिसमें वह पिज्जा कंपनी की यूनिफॉर्म पहनकर डिलीवरी के लिए जाते नजर आ रहे हैं। सैयद अहमद शाह सआदत अफगानिस्तान में संचार मंत्री के साथ ही कई अन्य महत्वपूर्ण पद संभाल चुके हैं। ऐसे में उनका यूं पिज्जा डिलीवरी करना सभी के लिए चौंकाने वाला है। हालांकि, सैयद को खुद को डिलीवरी बॉय कहलाने में कोई शर्म नहीं।
एक जर्मन पत्रकार ने अफगानिस्तान के पूर्व संचार मंत्री की फोटो अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर की है। पत्रकार ने पूर्व मंत्री से बातचीत भी की, जिसमें उन्होंने अफगानिस्तान के हाल और अपने बारे में बताया. सैयद अहमद शाह सआदत पिछले साल के आखिरी में अपने पद से इस्तीफा देकर जर्मनी चले आए थे. मुल्क छोड़ने के बाद उन्होंने कुछ समय अच्छे से बिताया, लेकिन जब पैसा खत्म होने लगा तो उन्हें जीवनयापन के लिए 'स्काई न्यूज अरबिया' की रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व मंत्री सैयद जर्मनी के लीपजिंग की एक पिज्जा कंपनी के साथ काम कर रहे हैं। सैयद ने अपने देश छोड़ने की वजह बताते हुए कहा कि राष्ट्रपति अशरफ गनी की टीम और उनकी मांगों से सहमत नहीं होने की वजह से उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया और सबकुछ छोड़कर जर्मनी चला आया। पूर्व अफगान मंत्री ने बताया कि उनके पास ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से संचार और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में दो मास्टर डिग्री हैं। इसके अलावा उन्होंने 13 देशों की 20 से अधिक कंपनियों के साथ कम्युनिकेशन की फील्ड में काम किया है।

हनोई: मामले की जांच के कारण कई घंटे की देरी हुईं

हनोई। अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की सिंगापुर से वियतनाम की यात्रा में हनोई में तथाकथित हवाना सिंड्रोम के एक संभावित मामले की जांच के कारण मंगलवार को कई घंटे की देरी हुई। प्रशासन के अधिकारियों ने इस आशय की जानकारी दी। हालांकि ये जांच अपने शुरुआती स्तर पर ही थी और अधिकारियों ने हैरिस से कहा कि वे अपने तय कार्यक्रम के मुताबिक वियतनाम में रुक सकती हैं। हैरिस के इस दौरे का उद्देश्य अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के निकलने के बीच अमेरिकी विदेश नीति के बारे में सहयोगियों को आश्वस्त करना है।  हवाना सिंड्रोम स्वास्थ्य से जुड़ी कई रहस्यमय घटनाओं को कहा जाता है। इस सिंड्रोम  को पहली बार अमेरिकी राजनयिकों और सरकारी अधिकारियों ने 2016 की शुरुआत में क्यूबा की राजधानी में रिपोर्ट किया था।
हालांकि ये तुरंत स्पष्ट नहीं हो सका कि हनोई में कौन हवाना सिंड्रोम का शिकार हुआ है। हालांकि अधिकारियों ने कहा कि जो भी सिंड्रोम का शिकार व्यक्ति है, वह ना तो उपराष्ट्रपति के लिए और ना ही व्हाइट हाउस के लिए काम करता है। हनोई स्थित अमेरिकी दूतावास के बयान के मुताबिक हैरिस के दौरे में देरी इसलिए हुई कि उपराष्ट्रपति के कार्यालय को वियतनाम की राजधानी में हाल ही में एक संभावित असामान्य स्वास्थ्य घटना की एक रिपोर्ट के बारे में पता चला। हालांकि दूतावास ने कोई और जानकारी उपलब्ध नहीं कराई लेकिन कहा कि हैरिस ने स्थिति का आकलन करने के बाद हनोई जाने का फैसला किया।
हवाना सिंड्रोम को परिभाषित करने के लिए अमेरिकी सरकार "असामान्य स्वास्थ्य घटना" का प्रयोग करती है। इस सिंड्रोम से पीड़ित लोगों ने बताया कि उन्हें कर्णभेदी शोर सुनाई देता है और वे चेहरे पर भारी तनाव महसूस करते हैं। कभी कभार दर्द, मितली और चक्कर भी आता है। इस तरह के मामले जर्मनी, ऑस्ट्रिया, रूस और चीन में कार्यरत अमेरिकियों द्वारा भी रिपोर्ट किए गए हैं। इस मामले को परिभाषित करने के लिए कई सारी दलीलें दी गई हैं, जैसे लोगों को टारगेट करके माइक्रोवेब और सुपरसोनिक अटैक करना, जोकि जासूसी या हैकिंग के लिए हो सकता है।
अमेरिका इस तरह के मामलों को बेहद गंभीरता से लेता है और हाल ही में दो ऐसे केस वॉशिंगटन में दर्ज किए गए हैं, जिनमें से एक मामले में नवंबर में व्हाइट हाउस के अधिकारी ने चक्कर आने की सूचना दी थी। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना था कि मामले में रूस संलिप्त हो सकता है, हालांकि मास्को ने इनकार कर दिया।
बता दें कि कमला हैरिस को मंगलवार की शाम को सिंगापुर में भाषण देने के बाद हनोई जाना था, लेकिन उनकी फ्लाइट में तीन घंटे से ज्यादा की देरी हुई। हालांकि हैरिस के मुख्य प्रवक्ता साइमन सिंड्रोम ने स्थिति पर बात करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि हैरिस ठीक हैं और पत्रकारों ने मंगलवार को उन्हें कई बार देखा है, इसलिए उनके स्वास्थ्य के बारे में चिंतित होने की जरूरत नहीं है।
इधर वॉशिंगटन में कांग्रेस ने मामले को उठाया और हाउस और सीनेट में सभी पार्टियों ने इस पर चिंता जताई और सिंड्रोम की जांच के लिए बाइडन सरकार से मांग की।  बाइडन सरकार पर इस तरह के मामलों की जांच कराने का बेहद दबाव है, क्योंकि हाल के दिनों में हवाना सिंड्रोम के मामले बढ़े हैं। लेकिन वैज्ञानिक और सरकार ने इस बारे में निश्चित नहीं है कि इस हमले के पीछे कौन हो सकता है। और यह भी क्या ये लक्षण सर्विलांस उपकरणों की वजह से होते हैं, या इसके पीछे किसी तरह का हमला है। 
हालांकि अमेरिकी प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेने का आश्वासन ही दिया है, और कहा है कि सिंड्रोम से प्रभावित लोगों को बढ़िया मेडिकल केयर उपलब्ध कराया जाएगा। हवाना सिंड्रोम के बारे में एक महत्वपूर्ण विश्लेषण ये सामने आया है कि इसके पीछे रेडियो फ्रीक्वेंसी एनर्जी हो सकती है। बीते दिसंबर में नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस की ओर से प्रकाशित रिपोर्ट में रेडियो फ्रीक्वेंसी अटैक मस्तिक की संचालन प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है और इससे कोई बहुत ज्यादा नुकसान भी नहीं होगा। हालांकि पैनल ने अपनी रिपोर्ट में यह नहीं बताया कि अमेरिकी अधिकारियों को किस तरह टारगेट किया जाता है।

सरकार ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में इजाफा किया

हरिओम उपाध्याय            
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। प्रदेश की योगी सरकार ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में इजाफा कर दिया है। जानकारी के अनुसार कर्मियों के डीए में 11 प्रतिशत की बढ़ाेतरी की गई है। खास बात ये हैं कि बढ़ी हुई दर 1 जुलाई से ही लागू मानी जाएगी। अब राज्य सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 17 प्रतिशत से बढ़ कर 28 प्रतिशत हो गया है। केंद्र सरकार की तर्ज पर ही यूपी सरकार ने भी ये निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेश सरकार की इस घोषणा के बाद सरकारी कर्मचारियों में खुशी की लहर है।
उल्लेखनीय है कि सरकार के इस फैसले से राज्य के 16 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। साथ ही करीब 12 लाख पेंशनधारियों को भी बढ़े हुए महंगाई भत्ते का लाभ मिलेगा। बताया जा रहा है कि अगस्त के वेतन के साथ ही कर्मचारियों को बढ़े हुए महंगाई भत्ते का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने जुलाई में महंगाई भत्ते और महंगाई राहत बढ़ाने को लेकर अधिकारियों से जल्द से जल्द प्रस्ताव पेश करने के लिए कहा था।  इसके साथ ही अपनी टीम 9 के साथ बैठक के दौरान सीएम ने वित्त विभाग को भी इस संबंध में खास निर्देश दिए थे। सीएम का कहना था कि कोरोना काल के दौरान राज्य कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के लाभ से वंचित रखा गया इसके चलते अब डीआर को जल्द से जल्द रिलीज करने का इंतजाम किया जाए।
गौरतलब है कि कोरोना के दौरान विषम परिस्थितियों को देखते हुए योगी सरकार ने राज्य के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और पेंशनरों के महंगाई राहत के भुगतान पर रोक लगा दी थी। वित्तीय संसाधनों की कमी को पूरा करने के लिए योगी सरकार ने अप्रैल 2020 में इस पर रोक लगाई थी।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही केंद्र सरकार ने भी केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ा कर 28 प्रतिशत कर दिया था। जिसके बाद बिहार सरकार ने भी महंगाई भत्ते में बढ़ाेतरी की थी। इसी तर्ज पर अब योगी सरकार ने भी महंगाई भत्ते को बढ़ा दिया है।

सरकार ने बच्चा गोद लेने के नियमों में प्रावधान जोड़ा

अकांशु उपाध्याय              
नई दिल्ली। सरकार ने बच्चा गोद लेने के नियमों में नया प्रावधान जोड़ा है। जिसके तहत बच्चा गोद लेने के दो साल के भीतर विदेश जाने के इच्छुक अभिभावकों को अपने आने-जाने के संबंध में पूरी सूचना कम से कम दो सप्ताह पहले भारतीय राजनयिक मिशन को उपलब्ध करानी होगी. महिला और बाल विकास मंत्रालय की गजट में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार, अभिभावकों को यह सूचना लिखित में देनी होगी और साथ में अपना पूरा संपर्क विवरण भी देना होगा।
अधिसूचना में कहा गया है कि अभिभावक के साथ बच्चा जिस देश में जा रहा है। वहां स्थित भारतीय राजनयिक मिशन की जिम्मेदारी होगी कि वह दत्तक ग्रहण विनिमन नियमा, 2017 के तहत बच्चे के संबंध में सभी जिम्मेदारियों का निर्वहन करे।
दत्तक ग्रहण (प्रथम संसोधन) विनियमन, 2021 में कहा गया है। संशोधन को किशोर न्याय (देखभाल और बाल संरक्षण) कानून, 2015 के तहत अधिसूचित कर दिया गया है। इससे पहले नियम के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं था जिसमें अभिभावकों को मिशन को सूचित करना पड़े। अधिसूचना के अनुसार, ‘‘दत्तक ग्रहण विनियमन, 2017, की नियम संख्या 40 के उपनियम (7) के बाद निम्न उपनियम (सूचना देने संबंधी) को जोड़ा जाए।
नये उप-नियम 7ए में कहा गया है कि बच्चा गोद लेने वाले अभिभावक अगर गोद लेने के दो साल के भीतर बच्चे के साथ विदेश जाना चाहते हैं तो उन्हें वहां स्थानीय भारतीय राजनयिक मिशन को वहां पहुंचने और वहां से रवानगी के संबंध में लिखित में कम से कम दो सप्ताह पहले सूचना देनी होगी, सूचना में उन्हें अपना पूरा नाम, नयी जगह का पता, फोन नंबर आदि देना होगा। यह स्थानीय भारतीय मिशन की जिम्मेदारी होगी कि वह गोद लिए हुए बच्चे के संबंध में दत्तक ग्रहण विनियमन, 2017 की सभी जिम्मेदारियों को निभाए।

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली  इकबाल अंसारी  रांची। झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने गुरुवार को शपथ ली। ...