अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। केंद्र के तीन कृषि कानूनों को लेकर राजधानी दिल्ली सहित देश के विभिन्न हिस्सों में जारी प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि इन कृषि सुधारों से देश के किसानों को तो लाभ होगा ही। इसमें स्वयं सहायता समूहों के लिए भी असीम संभावनाएं हैं।
आत्मनिर्भर नारी-शक्ति से संवाद” नाम से आयोजित एक कार्यक्रम में दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े महिला स्वयं-सहायता समूहों की महिला सदस्यों के साथ संवाद के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने यह बात कही। उन्होंने कहा, ”जो नए कृषि सुधार हैं उनसे देश की कृषि हमारे किसानों को तो लाभ होगा ही, इसमें स्वयं सहायता समूहों के लिए भी असीम संभावनाएं बन रही हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”अब आप सीधे किसानों से खेत पर ही साझेदारी कर, अनाज और दाल जैसी उपज की सीधी होम डिलिवरी कर सकती हैं। कोरोना काल में हमने कई जगह ऐसा होते देखा भी है।” उन्होंने कहा कि अब किसानों के पास भंडारण की सुविधा जुटाने का प्रावधान है और भंडारण को लेकर कोई बंदिश भी नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ”आप चाहें तो खेत से सीधे उपज बेचें या खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगाकर बढ़िया पैकेजिंग करके बेचें, हर विकल्प आपके पास है। ऑनलाइन भी आजकल एक बड़ा माध्यम बन रहा है, जिसका उपयोग आपको ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। आप ऑनलाइन कंपनियों के साथ तालमेल कर, बढ़िया पैकेजिंग कर, आसानी से शहरों में अपने उत्पाद बेच सकती हैं।” मोदी ने कहा कि इतना ही नहीं, उत्पादों को भारत सरकार के जीईएम (जेम) पोर्टल पर जाकर भी बेचा जा सकता है।
उन्होंने कहा, ”सरकार को जो चीजें खरीदनी हैं और वह आपके पास हैं, तो आप सीधे सरकार को भी बेच सकते हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि और कृषि आधारित उद्योग वह क्षेत्र हैं, जहां महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए अनंत संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा, ”गांव में भंडारण और कोल्ड चेन की सुविधा शुरू करनी हो, खेती की मशीनें लगानी हों, दूध, फल, सब्जी को बर्बाद होने से रोकने के लिए कोई संयंत्र लगाना हो,ऐसे अनेक काम के लिए विशेष कोष बनाया गया है। इस कोष से मदद लेकर स्वयं सहायता समूह भी यह सुविधाएं तैयार कर सकते हैं।” उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार महिला किसानों को विशेष प्रशिक्षण देने के साथ साथ जागरूकता को भी निरंतर बढ़ावा दे रही हैं और इससे अभी तक लगभग सवा करोड़ किसान और पशुपालक बहनें लाभान्वित हो चुकी हैं।
ज्ञात हो कि कृषि कानूनों के खिलाफ कई किसान संगठन, खासकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान संगठन राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले साल से प्रदर्शन कर रहे हैं। संसद के मानसून सत्र में भी विपक्षी दलों ने अन्य मुद्दों के साथ कृषि कानूनों पर हंगामा किया और दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित की।