गुरुवार, 12 अगस्त 2021

वृद्धि को गति, कदम उठाने को तैयार हैं सरकार

अकांशु उपाध्याय          

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को उद्योग जगत को आश्वस्त किया कि सरकार आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये हर जरूरी कदम उठाने को तैयार है। सीतारमण ने उद्योग मंडल सीआईआई की सालाना बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये लगायी गयी पाबंदियों को हटाये जाने के बाद से अर्थव्यवस्था में तेजी और पुनरूद्धार के संकेत हैं। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अब तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं विदेशी मुद्रा भंडार जुलाई में बढ़कर 620 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

वित्त मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार सुधारों को लेकर प्रतिबद्ध है। यहां तक कि महामारी के दौरान भी सरकार ने सुधारों को आगे बढ़ाया गया। पिछले साल केंद्र ने कृषि कानूनों और श्रम सुधारों को आगे बढ़ाया। उन्होंने उद्योग जगत को आगे आने और अर्थव्यवस्था में निवेश बढ़ाने का आह्वान किया।


1 रिसोर्ट के निकट लगीं आग से 8 श्रमिक झुलसें

राजकोट। गुजरात में राजकोट तालुका क्षेत्र में एक रिसोर्ट के निकट कमरे में लगी आग से गुरुवार को आठ श्रमिक झुलस गए। पुलिस ने बताया कि कालावाड रोड़ पर निराली रिसोर्ट में काम करने वाले मजदूरों के कमरे में आज तड़के अचानक आग लग गयी।
स्थानीय लोगों ने आग पर काबू पा लिया लेकिन आग में आठ मजदूर झुलस गए। झुलसी हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। सभी रिसोर्ट में वेटर का काम करने वाले संविदा कर्मी थे। अग्निशमन विभाग के कर्मी ने बताया कि निराली रिसोर्ट की ओर से पास के कमरे में लगी आग की सूचना उनके कंट्रोल रूम को नहीं मिली थी।
फिर भी जैसे ही कंट्रोल रूम को पता चला दमकल कर्मी मौके पर पहुंच गए और कमरे में देखा तो आग बुझ चुकी थी और वहां का सामान जला हुआ था। पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।

देश के विभिन्न हिस्सों में किसानों को लाभ होगा

अकांशु उपाध्याय              
नई दिल्ली। केंद्र के तीन कृषि कानूनों को लेकर राजधानी दिल्ली सहित देश के विभिन्न हिस्सों में जारी प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि इन कृषि सुधारों से देश के किसानों को तो लाभ होगा ही। इसमें स्वयं सहायता समूहों के लिए भी असीम संभावनाएं हैं।
आत्मनिर्भर नारी-शक्ति से संवाद” नाम से आयोजित एक कार्यक्रम में दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े महिला स्वयं-सहायता समूहों की महिला सदस्यों के साथ संवाद के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने यह बात कही। उन्होंने कहा, ”जो नए कृषि सुधार हैं उनसे देश की कृषि हमारे किसानों को तो लाभ होगा ही, इसमें स्वयं सहायता समूहों के लिए भी असीम संभावनाएं बन रही हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”अब आप सीधे किसानों से खेत पर ही साझेदारी कर, अनाज और दाल जैसी उपज की सीधी होम डिलिवरी कर सकती हैं। कोरोना काल में हमने कई जगह ऐसा होते देखा भी है।” उन्होंने कहा कि अब किसानों के पास भंडारण की सुविधा जुटाने का प्रावधान है और भंडारण को लेकर कोई बंदिश भी नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ”आप चाहें तो खेत से सीधे उपज बेचें या खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगाकर बढ़िया पैकेजिंग करके बेचें, हर विकल्प आपके पास है। ऑनलाइन भी आजकल एक बड़ा माध्यम बन रहा है, जिसका उपयोग आपको ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। आप ऑनलाइन कंपनियों के साथ तालमेल कर, बढ़िया पैकेजिंग कर, आसानी से शहरों में अपने उत्पाद बेच सकती हैं।” मोदी ने कहा कि इतना ही नहीं, उत्पादों को भारत सरकार के जीईएम (जेम) पोर्टल पर जाकर भी बेचा जा सकता है।
उन्होंने कहा, ”सरकार को जो चीजें खरीदनी हैं और वह आपके पास हैं, तो आप सीधे सरकार को भी बेच सकते हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि और कृषि आधारित उद्योग वह क्षेत्र हैं, जहां महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए अनंत संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा, ”गांव में भंडारण और कोल्ड चेन की सुविधा शुरू करनी हो, खेती की मशीनें लगानी हों, दूध, फल, सब्जी को बर्बाद होने से रोकने के लिए कोई संयंत्र लगाना हो,ऐसे अनेक काम के लिए विशेष कोष बनाया गया है। इस कोष से मदद लेकर स्वयं सहायता समूह भी यह सुविधाएं तैयार कर सकते हैं।” उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार महिला किसानों को विशेष प्रशिक्षण देने के साथ साथ जागरूकता को भी निरंतर बढ़ावा दे रही हैं और इससे अभी तक लगभग सवा करोड़ किसान और पशुपालक बहनें लाभान्वित हो चुकी हैं।
ज्ञात हो कि कृषि कानूनों के खिलाफ कई किसान संगठन, खासकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान संगठन राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले साल से प्रदर्शन कर रहे हैं। संसद के मानसून सत्र में भी विपक्षी दलों ने अन्य मुद्दों के साथ कृषि कानूनों पर हंगामा किया और दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित की।

27 को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी फिल्म 'चेहरे'

कविता गर्ग                  
मुंबई। अमिताभ बच्चन और इमरान हाशमी अभिनीत फिल्म ‘चेहरे’ 27 अगस्त को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी। फिल्म निर्माताओं ने बृहस्पतिवार को यह घोषणा की। फिल्म का निर्देशन रूमी जाफरी ने किया है और इसका निर्माण ‘आनंद पंडित मोशन पिक्चर्स’ और ‘सरस्वती एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड’ के बैनर तले किया गया है।
पंडित ने एक बयान में कहा, ” फिल्म ‘चेहरे’ जुलाई 2020 में रिलीज होने वाली थी, लेकिन कोरोना वायरस के कारण इसकी रिलीज आगे बढ़ा दी गई। इसके बाद 30 अप्रैल को इसे रिलीज होना था, लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण एक बार फिर रिलीज टाल दी गई। टीम ने काफी मेहनत की है और हम हमेशा चाहते थे कि फिल्म सिनेमाघर में ही रिलीज है।  मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सहित देश के अधिकांश हिस्सों में सिनेमाघर खुल गए हैं। महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों में सिनेमाघरों को फिर से खोलने के लिए अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। फिल्म में अन्नू कपूर, क्रिस्टल डिसूजा, धृतिमान चक्रवर्ती, रघुबीर यादव, सिद्धांत कपूर और रिया चक्रवर्ती ने भी अभिनय किया है।

एचसी ने याचिका पर सुनवाई करने से इनकार किया

अकांशु उपाध्याय                  
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को उस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।जिसमें केन्द्र को गृह मंत्रालय के अधीन बलों के लिए भी रक्षा मंत्रालय के अधीन आने वाले सशस्त्र बलों की तरह पेंशन योजना लागू करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडला की पीठ ने ‘हमारा देश हमारे जवान ट्रस्ट’ की ओर से दायर जनहित याचिका पर गौर करते हुए कहा कि पीड़ित कर्मियों द्वारा कई याचिकाएं पहले से ही निर्णय के लिए लंबित हैं। न्यायमूर्ति एंडला ने कहा कि इससे प्रभावित लोग पहले ही अदालत का रुख कर चुके हैं। मामले पर सुनवाई पहले ही जारी है। इस संबंध में कई याचिकाएं हैं। उन्होंने कहा कि लंबित याचिकाओं पर जो फैसला आएगा। वे इस तरह की सभी संबंधित याचिकाओं पर लागू होगा।
न्यायमूर्ति ने ट्रस्ट के वकील अजय के. अग्रवाल से कहा कि हरेक व्यक्ति को उपस्थिति दर्ज कराने की जरूरत नहीं है। जो मुद्दा आप उठा रहे हैं, वह इससे प्रभावित लोग पहले ही उठा चुके हैं। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल ने कहा कि एक ही मामले पर कई याचिकाएं दायर करने की जरूरत नहीं है और साथ ही उन्होंने याचिकाकर्ता से लंबित कार्यवाही का हिस्सा बनने को कहा।
मुख्य न्यायाधीश ने वकील से कहा कि आप वहां जाए और सीएम (आवेदन) दायर करें।” अदालत ने ट्रस्ट को अन्य कानूनी उपायों का इस्तेमाल करने या लंबित कार्यवाही में शामिल होने की स्वतंत्रता देने के साथ अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।

यूपी में 5 लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित

हरिओम उपाध्याय                   
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के 23 जिलों के 1200 गांवों की पांच लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित है। जहां बचाव और राहत अभियान जारी है। राहत आयुक्त कार्यालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है। “23 जिलों के 1243 गांवों में 5,46,049 की आबादी बाढ़ से प्रभावित है।”
रिपोर्ट के मुताबिक प्रयागराज, चित्रकूट, कौशांबी, प्रतापगढ़, बस्ती, गोंडा, सुल्तानपुर, श्रावस्ती, लखनऊ, रायबरेली और फतेहपुर सहित 11 जिलों में पिछले 24 घंटे में 25 मिमी या उससे अधिक बारिश हुई है। सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के अनुसार बदायूं, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया में गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जबकि औरैया, जालौन, हमीरपुर, बांदा और प्रयागराज जिलों में यमुना नदी लाल निशान के करीब है।
इसी तरह, बेतवा नदी हमीपुर में और शारदा नदी पलिया कलां (खीरी) में और चंद्रदीप घाट (गोंडा) में क्वानो नदी खतरे के निशान से ऊपर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत एवं बचाव कार्य जारी है। बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच अब तक 20,768 राशन किट और 167213 खाने के पैकेट बांटे जा चुके हैं। लोगों की मदद के लिए जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और राज्य पीएसी को तैनात किया गया है।

बसपा: अध्यक्ष मायावती ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया

हरिओम उपाध्याय                
लखनऊ। संसद में सत्ता तथा विपक्ष के बीच गतिरोध को बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने बृहस्पतिवार को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। मायावती ने एक ट्वीट में कहा, ” देश की संसद तथा इसके उच्च सदन राज्यसभा में गत दिनों में सत्ता व विपक्ष के बीच गतिरोध में जो कुछ हुआ वह अति दुर्भाग्यपूर्ण है।
देश की संसद व इसके उच्च सदन राज्यसभा में गत दिनों सत्ता व विपक्ष के बीच गतिरोध में जो कुछ हुआ वह अति दुर्भाग्यपूर्ण। मैंने अपने लम्बे संसदीय जीवन में बहुत बार सत्ता व विपक्ष के बीच तीखी तकरार, तनाव व तीव्र विरोध आदि देखे हैं किन्तु संसद में अब जैसा दृश्य कभी नहीं देखा है।
मैंने अपने लंबे संसदीय जीवन में बहुत बार सत्ता व विपक्ष के बीच तीखी तकरार, तनाव व तीव्र विरोध आदि देखे हैं, किन्तु संसद में अब जैसा दृश्य कभी नहीं देखा।  गौरतलब है कि संसद का 19 जुलाई से शुरू हुआ मानसून सत्र अपने पूर्व निर्धारित समय से दो दिन पहले ही बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। पेगासस जासूसी मामले और तीन कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण लोकसभा में जहां मात्र 22 प्रतिशत, वहीं राज्यसभा में महज 28 प्रतिशत ही कामकाज हो पाया।

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली  इकबाल अंसारी  रांची। झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने गुरुवार को शपथ ली। ...