शुक्रवार, 6 अगस्त 2021

लुपिट ने फ़ुज़ियान प्रांत में दूसरा लैंडफॉल बनाया

बीजिंग। टाइफून लुपिट ने पूर्वी चीन के फ़ुज़ियान प्रांत में अपना दूसरा लैंडफॉल बनाया। जिससे भारी बारिश हुई और हजारों लोगों को निकालने में मदद मिली। रिपोर्ट्स के मुताबिक शाम करीब 4.50 बजे झांगझोउ शहर के डोंगशान कंटी में आंधी आई। इसके केंद्र के पास अधिकतम हवा की गति 18 मीटर प्रति सेकंड के साथ राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने कहा कि यह इस साल नौवें तूफान के ग्वांगडोंग प्रांत के शान्ताउ शहर में गुरुवार सुबह करीब 11.20 बजे उतरने के कुछ ही घंटों बाद था।
प्रांतीय आपातकालीन प्रबंधन विभाग के अनुसार, फ़ुज़ियान ने उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों से, शाम 6 बजे तक, 25,000 लोगों को निकाला था और 153 मछली पकड़ने वाली नौकाओं को बंदरगाह पर वापस बुला लिया था।कुल 218 बंदरगाह और तटीय दर्शनीय स्थलों के साथ-साथ 88 नौका लाइनों को बंद कर दिया गया है। फ़ूज़ौ और झांगझोउ सहित शहरों ने लुपिट द्वारा लाई गई मूसलाधार बारिश के बीच बाढ़ और जलभराव के लिए एक आपातकालीन प्रतिक्रिया शुरू की है। विशेषज्ञों ने भूगर्भीय आपदाओं के बढ़ते जोखिमों की भी चेतावनी दी है, क्योंकि प्रांत के तटीय क्षेत्रों में आंधी आने की आशंका है।

भारत सहित कई देशों ने चीन सागर में युद्धपोत भेजे

बीजिंग। दक्षिण चीन सागर में हलचल बढ़ गई है। अमेरिका के बाद अब चीन भी बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास करने जा रहा है। खबर है कि ऐसे समय में जब अमेरिका चीन को निशाना बनाकर बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास कर रहा है। ब्रिटेन, जर्मनी और भारत सहित कई देशों ने दक्षिण चीन सागर में युद्धपोत भेजे हैं या फिर भेजने की योजना बना रहे हैं। ऐसे में अब चीन ने भी घोषणा की है कि वह शुक्रवार से सैन्य अभ्यास करेगा।
दक्षिण चीन सागर में मंगलवार तक एक विशाल नेविगेशन प्रतिबंध क्षेत्र की स्थापना की जा चुकी है। कुछ पर्यवेक्षकों ने कहा कि यह पिछले साल आयोजित एक ड्रिल जैसा दिखता है, जिसमें चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने कथित तौर पर लाइव-फायर "एयरक्राफ्ट कैरियर किलर" एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल से अभ्यास किया था।विशेषज्ञों ने कहा कि आगामी ड्रिल को लेकर अटकलबाजी बना हुआ है। चीन शुक्रवार से मंगलवार तक दक्षिण चीन सागर में एक सैन्य प्रशिक्षण आयोजित करेगा। अन्य जहाजों को नेविगेशन प्रतिबंध क्षेत्र में प्रवेश करने की मनाही होगी। बुधवार को समुद्री सुरक्षा प्रशासन द्वारा जारी एक नोटिस में यह बात कही गई है। नोटिस में अभ्यास पर अधिक विवरण नहीं दिया गया था, लेकिन ताइपे स्थित एक समाचार एजेंसी ने बताया कि पीएलए ने पिछले साल इसी तरह के अभ्यास में दक्षिण चीन सागर में जहाज-रोधी बैलिस्टिक मिसाइलों को लॉन्च किया था।
24 अगस्त से 29 अगस्त तक आयोजित पिछले साल के अभ्यास में लगभग उसी स्थान पर और समुद्री सुरक्षा प्रशासन द्वारा घोषित समान आकार के नेविगेशन प्रतिबंध क्षेत्र को भी दिखाया गया था।
अमेरिकी मीडिया आउटलेट्स ने तब अमेरिकी रक्षा अधिकारियों के हवाले से कहा कि चीन ने उस अभ्यास में दक्षिण चीन सागर में चार मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें लॉन्च कीं, जो हैनान द्वीप और ज़िशा द्वीप समूह के बीच के क्षेत्र में उतरी। इसे विदेशी मीडिया द्वारा व्यापक रूप से पीएलए परीक्षण एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइलों के रूप में व्याख्या किया गया था।
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वू कियान ने 27 अगस्त, 2020 को एक नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि हाल में हुए चीनी सैन्य अभ्यास नियमित थे। इस दौरान किसी भी देश को निशाना नहीं बनाया गया।
चीन शस्त्र नियंत्रण और निरस्त्रीकरण संघ के एक वरिष्ठ सलाहकार जू गुआंग्यु ने गुरुवार को ग्लोबल टाइम्स को बताया, ''सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के आधार पर यह कहा जा सकता है कि दक्षिण चीन सागर में इस साल के पीएलए अभ्यास में जहाज-विरोधी अभ्यास की संभावना होगी।'' जू ने कहा कि डीएफ श्रृंखला में मिसाइलों सहित जहाज-आधारित और भूमि-आधारित एंटी-शिप मिसाइलों की एक लंबी दूरी है। यही कारण है कि अभ्यास के लिए इतने बड़े क्षेत्र की आवश्यकता है। जू ने कहा कि इस साल के अभ्यास को बढ़ाया जा सकता है।
चीनी सैन्य विशेषज्ञ और टीवी कमेंटेटर सोंग झोंगपिंग ने गुरुवार को ग्लोबल टाइम्स को बताया कि पीएलए कई सैन्य सेवाओं की विशेषता वाले संयुक्त अभियानों की अवधारणा की वकालत कर रहा है। इसमें पीएलए रॉकेट फोर्स और एक अन्य लाइव-फायर एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल शामिल हो सकती है। यदि नहीं, तो अभ्यास में संयुक्त समुद्री और हवाई बलों की संभावना होगी। सोंग ने यह बात कही है।
चीनी सैन्य उड्डयन विशेषज्ञ फू कियानशाओ ने गुरुवार को ग्लोबल टाइम्स को बताया कि एक और एयरक्राफ्ट कैरियर किलर का परीक्षण संभव है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ नेविगेशन प्रतिबंध नोटिस के आधार पर इसके बारे में बताना मुश्किल है।
अमेरिकी मीडिया आउटलेट ने विदेशी उपग्रह चित्रों का हवाला देते हुए बताया कि चीन का दूसरा विमानवाहक पोत, शेडोंग, पिछले सप्ताह अभ्यास के लिए दक्षिण चीन सागर में था।

बिरादरी को चेतावनी जारी, मदद की अपील की

तेहरान। इजरायल ने चेतावनी जारी करते हुए दावा किया है कि अगले 10 हफ्तों में ईरान परमाणु हथियार बनाने में कामयाबी हासिल कर लेगा। जो उसके लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है। इजरायल ने कहा है कि ईरान केवल 10 सप्ताह के भीतर बम बनाने के लिए पर्याप्त परमाणु सामग्री हासिल कर सकता है। माना जा रहा है कि इस जानकारी ने इजरायल को काफी डरा दिया है, लिहाजा इजरायल ने अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी को चेतावनी जारी करते हुए मदद की अपील की है।
अल्लाह हू। अकबर सुनते ही तालिबान क्यों हो जाता है आगबबूला। जानिए कैसे बना अफगानियों का नया अचूक हथियार।
इजरायल के रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज़ ने इस हफ्ते संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ईरान के परमाणु भंडार पर अलार्म बजाते हुए विश्व नेताओं से कार्रवाई करने का आग्रह किया है।

4-5 अगस्त के दौरान भारत व चीन ने कार्रवाई की

नई दिल्ली/ बीजिंग। चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से चल रहा सीमा गतिरोध अब समाप्त होता दिख रहा है। 12वें राउंड के कमांडर लेवल की बातचीत के बाद दोनों सेनाएं गोगरा इलाके से पीछे हट गई है। 4-5 अगस्त के दौरान दोनों सेनाओं ने यह कार्रवाई की है। विदेश मंत्रियों की बैठक में भी इन इलाकों से पीछे हटने का फैसला लिया गया था. भारत और चीन की सेना के द्वारा बनाए गए सभी अस्‍थायी और उससे संबंधित अन्‍य ढांचों को ध्‍वस्‍त कर दिया गया है और उसे पारस्परिक रूप से सत्यापित भी किया गया है। अभी कुछ दिन पहले ही भारत और चीन के बीच मोल्‍डो में हुई 12वें दौर की बातचीत में दोनों देश पेट्रोल पॉइंट 17A से सैनिकों को हटाने पर सहमत हुए थे, जो पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में दोनों देशों के बीच फ्रिक्शन पॉइंट में से एक है।12वें दौर की वार्ता के दौरान दोनों पक्षों के बीच पीपी-17A जिसे गोगरा भी कहा जाता है, से पीछे हटने का समझौता हुआ था। दोनों पक्षों के बीच अंतिम अलगाव इस साल फरवरी में हुआ था जब वे पैंगोंग झील के किनारे से अलग हो गए थे।
वार्ता के बाद जारी बयान के अनुसार, ‘दोनों पक्षों के बीच भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर बातचीत हुई। बैठक का दौर रचनात्मक रहा, जिसने आपसी समझ को और बढ़ाया। दोनों पक्ष मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार इन शेष मुद्दों को शीघ्रता से हल करने और बातचीत और वार्ता की गति को बनाए रखने पर सहमत हुए। भारत और चीन की सेनाओं के बीच सीमा पर यह गतिरोध पिछले साल मई में पैंगोंग झील इलाके में संघर्ष से शुरू हुआ था और दोनों पक्षों ने उसके बाद से वहां अपने सैनिकों और भारी हथियारों की तैनाती बढ़ाई है। पिछले चार दशकों में सबसे बड़े टकराव में 15 जून, 2020 को गलवान घाटी में झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। झड़प के 8 महीने बाद चीन ने भी स्वीकार किया कि इसमें उसके चार सैन्यकर्मी मारे गए थे. फिलहाल एलएसी पर संवेदनशील सेक्टरों में दोनों पक्षों की ओर से करीब 50 से 60 हजार सैनिक तैनात हैं।

जालौन राजमार्ग पर बाढ़ का पानी आने से संपर्क टूटा

हरिओम उपाध्याय                 
औरैया। उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में यमुना नदी खतरे के निशान से पांच मीटर ऊपर बह रही है। बाढ़ की जद में आये 12 से अधिक गांवों में राहत एवं बचाव कार्य जारी है। वहीं औरैया जालौन राजमार्ग पर बाढ़ का पानी आने से जालौन जिले से संपर्क टूट गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि आज सुबह नदी का जलस्तर 118.34 मीटर तक पहुंच गया है जो खतरे के निशान 113 मीटर से पांच मीटर ज्यादा है। यमुना के तटवर्ती एक दर्जन से भी अधिक गांवों के बाढ़ की चपेट में आ जाने व औरैया-जालौन हाइवे के ऊपर से पानी बहने के कारण औरैया का जालौन से सम्पर्क टूट गया है। इसके अलावा बबाइन गांव में बना पेंटून पुल पाने के तेज बहाव के चलते बह कर जुहीखा के पक्के पुल से जा टकराया जिससे उसकी रेलिंग क्षतिग्रस्त हो गई है।

कोरोना डेल्टा से खतरनाक नए वैरिएंट की आशंका

अकांशु उपाध्याय                 
नई दिल्ली। वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना पहले भी ज्यादा संक्रामक हो सकता है। क्योंकि उन्हें आशंका है कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से भी खतरनाक नया वैरिएंट सामने आ सकता है। अमरीका के वरिष्ठ संक्रामक रोग विशेषज्ञ और सरकार के कोविड सलाहकार डॉ. एंथनी फॉसी ने कैपिटल हिल में सीनेट में समिति के सामने इसकी आशंका जताई है।
डॉ. फॉसी ने कहा कि अमरीका में अभी वायरस जैसे फैल रहा है, उसी तरह सर्दियों तक फैलता रहा तो वो और खतरनाक और घातक रूप ले सकता है। उन्होंने चेतावनी दी है कि आने वाला नया वैरिएंट सभी टीकों को भी धोखा दे सकता है। समय रहते सभी को टीका नहीं लगा तो हमें महामारी के एक और भयावह रूप को देखने के लिए तैयार रहना होगा।

निवासरत वृद्धाश्रमों में बुजुर्गों का टीकाकरण कराया

दुष्यंत टीकम                
रायपुर। परिवार और समाज से उपेक्षित बुजुर्गों की देखभाल, सुरक्षा और उन्हें सम्मान जनक पारिवारिक वातावरण प्रदान करने के लिए समाज कल्याण विभाग निरंतर काम कर रहा है। प्रदेश के 31 वृद्धाश्रमों में 744 बुजुर्गों को भोजन, आवास, स्वास्थ्य देख-भाल सहित मनोरंजन की सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए वृद्धाश्रमों में निवासरत बुजुर्गों का प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण कराया गया है। 
वर्तमान में वृद्धाश्रमों में भवन की क्षमता से कम बुजुर्ग ही निवासरत हैं। छत्तीसगढ़ की संयुक्त परिवार परंपरा, पारिवारिक संवेदनशीलता और बुजुर्गों के प्रति सम्मान के कारण वृद्धाश्रमों में बुजुर्गों की संख्या अधिक नहीं है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश में 20 लाख 27 हजार से अधिक वरिष्ठ नागरिक हैं। निर्धन व निराश्रित बुजुर्गों को सहारा देने के लिए प्रदेश में 31 वृद्धाश्रमों का संचालन किया जा रहा है। इनमें केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा 22 और स्वेच्छिक संस्थाओं की ओर से 9 वृद्धाश्रम संचालित हैं। आवश्यकता पड़ने पर प्राथमिकता के आधार पर बुजुर्गों को वृद्धाश्रमों में प्रवेश दिया जा रहा है। यदि किन्ही कारणों से भवन की क्षमता से अधिक पात्र वरिष्ठ नागरिक को प्रवेश की आवश्यकता होती है तो उन्हें अन्य वृद्धाश्रम में प्रवेश दिया जाता है।
राज्य सरकार का प्रयास रहता है कि बुजुर्ग अपने परिवार में सकुशल जीवन-यापन करें और उन्हें वृद्धाश्रम में रहने की आवश्यकता नहीं पड़े। समाज कल्याण विभाग की ओर से बुजुर्गों के प्रति समाज में सम्मानजनक वातावरण निर्मित करने के लिए विभिन्न माध्यमों से निरंतर प्रचार-प्रसार और जन-जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला

'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। संसद सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर...