राणा ओबरॉय
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने विभिन्न अशक्तताओं से पीडित शिक्षकों, लिपिकों, सहायकों और लैब अटेंडेंट्स को बड़ी राहत प्रदान करते हुए आज हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग के लिए वर्ष 2017 में संशोधित शिक्षक स्थानांतरण नीति-2016 में संशोधन के एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में उक्त नीति के अंतर्गत किए जाने वाले आवश्यक विभिन्न संशोधनों को स्वीकृति प्रदान की। ताकि छात्रों के शैक्षणिक हितों की रक्षा के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से शिक्षकों एवं स्कूल प्रमुखों की समान एवं मांग-आधारित नियुक्ति सुनिश्चित की जा सके।
संशोधन के अनुसार अब 31 से 50 प्रतिशत तक दृष्टि और लोकोमोटर निशक्तजनों को 10 अंक दिए जाएंगे, जबकि पहले उक्त निशक्तता की प्रतिशतता 40 से 60 प्रतिशत थी। इसी प्रकार, अब 50 प्रतिशत से अधिक तथा 75 प्रतिशत तक की दृष्टि एवं लोकोमोटर निशक्तता वाले व्यक्तियों को 20 अंक दिये जायेंगे। जबकि पूर्व में उक्त निशक्तता की प्रतिशत 60 से 80 प्रतिशत थी तथा मात्र अंक 15 दिये जाते थे। इसी प्रकार, संशोधन के अनुसार, किसी भी कारण से दृष्टि हानि या लोकोमोटर निशक्तता को 100 प्रतिशत से घटाकर 75 प्रतिशत से अधिक कर दिया गया है।
इसके अलावा, अब कोई भी शिक्षक जो स्थानांतरण अभियान में भाग लेना चाहता है। यदि वह चाहे तो भाग ले सकता है। भले ही वह वर्तमान क्षेत्र/विद्यालय में कितने भी समय के लिए रहा हो। यह परिवर्तन लिपिकों, सहायकों और लैब अटेंडेंट के लिए स्थानांतरण नीति के संबंधित खंड पर भी लागू होगा। संशोधित नियमों के तहत अब प्रदेश भर के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को ऑनलाइन स्थानांतरण अभियान में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, अनैच्छिक मानित रिक्ति के तहत किए गए संशोधन के अनुसार, मौजूदा प्रावधानों के साथ अतिथि / तदर्थ शिक्षक के पद को भी शामिल किया गया है।