गुरुवार, 5 अगस्त 2021

गिरावट के साथ 47,847 रुपये पर आया 'सोना'

अकांशु उपाध्याय                   
नई दिल्ली। कोरोना महामारी का असर सोने पर भी पड़ा है। जिसकी वजह से पिछले साल के मुकाबले सोना इस साल काफी सस्ता बिक रहा है। एक समय में लगभग 10हजार रुपए की गिरावट दर्ज की गई थी। जानकारों की माने तो इस वक्त सोना खरीदने या फिर इसमें निवेश करने का सबसे अच्छा मौका है। 
पिछले कुछ दिनों से सोने के दामों में लगातार गिरावट जारी है। गुरुवार को भी सोने की कीमत में गिरावट दर्ज की गई है। (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) पर 5अगस्त को 10ग्राम के भाव 0.09फीसदी की गिरावट के साथ 47,847रुपये पर आ गया। वहीं चांदी में भी गिरावट दर्ज की गई है।
गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतों में गिरावट आई।

भारतीय मेंस हॉकी टीम ने पोडियम फिनिश किया

टोक्यो। 1980 के मास्को ओलिंपिक के बाद पहली बार भारतीय मेंस हॉकी टीम ने टोक्यो में पोडियम फिनिश किया है। मनप्रीत सिंह की अगुवाई में भारतीय टीम ने जर्मनी के खिलाफ अपना ब्रॉन्ज मेडल मैच जीत लिया है।
टोक्यो ओलिंपिक की टर्फ पर भारतीय मेंस हॉकी टीम ने मेडल जीतने के अपने 41 साल के इंतजार को खत्म कर दिया है। 1980 के मास्को ओलिंपिक के बाद पहली बार भारतीय मेंस हॉकी टीम ने टोक्यो में पोडियम फिनिश किया है। मनप्रीत सिंह की अगुवाई में भारतीय टीम ने जर्मनी के खिलाफ अपना ब्रॉन्ज मेडल मैच जीत लिया है। इस बड़े मुकाबले में भारत ने जर्मनी को 5-4 से हराया।

पुरुषों को सबक सिखाने के लिए कानून की जरूरत

बृजेश केसवानी                      
प्रयागराज। स्त्री को आनंद की वस्तु समझने वाले सामंती मानसिकता वाले पुरुषों को सबक सिखाने के लिए विशिष्ट कानून बनाने की जरूरत है। एक स्वस्थ समाज का निर्माण करने और महिलाओं के मन में सुरक्षा एवं संरक्षण की भावना को बढ़ाने के लिए सख्त कानून बनाना ही होगा। उक्त आदेश न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की एकलपीठ ने हर्षवर्धन यादव द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
दरअसल पीड़िता अनुसूचित जाति की एक पुलिस कॉन्स्टेबल है। उसे अपीलकर्ता आरोपी ने होटल में शादी को अंतिम रूप देने और उससे संबंधित दस्तावेज तैयार करने के लिए बुलाया था। हालांकि होटल के कमरे में उसने कथित तौर पर पीड़िता के साथ बलात्कार किया। जिसके बाद महिला ने प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई और उसने धारा 161 के तहत जांच अधिकारी और धारा 164 सीआरपीसी के तहत मजिस्ट्रेट को दिए गए बयानों में उक्त प्राथमिकी का समर्थन किया।
आरोपी ने निचली अदालत में उसकी जमानत अर्जी खारिज होने के बाद आपराधिक अपील दायर की थी। उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और एससी/एसटी एक्ट की धारा 325 के तहत मामला दर्ज किया गया है। उक्त मामले में न्यायालय ने कहा कि झूठी शादी का वादा हमारे समाज के बड़े हिस्से में शारीरिक शोषण करने के लिए एक महिला पर भावनात्मक दबाव बनाने हेतु दुष्ट पुरुषों का एक प्रभावी उपकरण है।
याची की अपील को खारिज करते हुए न्यायालय ने कहा कि शादी का झूठा वादा कर यौन संबंध की सहमति प्राप्त करने को तथ्य की गलत धारणा के तहत दी गई सहमति के रूप में मानना चाहिए और इसे बलात्कार के समान अपराध ही मानना चाहिए। अदालत मूकदर्शक बनकर ऐसे लोगों को लाइसेंस नहीं दे सकती है। जो निर्दोष लड़कियों का शोषण करने और शादी का झूठा वादा कर उनके साथ शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश करते हैं।

कब्जा दखल करने पर लगीं रोक को और बढ़ाया

बृजेश केसवानी                    
प्रयागराज। कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सभी अदालतों, अधिकरणों, अर्धन्यायिक संस्थाओं के अंतरिम आदेश बढ़ा दिए थे। अब स्थितियों में बदलाव के साथ उक्त आदेश जारी रखने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन बार के अनुरोध पर अदालत ने अंतरिम आदेशों की तिथि बढ़ाने का निर्णय लिया है। उच्च न्यायालय ने सामान्य समादेश जारी कर ध्वस्तीकरण, बेदखली और कब्जा दखल करने पर लगी रोक 15 दिन के लिए और बढ़ा दी है। 
हालांकि न्यायालय ने कहा है कि राज्य सरकार या स्थानीय निकाय प्राधिकरण आदि ध्वस्तीकरण, बेदखली आदि की कार्यवाही धीमी रखने और बैंक व वित्तीय संस्थान लोन वसूली में सख्ती तथा उत्पीड़नात्मक कार्यवाही नहीं करने के संबंध में पूर्व में जारी आदेश को आगे बढ़ाने की आवश्यकता नहीं है। अतः इस संबंध में पूर्व में पारित किया गया आदेश आगे लागू नहीं रहेगा। न्यायालय ने इन 15 दिनों का समय लोगों को आदेश की अवधि बढ़ाने की अर्जी देने के लिए दी है। अदालत ने अपने आदेश में आगे कहा कि 31 मई को अंतरिम आदेश बढ़ाए गए थे। अब बार के कथनानुसार न्यायालय में अर्जी दाखिल करने का वक्त दिए बगैर सामान्य आदेश खत्म न किए जाए। इस पर अदालत ने कुछ निर्देशों को 15 दिन तक जारी रखने का आदेश दिया है। उक्त आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी तथा न्यायमूर्ति एससी शर्मा की खंडपीठ ने स्वत: कायम जनहित याचिका को संज्ञान लेते हुए दिया। याचिका पर अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी।

सेंध लगाने के लिए पार्टी ने व्यापक रणनीति बनाई

अकांशु उपाध्याय                      
नई दिल्ली। सत्तारूढ़ बीजेपी की नजर, इस समय देश के दलित वोट बैंक पर है। इसमें सेंध लगाने के लिए पार्टी ने व्यापक रणनीति बनाई है। जिसका प्रयोग गत वर्ष होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में किया जाएगा। जिसमें 12 दलित केंद्रीय मंत्री चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे और दलित राष्ट्रपति बनाने का श्रेय भी बीजेपी भूनाएगी।
आजादी के बाद देश का दलित वोट बैंक कांग्रेस के पक्ष में होता था। मगर धीरे-धीरे बहुजन समाज पार्टी ने इस पर कब्जा कर लिया। बसपा संस्थापक कांशी राम की मृत्यु के बाद यह वोट बैंक खिसकने लगा जिसके चलते 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीएसपी काफी पीछे चली गई थी।
2024 के लोकसभा चुनावों में दलित वोट बैंक को अपने पक्ष में करने के लिए बीजेपी हाईकमान काफी समय से चिंतन-मनन कर रही थी। जिसके तहत पार्टी ने न केवल डॉ रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाया बल्कि देश में पहली बार विभिन्न राज्यों से 12 अनुसूचित जाति के केंद्रीय मंत्रियों को शपथ दिलाई गई।
बीजेपी हाईकमान ने इन सभी मंत्रियों से अपने समाज में बीजेपी के समर्थन में प्रचार-प्रसार करने के लिए निर्देश दिया है। दिल्ली के बाद जल्दी ही इन मंत्रियों का उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में बीजेपी के जनजाति मोर्चा द्वारा अभिनंदन किया जाएगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया जाएगा।
पिछले दिनों मोदी सरकार में हुए मंत्रिमंडल विस्तार के बाद इस समय अनुसूचित जाति के मंत्रियों में अर्जुन राम मेघवाल, निशित प्रमाणिक, एसपी सिंह बघेल, रामदास अठावले, सोम प्रकाश, नारायण स्वामी, एल मुशंगन, शांतनु ठाकुर, वीरेंद्र कुमार, पशुपतिनाथ पारस, भानु प्रताप वर्मा व कौशल किशोर है। इन सभी मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार प्रदर्शन का प्रस्ताव भी पारित किया है और आने वाले सभी चुनावों में देशभर के दलितों का वोट बीजेपी को दिलवाने का संकल्प लिया है।
2024 के लोकसभा चुनावों के लिए बनाई गई उक्त रणनीति का प्रयोग अगले वर्ष होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों पर किया जाएगा। पार्टी नेताओं का मानना है उत्तर प्रदेश में यह प्रयोग उनके लिए एक ब्रह्मास्त्र साबित होगा। क्योंकि यही एक राज्य है जहां पर बसपा की तीन बार सरकार बनी है और आगामी चुनावों में भी बसपा सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने जा रही हैं।
अब यह भी आशंका जताई जा रही है कि बीजेपी द्वारा दलित वोट बैंक पर सेंध लगाने का जवाब देने के लिए बसपा अपने मजबूत तैयारी करेगी या फिर सपा नेता व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा प्रस्तावित महागठबंधन में भी प्रवेश कर सकती है।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-355 (साल-02)
2. शुक्रवार, जुलाई 6, 2021
3. शक-1984,सावन, कृष्ण-पक्ष, तिथि-द्वादशी, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 05:44, सूर्यास्त 07:10।
5. न्‍यूनतम तापमान -20 डी.सै., अधिकतम-37+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेंगी।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
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कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब

कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब  रामबाबू केसरवानी  कौशाम्बी। नगर पंचायत पूरब पश्चिम शरीरा में श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में भक्तो...