सोमवार, 2 अगस्त 2021

संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति कर रही है 'कांग्रेस'

अकांशु उपाध्याय        

नई दिल्ली। हाल ही में असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर पैदा हुए तनाव के मद्देनजर पूर्वोत्तर के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और आरोप लगाया कि कांग्रेस इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति कर रही है। मुलाकात के बाद पत्रकारों से चर्चा में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आरोप लगाया कि विदेशी ताकतें उकसाने वाले बयानों और सामग्रियों को तोड़मरोड़ कर बढ़ावा दे रही हैं और ऐसा करके क्षेत्र में आग को हवा देने का काम रही हैं। रिजिजू ने बताया कि प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि पूर्वोत्तर उनके दिल के बेहद करीब है, इसलिए क्षेत्र के प्रति उनका प्यार भी स्वाभाविक है।

रिजिजू के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस क्षेत्र को राजनीति के चश्मे से नहीं देखते। इस मुलाकात के दौरान सांसदों के प्रतिनिधमंडल ने प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा और कहा कि जो भी तत्व असम-मिजोरम मामले को भारत में अव्यवस्था फैलाने के एक माध्यम के रूप में देख रहे हैं। उन्हें वह कहना चाहते हैं कि उनकी शरारत काम नहीं करने वाली है। ज्ञापन में सांसदों ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने ”पूर्वोत्तर में विकास के ऐतिहासिक और बेमिसाल काम” किए हैं। इस प्रतिनिधमंडल में पूर्वोत्तर के 16 सांसद मौजूद थे। इनमें 12 असम से, दो अरुणाचल प्रदेश और एक-एक मणिपुर और त्रिपुरा से थे।

भाजपा: अध्यक्ष, महामंत्री व कोषाध्यक्ष का इस्तीफा

अकांशु उपाध्याय                  
नई दिल्ली। भाजपा कार्यकर्ता से लेकर मंत्री तब सब एक ही बयान देतेे है। पार्टी में सब ठीक चल रहा है। कुछ बदलने वाला नहीं है। ये सिर्फ कोरी अफवाह है। लेकिन अगले ही दिन मुख्यमंत्री बदल जाते है। फिर भी बयान वहीं आता है, देखिये ये मीडिया और विपक्षी पार्टियों द्वारा बनाई गई बातें है। अब स्थिति ऐसी हो गई कि पार्टी के अंदर की सुबगुुबाहट बाहर आने लगी है। अभी हाल ही में हल्द्वानी उत्तरी से अध्यक्ष, महामंत्री और कोषाध्यक्ष ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद महिला मोर्चा सेे भी इस्तीफे आ गये। अब आप भी बतायेंगेे भाजपा में सब कैसे ठीक चल रहा है। कहने से कुछ नहीं होता। जो हो रहा है वह दिख रहा है।
नाराजगी केवल छोटे कार्यकर्ताओं में ही नहीं बड़े स्तर पर भी हो रही है। सत्ता में आते ही त्रिवेन्द्र्र रावत के मुख्यमंत्री बनने के बाद मंत्रियों और विधायकों में मनमुटाव था। इसके बाद तीरथ आये तो यह मनमुटाव बढ़ता गया। केवल तीन महीनें में तीरथ की विदाई कर दी गई। उनके बाद आये धामी। धामी के मुख्यमंत्री बनने के बाद गुटबाजी खुलकर आने लगी है। इसका ताजा मामला आया है। चाहे भाजपा लीपापोती करती रही लेकिन सब दिख रहा है।
ताजा मामला यह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हर दिन राज्य में प्रकाशित होने वाले प्रमुख दैनिक अखबारों विज्ञापन छप रहे है। लेकिन इन विज्ञापनों में देखने वाली बात यह है कि विभागीय मंत्रियों के चेहरे को जगह नहीं दी जा रही है। विज्ञापन में केेवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी तस्वीर और मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की छोटी तस्वीर ही प्रकाशित की जा रही है। जो चर्चा का विषय बनी है। ऐसा नहीं कि यह केवल के मंत्री के साथ किया जा रहा है। चाहे वन विभाग के विज्ञापन हो या फिर महिला एवं बाल विकास, सिंचाई, स्वास्थ्य विभाग के विज्ञापन। इन विभागों के मंत्रियों के चेहरों को पहले पन्ने के विज्ञापनों में जगह नहीं दी जा रही है। आज महिला एवं बाल विकास की महत्वपूर्ण योजना मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का शुभारंभ होना है। यह विभाग मंत्री रेखा आर्य के पास है। ऐसे में पिछले दिनोंं विभागीय विज्ञापनों में तस्वरी नहीं छपने पर रविवार को मंत्री रेखा आर्य ने इस योजना के उद्घाटन का विज्ञापन अलग से जारी करवाया।अब देखिये आश्यर्च की बात यह हैे कि सीएम धामी के नक्शे कदम पर चलते हुए मंत्री रेखा आर्य ने भी पूरे विज्ञापन में सिर्फ अपनी तस्वीर छपवाई जबकि कार्यक्रम मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित होना था और मुख्यमंत्री आवास में ही आयोजन होना है। लेकिन इसके बावजूद मंत्री रेखा आर्य ने पूरे विज्ञापन में मुख्यमंत्री को जगह नहीं दी।
आज सूचना एवं लोक संपर्क विभाग की ओर जारी उद्घाटन के संबंध में पहले पन्ने का पूरा विज्ञापन जारी किया गया। लेकिन हालात वहीं है। यहां भी प्रधानमंत्री मोदी और सीएम धामी के अलावा न विभागीय मंत्री रेखा आर्य की तस्वीर को जगह दी गई न ही कार्यक्रम की अध्यक्षता करने वाले मंत्री गणेश जोशी की तस्वीर छापी गई। अब बतायेंगे भाजपा मेंं सब ठीक कैसे चल रहा है। चुनावी साल में मंत्री अपनी फोटो छपा रहेे है और सीएम अपनी।

19 अगस्त को रिलीज होगी फिल्म ‘बेलबॉटम’

कविता गर्ग               
मुंबई। बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने सोमवार को घोषणा की कि उनकी आगामी फिल्म ‘बेलबॉटम’ 19 अगस्त को 2डी और 3डी प्रारूप में सिनेमाघरों में ही रिलीज होगी। रंजीत एम तिवारी द्वारा निर्देशित ‘बेलबॉटम’ जासूसी पर बनी एक थ्रिलर फिल्म है। जिसमें अभिनेत्री वाणी कपूर, लारा दत्ता और हुमा कुरैशी भी अहम भूमिका में दिखाई देंगी।अक्षय ने सोमवार को टि्वटर पर इस बात की जानकारी देते हुए एक वीडियो साझा किया। 
53 वर्षीय दिग्गज अभिनेता ने टि्वटर पर लिखा कि 19 अगस्त को रोमांच का पूरा अनुभव लें। बेलबॉटम 3डी में भी रिलीज हो रही है। ‘बेलबॉटम’ का निर्माण वाशु भगनानी, जैकी भगनानी, दीपशिखा देशमुख, मोनिशा आडवाणी, मधु भोजवानी और निखिल आडवाणी ने मिलकर किया है। फिल्म की कहानी असीम अरोड़ा और परवेज शेख ने मिलकर लिखी है।
बेलबॉटम की कहानी 1980 के दशक की है। बेलबॉटम पहले अप्रैल में रिलीज होने वाली थी, लेकिन कोविड-19 महामारी की दूसरी भयावह लहर के कारण इसकी रिलीज की तारीख को टाल दिया गया था। महामारी के बीच सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली यह पहली बड़ी हिन्दी फिल्म होगी।

मुफ्त: दिल्ली सीएम राजधानी पर राज कर रहे हों

पंकज कपूर                  
देहरादून। भले ही दिल्ली में बिजली, पानी एवं अन्य जरूर सुविधाएं मुफ्त में देकर आम आदमी पार्टी के मुखिया एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री राष्ट्रीय राजधानी पर राज कर रहे हों। मगर उत्तराखंड में 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के ऐलान और उसके बाद प्रत्येक उत्तराखंड वासी को 300 यूनिट बिजली मुफ्त में देने का वादा कितना कारगर सिद्ध हो पाएगा। यह तो आने वाले चुनाव परिणामों में ही सिद्ध हो पाएगा। लेकिन, उत्तराखंड की बात करें तो यहां के वाशिंदे मेहनतकश के रूप में जाने जाते हैं। 
साक्षर राज्य होने के साथ ही उत्तराखंड एक संपन्न राज्य भी है यदि तराई और बाबर एवं राजधानी के कुछ भाग छोड़ दें तो अधिकांश लोग संपन्न मिल जाएंगे ऐसे में 300 यूनिट बिजली मुफ्त में देने की बात करने वाली आम आदमी पार्टी अपने इस लुभावने वादे से जनता को कितना रिझा पाएगी यह तो सभी जानते हैं। फिलहाल उत्तराखंड की बात करें तो पलायन, बेरोजगारी, स्वास्थ्य सुविधाएं यहां सबसे बड़ी समस्या है। राज्य बनने के बाद से लेकर अभी तक इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर कोई ठोस रणनीति ना तो कांग्रेस की सरकार बना पाई और ना ही भाजपा की। तीसरे विकल्प के रूप में प्रदेश में उत्तराखंड क्रांति दल एक मजबूत स्तंभ थी मगर समय की धारा के साथ-साथ उत्तराखंड क्रांति दल भी कहीं गुम सी हो गई और अब आम आदमी पार्टी प्रदेश में अपने आप को स्थापित करने की तैयारी कर रही है ऐसा माना जाने लगा है कि भाजपा और कांग्रेस के बाद अब तीसरे विकल्प के रूप में आम आदमी पार्टी उभर रही है। जनता की मांग प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, पलायन रोकने और बेरोजगारी खत्म करने की है इस पर सभी पार्टियां बड़े-बड़े दावे और वादे करती रहीं हैं मगर आज तक हो कुछ नहीं पाया। 
रोजगार के अभाव में पहाड़ से युवा पलायन कर के अन्य राज्यों में जाने को मजबूर है तो वही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल कोरोना काल में खुलकर सामने आ चुकी है,।कभी पहाड़ो पर डोलियों की मदद से बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों तक पहुंचाना पड़ता है तो वहीं जिले के छोटे अस्पताल हो या फिर सुशीला तिवारी जैसे बड़े अस्पताल बेहतर इलाज के अभाव में अक्सर लोक दम तोड़ देते हैं, कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में बने अस्पताल सिर्फ प्राथमिक उपचार के बाद रेफर सेंटर के रूप में अपना काम बखूबी निभाते हैं। नजदीकी बरेली में स्थित राममूर्ति चिकित्सालय इसका जीता जागता उदाहरण है कि इस अस्पताल में उत्तराखंड के अलावा नेपाल से भी लोग इलाज कराने पहुंचते हैं अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड के की हालत स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कैसी है। राज्य गठन से लेकर अब तक की बात करें तो मुख्यमंत्री जरूर बदले गए मगर जिन महत्वपूर्ण समस्याओं एवं जरूरी मांगों को लेकर पहाड़ के लोगों ने पहाड़ जैसी जटिल समस्याओं से निपटने के लिए आस लगाई थी वह आज और उम्मीद आज आज भी बरकरार है।
ऐसे में आम आदमी पार्टी का प्रदेशवासियों को सिर्फ 300 यूनिट बिजली मुफ्त में देने का वादा कितना कारगर सिद्ध होगा इसका आकलन प्रदेश की जनता स्वयं कर सकती है।

विपक्षी नेताओं को नाश्ते पर आमंत्रित किया: राहुल

अकांशु उपाध्याय                
नई दिल्ली। पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी दलों के हंगामे के कारण संसद में बने गतिरोध के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को विपक्ष के नेताओं को नाश्ते पर आमंत्रित किया है। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने कांस्टीट्यूशन क्लब में सबुह 9.45 बजे विपक्षी नेताओं को नाश्ते पर आमंत्रित किया है। ताकि पेगासस मामले पर सरकार को आगे घेरने और दबाव बनाने की रणनीति पर चर्चा की जा सके।
सूत्रों ने बताया कि इसमें द्रमुक, शिवसेना, राजद, वाम दलों, तृणमूल कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। इसमें दोनों सदनों के विपक्षी दलों के नेता और सांसद शामिल हो सकते हैं। राहुल गांधी ने विपक्षी नेताओं को ऐसे समय नाश्ते पर बुलाया है। जब पेगासस और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है।
उन्नीस जुलाई से मॉनसून सत्र आरंभ हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है। विपक्षी दलों का कहना है कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर पहले चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है।

विस्तार की कवायद में 1 सप्ताह का समय नहीं

बेगंलुरू। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई अपने मंत्रिमंडल के विस्तार पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के साथ विचार-विमर्श करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में हैं। सूत्रों ने सोमवार को बताया कि मुख्यमंत्री रविवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे और उनका भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने का कार्यक्रम है।
रविवार को, दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले, बोम्मई ने कहा था कि कैबिनेट विस्तार की कवायद में एक सप्ताह का समय नहीं लगेगा और नेतृत्व की ओर से सोमवार तक निर्देश आने की संभावना है। बोम्मई ने 28 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और 26 जुलाई को उनके पूर्ववर्ती बी एस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस बीच, मंत्री बनने के इच्छुक कई विधायकों ने बोम्मई से मुलाकात की है।

जंतर-मंतर पर सत्याग्रह धरना शुरू करेंगे कर्मचारी

हरिओम उपाध्याय                 
लखनऊ। केंद्र सरकार द्वारा संसद में बिजली (संशोधन) विधेयक 2021 रखे जाने की तैयारी के बीच बिजली कर्मचारी इसके विरोध में तीन अगस्त से दिल्ली के जंतर-मंतर पर चार दिवसीय सत्याग्रह धरना शुरू करेंगे।नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स’ (एनसीसीओईई) के आवाहन पर देशभर के बिजली कर्मचारी और इंजीनियर तीन से छह अगस्त तक जंतर मंतर पर सत्याग्रह कर बिजली (संशोधन) विधेयक के विरोध में केंद्र सरकार का ध्यानाकर्षण करेंगे।
कमेटी में शामिल ‘ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन’ के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने सोमवार को बताया कि तीन अगस्त को उत्तर भारत, चार अगस्त को पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत, पांच अगस्त को पश्चिमी भारत और छह अगस्त को दक्षिण भारत के विभिन्न प्रांतों के बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता जंतर मंतर पर सत्याग्रह कर बिजली (संशोधन) विधेयक वापस लेने की मांग करेंगे।
उत्तर प्रदेश के बिजलीकर्मी चारों दिन सत्याग्रह में सम्मिलित होंगे। उन्होंने बताया कि सत्याग्रह कार्यक्रम के बाद अगले कदम के रूप में 10 अगस्त को देशभर के 15 लाख बिजली कर्मचारी व इंजीनियर एक दिन हड़ताल करेंगे। अगर केंद्र सरकार इस विधेयक को पारित कराने के लिए कोई एक तरफा कार्यवाही करती है और 10 अगस्त के पहले यह बिल संसद में रखा जाता है तो बिजली कर्मी उसी दिन हड़ताल करेंगे।
दुबे ने मांग की कि बिजली (संशोधन) विधेयक को जल्दबाजी में संसद से पारित कराने के बजाय इसे बिजली मामलों की स्थाई समिति को भेजा जाना चाहिए। बिजली क्षेत्र के सबसे प्रमुख हितधारकों यानी बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों को इस समिति के सामने अपना पक्ष प्रस्तुत करने का पूरा अवसर दिया जाना चाहिए।

अभिनेत्री नम्रता ने अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की

अभिनेत्री नम्रता ने अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की  कविता गर्ग  मुंबई। भोजपुरी सिनेमा की बोल्ड अदाकारा नम्रता मल्ला ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर ...