शनिवार, 31 जुलाई 2021

आशुतोष ने बच्चे के संक्रमित पाए जाने की पुष्टि की

पंकज कपूर               
देहरादून। कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग विभिन्न तरह से जागरूकता फैलाने के साथ ही हर संभव प्रयास कर रहा है। बावजूद इसके इन दिनों स्कूलों को खोलने की सरकार तैयारियां कर रही है। वहीं दून अस्पताल के पीआईसीयू में तीन दिन से भर्ती एक 12 साल का बच्चा कोरोना संक्रमित पाया गया है। जिससे विभाग के अफसर एवं अस्पताल के डाक्टर सकते में हैं। क्योंकि अस्पताल में एक माह बाद कोई बच्चा संक्रमित पाया गया है।
अस्पताल में रोजाना चार से पांच बच्चे विभिन्न बीमारियों को लेकर भर्ती हो रहे हैं। कोरोना जांच सभी की कराई जाती है। एक माह बाद कोई बच्चा संक्रमित मिला है। दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बच्चे के संक्रमित पाए जाने की पुष्टि की है।
उन्होंने बताया कि, विभाग के एचओडी डॉ. अशोक कुमार के अंडर में बच्चा भर्ती है। बच्चे को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है और अब हालत सामान्य है। शुक्रवार को सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। विशेष निगरानी में बच्चे को रखा गया है। बच्चे के माता-पिता यूपी के एक जिले से है। जो चार माह पूर्व बच्चे को यहां लाए थे। पहले बच्चा ओपीडी में भी अस्पताल आया था। बुधवार को इमरजेंसी में आया तो उसे भर्ती किया गया। उसे सात दिन से बुखार था। अब हालत सामान्य है, चिंता जैसी कोई बात नहीं है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विशाल कौशिक, डॉ. आयशा इमरान का कहना है कि, इस मौसम में बच्चों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। बरसात के मौसम में बच्चों को गंदे पानी से बचाना है। ताजा एवं तरल खाना बच्चों को दिया जाना है। उन्हें साफ, हो सके तो उबला पानी पिलाएं, गंदगी से बचाएं।
कुछ दिक्कत जैसे बुखार, नजला, खांसी एवं बच्चा गुमसुम नजर आएं तो तुरंत डाक्टर को दिखाएं। तीसरी लहर की आशंकाओं को लेकर पैनिक न फैलाएं। कोरोना से बचाव को एहतियात बरतें। घर से निकलने से पहले मास्क एवं सेनेटाइजर का प्रयोग करें। घर में वापस आने पर नहा धोकर ही बच्चों से मिलें।

100 से अधिक लोगों को स्वीकृति-पत्र वितरित किएं

पंकज कपूर              
देहरादून। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत चिन्हित लाभार्थियों को आवास स्वीकृति पत्र सौंपे। सीएम कैम्प कार्यालय परिसर स्थित जनता दर्शन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लाभार्थियों को प्रथम किश्त की राशि डीबीटी द्वारा ऑनलाईन जारी की। उन्होंने कार्यक्रम में 100 से अधिक लोगों को आवास स्वीकृति पत्र वितरित किए।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में प्रदेश के लाभार्थियों को आवास बन जाने के बाद सामान आदि के लिए पांच-पांच हजार रूपए दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि, राज्य सरकार सबका साथ- सबका विकास- सबका विश्वास के ध्येय वाक्य के साथ सरकार नहीं बल्कि साझेदार के तौर पर काम कर रही सरकार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाएं समाज में अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को सीधे लाभ पहुंचा रही है। पहले योजनाएं बनती थीं, पर उसका लाभ पात्र लोगों तक नहीं पहुंचता था। परंतु प्रधानमंत्री जी ने दूरदर्शिता के साथ पहले सभी के जनधन योजना में खाते खुलवाए और अब उन खातों में डीबीटी द्वारा योजना की राशि सीधे लाभार्थी को दी जा रही है। स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला योजना, किसान सम्मान निधि आदि योजनाओं से करोड़ों भारतीयों को लाभ मिला है।

छत्तीसगढ़ में मौसम विभाग ने हाईअलर्ट जारी किया

दुष्यंत टीकम       

रायपुर। अगले 4 घंटे प्रदेश में मौसम विभाग ने हाई अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक प्रदेश के इन जिलों में बाढ़ जैसे हालात भी बन सकते है। मौसम विभाग ने कहा कि सरगुजा संभाग में पूर्व में ही अच्छी बारिश हो चुकी है। आज भारी बारिश की वजह से बलरामपुर, जशपुर, कोरिया में बाढ जैसे हालात बनने की सम्भावना है।

मौसम विभाग के मुताबिक एक चिन्हित निम्न दाब का क्षेत्र झारखण्ड और उससे लगे गंगेटिक पश्चिम बंगाल के ऊपर स्थित है। इसके साथ ऊपरी हवा का चक्रवात घेरा 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है। इसके पश्चिम उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने की प्रबल संभावना है। एक निम्न दाब का क्षेत्र दक्षिणी मध्य उत्तर प्रदेश के ऊपर स्थित है। इसके साथ चक्रीय चक्रवाती घेरा 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है। मानसून द्रोणिका गंगानगर, नरनौल, उत्तर प्रदेश में स्थित निम्न दाब के केंद्र, गया, चिन्हित निम्न दाब के केंद्र और उसके बाद दक्षिण-पूर्व की ओर उत्तर बंगाल की खाड़ी तक स्थित हैं।

वाइस एडमिरल ने प्रमुख के तौर पर प्रभार संभाला

अकांशु उपाध्याय                
नई दिल्ली। नौवहन एवं दिशा विशेषज्ञ, वाइस एडमिरल एस एम घोरमडे ने भारतीय नौसेना के उपप्रमुख के तौर पर शनिवार को प्रभार संभाला। एडमिरल घोरमडे का भारतीय नौसेना के अग्रिम मोर्चे के युद्धपोतों पर व्यापक परिचालन अनुभव रहा है। जिसमें निर्देशित मिसाइल पोत आईएनएस ब्रह्मपुत्र, पनडुब्बी बचाव पोत आईएनएस निरीक्षक और सुरंग भेदी पोत आईएनएस एलेप्पी की कमान संभालना शामिल है।
उन्होंने वाइस एडमिरल जी अशोक कुमार की जगह ली है जो 39 वर्षों की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं। नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी नौसेना के उपप्रमुख का पद संभालने से पहले एकीकृत रक्षा स्टाफ के मुख्यालयों में तीनों सेवा के उपप्रमुखों की नियुक्ति (अभियान एवं प्रशिक्षण) की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। वाइस एडमिरल घोरमडे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला, रोड आइलैंड में अमेरिकी नेवल वॉर कॉलेज में नेवल स्टाफ कॉलेज और मुंबई के नेवल वॉर कॉलेज के विद्यार्थी रहे हैं।
उन्होंने एक जनवरी, 1984 में भारतीय नौसेना में कमिशन प्राप्त कियाथा और उन्हें नौवहन एवं दिशा विशेषज्ञ के तौर पर जाना जाता है। तट पर उनकी महत्वपूर्ण स्टाफ नियुक्तियों में सहायक प्रमुख (मानव संसाधन विकास), कर्मियों के प्रधान निदेशक और नौसेना मुख्यालय में नौसेना योजनाओं का निदेशक पद शामिल है।
वाइस एडमिरल के पद पर उन्होंने नौसैन्य अभियानों के महानिदेशक, पूर्वी नौसैन्य कमान के प्रमुख और कार्मिक सेवाओं के नियंत्रक जैसे चुनौतीपूर्ण और प्रतिष्ठित पदों को संभाला है। फ्लैग ऑफिसर (वरिष्ठ नौसैन्य अधिकारी) को भारत के राष्ट्रपति द्वारा 2017 में अतिविशिष्ट सेवा पदक और 2007 में नौसेना पदक से सम्मानित किया गया है।

'राष्ट्रीय पुरस्कार' से सम्मानित होगें डॉ. पूनावाला

कविता गर्ग                    
पुणे। पुणे के कोविड-19 रोधी टीका निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के अध्यक्ष डॉ. सायरस पूनावाला को 2021 के लिए प्रतिष्ठित लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। लोकमान्य तिलक ट्रस्ट के अध्यक्ष दीपक तिलक ने यह घोषणा की।
उन्होंने शुक्रवार को कहा, ”पूनावाला को कोविड-19 महामारी के दौरान उनके काम के लिए सम्मानित किया जाएगा, जिसमें उन्होंने कोविशील्ड टीका बनाकर कई लोगों की जिंदगियों को बचाने में मदद की। उनके नेतृत्व में दुनिया को रिकॉर्ड वक्त में कोविशील्ड टीके की करोड़ों खुराक मिल पायी। पूनावाला अलग-अलग टीकों को किफायती दामों पर बनाने में अग्रणी रहे हैं।”
उन्होंने बताया कि यह पुरस्कार समारोह 13 अगस्त को होगा। पुरस्कार के तौर पर एक लाख रुपये का नकद इनाम और एक स्मृति चिह्न दिया जाएगा। तिलक ने कहा कि यह पुरस्कार हर साल एक अगस्त को लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि पर दिया जाता है लेकिन कोरोना वायरस स्थिति के कारण इस बार तारीख बदल दी गयी है। इस पुरस्कार की शुरुआत 1983 में हुई थी और अभी तक विभिन्न प्रतिष्ठित लोगों को इससे सम्मानित किया जा चुका है।

प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में आईं 'दुनिया'

लंदन। हाल के हफ्तों में दुनिया रिकॉर्ड तोड़ने वाली प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में आयी। चीन और पश्चिम यूरोप में भयंकर बाढ़ आयी, उत्तर अमेरिका में गर्म हवाएं चली और सूखा पड़ा तथा उप आर्कटिक क्षेत्रों में जंगलों में आग लगी। ब्रिटेन के मौसम पर एक वार्षिक रिपोर्ट बताती है कि असाधारण मौसम या बेमौसम घटनाएं पूरी दुनिया में आम हो गयी है। अगस्त 2020 में दक्षिण इंग्लैंड में लगातार छह दिन तापमान 34 डिग्री सेल्सियस रहा।
भविष्य में ब्रिटेन में गर्मियों में नियमित तौर पर तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहने की आशंका है जबकि वैश्विक ताप वृद्धि 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रहेगी। कनाडा में जून 2021 में राष्ट्रीय तापमान का रिकॉर्ड टूट गया और लिटन, ब्रिटिश कोलंबिया में पारा 49.6 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया। ब्रिटिश कोलंबिया कुछ दिनों पहले जंगल में लगी आग से तबाह हो गया। इनमें से कई घटनाओं ने दुनिया भर के जलवायु वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया। कुछ वैज्ञानिकों को यह चिंता होनी शुरू हुई कि उन्होंने यह ठीक से नहीं आंका कि जलवायु कितनी जल्दी परिवर्तित होगी। सबकुछ चिंताजनक है।
बाढ़ और जंगल में लगी आग अलग घटनाएं नहीं हैं। ये जलवायु प्रणाली में कई अंतर संबंधों का नतीजा है। लंदन में जुलाई के मध्य में अचानक आयी बाढ़ के उदाहरण को देखिए। गर्मी में आए आंधी तूफान के कारण ऐसा हुआ जो पृथ्वी की सतह से उठती गर्म हवाओं से प्रेरित थे। इस बीच पश्चिमी अमेरिका के एक जंगल में भड़की आग लंबे समय तक सूखा पड़ने का नतीजा है।
पृथ्वी की जलवायु जटिल, गतिशील और अव्यवस्थित है जिसमें भूमि, समुद्र और वायुमंडल के बीच संपर्क और ऊर्जा प्रवाह शामिल है। लेकिन इन सभी जटिलताओं को समझना हमेशा संभव नहीं है इसलिए वैज्ञानिकों को उन्हें रेखीय प्रणालियों और मॉडलों में फिट करने के लिए प्रबंधनीय टुकड़ों में तोड़ना पड़ा। इसके परिणामस्वरूप हम प्रत्येक हानिकारक प्राकृतिक आपदा को दूसरे से अलग समझते हैं। बाढ़ आने में बारिश और जंगल में आग लगने में चिंगारी के अलावा कई अन्य तत्व भी जिम्मेदार होते हैं। 
हमारी जलवायु प्रणाली के सभी तत्व किसी न किसी तरीके से एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
हमारी जलवायु के गर्म होना जारी होने के कारण उसका आधार बदल रहा है। इसके कारण मौसमी परिस्थितियां भी तेजी से बदल रही हैं जिससे असाधारण मौसम या बेमौसमी घटनाओं को परिभाषित करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। असाधारण मौसमी घटनाओं के बीच अंतर संबंधों को हाल फिलहाल तक विज्ञान समुदाय ने काफी अनदेखी की। लेकिन अब इन जटिल संबंधों की पहचान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान बढ़ रहा है।

भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ऐलान किया

राणा ओबराय                   
चंडीगढ। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शहीद ऊधम सिंह के शहीदी दिवस पर आज उन्हें नमन कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ऐलान किया कि आजादी की लड़ाई में अंडमान की सेलुलर जेल में प्राण न्योछावर करने वाले गुमनाम नायकों के सम्मान में एक स्मारक का निर्माण जल्द किया जाएगा। यह स्मारक वतन पर फिदा होने वाले परवानों को समर्पित होगा जिनको काले पानी की सज़ा भुगतनी पड़ी। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज यहां राज्य स्तरीय समागम के दौरान शहीद ऊधम सिंह स्मारक को लोकार्पित करते हुए कहा कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन में बेमिसाल योगदान देने वाले ऐसे देशभक्तों और स्वतंत्रता सेनानियों, विशेषकर पंजाब के महान सपूतों की शिनाख़्त प्रसिद्ध इतिहासकार और विद्वान पहले ही कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान सुनामी से तबाह हुए इलाके का दौरा करने के मौके पर अंडमान टापू में सेलुलर जेल के दौरे को याद करते हुए कहा कि उनको यह जान कर बहुत हैरानी हुई कि वहां दीवारों पर शहीदों के खुदे हुए नामों में से वह किसी को भी नहीं जानते थे। ये शहीद काले पानी की सज़ा भुगतते हुए गुमनामी में ही इस जहां को छोड़ गए और उनकी यादें भी जेल तक ही सीमित होकर रह गई। भारत माता के जांबाज सपूतों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
ज्ञातव्य है कि शहीद ऊधम सिंह के तांबे की आदमकद प्रतिमा वाला स्मारक बनाया गया है जिसके साथ दोनों तरफ़ स्थापित चार -चार पत्थरों पर शहीद ऊधम सिंह के जीवन, इतिहास और मिसाली योगदान को अंग्रेज़ी और पंजाबी में उकेरा गया है। एक अजायबघर भी बनाया गया है। जहां निशानियां, विलक्षण तस्वीरों, दस्तावेज़ और महान शहीद की अस्थियां कलश में रखी गई हैं। इस स्मारक पर 6.40 करोड़ रुपए की लागत आई है जिसमें से ज़मीन की कीमत पर 3.40 करोड़ जबकि बाकी 3 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर ख़र्च किये गए हैं।
महान क्रांतिकारी के 82वें शहीदी दिवस के मौके पर श्रद्धा-सुमन भेंट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महान शहीद का बलिदान हमारी नौजवान पीढ़ी में राष्ट्रीयता और देशप्रेम का जज़्बा पैदा करता रहेगा। उन्होंने लोगों से इस स्मारक का सही ढंग से रख-रखाव करने की अपील की।
इस दौरान मुख्यमंत्री शहीद ऊधम सिंह के वारिसों को भी मिले और सम्मान के तौर पर उनको शॉल से सम्मानित किया जिनमें जीत सिंह, ग्यान सिंह, रणजीत कौर, जीत सिंह पुत्र बचन सिंह, मोहन सिंह, श्याम सिंह, गुरमीत सिंह और मलकीत सिंह (सभी सुनाम निवासी) शामिल थे। इस मौके पर शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला, अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन संजय कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव गुरकिरत कृपाल सिंह, पर्यटन और सांस्कृतिक विभाग के निदेशक कंवल प्रीत बराड़, डिप्टी कमिश्नर रामवीर, डी.आई.जी. विक्रमजीत दुग्गल और एस.एस.पी. विवेक शील सोनी उपस्थित थे।

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...