शुक्रवार, 30 जुलाई 2021
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गुरुवार, 29 जुलाई 2021
आर्थिक संपर्क का समर्थन, एकजुट हैं भारत-यूएसए
नई दिल्ली/ इस्लामाबाद/ बीजिंग। पाकिस्तान और चीन पर परोक्ष रूप से तंज कसते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि भारत और अमेरिका संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान सुनिश्चित करते हुए आतंकवाद के संकट का मुकाबला करने तथा बुनियादी ढांचे के पारदर्शी विकास के जरिए क्षेत्रीय आर्थिक संपर्क का समर्थन करने के लिए एकजुट हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों पक्ष अन्य बातों के साथ-साथ आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाहों तथा आतंकी वित्तपोषण के विरोध और हमारे निकट पड़ोस में मौजूद आतंकी गुटों सहित अन्य आतंकी समूहों के खतरों के खिलाफ सहयोग को प्रगाढ़ बनाकर आतंकवाद के वैश्विक संकट को दूर करने के लिए एकजुट हैं। विदेश मंत्री ने अमेरिका के साथ संबंध विषय पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच व्यापक, रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी है जो साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और क्षेत्रीय एवं वैश्विक मामलों पर हितों की समानता पर आधारित है।
उन्होंने कहा कि हिंद प्रशांत क्षेत्र और उससे आगे के सभी देशों में शांति, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करना भारत और अमेरिका का साझा उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि 2015 में दोनों देशों ने एशिया – प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र के लिए एक संयुक्त रणनीतिक दृष्टिकोण की रूपरेखा का उल्लेख किया था। जिसमें सभी पक्षों से आह्वान किया गया है कि वे धमकी और बल प्रयोग से बचें तथा समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र संधि सहित पूरे विश्व द्वारा मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों के अनुसार शांतिपूर्ण तरीकों से क्षेत्रीय एवं समुद्री विवादों का समाधान करने का संकल्प लें।
विदेश मंत्री ने कहा कि इसके लिए, भारत और अमेरिका पूरे क्षेत्र में नौवहन, ‘ओवरफ्लाइट’ और वाणिज्य की स्वतंत्रता का सम्मान करने और क्षेत्रीय और समुद्री विवादों को शांतिपूर्वक और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार हल करने की आवश्यकता का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनके इस बयान को चीन के संदर्भ में देखा जा रहा है। जयशंकर ने कहा कि अमेरिका ने वैश्विक अप्रसार साझेदार के रूप में परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की शीघ्र सदस्यता के लिए मजबूत समर्थन व्यक्त किया है और ‘एमटीसीआर’, ‘वासेनार’ व्यवस्था तथा ऑस्ट्रेलिया समूह में भारत के शामिल होने का समर्थन किया है। अमेरिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का भी समर्थन करता है।
उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में 2014 के बाद से ही लगातार विस्तार हुआ है तथा दोनों देशों के संबंध आज दुनिया के प्रमुख संबंधों में से एक हैं। आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, महामारी आदि जैसे समसामयिक मुद्दों के समाधान के लिए हमारी सामान्य प्रतिबद्धता दोनों देशों के बीच वैश्विक साझेदारी का साक्ष्य है। उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका के संबंध प्रगाढ़ सहयोग, साझा मूल्यों और हितों को देखते हुए मजबूत स्थिति में हैं तथा आने वाले वर्षों में दोनों देशों के नेता वैश्विक संबंधों और साझेदारी को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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'गैर कानूनी' तरीके से बच्चा गोद लेने पर कार्रवाई
पानीपत। पानीपत उपायुक्त सुशील सारवान ने निर्देश देते हुए कहा कि गैर कानूनी तरीके से बच्चा गोद लेने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसलिए कोई भी व्यक्ति अवैध तरीके से बच्चा गोद न ले। गैर काूनूनी तरीके से बच्चा गोद लेने पर किशोर न्याय अधिनियम के तहत तीन वर्ष की सजा अथवा एक लाख रूपये जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है। बच्चा गोद लेने के लिए सैन्ट्रल एडॉपशन रिसोर्स एजैन्सी (कारा)में गोद लेने के लिए आवेदन करना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि कोविड 19 महामारी के दौरान कुछ बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है। ऐसे मामले भी हैं जिनमें बच्चों ने अपनी माता अथवा अपने पिता को खो दिया है। इस प्रकार एकल अभिभावकों से उनके बच्चें गोद लेने का प्रयास किया जाता है। कुछ गैर सरकारी स्वयंसेवी संगठन (एन.जी.ओ.)तथा व्यक्ति निजी तौर पर बच्चों को गोद लेने-देने के संदर्भ में सूचनाएं देते हैं, जो कि उचित नहीं है। इस प्रकार की भ्रामक सूचनाओं से दूर रहने की जरूरत है। कोई भी गैर सरकारी संगठन तथा व्यक्ति अपने स्तर पर बच्चा गोद नहीं दिला सकता। जिला बाल संरक्षण अधिकारी निधि गुप्ता ने बच्चे को कानूनी रूप से मुक्त घोषित करने वाली प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि अनाथ, परित्यक्त (अबैंडंड)और अभित्यक्त (सरैंडर )बच्चों को बाल कल्याण समिति (सीडब्लयूसी)के समक्ष पेश किया जाएगा। सीडब्लयूसी बच्चों को तत्काल देखभाल के लिए बाल देखरेख संस्थानों या विशेष दत्तक ग्रहण एजैंसी में रखने के लिए आवश्यक आदेश जारी करेगी। जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा बच्चों को गोद लेने के लिए कानूनी रूप से मुक्त घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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