शुक्रवार, 30 जुलाई 2021

नरेश की याचिका पर 'पीसीआई' से जवाब मांगा

अकांशु उपाध्याय          

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पांच बार पैरालंपिक खेलों में भाग ले चुके निशानेबाज नरेश कुमार शर्मा की याचिका पर पैरालंपिक कमिटी ऑफ इंडिया (पीसीआई) से शुक्रवार को जवाब मांगा। इस याचिका में उन्होंने उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश के फैसले को चुनौती दी है जिसमें आगामी तोक्यो खेलों में उनका चयन नहीं किए जाने के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया गया था। 

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने पीसीआई और केंद्र को नोटिस जारी कर उन्हें याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया । पीठ ने कहा कि इस मामले में अब छह अगस्त को सुनवाई होगी। शर्मा का पक्ष रख रहे अधिवक्ता वरुण सिंह ने दलील दी कि खेल प्रतियोगिता 24 अगस्त से शुरू होगी और राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति द्वारा जमा किए गए खेल प्रवेश फॉर्म प्राप्त करने के लिए टोक्यो 2020 आयोजन समिति के लिए समय सीमा दो अगस्त है।

सफल अनावरण करते हुए 2 को गिरफ्तार किया

अतुल त्यागी             
हापुड़। पुलिस द्वारा जनपद में अपराध की रोकथाम एवं चोरों के विरूद्ध चलाए जा रहे अभियान के अन्तर्गत थाना सिम्भावली पुलिस ने थाने के मु.अ.सं 293/21 धारा 457/380/411 भादवि का सफल अनावरण करते हुए 2 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। जिनके कब्जे चोरी किया हुआ भारी मात्रा में सामान (05 लोहे की जंजीर ,02 दराती,01 दाव आदि) व 02 अवैध चाकू बरामद।

टोक्यो के 4 प्रांतों में कोरोना आपातकाल बढ़ाया

टोक्यो। ओलंपिक की मेजबानी के दौरान कोविड-19 संक्रमण के रिकार्ड मामलों के बाद जापान ने शुक्रवार को टोक्यो के चार पड़ोसी प्रांतों में कोरोना वायरस आपातकाल बढ़ा दिया है। प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने शुक्रवार को साईटामा, कानागावा और चिबा तथा ओसाका में आपातकाल की घोषणा की जो सोमवार से प्रभावी होकर 31 अगस्त तक रहेगा।
टोक्यो में पहले ही कोरोना आपातकाल लगा हुआ है।
जिसे अगस्त के अंत तक बढ़ा दिया जायेगा जो ओलंपिक के बाद तक और 24 अगस्त से शुरू होने वाले पैरालंपिक के दौरान जारी रहेगा। टोक्यो में गुरूवार को 3,865 मामले दर्ज किये और तीन दिन से यहां मामलों में रिकार्ड बढ़ोतरी हो रही है। पिछले हफ्ते की तुलना अब पॉजिटिव मामलों की संख्या दोगुनी हो गयी है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि ओलंपिक का इस बढ़ोतरी से कोई लेना देना नहीं है।

एलोपैथी के संबंध में दिएं बयान, याचिका दाखिल

अकांशु उपाध्याय            
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने योग गुरु रामदेव से एलोपैथी के संबंध में दिये गए उनके बयानों के खिलाफ दाखिल याचिका पर उन्हें एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का शुक्रवार को निर्देश दिया। न्यायमूर्ति हरि शंकर ने स्पष्ट किया कि रामदेव को जवाब नहीं मिलने की स्थिति में वह इस मामले में कार्यवाही शुरू करने की अनुमति नहीं देंगे। याचिकाकर्ता चिकित्सक संघों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अखिल सिब्बल ने तर्क दिया कि मुकदमा दायर करने की अनुमति देने के लिए, अदालत को केवल उसके समक्ष याचिका को देखना होता है और दूसरे पक्ष के जवाब की आवश्यकता नहीं होती।
अदालत ने रामदेव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर को जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया और कहा, “ यदि मुकदमा शुरू करने की अनुमति दी जाती है तो (रामदेव) इसके खिलाफ याचिका दाखिल कर कर सकते हैं। हम अगले सप्ताह इसपर विचार करेंगे। उन्हें जवाब दाखिल करने दीजिए।” मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी।अदालत के समक्ष तीन रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशनों ने यह याचिका दाखिल की है। उन्होंने आरोप लगाया कि रामदेव ने बड़े पैमाने पर लोगों को गुमराह किया और गलत तरीके से यह कहा कि कि एलोपैथी चिकित्सा पद्धति कोविड ​​​​-19 से संक्रमित कई लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार है। साथ ही आरोप है कि उन्होंने कहा था एलोपैथिक डॉक्टर मरीजों की मौत का कारण बन रहे हैं।

नारियल विकास बोर्ड विधेयक को मंजूरी प्रदान की

अकांशु उपाध्याय            
नई दिल्ली। राज्यसभा ने विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच शुक्रवार को नारियल विकास बोर्ड (संशोधन) विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी। जिसमें नारियल विकास बोर्ड कानून, 1979 में संशोधन का प्रावधान है। ताकि किसानों को अधिक फायदा मिल सके। 
सदन ने संक्षिप्त चर्चा के बाद विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। चर्चा में हिस्सा लेते हुए बीजू जनता दल के मुजीबुल्ला खान ने कहा कि तटीय क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनका प्रदेश ओडिशा का लंबा समुद्री तट है और वह अक्सर तूफान से प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि ओडिशा एक पिछड़ा राज्य है और उसे प्राथमिकता दिए जाने की जरूरत है। उपसभापति हरिवंश ने कहा कि किसी अन्य सदस्य ने इस विधेयक पर चर्चा के लिए अपना नाम नहीं दिया है। कृषि एवं कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इस विधेयक का मकसद नारियल क्षेत्र का और विकास है।
उन्होंने कहा कि नारियल क्षेत्र के विकास होने से किसानों को और फायदा होगा। इसके बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। विभिन्न मुद्दों को लेकर आसन के समीप आकर नारेबाजी कर रहे सदस्यों ने विधेयक पर मत-विभाजन कराए जाने की मांग की। इस पर उपसभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों ने अपने स्थान पर जाने को कहा। उन्होंने कहा कि अगर सदस्य अपने स्थानों पर जाएंगे। तभी मत विभाजन संभव हो पाएगा।
इसके बाद भी सदन में हंगामा जारी रहा और शोरगुल में विधेयक पारित हो गया। इससे पहले कार्पोरेट कार्य राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने सीमित दायित्व भागीदारी (संशोधन) विधेयक, 2021 तथा वित्त राज्य मंत्री भगवत कराड ने निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया।

शादियों को अधिनियम के तहत पंजीकृत किया

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार को उस याचिका पर नोटिस जारी किया। जिसमें आरोप लगाया गया है कि मुस्लिम शादियों को विशेष विवाह अधिनियम (एसएमए) के तहत पंजीकृत किया जा रहा है और उन्हें अनिवार्य विवाह आदेश के तहत ऐसा करने का विकल्प नहीं दिया जा रहा है जिसमें बिना किसी देरी के तत्काल पंजीकरण का प्रावधान है।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने एनजीओ ‘धनक फॉर ह्यूमैनिटी’ और एक प्रभावित व्यक्ति की याचिका पर नोटिस जारी किया। दिल्ली सरकार को तीन सप्ताह में नोटस का जवाब देना है। इस मामले में अब चार अक्टूबर को आगे सुनवाई होगी। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील उत्कर्ष सिंह ने कहा कि मुस्लिम शादियों को अनिवार्य शादी आदेश से बाहर रखना भेदभावपूर्ण है। इस पर न्यायमूर्ति पल्ली ने कहा कि सिंह की बात सही है।
आप भेदभाव नहीं कर सकते। दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वकील शादान फरासत ने कहा कि वह मामले में निर्देश लेंगे। याचिका में कहा गया है कि दूसरे याचिकाकर्ता की शादी एक मुस्लिम शादी है न कि अंतरजातीय विवाह लेकिन इसके बावजूद दंपति को एसएमए के तहत 30 दिन का नोटिस दिया गया। यह दंपति दिल्ली में शादी करने के लिए अपने गृह नगर से भागा था।

विधानसभा ने संसोधन विधेयक को पारित किया

अकांशु उपाध्याय           
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा ने मानसून सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को दिल्ली वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2021 को पारित किया। इस दौरान विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक ही दिन विधेयक को पेश करने और पारित किए जाने को लेकर इसका विरोध किया। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे पेश करते हुए कहा कि इन परिवर्तनों से व्यापारियों के कामकाज को सुचारू बनाने में मदद मिलेगी। इस विधेयक के जरिए दिल्ली जीएसटी कानून में 15 नए संशोधन किए गए हैं।
उन्होंने कहा, ”जीएसटी एक नया कानून है। हमारी जानकारी में आया है कि कुछ लोग टैक्स की चोरी कर रहे हैं। इसलिए कुछ संशोधनों का मकसद कर चोरी को रोकना है।” सिसोदिया ने कहा कि इनमें से एक संशोधन 1.5 करोड़ और उससे अधिक के कारोबार वाले पंजीकृत व्यापारियों के अनिवार्य ऑडिट की आवश्यकता को दूर करता है।

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