गुरुवार, 29 जुलाई 2021

दुकान में लैपटॉप सहित हजारों रुपए का माल चोरी

अतुल त्यागी       
हापुड़। थाना सिंभावली क्षेत्र के हरोड़ा मोड़ पर स्थित  चौकी से मात्र 100 कदमों की दूरी पर स्थित हार्डवेयर की दुकान में कुमल कर लैपटॉप सहित हजारों रुपए का माल चोरी चोरी कर ले गए।
अज्ञात चोर छत के रास्ते से चडकर दुकान में पीछे से कोमल कर लिया और आसानी से चोरी कर ले गए दुकानदार अरसद ने जानकारी देते हुए बताया शाम को अपनी दुकान बंद कर अपने घर चला गया। 
जब सुबह अपनी दुकान पर आया तो और शटर खोला तो दुकान में कुमल पाया गया। जिसमें लेपटॉप सहित हजारों रुपए का माल चोरी हो गया। दुकानदार की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल शुरू कर दी।

'गैर कानूनी' तरीके से बच्चा गोद लेने पर कार्रवाई

राणा ओबराय             
पानीपत। पानीपत उपायुक्त सुशील सारवान ने निर्देश देते हुए कहा कि गैर कानूनी तरीके से बच्चा गोद लेने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसलिए कोई भी व्यक्ति अवैध तरीके से बच्चा गोद न ले। गैर काूनूनी तरीके से बच्चा गोद लेने पर किशोर न्याय अधिनियम के तहत तीन वर्ष की सजा अथवा एक लाख रूपये जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है। बच्चा गोद लेने के लिए सैन्ट्रल एडॉपशन रिसोर्स एजैन्सी (कारा)में गोद लेने के लिए आवेदन करना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि कोविड 19 महामारी के दौरान कुछ बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है। ऐसे मामले भी हैं जिनमें बच्चों ने अपनी माता अथवा अपने पिता को खो दिया है। इस प्रकार एकल अभिभावकों से उनके बच्चें गोद लेने का प्रयास किया जाता है। कुछ गैर सरकारी स्वयंसेवी संगठन (एन.जी.ओ.)तथा व्यक्ति निजी तौर पर बच्चों को गोद लेने-देने के संदर्भ में सूचनाएं देते हैं, जो कि उचित नहीं है। इस प्रकार की भ्रामक सूचनाओं से दूर रहने की जरूरत है। कोई भी गैर सरकारी संगठन तथा व्यक्ति अपने स्तर पर बच्चा गोद नहीं दिला सकता। जिला बाल संरक्षण अधिकारी निधि गुप्ता ने बच्चे को कानूनी रूप से मुक्त घोषित करने वाली प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि अनाथ, परित्यक्त (अबैंडंड)और अभित्यक्त (सरैंडर )बच्चों को बाल कल्याण समिति (सीडब्लयूसी)के समक्ष पेश किया जाएगा। सीडब्लयूसी बच्चों को तत्काल देखभाल के लिए बाल देखरेख संस्थानों या विशेष दत्तक ग्रहण एजैंसी में रखने के लिए आवश्यक आदेश जारी करेगी। जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा बच्चों को गोद लेने के लिए कानूनी रूप से मुक्त घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 
अंत में सीडब्लयूसी बच्चों को गोद लेने के लिए कानूनी रूप से मुक्त करेगी। गोद लेने की तारिक से दो वर्ष तक फालोअप कार्रवाई की जाएगी।

निवासियों को आपसी लड़ाई-झगड़ों से बचना चाहिए

संदीप मिश्र        
मेरठ। मुस्लिम समाज ही नहीं, बल्कि समस्त मूल निवासियों को थाने कचहरी और आपसी लड़ाई झगड़ों से बचना चाहिए। न्याय की कोई उम्मीद न समझे ?
बहुजन मुक्ति पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी एवं मेरठ मंडल अध्यक्ष आर डी गादरे मेरठ दक्षिण विधानसभा के डॉ. जाकिर हुसैन कॉलोनी पहुंचे ज्ञात रहे कि कुछ दिन पहले मोहल्ले गली में दो पड़ोसियों में कहासुनी हो जाने से आपसी मतभेद पैदा हो गए थे। जिसमें गुलजार सैफी ने दूसरे पक्ष मोहम्मद फुरकान अन्य के खिलाफ थाने जाकर तहरीर दे दी थी। इसी मामले का जब बहुजन मुक्ति पार्टी के कार्यकर्ताओं और पार्षद शब्बीर पार्षद को पता लगा तो आपसी समझौते की बात चलाई और भविष्य में ऐसा लड़ाई झगड़ा से समाज में मतभेद पैदा ना हो सभी ने कोशिश की और आखिर सफलता भी मिली। 
आज पार्षद शब्बीर कस्सार साहब के आवास पर बैठक की गई जिसमें सभी ने निर्णय लिया कि जो भी तहरीर थाने में दी गई है। वह वापस ली जाए और भविष्य में ऐसा तकरार या मतभेद पैदा ना किया जाए। आर डी गादरे ने सभी क्षेत्रवासियों से और मूल निवासियों से आह्वान किया कि कुछ षड्यंत्रकारी आज यही चाहते हैं कि मूलनिवासी आपस में लड़ बैठकर खाने कचहरी करें और पैसा और समय की बर्बादी करें सभी से आह्वान है कि भविष्य में ऐसा ना करें और इस्लाम मजहब कहीं जातियों में नहीं है। एक दूसरे को डोंट बाजी ना करें और अपने आने वाले भविष्य की चिंता करें। लोकतंत्र को बचाने में बहुजन मुक्ति पार्टी का सहयोग करें। बैठक में पार्षद शब्बीर कस्सार, आसिफ सैफी एडवोकेट आवेश महबूब नसीम अंसारी ओमवीर सिंह सैफुल, इस्लाम मनोज कुमार, मोहम्मद इरफान, शहीद अहमद, इरशाद गुलजार, गुड्डू नौशाद, आर डी गादरे, शहजाद संदीप कुमार, मतलूब आदि मौजूद रहे और यह भी निर्णय लिया गया कि तहत तहरीर थाने से वापस लेकर भविष्य में कानूनी कार्रवाई एक दूसरे के ऊपर ना की जाए।

ऑक्सीजन जुटाने के मामले में नहीं होगीं कार्रवाई

अकांशु उपाध्याय           

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोविड-19 रोगियों के लिए नेताओं द्वारा ऑक्सीजन जुटाने के मामले में गुरुवार को कहा कि नेक लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती। जिन्होंने ऐसे समय ऑक्सीजन का प्रबंध किया। जब राष्ट्रीय राजधानी में महामारी की दूसरी लहर के दौरान केंद्र और दिल्ली सरकार पर्याप्त प्राणवायु उपलब्ध कराने में विफल रहीं।अदालत ने ऑक्सीजन सिलेंडरों की व्यवस्था करने और इन्हें कोविड रोगियों को वितरित करने के मामले में आप विधायक प्रवीण कुमार के खिलाफ मुकदमा शुरू करने पर दिल्ली के औषधि नियंत्रण विभाग को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि ”राजनीतिक लाभ” के लिए ”मानव त्रासदी” का इस्तेमाल किया गया है।

कार्रवाई को एक खास पार्टी के नेताओं को निशाना बनाने का कदम करार देते हुए न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि यदि औषधि नियंत्रक चिकित्सीय ऑक्सीजन जुटाने और वितरित करने के लिए किसी एक व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई पर आगे बढ़ता है तो उसे सभी गुरुद्वारों, मंदिरों, गिरजाघरों, सामाजिक संगठनों तथा उन सभी अन्य लोगों के खिलाफ भी मुकदमा चलाना होगा जिन्होंने कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान प्राणवायु जुटाई और इसे मरीजों को वितरित किया।

पीठ ने औषधि नियंत्रक को यह स्पष्ट करने के लिए समय प्रदान कर दिया कि क्या वह ऐसे सभी लोगों पर मुकदमा चलाना चाहता है ? जिन्होंने चिकित्सीय ऑक्सीजन जुटाई और जरूरमंद रोगियों को इसका नि:शुल्क वितरण किया। मामले में अगली सुनवाई पांच अगस्त को होगी। उच्च न्यायालय ने अपने पूर्व के आदेश का जिक्र किया जिसमें कहा गया था कि चिकित्सीय ऑक्सीजन का मुद्दा तकनीकी है और यह कोविड रोधी दवाओं की जमाखोरी के मुद्दे से भिन्न है।

पीठ ने कहा, ”क्या हमने यह नहीं कहा था कि आप ऑक्सीजन के मुद्दे पर आगे नहीं बढ़ेंगे ? यदि आप इस तरह आगे बढ़ रहे हैं तो आप आधी दिल्ली के खिलाफ आगे बढ़िए और सभी गुरुद्वारों के खिलाफ भी।” इसने कहा कि उद्देश्य दूसरों को कोई नुकसान पहुंचाए बिना समाज की मदद करने का है। अदालत ने इस मामले को क्रिकेट जगत से राजनीति में आए भाजपा नेता गौतम गंभीर से जुड़े मामले से अलग बताया जिन्होंने बड़ी मात्रा में फैबीफ्लू दवा खरीदकर इसे कोविड रोगियों को वितरित किया था। इसने कहा कि गंभीर की मंशा अच्छी हो सकती है। लेकिन इसकी अनुमति नहीं है। गंभीर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कैलाश वासुदेव के आग्रह पर उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि पहले हुई सुनवाई के दौरान की गयी उसकी प्रतिकूल टिप्पणियां निचली अदालत में कार्यवाही के मार्ग में नहीं आएंगी।

सोने-चांदी की कीमतों में जबरदस्‍त तेजी आईं, उछाल

अकांशु उपाध्याय       

नई दिल्ली। बुलियन मार्केट में सोने-चांदी की कीमतों में गुरुवार को जबरदस्‍त तेजी देखी गई। ग्‍लोबल मार्केट में कीमतों में उछाल का असर घरेलू सराफा बाजार में देखा गया। 29 जुलाई को 24 कैरेट शुद्ध सोने का हाजिर भाव 382 रुपये उछलकर 46,992 रुपये प्रति दस ग्राम हो गया। सोने के साथ-साथ चांदी ने भी चमक बिखेरी। चांदी का बुलियन मार्केट में भाव 1,280 रुपये की जोरदार उछाल के साथ 66,274 रुपये प्रति किलो के स्‍तर पर पहुंच गया। हाजिर भाव के अलावा, सोने-चांदी के वायदा भाव में भी उछाल रहा। एमसीएक्स पर सोना 48,100 रुपये और चांदी 67,800 के स्‍तर को पार कर गए।

इससे पिछले ट्रेडिंग सेशन में बुलियन मार्केट में सोना 46,610 रुपये प्रति दस ग्राम और चांदी 64,994 रुपये प्रति किलो के स्‍तर पर थी। एचडीएफसी सिक्‍युरिटीज के सीनियर एनॉलिस्‍ट (कमोडिटीज) तपन पटेल का कहना है कि कॉमेक्‍स (न्‍यू यार्क कमोडिटी एक्‍सचेंज) में दाम बढ़ने का असर दिल्‍ली सराफा बाजार पर देखा गया। यहां 24 कैरेट गोल्‍ड 382 रुपये प्रति दस ग्राम उछल गया।

बाघ दिवस के अवसर पर 'टीएस' मान्यता प्रदान की

अकांशु उपाध्याय        

नई दिल्ली। केंद्र ने बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर देश के 14 बाघ रिजर्व को ‘सीए-टीएस’ मान्यता प्रदान की। सीए-टीएस या संरक्षण आश्वासित-बाघ मानक, वैश्विक रूप से स्वीकृत व्यवस्था है। जो बाघों के प्रबंधन के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यवहार एवं मानदंड स्थापित करता है तथा मानक प्रगति के लिए आकलन को प्रोत्साहित करता है। देश के जिन 14 बाघ रिजर्व को यह मान्यता दी गई है। उनमें मानस टाइगर रिजर्व, काजीरंगा टाइगर रिजर्व और ओरांग टाइगर रिजर्व (तीनों असम में) , मध्य प्रदेश के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, कान्हा टाइगर रिजर्व और पन्ना टाइगर रिजर्व शामिल है।

इस अवसर पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, ”बाघों की आबादी एक बखूबी संतुलित पारिस्थितिकी का संकेतक है। बाघ दिवस के अवसर पर, हम ना सिर्फ अपने बाघों को बचा रहे हैं बल्कि पारिस्थितिकी और अपने वनों की भी रक्षा कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, ”इन 14 टाइगर रिजर्व के अलावा तीन अन्य भी हैं जिनके लिए हम सीए-टीएस मान्यता हासिल करना चाहते हैं। हम अपने सभी 51 टाइगर रिजर्व के लिए यह मान्यता और उन्हें संरक्षित बनाए रखना चाहते हें।” गैर सरकारी संस्था वर्ल्ड वाइड फंड, इंडिया के मुताबिक सीए-टीएस को बाघों की आबादी वाले सात देशों में 125 स्थानों पर क्रियान्वित किया जा रहा है।

भारत में ढाई लाख गुर्दा प्रत्यारोपण की जरूरत हैं

राणा ओबरॉय               

चंडीगढ़। भारत में सालाना लगभग ढाई लाख गुर्दा प्रत्यारोपण की जरूरत है। लेकिन जागरूकता की कमी और गुर्दा अनुपलब्धता के कारण इस समय केवल लगभग छह हजार ही ऐसे प्रत्यारोपण हो पा रहे हैं। ग्रेशियन सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के गुर्दा रोग से जुड़े विशेषज्ञों ने यह जानकारी देते हुये बताया कि देश में गुर्दा रोगों और इनके प्रत्यारोपण को लेकर जागरूकता बढ़ाना जरूरी है।

अस्पताल के गुर्दा प्रत्यारोपण विशेषज्ञ सुमीत देवगन ने कहा कि लाइव डोनर से गुर्दा प्रत्यारोपण करने में भारत का दुनिया में दूसरा स्थान है। क्योंकि यहां लगभग 95 प्रतिशत प्रत्यारोपण जीवित डोनर से होता है। जबकि केवल पांव प्रतिशत कैडवर (मृतक) से हो रहा है। कम से कम पांच लाख से अधिक भारतीय हर साल अपने मुख्य कार्य अंगों के विफल होने के कारण मर रहे हैं। लाइव और कैडेवर डोनर के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करने की जरूरत है। इससे मानवांगों की जरूरत और आपूर्ति के बीच भारी असमानता को भी दूर किया जा सकता है। इसके अलावा हर वर्ष दुर्घटनाओं में मरने वाले लगभग चार लाख लोगों के अंग प्रत्यारोपण के लिए उपलब्ध हों तो अनेक लोगों की जान बचाई जा सकती है।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...