बुधवार, 28 जुलाई 2021

24 घंटे में कोरोना के 89 नए मामलें सामने आएं

हरिओम उपाध्याय            

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 89 नए मामले सामने आए हैं। जिससे राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 17,08,313 हो गई है। वहीं इस बीमारी से एक और रोगी की मौत के साथ मृतकों की कुल संख्या 22,755 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बुधवार को जारी बुलेटिन के मुताबिक कुशीनगर जिले में कोविड-19 से एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं संक्रमण के 89 नए मामलों में से 22 मामले कानपुर जिले में और हापुड़ में सात नए मामले सामने आए हैं। राज्य में पिछले 24 घंटे में 116 लोगों ने महामारी को मात दी है। प्रदेश में संक्रमण के 768 उपचाराधीन मामले हैं।

उत्तराखंड में 5 दिन तक भारी बारिश का अलर्ट जारी

पंकज कपूर             
देहरादून। पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश से लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो रखा है। नदिया उफान पर, बड़े-बड़े पत्थरों का पहाड़ों से गिरने का सिलसिला जारी है। दरअसल, मौसम विभाग ने उत्तराखंड में अगले 5 दिन तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार 28 जुलाई से 1 अगस्त तक कहीं-कहीं आकाशीय बिजली गिरने और भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
माना जा रहा है कि अगले कुछ दिन राज्य के लिए संवेदनशील रह सकते हैं। मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की सलाह दी है।
मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को उत्तरकाशी, देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर, पिथौरागढ़ कहीं कहीं भारी से बहुत भारी बारिश, तीव्र बौछार होने की आशंका है।
30-31 जुलाई व 1 अगस्त को उत्तरकाशी, देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली, चंपावत जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक, संवेदनशील इलाकों मे चट्टान गिरने, भूस्खलन, सड़कों में मलबा आने की घटनाएं हो सकती है। निचले इलाकों में जल भराव हो सकता है। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।

राकेश ने दिल्ली पुलिस आयुक्त का पदभार संभाला

अकांशु उपाध्याय            
नई दिल्ली। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के गुजरात कैडर के वरिष्ठ अधिकारी राकेश अस्थाना ने बुधवार को दिल्ली के पुलिस आयुक्त का पदभार संभाल लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी साझा की। मध्य दिल्ली के जय सिंह मार्ग पर स्थित पुलिस मुख्यालय पहुंचने पर राकेश अस्थाना को पुलिस बल ने रस्मी गार्ड ऑफ ऑनर दिया। अस्थाना ने पत्रकारों से कहा, “मैंने आज दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाल लिया। 
मैं पुलिस की बुनियादी अवधारणाओं में विश्वास करता हूं जो कानून और व्यवस्था को बनाए रखना व अपराध की रोकथाम है।यही वह बुनियादी काम है, जो हमें करने चाहिए। अगर इन चीजों को सही तरीके से किया जाए तो समाज में शांति बनी रहती है। कुछ विशेष समस्याएं हैं, जिनके लिए अलग से एसओपी (मानक संचालन प्रक्रियाएं) है। हम उसके अनुसार काम करेंगे।” अस्थाना ने अतीत के प्रदर्शनों के लिए दिल्ली पुलिस की सराहना भी की और कहा कि वह समाज में बेहतरी सुनिश्चित करने के लिए सभी के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा, “दिल्ली पुलिस का अतीत शानदार रहा है। बल ने अतीत में बहुत अच्छे काम किए गए हैं। कई जटिल मामले सुलझाए हैं।
दिल्ली पुलिस ने कई जटिल स्थितियों को संभाला है। मैं टीम वर्क में विश्वास करता हूं और मुझे उम्मीद है कि इस टीम वर्क से हम समाज में बेहतरी और शांति बनाए रखने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे।” गृह मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक आदेश में कहा था कि अस्थाना तत्काल प्रभाव से दिल्ली पुलिस आयुक्त का कार्यभार संभालेंगे। वह सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक के रूप में कार्यरत थे।
अस्थाना की नियुक्ति 31 जुलाई को उनकी सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले हुई है। उनका कार्यकाल एक साल का होगा। इस तरह के बहुत कम उदाहरण हैं, जब अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर से बाहर के किसी आईपीएस अधिकारी को दिल्ली पुलिस के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया हो। 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी अस्थाना पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) में विशेष निदेशक रह चुके हैं। सीबीआई में अपने कार्यकाल के दौरान,उनका जांच एजेंसी के तत्कालीन निदेशक आलोक वर्मा के साथ विवाद हो गया था जिसमें दोनों ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। दिलचस्प है कि वर्मा सीबीआई निदेशक बनने से पहले दिल्ली पुलिस के आयुक्त थे। जून के अंत में पुलिस आयुक्त पद से एसएन श्रीवास्तव के सेवानिवृत्त होने के बाद वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी बालाजी श्रीवास्तव को पुलिस आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।

बंगाल: सीएम ममता की सोनिया गांधी से मुलाकात

मिनाक्षी लोढी
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि ममता ने सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पहुंचकर उनसे मुलाकात की। ममता ने इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं कमलनाथ, अभिषेक मनु सिंघवी और आनंद शर्मा से मुलाकात की थी।
कहा जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी में हैं। पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने वाली ममता बनर्जी का विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद यह पहला दिल्ली दौरा है।कहा जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी में हैं। पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने वाली ममता बनर्जी का विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद यह पहला दिल्ली दौरा है।

बोम्मई ने कर्नाटक के नए सीएम के रूप में शपथ लीं

अकांशु उपाध्याय           
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के करीबी माने जाने वाले बसवराज बोम्मई ने कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने बुधवार को उन्हें पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। हालांकि मंत्रिमंडल का विस्तार बाद में किया जाएगा। शपथ लेने से पहले बोम्मई अंजनेय मंदिर पहुंचे और वहां भगवान का आशीर्वाद लिया। शपथ लेने से पहले उन्होंने कहा कि शाम को हम एक कैबिनेट बैठक करेंगे, इसके बाद एक वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की जाएगी, जिसमें राज्य में कोविड और बाढ़ की स्थिति की समीक्षा होगी।कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई का जन्म 28 जनवरी 1960 को हुआ था। 
जल संसाधन एवं सहयोग मंत्रालय के साथ-साथ उन्होंने हवेरी और उडुपी जिलों के प्रभारी मंत्री के तौर पर भी काम किया है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक बासवराज बोम्मई ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत जनता दल के साथ की थी। 12 साल पहले 2008 में वह भाजपा में शामिल हुए और तभी लगातार पार्टी में ऊपर चढ़ते चले गए। नए सीएम भी लिंगायत समुदाय से आते हैं। अभी तक वह राज्य के गृह मंत्री के साथ संसदीय कार्य मंत्री और कानून मंत्री का पद भी संभाल रहे थे। बोम्मई को बीएस येदियुरप्पा का करीबी माना जाता है। खेती से जुडे़ होने के नाते कर्नाटक के सिंचाई मामलों का जानकार माना जाता है। राज्य में कई सिंचाई परियोजनाएं शुरू करने की वजह से उनकी सराहना की जाती है। 
उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र में भारत की पहली 100 फीसदी पाइप सिंचाई परियोजना लागू करने का श्रेय भी दिया जाता है। उनके पिता एसआर बोम्मई भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
कर्नाटक की आबादी में लिंगायत समुदाय की भागीदारी करीब 17 फीसदी है। 224 सदस्यीय विधानसभा सीटों पर 100 से ज्यादा सीटों पर लिंगायत समुदाय का प्रभाव है। ऐसे में भाजपा ने येदियुरप्पा के हटने के बाद लिंगायत समुदाय के ही किसी व्यक्ति को नया सीएम बनाकर 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता का गणित साधने की कोशिश की है।

196 अधिकारियों को समय-पूर्व सेवानिवृत्त किया

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को लोकसभा में सूचित किया कि पिछले तीन साल में अपेक्षाजनक काम नहीं करने वाले कुल 196 सरकारी अधिकारियों को समय-पूर्व सेवानिवृत्त कर दिया गया। सरकार ने कहा कि कुल अधिकारियों में 111 समूह ए के और 85 अधिकारी समूह बी के थे।
कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ”सरकारी कर्मचारियों के कामकाज की समीक्षा सतत प्रक्रिया है और केंद्र सरकार कामकाज तथा ईमानदारी के आधार पर लंबे समय से अधिकारियों के प्रदर्शन की समीक्षा करती आ रही है।

राजनीति: चेहरा बनाएं जाने के मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी

मिनाक्षी लोढी        
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी को रोकने के लिए विपक्ष का चेहरा बनाए जाने के मुद्दे पर बुधवार को मिलीजुली प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह सब परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। नेतृत्व के मुद्दे पर उन्होंने कहा, “मैं बिल्ली के गले में घंटी बांधने में सभी विपक्षी दलों की सहायता करना चाहती हूं। 
मैं नेता नहीं, बल्कि आम कार्यकर्ता बनना बनर्जी ने मंगलवार को कहा था कि विपक्षी दलों की एकता अपने आप आकार लेगी। विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कराने के बाद पहली बार राष्ट्रीय राजधानी आईं बनर्जी ने बुधवार को कहा, “मैं एक साधारण कार्यकर्ता हूं और इसी तरह काम करना चाहती हूं।” उन्होंने भाजपा के चुनावी नारे पर कटाक्ष करते हुए कहा, “मैं सच्चा दिन देखना चाहती हूं, बहुत दिन अच्छे दिन देख लिये।” हूं।”पेगासस के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि स्थिति आपातकाल से भी ज्यादा गंभीर है और केंद्र सरकार जवाब नहीं दे रही। तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष बनर्जी ने कहा, “सभी जगह वे प्रवर्तन निदेशालय आयकर विभाग को छापा मारने के लिए भेज रहे हैं। यहां कोई जवाब नहीं दे रहा है। लोकतंत्र में सरकार को जवाब देना चाहिए। स्थिति बेहद गंभीर है, यह आपातकाल से भी ज्यादा गंभीर है।”
बनर्जी से यहां संवाददाताओं ने पूछा कि क्या वह विपक्ष का चेहरा बनना चाहती हैं। जिसके जवाब में उन्होंने कहा, “मैं कोई राजनीतिक भविष्यवक्ता नहीं हूं। यह परिस्थिति, सरंचना पर निर्भर करता है। अगर कोई और नेतृत्व करता है तो मुझे कोई समस्या नहीं। जब इस मुद्दे पर चर्चा होगी। तब हम निर्णय ले सकते है। मैं अपना निर्णय किसी पर थोप नहीं सकती।”

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...