सोमवार, 26 जुलाई 2021

मीराबाई को मणिपुर सरकार ने एसपी नियुक्त किया

इंफाल। ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू को मणिपुर सरकार ने एडिशनल एसपी नियुक्त किया है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने घोषणा की कि राज्य सरकार ने टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू को मणिपुर पुलिस में एडिशनल एसपी (स्पोर्ट्स) के पद पर तैनात करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह ने कहा कि मीराबाई चानू को राज्य सरकार की तरफ से 1 करोड़ रुपए की राशि दी जाएगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि जूडो खिलाड़ी सुशीला देवी लिकमबम को उपनिरीक्षक एसआई के पद पर पदोन्नत किया गया है। वह पहले कॉन्सटेबल थीं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले राज्य के सभी एथलीट्स को 25-25 लाख रुपये पुरस्कार के तौर पर दिए जाएंगे। मीराबाई चानू जापान से सोमवार को दिल्ली वापस लौट आई हैं। वहीं चीन की जजिहू को ओलंपिक आयोजकों ने दोबारा डोप टेस्ट के लिए रुकने के निर्देश दिए हैं।

सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन

कविता गर्ग      

मुंबई। पवार ने बाढ़ प्रभावित लोगों से बातचीत की और उन्हें पुनर्वास का और राज्य सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। राज्य के जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल, राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय वाडेट्टीवार और राज्य मंत्री विश्वजीत कदम बाढ़ प्रभावित जिले के भीलवाड़ी और अन्य इलाकों के दौरे में पवार के साथ थे।ये लोग भीलवाड़ी में लोगों तक नाव के जरिए पहुंचे। जिला प्रशासन ने बताया कि पवार स्थिति का जायजा लेने के बाद समीक्षा बैठक करेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि इस बीच इरविन पुल पर कृष्णा नदी का जलस्तर सुबह 11 बजे 52.11 फुट था। जबकि खतरे का निशान 45 फुट पर है।

आरोप लगाते हुए कहा, चीन से कैसे निपटा जाए ?

अकांशु उपाध्याय       

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर चीन को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार को समझ नहीं आ रहा कि चीन से कैसे निपटा जाए। राहुल गांधी ने एक मीडिया रिपोर्ट को साझा करते हुए यह बात कही। इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार का आगाह करते हुए कहा कि आज चीन की हरकतों को नजरअंदाज करने से भविष्य में बड़ी मुश्किलें पैदा होंगी।राहुल गांधी ने एलएसी विवाद पर एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से यह दावा किया है कि पूर्वी लद्दाख के डेमचोक इलाके में भारतीय सीमा के हिस्से में चीन की ओर से अपने टेंट लगाए गए हैं।

मानसून के सक्रिय होने के बाद 178 की मौंत हुईं

श्रीराम मौर्या                      
शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून के सक्रिय होने के बाद से अब तक 178 लोगों की मौत हो चुकी है तथा सरकारी और निजी सम्पति का भारी नुकसान हुआ। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार इस दौरान प्रदेश में 400 करोड़ का नुकसान हुआ है। लोक निर्माण विभाग को सबसे ज्यादा 271 करोड़ का जबकि आईपीएच विभाग को 115 करोड़ का नुकसान हुआ है।
इस अवधि में 39 मकान ढह चुके हैं, जिनमें 33 मकान कांगड़ा, 3 शिमला व मंडी, बिलासपुर और चंबा में एक-एक मकान को नुकसान पहुंचा है। बारिश ने 48 कच्चे मकान को भी मिट्टी में मिला दिया। इसके अलावा राज्य में 62 पक्के मकानों सहित 316 कच्चे मकानों को हल्का नुकसान हुआ है। हिमाचल में 8 दुकानें, 6 पुल और 340 गोशालाएं भी बह गई।
प्रदेश में मानसून सीजन में सबसे ज्यादा 100 मौतें सड़क दुर्घटनाओं में हुई। जबकि भूस्खलन से कांगड़ा में 10 लोगों की मौत हुई है व शिमला में भी दो लोगों की मौत हुई है और 19 लोगों की जान डूबने से हुई। किन्नौर में नौ, डूबने वालों में सबसे ज्यादा कांगडा में आठ, कुल्लू व मंडी में तीन-तीन, बिलासपुर में दो, हमीरपुर, लाहुल स्पीति व शिमला में एक-एक लोगों की मौत हुई है। यही नही मॉनसून के दौरान सांप के डसने से सात लोगों की जान गई। राज्य में गिरने से भी 21 लोग अपनी जान गंवा चुके है।
इससे पहले हिमाचल प्रदेश में तीन दिन भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया था। प्रदेश में 30 जून तक मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान जताया गया था। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश के मैदानी व मध्य पर्वतीय भागों में 26 से 28 जुलाई तक भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था। जबकि 25 जुलाई के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया था। विभाग ने ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिले के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था।
शनिवार को ऊना में अधिकतम तापमान 33.0, बिलासपुर 34.0, सुंदरनगर 32.1, हमीरपुर 33.6, कांगड़ा 32.8, चंबा 31.6, सोलन 30.2, नाहन 30.2, धर्मशाला 24.8, शिमला 24.6, कल्पा 23.2, केलांग 25.2 और डलहौजी में 21.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।  शिमला में न्यूनतम तापमान 17.0, सुंदरनगर 22.4, भुंतर 22.1, कल्पा 15.4, धर्मशाला 20.4, ऊना 25.7, नाहन 24.7, केलांग 12.7, पालमपुर 21.0, सोलन 20.7, मनाली 18.0, कांगड़ा 24.6, मंडी 22.0, बिलासपुर 25.0, हमीरपुर 24.8, चंबा 21.5, डलहौजी 17.4 और कुफरी में 15.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।

सैकड़ों किसानों ने इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया: यूपी

भानु प्रताप उपाध्याय              
शामली। किसान संघर्ष समिति के तत्वाधान में किसानों ने अधिग्रहित की गई भूमि के मुआवजे की मांग को लेकर दिल्ली-देहरादून राजमार्ग पर जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों के प्रदर्शन से हाईवे का रास्ता अवरुद्ध हो गया। जिसके चलते पुलिस ने वैकल्पिक मार्गाे के माध्यम से यातायात को निकाला।
सोमवार को किसान संघर्ष समिति के तत्वाधान में दिल्ली-देहरादून राजमार्ग स्थित कलेक्ट्रेट में सैकड़ों किसानों ने इकट्ठा होकर जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों का आरोप था कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बागपत द्वारा दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिकल कॉरीडोर के निर्माण में जनपद के तकरीबन दर्जनभर गांवों के किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है। लेकिन किसान सरकार द्वारा दिए गए भूमि अधिग्रहण के मुआवजे से संतुष्ट नहीं हैं। इसके अलावा भी कई अन्य समस्याओं को लेकर किसानों द्वारा जिलाधिकारी को 11 सूत्रीय मांग पत्र जिलाधिकारी को दिया गया। किसानों ने सरकार से मांगप़त्र में उल्लेखित सभी मांगों को पूरा करने की मांग की है। दरअसल भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बागपत द्वारा दिल्ली देहरादून इकोनॉमिकल कॉरिडोर के निर्माण हेतु जनपद शामली के गांवों बनती खेड़ा, भैसानी इस्लामपुर, भाज्जू, भीक्का माजरा, बट्रादा, चुनसा, गोगवान, केडी समेत अन्य कई गांवों के किसानों की भूमि अधिग्रहण की गई है। जिसके चलते सोमवार को दिल्ली देहरादून हाईवे किसान संघर्ष समिति के तत्वाधान में सैकड़ों किसानों ने जनपद की कलेक्ट्रेट में अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया। किसानों का आरोप है कि सरकार द्वारा उन्हें जो मुआवजा दिया गया है। वह सन 2013 व 2015 के आधार पर दिया गया है। जिसके चलते किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। किसानों का कहना है कि उन्हें उनकी जमीनों का मुआवजा 2020 - 21 के सर्किल रेट अनुसार दिया जाए। किसानों का कहना है कि जिन किसानों की भूमि हाईवे के अन्तर्गत अधिग्रहित की गई है उनके परिवार से किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। इसके अलावा भी किसान हित से जुड़ी अन्य कई समस्याओं का निराकरण किया जाए। किसानों का कहना है कि उक्त गांवों की 3 डी एवं 3 ए आने के बाद किसानों द्वारा आपत्तियां लगाई गई थी। जिस पर आजतक न तो कोई सुनवाई हुई है और न ही इनका कोई निस्तारण हुआ है। इसके समेत 11 सूत्रीय मांगो को लेकर किसानों द्वारा कलेक्ट्रेट में धरना प्रर्दशन किया गया। जिसके उपरांत किसानों ने डीएम को ज्ञापन सौंपते हुए उनकी सभी मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की है।

यूपी के 11 जिलों में 1 भी सक्रिय मामला नहीं बचा

हरिओम उपाध्याय                   
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति पूरी तरह काबू में आती दिख रही है। प्रदेश के 11 जिलों में कोरोना के एक भी सक्रिय मामला नहीं बचा है। जबकि राज्य में पाजिटिविटी दर घट कर 0.01 फीसदी रह गयी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कोविड प्रबंधन के लिये टीम-09 की बैठक में कहा कि प्रदेश में एक्टिव कोविड केस की संख्या 857 रह गई है। ऐसी स्थिति कोरोना के शुरुआती दिनों 18 अप्रैल 2020 में थी। प्रदेश में हर दिन ढाई लाख से तीन लाख टेस्ट हो रहें हैं, जबकि पॉजिटिविटी दर 0.01 फीसदी तक आ गई है। अलीगढ़, बदायूं, बस्ती, बहराइच एटा, फतेहपुर, हमीरपुर, हाथरस, कसगंज, महोबा और श्रावस्ती में अब कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जिले आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं।
उत्तर प्रदेश सर्वाधिक कोविड टेस्टिंग करने वाला राज्य है। अब तक यहां 06 करोड़ 42 लाख 77 हजार 972 कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अनुरूप सभी जरूरी प्रयास सतत जारी रखे जाएं।
उन्होने कहा कि रविवार को किसी भी जिले में दोहरे अंक में नए केस की पुष्टि नहीं हुई। 53 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया, जबकि 22 जिलों में इकाई अंक में मरीज पाए गए। यह स्थिति बताती है कि प्रदेश में हर नए दिन के साथ कोविड महामारी पर नियंत्रण की स्थिति और बेहतर होती जा रही है। ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के मंत्र से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं।

2 पूर्व अधिकारियों को गिरफ्तारी से राहत दी: केरल

कोच्चि। केरल उच्च न्यायालय ने 1994 में इसरो के वैज्ञानिक नम्बी नारायण की गिरफ्तारी के मामले के संबंध में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा आपराधिक साजिश, अपहरण और साक्ष्य मिटाने जैसे मामलों में नामजद केरल पुलिस के दो पूर्व अधिकारियों को सोमवार को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी। मामले से संबंधित एक वकील ने बताया कि एस विजयन और टी एस दुर्गा दत्त की ओर से दायर संयुक्त अग्रिम जमानत याचिका पर सीबीआई द्वारा सुनवाई अगले सप्ताह तक के लिए स्थगित करने का अनुरोध करने के बाद न्यायमूर्ति अशोक मेनन ने दोनों अधिकारियों को राहत दी।
सीबीआई की ओर से पेश हुए केंद्र सरकार के वकील सुविन आर मेनन ने भी आदेश की पुष्टि की और कहा कि अदालत ने यह निर्देश भी दिया कि अगर दोनों पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया जाता है तो उन्हें 50 हजार का बांड और उतनी ही राशि के मुचलके पर जमानत दे दी जाए।
उन्होंने कहा कि अंतरिम आदेश, सुनवाई की अगली तारीख दो अगस्त तक प्रभावी रहेगा। ये दोनों पूर्व पुलिस अधिकारी, उस विशेष जांच दल (एसआईटी) का हिस्सा थे जिसने 1994 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) जासूसी मामले में वैज्ञानिक नंबी नारायण और मालदीव के दो नागरिकों मरियम रशीदा और फौजिया हसन को गिरफ्तार किया था।
नारायण तथा दोनों महिलाओं की ओर से पेश हुए वकील प्रसाद गांधी ने याचिका का यह कहते हुए विरोध किया था कि इसमें गलत इरादों से आरोप लगाया गया है। सीबीआई ने मामले में 18 लोगों को आरोपी बनाया था, जिसमें खुफिया विभाग (आईबी) के तत्कालीन अधिकारी भी शामिल थे।
बता दें कि इस मामले की शुरूआत में नारायणन को फर्जी जासूसूी कांड में फंसाने वाले अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश देते हुए खंडपीठ ने तीन दिन के भीतर रिपोर्ट पेश करने का भी जांच एजेंसी को निर्देश दिए थे। न्यायालय ने न्यायमूर्ति जैन कमेटी की रिपोर्ट को प्रारम्भिक जांच मानते हुए आगे की जांच का आदेश दिया था।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...