शुक्रवार, 23 जुलाई 2021

इमारतों के निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान रखा जाएं

अतुल त्यागी
हापुड़। आज जिलाधिकारी अनुज सिंह, मुख्य विकास अधिकारी उदय सिंह के साथ अपने कैंप कार्यालय के सभागार में निर्माण दाई संस्थाओं के साथ जनपद में हो रहे 50 लाख से अधिक लागत के निर्माण कार्य को लेकर समीक्षा कर रहे थे। जिलाधिकारी ने समस्त कार्यदाई संस्था को निर्देश देते हुए कहा कि जनपद में सरकारी इमारतों के निर्माण में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए और जो भी समय निर्धारित किया गया है। उसके अनुरूप ही कार्य को पूरा करें। कार्य में अनियमितता पाए जाने पर निर्माण दाई संस्था के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी की महत्वकांक्षी योजनाओं में हीला हवाली बरतने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। 
उन्होंने कहा कि जिन निर्माण दाई संस्थाओं ने माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप बनाए जा रहे निर्माण कार्यों को अभी तक शुरू नहीं किया है। उन्हें जल्द से जल्द शुरू किया जाए तथा समय सीमा का ध्यान रखते हुए तत्काल पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने कार्यदाई संस्थाओं को यह भी निर्देश दिए कि जो निर्माण कार्य चल रहे हैं तथा उनमें जो भी कार्य शेष रह गया है। उसको जल्द से जल्द पूर्ण करते हुए संबंधित विभाग को हस्तांतरित कर दिया जाए। बैठक में उप जिलाधिकारी हापुड़, सत्य प्रकाश , मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रेखा शर्मा, जिला विकास अधिकारी संजय कुमार सहित संबंधित विभाग के अधिकारी व निर्माण दाई संस्था के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

56 पुलिसकर्मियों को पुरूस्कार, सम्मानित किए गये

राणा ओबराय              
पानीपत। पानीपत पुलिस अधीक्षक श्री शशांक कुमार सावन ने उत्कृष्ट और सराहनीय कार्य करने वाले जिला के 56 पुलिसकर्मियों को तृतीय श्रेणी प्रसंशा पत्र व नकद पुरूस्कार देकर सम्मानित किया। यह सम्मान वर्ष 2021 मे बड़ी वारदातों का खुलासा करने, बदमाशों को जल्द पकड़ने, शराब/मादक पदार्थो की अवैध तस्करी पर रोक लगाने, पीओ,बेल जम्परों (उदघोषित अपराधियो) को पकड़ने व अपराधों पर नियंत्रण करने आदि जैसे कामों के लिए दिया गया। सम्मानित पुलिसकर्मियों में निरीक्षक पद से लेकर सिपाही पद के कर्मचारी शामिल रहे।

पुलिस अधीक्षक श्री शशांक कुमार सावन जी ने इस दौरान सम्मानित होने वाले सभी पुलिसकर्मियो के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि वे उम्मीद करते है कि भविष्य मे भी इसी प्रकार सच्ची निष्ठा, ईमानदारी व कड़ी मेहनत से कार्य/ड्यूटी करते हुए पुलिस का आमजन के प्रति विश्वास बनाकर रखे। उन्होने कहा कि सम्मान जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि होती है। जिसको पाने के लिए हमेशा संघर्षरत रहना होता है। उन्होने कहा अच्छे कार्य करने वाले पुलिसकर्मियो को सम्मानित किया जाएगा। वहीं ड्यूटी मे लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियो को किसी भी सूरत मे सहन नहीं किया जाएगा। इसलिए ड्यूटी के प्रति सजग व ईमानदार रहें।इंस्पेक्टर राजपाल, इंस्पेक्टर विरेन्द्र, इंस्पेक्टर अनिल छिल्लर, इंस्पेक्टर किरण, इस्पेक्टर बलराज, इंस्पेक्टर महिपाल व इंस्पेक्टर अंकित। सब इंस्पेक्टर सतपाल, सब इंस्पेक्टर पवन, सब इंस्पेक्टर बलजीत व ईएसआई महेन्द्र, ईएसआई दलसिंह, ईएसआई राजकुमार, ईएसआई रमेश। 

एएसआई राजेन्द्र, एएसआई हेमराज, एएसआई विरेन्द्र, एएसआई राजपाल, एएसआई सुमीत, एएसआई सुभाष, एएसआई प्रमोद, एएसआई सतीश, एएसआई कृष्ण, एएसआई कृपाल, एएसआई सुभाष सिंह, एएसआई सुनील व ईएएसआई जगविन्द्र सिंह।मुख्य सिपाही रविन्द्र, मुख्य सिपाही सुनील, मुख्य सिपाही विकास, मुख्य सिपाही नवनीष, मुख्य सिपाही सुभाष, मुख्य सिपाही दिनेश, मुख्य सिपाही विकास सिंह व ईएचसी रामनिवास, ईएचसी अशोक। सिपाही मोहन, सिपाही संदीप, सिपाही मनोज, सिपाही राकेश, सिपाही रविन्द्र, सिपाही अशोक, सिपाही अनिल, सिपाही रविन्द्र सिंह, सिपाही नवीन, सिपाही अनिल सिंह व पी.ओ स्टॉफ की टीम को तृतीय श्रेणी प्रसंशा पत्र व नकद पुरूस्कार देकर सम्मानित किया गया।

2 साल बीतने के बाद भी मंत्रिमंडल विस्तार नही हुआ

राणा ओबराय                
चंडीगढ़। हरियाणा सीएम मनोहर लाल दिन प्रतिदिन राजनीति में भी क्रिकेट खेल की तरह शॉट लगाते जा रहे हैं। हरियाणा में ऐसा पहली बार हो रहा है, कि लगभग पौने दो साल बीतने के बाद भी मंत्रिमंडल विस्तार नही हुआ। सरकार में खाली पड़े दो मन्त्री पद पर अभी तक शपथ नहीं दिलाई गई। ऐसा क्यों कर रहे हैं हरियाणा के सीएम ? प्रदेश की जनता और चुने हुए विधायक हर बार अपना हाथ मल कर रह जाते हैं। 
मन्त्री बनने का सपना देखने वाले कुछ विधायक तो अंदर ही अंदर खट्टर सरकार को कोस भी रहे होंगे कि यह कैसा सीएम है ? जो हर बार चर्चाएं पैदा होने के बाद भी मंत्रिमंडल फेरबदल या विस्तार नहीं करते। अभी हाल ही में सीएम खट्टर ने मंत्रिमंडल फेरबदल पर चर्चा करते हुए कहा यह हमारी रणनीति का एक हिस्सा है। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रिमंडल फेरबदल जरूर होगा। राजनीति के जानकार ऐसा सोचते है कि ऐसा बोलकर सीएम साहब ने फिर एक नई शतरंज की चाल चली है। ऐसा भी कह सकते हैं कि जो विधायक सरकार के खिलाफ थोड़ा सा मुखर रुख अपनाते हैं। उनको मंत्रिमंडल फेरबदल की चर्चाएं पैदा कर दबाने का प्रयास किया जाता है। 
या यूं कहें, कि मुखर विधायको को मन्त्री बंनाने का सपना दिखा दिया जाता है। जिससे वह शांत हो जाते हैं। जो भी हो बरसो से यह भी तो राजनीति का एक हिस्सा ही माना जाता है। मुख्यमंत्री खट्टर के बयान बाद मन्त्री बनने की चाह रखने वाले एक विधायक से बात की तो उसने व्यंग्यात्मक स्वर में कहा, कि सीएम ने हरियाणा मंत्रिमंडल विस्तार को आगे बढ़ाकर विधायको को बिना बरसने वाले बादल की तरह चकमा दे दिया है।

10 नंबर गेट पर जागरूकता अभियान चलाया: यूपी

कौशाम्बी। कोखराज थाना क्षेत्र के अन्तर्गत 10 नंबर गेट पर रेलवे पुलिस ने आस-पास के लोगो के ग्रामीणों को इकठ्ठा कर जागरूकता अभियान चलाया।
आपकी जानकारी के अनुसार आपको बता दे की रोही पुल से लेकर सैयाद सरावां पुल तक आये दिन रेलवे की चोअरी की घटनाये बढ़ती जा रही है। जिसकी रोकथाम के लिए आर.पी.एफ थाना प्रभारी भरवारी आर. एस ध्यानी ने आस पास के लोगो के साथ बैठक की। पूछताछ करते हुए चोरी को रोकने के लिए लोगो से अपील भी की और लोगो से यह भी कहा कि अगर कोई चोरी करते हुए दिखे तो आप फ़ौरन रेलवे पुलिस को सूचना दे। 
ताकि ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। साथ ही साथ लोगो से यह भी कहा कि आस पास के लोग ट्रैन से सफर करने के दौरान जल्दी उतरने के चक्कर में चैन पुलिंग करके क़ानून तोड़ने का काम करते है। जिससे रेलवे का काफी नुकसान होता है और उस विशेष व्यक्ति के पकड़ जाने पर उसे भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसा समझाते हुए लोगो को जागरूक किया कि लोग चैन पुलिंग न करे और यह भी कहा कि रेलवे फाटक बंद रहने के बावजूद भी फाटक खुलने तक इंतज़ार न करके लोग जल्दी निकलने के चक्कर में फाटक क्रॉस करते है। जिससे आये दिन एक्सीडेंट की घटनाएं बढ़ती जा रही है। जिससे काफी लोगो की जान की हानि हो रही। लोगो से अपील करते हुए चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए लोगो से रेलवे पुलिस की सहायता करने की अपील की और लोगो को जागरूक किया। 
जागरूक अभियान की बैठक में उपस्थित आर.एस.ध्यानी थाना प्रभारी,अशोक कुमार,रमेश यादव,पूर्व जिला पंचायत सदस्य शिव मोहन मौर्य,कोमल सिंह,झुरई लाल, पटेल,रमेश,नन्द लाल,दिलीप कुमार,शक्ति लाल व अन्य ग्रामीण लोग उपस्थित रहे।
समीर अहमद

गृहमंत्री शाह को तुरंत इस्तीफा दें देना चाहिए: कांग्रेस

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि फोन टैपिंग करना एक हथियार है और मोदी सरकार ने इस हथियार का इस्तेमाल विपक्ष तथा संसदीय संस्थानों के खिलाफ किया है और यह काम गृहमंत्री अमित शाह के बिना नही हो सकता। इसलिए उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। गांधी ने शुक्रवार को यहां संसद भवन के बाहर संवादाताओं से कहा कि उनका फोन भी टैप हुआ है। इसी तरह से कई अन्य लोगो के फोन टैप हुए हैं और इस मामले की न्यायिक जांच करना ज़रूरी है। 
उन्होंने कहा कि फोन टेपिंग का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की संस्तुति के बिना संभव नहीं है। इसलिए इस मामले में सबसे पहले गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की देखरेख में मामले में प्रधानमंत्री की भूमिका की भी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि इजरायल में इस तरह के काम को हथियार कहा जाता है और मोदी सरकार ने इस हथियार का इस्तेमाल संवैधानिक संस्थाओं, विपक्ष के नेताओं तथा सुरक्षा से जुड़े प्रमुख लोगों के खिलाफ किया है। इसलिए इसकी जांच जरूरी है। 

भर्ती प्रक्रिया को कलंकित करने पर कठोर कार्यवाही

हरिओम उपाध्याय             

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी सरकार में दी गई एक भी नौकरी पर कोई संदेह नहीं कर सकता। पहले की सरकारों में जब कोई भर्ती निकलती थी तो वे लोग वसूली के लिए झोला लेकर निकल पड़ते थे। हमारी एजेंसी उसे लेकर सतर्क है। हमने जेलें भी इसीलिए खाली करवाई हैं ताकि प्रदेश के नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने, भर्ती प्रक्रिया को कलंकित करने वालों के खिलाफ कठोरता से कार्यवाही की जा सके।
मुख्यमंत्री योगी शुक्रवार को लोकभवन के सभागार में मिशन रोजगार के तहत बेसिक शिक्षा विभाग के 6,696 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र वितरण सरोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष को परेशानी इस बात से है कि बच्चों को उप्र सरकार दो-दो यूनिफॉर्म, बैग, बुक्स, जूते-मोजे उपलब्ध करा रही है। गरीबों को जाति व क्षेत्र के आधार पर बांटने वाले लोग इन सब चीजों से परेशान हैं। अब इन बेईमान व भ्रष्ट लोगों को कोई पूछेगा नहीं। इन्हें चिंता है कि यह सब लोग आगे बढ़ जाएंगे तो फिर इनकी वंशवाद व जातिवाद की पूरी राजनीति समाप्त हो जाएगी। अब गरीब का बच्चा भी अच्छा जूता-मोजा पहनेगा, स्कूल जाएगा। वह जाड़े में ठिठुरेगा नहीं, उसे स्वेटर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में 1 लाख, 35 हजार से अधिक बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों की स्थिति स्थिति अत्यंत दयनीय थी। भवन जर्जर थे। भवन है तो शिक्षक नहीं, शिक्षक है तो छात्र नहीं है, छात्र है तो बुनियादी सुविधाएं नहीं। छात्रों के पास यूनिफार्म नहीं होता था। बच्चों को नंगे पांव स्कूल जाना पड़ता था। उन्होंने यह भी कहा कि देश की सबसे बड़ी परीक्षा कराने जा रहे हैं, जिसमें आवेदकों की संख्या 30 लाख है। देखिएगा! कहीं तिनका नहीं हीलेगा।। 

 मुख्यमंत्री ने कहा कि अब टीईटी जो एक बार उत्तीर्ण करेगा, उसकी मान्यता आजीवन रहेगी। विपक्ष पर व्यंग्य वाण चलाते हुए कहा कि पारदर्शी व्यवस्था जिनको अच्छी नहीं लग रही है, वे कुछ तो बोलेंगे। वे चाहते ही नहीं कि ईमानदार प्रयास हो, व्यवस्था पारदर्शी बने, योग्यता के अनुसार लोगों को अवसर मिले, आरक्षण के नियमों का पालन हो। उन्होंने कहा कि जिनको अपनी प्रॉपर्टी जप्त करवानी हो, ऐसे लोग ही युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेंगे। भर्ती की प्रक्रिया ईमानदारी और शुचितापूर्ण संपन्न होने से युवाओं को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मददगार साबित हो रहा है। आज यही कारण है कि बुरा उन लोगों को लग रहा है, जिनकी अवैध कमाई का जरिया बंद हो गया।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में एक लाख, 20 हजार शिक्षकों की नियुक्ति केवल बेसिक शिक्षा परिषद में हुई है। माध्यमिक शिक्षा परिषद की अलग है, उच्च शिक्षा की अलग है, तकनीकी शिक्षा की अलग है, मेडिकल शिक्षा की अलग है, अगर उन सभी शिक्षाओं को हम एक साथ जोड़ लें तो अकेले शिक्षा विभाग में ही सरकार ने डेढ़ लाख से भी ज्यादा शिक्षकों की तैनाती की है। उन्होंने बताया कि विगत सवा चार वर्ष के दौरान डेढ़ लाख से अधिक शिक्षकों की भर्ती केवल शिक्षा से जुड़े हुए विभागों में उत्तर प्रदेश के अंदर हुई है और लगभग साढ़े चार लाख भर्ती की प्रक्रिया में तेजी से हम आगे बढ़ रहे हैं। यही नहीं प्रदेश के अंदर सुरक्षा का भी एक बेहतर वातावरण दिया गया है।

उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि बेसिक शिक्षा से जुड़े विद्यालयों का प्रदेश की 24 करोड़ जनता को लाभ मिलना चाहिए कि नहीं? यह लाभ किस रूप में मिलना चाहिए। कहाकि हमारी बेसिक शिक्षा परिषद की स्कूल भी किसी पब्लिक स्कूल, किसी कान्वेंट स्कूल का मुकाबला करते हुए दिखाई दें। विपक्ष पर प्रहार करते हुए कहा कि जो लोग यह चाहते थे कि अपने बच्चों को और स्वयं ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड या अन्य देशों में पढ़ने के लिए भेजते थे, इस मानसिकता के लोग जब सत्ता में बैठे तो सरकारी सभी विद्यालयों को जर्जर छोड़ दिए। ताकि गरीब का बच्चा ना पढ़ पाए। कहा कि मैं भी प्राथमिक विद्यालय से पढ़ा हूं।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के 01 लाख, 35 हजार विद्यालय जर्जर थे, कोई पूछता नहीं था, आखिर 2017 के पहले भी तो सरकारें थी। वे लोग क्या कर रहे थे? बजट भी था, पैसा भी खर्च होता था, वेतन भी निकलता था। भवन के नाम पर भी पैसा जाता था, लेकिन विद्यालय जर्जर रहते थे। भवनों में बड़े-बड़े पेड़ उगे हुए थे, कहीं पीपल का तो कहीं बरगद का। कहीं-कहीं तो जमीन भी नहीं दिखाई देती थी, लेकिन विद्यालय के जर्जर भवन जरूर दिखाई देते थे। योगी ने कहा कि हमारी सरकार ने ऑपरेशन कायाकल्प मार्च 2017 में प्रारंभ किया। प्रत्येक विद्यालय के लिए सभी जनप्रतिनिधियों का आवाह्न किया गया, पुरातन छात्र परिषद का गठन किया गया। सभी बेसिक शिक्षा परिषद से कहा गया कि जितने छात्र हैं वह यूपी के हैं। कोई नौकरशाह, कोई जनप्रतिनिधि तो कोई व्यवसायी है। ऐसे सभी लोगों को ऑपरेशन कायाकल्प से जोड़ा गया। उसका परिणाम प्रदेशवासियों के सामने है। 

एससी ने एनजीटी के आदेश पर मुहर लगाईं, याचिका

अकांशु उपाध्याय             

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) के उस आदेश पर मुहर लगा दी है। जिसमें एनजीटी ने कोरोना संकट के दौरान एनसीआर के सभी शहरों में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगाने का आदेश दिया था। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि एनजीटी का फैसला सही है और इसमें दखल की एनजीटी ने दो दिसम्बर, 2020 को देश के उन शहरों में भी पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा दिया था। जहां की वायु गुणवत्ता की श्रेणी खराब या उससे भी ऊपर की हो। एनजीटी ने कहा था कि जिन शहरों की वायु प्रदूषण की क्वालिटी मॉडरेट या उससे नीचे की रहेगी वहां केवल ग्रीन पटाखे बेचने या इस्तेमाल करने की अनुमति होगी। संबंधित राज्य सरकारें किसी खास त्योहार पर दो घंटे ग्रीन पटाखे बेचने की अनुमति दे सकती हैं। त्योहारों को छोड़कर उन शहरों में पटाखों के सीमित इस्तेमाल की पूर्व अनुमति डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से लेनी होगी। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति शहर की वायु गुणवत्ता के आधार पर देंगे।

एनजीटी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक जिन शहरों की वायु प्रदूषण की क्वालिटी मॉडरेट या उससे नीचे की होगी। वहां क्रिसमस या न्यू ईयर पर रात 11 बजकर 55 मिनट से लेकर साढ़े 12 बजे तक ग्रीन पटाखे के इस्तेमाल की अनुमति होगी। एनजीटी ने निर्देश दिया था कि हर जिला मुख्यालय में वायु गुणवत्ता की मानिटरिंग के लिए एयर क्वालिटी मानिटरिंग स्टेशन स्थापित किया जाए। जहां ऐसे मानिटरिंग स्टेशन नहीं हैं। वहां तीन महीने के अंदर एयर क्वालिटी मानिटरिंग स्टेशन स्थापित किए जाएं। हर जिले की वायु गुणवत्ता संबंधी डाटा जिले की वेबसाईट पर अपलोड करने के अलावा शहर के मुख्य स्थानों पर प्रदर्शित किया जाए। 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  1. अंक-10, (वर्ष-11) पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254 2. शुक्रवार, जनवरी 10, 2024 3. शक-1945, पौष, शुक्ल-पक्ष, तिथ...