रविवार, 18 जुलाई 2021

हिंसा का बल, अफगान पर कब्‍जा नहीं करने देंगे

काबुल/ वाशिंगटन डीसी। अमेरिका और मध्‍य एशिया के 5 देशों ने प्रण किया कि है कि वे तालिबान को हिंसा के बल पर अफगानिस्‍तान पर कब्‍जा नहीं करने देंगे। अमेरिका और मध्‍य एशिया के 5 देशों ताजिकिस्‍तान, कजाखस्‍तान, किर्गिस्‍तान, तुर्कमेनिस्‍तान और उज्‍बेकिस्‍तान ने कहा है कि ताकत के बल पर आने वाली किसी भी नई अफगान सरकार को क्षेत्र से कोई समर्थन नहीं मिलेगा। इन सभी देशों ने एक संयुक्‍त बयान जारी करके तालिबान को यह खुली चेतावनी दी है जो लगातार हिंसक हमले करके अफगानिस्‍तान के बहुत बड़े हिस्‍से पर अपना कब्‍जा कर चुका है। सभी 6 देशों ने कहा कि आतंकवादी और तीसरे पक्ष की ताकतों को निश्चित रूप से अफगान जमीन का इस्‍तेमाल हमको या दुनिया के किसी अन्‍य देशों को धमकी देने के लिए नहीं करने देना चाहिए।
इस गठबंधन को 5+1 नाम दिया गया है और उन्‍होंने प्रण किया है कि अफगानिस्‍तान के संघर्ष को खत्‍म करने के लिए वे मिलकर काम करेंगे। उन्‍होंने कहा कि युद्ध की वजह से दक्षिण और मध्‍य एशियाई देशों का आर्थिक विकास बाधित हो गया है। यह बयान ताशकंद में हुए अंत‍रराष्‍ट्रीय सम्‍मेलन के बाद आया है। इस पर साइन करने वाले देशों ने कहा कि वे अफगान शांति प्रक्रिया के लिए स्‍थायी और समृद्ध स्थितियां बनाने पर सहमत हो गए हैं।
इन सभी देशों का मुख्‍य जोर पूरे मुद्दे के राजनीतिक समाधान पर है। इससे पहले शुक्रवार को अमेरिका, अफगान‍िस्‍तान, पाकिस्‍तान और उज्‍बेकिस्‍तान की ओर से जारी संयुक्‍त बयान में क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ाने के लिए एक नए बहुपक्षीय राजनयिक प्‍लेटफार्म को बनाने पर सहमति बनी थी। 5+1 देशों के गठबंधन ने अफगानिस्‍तान में सुरक्षा, ऊर्जा, आर्थिक, व्‍यापार, संस्‍कृति और अन्‍य प्रयासों पर सहयोग करने का फैसला किया।

यूपी: गरीब बच्चों का छीना जा रहा है निवाला, दबंगई

अतुल त्यागी               
हापुड़। जिलें में थाना बाबूगढ़ के पास ग्राम अटूटा ब्लॉक  विकास खंड सिंभावली में आंगनबाड़ियों की दबंगई, गरीब बच्चों का निवाला छीना जा रहा है। जैसे कि आपको बता दें, कि आज ग्राम अटूटा के अंदर जो भी अपने बच्चों का राशन लेने गई महिलाएं व पुरुष तो आंगनबाड़ियों ने उन्हें घी और बच्चों का पाउडर देने से मना कर दिया और बोली महिलाओं ने पूछा तो कहा, कि पीछे से घी व पाउडर नहीं मिल रहा है। बात करने के लिए भी तैयार नहीं है। प्रशासन की आंखों में धूल झोखी जा रही हैं। आंगनवाड़ी अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है।
यह सब गोरखधंधा हमने गांव की कुछ महिलाओं से पूछा तो उन्होंने कहा कि गांव के अंदर सब  चीज आती है और आंगनवाड़ी की जो मैन गांव अटूटा की अंजू अग्रवाल है। वह यह कह कर टाल देती हैं कि जब हमें पीछे से नहीं मिलता तो हम कहां से दे और तो और जिन गर्व वती महिलाओं के सरकारी अस्पताल में टीका कार्ड बने हुए है। उन्हे भी नही चढ़ाती है, गांव की आसाओ ने कहा तो वहा पर भी नहीं जाती है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन ऐसे व्यक्तियों पर कार्रवाई करता है, या नहीं। अंजू अग्रवाल के ऊपर एक आगनवाड़ी अधिकारी है। जिस का नाम उर्मिला है, जो ये कहती है। इन से कुछ नही होगा, अपने आप देख लूंगी आप अपना काम करती रहे।
जिस में आज दर्जनों महिलाएं इकट्ठा हुई आंगन वाडी केंद्र पर प्रदर्शन किया। जिसमें रमेश ,विमलेश,सुनीता, मोनिका, स्वाति ,मोना, मीनाक्षी, लक्ष्मी, सरिता, सुनीता, मुनिया, गायत्री, राखी आदि मौजूद रही।
अब देखना ये होगा, ऐसे व्यक्तियों पर कार्रवाई होती हैं या फिर कागजों में ही सब कुछ सही कर के दिखा दिया जाएगा। जब गवर्नमेंट इन चीजों को गरीबों के लिए भेजती है तो कहां पर चला जाता है।

षड्यंत्र: मूल निवासियों के अधिकार को खतरा हैं

अश्वनी उपाध्याय              
गाजियाबाद। भारत देश के आपसी तालमेल सौहार्द को कुछ षड्यंत्र कार्यों से मूल निवासियों के हक अधिकार को खतरा है। बामसेफ के आफसूट संगठन मेरठ मंडल समीक्षा बैठक का संचालन प्रोफेसर ओमपाल सिंह एवं अध्यक्षता माननीय वामन मेश्राम ने की। मा वामन मेश्राम ने अपने वक्तव्य में कहा कि मूल निवासियों के हक अधिकार दिलाने के लिए हम लोग लगे हुए हैं। भारत देश को आजादी नहीं मिल पाई मनु वादियों ने आजाद होकर भी अपना कब्जा किया हुआ है और मूल निवासियों के हक अधिकार दबाने पर लगे हुए हैं। भारतीय संविधान को पूर्णतया लागू करने के लिए बामसेफ और आप सूट संगठन प्रयासरत हैं. मूल निवासियों को उनके हक अधिकार प्रतिनिधित्मिव मिलना चाहिए। 
जो आज तक नहीं मिल पा रहा है उसके लिए जन आंदोलन करना भी पड़ सकता है। मुख्य अतिथि के रूप में मौलाना सज्जाद नोमानी ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज भारत देश में कुछ षड्यंत्रकारी बरसों से लगे हुए हैं कि भारतीय मूल निवासियों के आपसी तालमेल सौहार्द को खत्म करने की साजिश रचते रहते हैं। 
मूल निवासियों को बहुत सोच समझ कर चलने की जरूरत है अन्यथा देश को मनुस्मृति में धकेलने वाले अपने मिशन पर लगे हुए हैं। आने वाले चुनाव में एससी एसटी ओबीसी को एक मूल निवासियों की पार्टी को समझना होगा और अपने दुश्मन और अपनों का पता करने की क्षमता भी बनानी होगी। आज देश में बेरोजगारी महामारी बीमारी किसी का इलाज नहीं किया जा रहा। 
बल्कि आपसी सौहार्द सामाजिक तालमेल को खत्म करने पर भी सरकार आमादा है।
प्रोफेसर राजेंद्र सिंह यादव ने अपने वक्तव्य में कहा कि देश में हाहाकार मचा हुआ है। लेकिन कुछ मनुवादी धर्म की राजनीति करने पर आमादा है। देश और समाज को हिंदू मुस्लिम की खाई में धकेलना चाहते हैं। जबकि मुस्लिम हमारा खून का भाई है और इस्लाम मजहब के दुश्मन बनाने पर तुले हुए हैं। प्रोफेसर हितेश कुमार ने कहा कि शिक्षा से मोदी सरकार योगी सरकार पीछे धकेल देना चाहती है और युवाओं को बच्चों को मानसिक स्तर से कमजोर कर देना चाहती है। हम लोगों को शिक्षा की ओर अग्रसर होना चाहिए इधर-उधर वक्त जाया ना करें और समाज में आज बेरोजगारी पनप चुकी है। 
प्रदीप अंबेडकर उत्तर प्रदेश प्रभारी ने अपने वक्तव्य में कहा कि आने वाले चुनाव में मूल निवासियों के अधिकारों को दिलाने के लिए और बामसेफ एवं आप सूट संगठन की विचारधारा पर एकमात्र बहुजन मुक्ति पार्टी है और मूल निवासियों को इसका सहयोग करना चाहिए हम लोग भी इस पर विश्वास कर रहे हैं और 2022 में उत्तर प्रदेश को आजादी दिलाने के लिए पूर्ण रूप से भारतीय संविधान को बचाने के लिए एकजुट हो जाना चाहिए अन्यथा मूल निवासियों के वर्चस्व को बचाने का कोई रास्ता नहीं है।
सभी संगठनों को आह्वान किया गया कि उ प्र 2022 में बहुजन मुक्ति पार्टी को तन मन धन से मूलनिवासी पूर्ण रुप से सहयोग करें।
समीक्षा मीटिंग में राम शरण गौतम, सुनील सैनी, हरीश कश्यप, डा. एस पी सिंह कलीमुल्लाह सैफी, हाजी अतीक अहमद, मौलाना शाहनवाज, मौलाना शाहिद, गाज़ी विनोद कुमार, मनोज कुमार, अतर सिंह गुप्ता, एडवोकेट राहुल बहुजन मुक्ति पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी एवं मेरठ मंडल अध्यक्ष आर डी गादरे दिनेश कुमार, ओमवीर सिंह, विजयपाल सिंह, विजय कश्यप, मदनलाल वीरभान, एडवोकेट रामोतार, सुभाष चन्द्र मुखी, प्रदीप अम्बेडकर, आयु गीता पैट्रिक, आयु सोहनबीरी, सरपंच गजेंद्र पाल, धर्मेन्द्र कुमार सिंह, डा. सूरज पाल सिंह, इकरामुद्दीन सैफी, राम सिन्गार, मौलाना अकमल, नवीन प्रभाकर, अनिल मकवाना, मोन्टी, बाल्मीकि महेन्द्र, प्रजापति शहन्शाह, मौहम्मद सलमान, खुर्शीद गद्दी, औमकरन फूल सिंह, बौद्ध अमजद अली अन्सारी, सुरेश गौतम, संजय कुमार, वीरेन्द्र सिंह यादव, जाकिर सैफी आदि मौजूद रहे।

इत्तेहादुल मुस्लिमीन के कार्यालय का उद्घाटन किया

कौशांबी। जनपद मुख्यालय मंझनपुर के समदा रोड पर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के कार्यालय का उद्घाटन प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सईद अहमद के कर कमलों द्वारा किया गया है। कार्यालय उद्घाटन के बाद जिला कार्यकारिणी का गठन कर पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस मौके पर पार्टी के जिला अध्यक्ष हाजी परवेज महमूद ने पार्टी की नीतियों के बारे में उपस्थित लोगों को विस्तार से बताया है और उन्होंने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी के निर्देशानुसार आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सभी कार्यकर्ता पदाधिकारी सक्रिय हो जाएं। उन्होंने कहा कि पार्टी आगामी विधानसभा के चुनाव में जिले की तीनों विधानसभा सीट पर प्रत्याशी उतारेगी और दमखम के साथ विधानसभा चुनाव लड़ेगी। 
इस मौके पर सरदार हुसैन फैजी, जाफरी सैयद, मोहम्मद मेहंदी, एडवोकेट आफताब अहमद, मोहम्मद यूनुस, सर्वेश सरोज, मोहम्मद नईम, मोहम्मद इरफान, श्याम, नारायण अली अहमद, एहतेशाम हुसैन, इसरार अहमद, कामरान शेख, इकरार अहमद सहित तमाम लोग मौजूद रहे। 
गणेश साहू 

हरियाणा मंत्रीमंडल में नहीं हुआ विस्तार व फेरबदल

राणा ओबराय             
चंडीगढ़। हरियाणा की खट्टर सरकार में मंत्रीमंडल फेरबदल की चर्चाएं मोदी मंत्रीमंडल फेरबदल से पहले चल रही है। परंतु अभी तक हरियाणा के मंत्रिमंडल में ना तो विस्तार हुआ है और ना ही फेरबदल। वैसे जब-जब हरियाणा के मुख्यमंत्री दिल्ली का दौरा करते हैं, तो हरियाणा मंत्रीमंडल विस्तार की चर्चाएं बलवान हो जाती है। फिर हर बार सीएम को खंडन करना पड़ता है। शायद इस बार चर्चाओं को असली जामा पहनाया जा सकता है। 
उच्च सुत्रो के अनुसार हरियाणा मंत्रीमंडल में फेरबदल अब कुछ दिनों में हो सकता है। यह भी सम्भव है कि मंत्रीमंडल से कुछ मंत्रियों की छटनी के साथ कुछ नए विधायको को मंत्रिपद सौंप दिया जाए। सीएम मनोहरलाल पीएम मोदी की तरह कसौटी पर खरा न उतरने वाले मंत्रियो की छुट्टी कर सकते हैं। हरियाणा में अभी दो नए मंत्रियों के लिए पद रिक्त है जिसमे एक जेजेपी कोटे से मन्त्री बनना तय है। अब देखना यह है कि किस विधायक की मन्त्री बनने की लॉटरी निकलेगी। ऐसा कौन सा मन्त्री होगा। जिसकी परफॉर्मेंस ठीक न होने के उसकी छुटी होगी। यह चर्चाएं भी सुनने को मिल रही है कि किसी बड़े मंत्री का विभाग की बदला जा सकता है।

नियम-प्रक्रिया का दायरा, हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार

अकांशु उपाध्याय          

नई दिल्ली। संसद के सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र से पहले सरकार ने आज कहा कि वह नियम-प्रक्रिया के दायरे में हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। जबकि विपक्षी दलों ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती महँगाई के साथ कई अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए रणनीति तैयार की है। संसदीय सौध में ढाई घंटे से अधिक समय तक चली सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आश्वासन दिया कि सरकार सत्र के दौरान सभी मुद्दों पर सार्थक चर्चा के लिए तैयार है। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने सार्थक और स्वस्थ चर्चा की उम्मीद जताई और कहा कि चर्चा शांतिपूर्ण एवं नियमों के अंतर्गत होनी चाहिए। सदस्य लोकतंत्र की परंपरा को ध्यान में रखते हुए जो मुद्दे उठाना चाहते हैं।

सरकार नियम प्रक्रिया से सभी पर चर्चा कराने के लिए तैयार है। जोशी ने कहा कि 33 दलों के 40 से अधिक नेताओं ने बैठक में हिस्सा लिया तथा विभिन्न विषयों पर चर्चा के सुझाव दिये। प्रधानमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों, खासकर विपक्षी सांसदों के सुझाव महत्वपूर्ण हाेते हैं। क्योंकि वे ज़मीन से आते हैं। उन्होंने कहा कि इन सुझावों को चर्चा में शामिल करने से बहस समृद्ध होती है।

सर्वदलीय बैठक के समाप्त होने के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में विपक्षी नेताओं ने एक अलग कक्ष में अपनी रणनीति को लेकर बैठक की। सूत्रों के अनुसार किसानों के आंदोलन, महँगाई, बेराेजगारी, पेट्रोल-डीजल के दाम और कोरोना महामारी के संकट को लेकर विपक्ष के तेवर कड़े हैं और शुरुआत में दोनों सदनों में गतिरोध देखा जा सकता है।

वेबसाइट पर देश के खिलाफ साजिश रचने का आरोप

अकांशु उपाध्याय       

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ख़बरों की एक वेबसाइट पर देश के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने रविवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा , "यह समाचार वेबसाइट भारत को बदनाम कर रही है। इस वेबसाइट को विदेशों से वित्तीय सहायता मिलती है। यह वेबसाइट अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा है।" उन्होंने कहा, "इस वेबसाइट से संबंधित एक खबर आपने पढ़ी होगी कि करोड़ों रुपये विदेशों से संदिग्ध रूप से हिंदुस्तान में आए हैं। 

उसका एक ही मकसद है कि भारत सरकार को नाकाम बताकर विदेश की कुछ ताकतों का एजेंडा चलाना। आज इस समाचार वेबसाइट के बारे में जो तथ्य सामने आया है, इससे एक बात स्पष्ट है कि 'टूलकिट' केवल भारत के कुछ राजनीतिक दल चला रहे हैं, ऐसा नहीं है। बल्कि भारत के बाहर भी एक ऐसी साजिश हो रही है, जो इस 'टूलकिट' का हिस्सा है।" संबित पात्रा ने कहा कि हमारी वैक्सीन नीति को बदनाम किया जाए, यह कुचेष्टा कुछ लोगों, कुछ संस्थाओं और कुछ 'पोर्टल्स' ने की है। इस समाचार वेबसाइट को बाहरी ताकतें पैसा भेजती थीं। 

ये 'पीपीके' नाम की कंपनी के अंतर्गत आती है। इन्होंने करोड़ो रुपये के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को स्वीकार किया। इसमें मुख्य रूप से विदेश के तीन लोग सम्मिलित थे। इसके अलावा करीब 30 करोड़ रुपये इन्होंने विदेशों की अलग-अलग एजेंसियों से प्राप्त किया। उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया की चादर ओढ़कर पोर्टल चलाने वाले कुछ तथाकथित कार्यकर्ता हैं। जिनके साथ कुछ विदेशी ताकतें हैं और भारत के कुछ बड़े राजनीतिक दलों के नेता भी हैं। इनका एक समूह बना है। पूरे सामंजस्य के साथ ये काम करते हैं। इनका मकसद होता है देश में भ्रम, अराजकता फैलाना।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...