गुरुवार, 8 जुलाई 2021

भेजे गए समन को निरस्त करने से इनकार: एचसी

अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली विधानसभा शांति एवं सौहार्द समिति द्वारा फेसबुक के उपाध्यक्ष अजित मोहन को भेजे गये समन को निरस्त करने से गुरुवार को इनकार कर दिया। इसके साथ ही अजित मोहन के दिल्ली विधानसभा समिति के समक्ष पेश होने का रास्ता साफ हो गया।न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि दिल्ली विधानसभा की शांति एवं सौहार्द समिति के पास यह अधिकार है कि वह फेसबुक के अधिकारियों को किसी मुद्दे पर समन भेज सके। 
खंडपीठ ने कहा कि समिति के पास सवाल पूछने का अधिकार है। किन्तु वह कोई सजा नहीं सुना सकती है। साथ ही उसने समिति द्वारा भेजे गये समन को रद्द करने से इनकार कर दिया।न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा दायर की गयी अपील काफी असामयिक है। क्योंकि अभी तक समन जारी करने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। न्यायालय ने कहा कि विधानसभा की समिति कोई तफ्तीश शुरू नहीं कर सकती। 
खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि यदि समिति अपने अधिकारों से इतर कोई आदेश देती है तो फेसबुक के अधिकारी पेश होने से इनकार कर सकते हैं।

रथयात्रा को कई शर्तों के साथ निकालने की मंजूरी दी

अहमदाबाद। गुजरात सरकार ने अहमदाबाद के ऐतिहासिक भगवान जगन्नाथ मंदिर की सालाना रथ यात्रा को इस बार कई शर्तों के साथ निकालने की मंज़ूरी दे दी है। ओड़िशा की पुरी की रथ यात्रा का बाद देश में दूसरी सर्वाधिक इस रथ यात्रा के 143 वें वार्षिक संस्करण का पिछले साल कोरोना के चलते गुजरात हाई कोर्ट के आदेश के मद्देनज़र आयोजन नहीं हो सका था।गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने आज पत्रकारों को बताया कि 144 वीं रथ यात्रा के 12 जुलाई के आयोजन को राज्य सरकार ने शर्तों के साथ मंज़ूर दी है। क़रीब 14 किमी लम्बे यात्रा मार्ग के पूरे इलाक़े में यानी सात थाना क्षेत्रों में कर्फ़्यू रहेगा। 
इस दौरान प्रसाद वितरण नहीं होगा। अहले सुबह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हर साल की तरह मंगला आरती में भाग लेंगे।रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के तीन रथनुमा वाहन और मंदिर महंत का वाहन समेत केवल पांच वाहन ही भाग ले सकेंगे। इस दौरान ट्रकों, भजन मंडलियों, अखाड़ाओं, हाथी आदि को भाग लेने की अनुमति नहीं होगी। रथ को खींचने वाले खलासियों के लिए पूर्ण में कम से कम टीके की एक डोज़ और अधिकतम 48 घंटे पुराना नेगेटिव कोरोना आरटी पीसीआर रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा।
रथ यात्रा की शुरुआत से पहले मंदिर में सोने की झाड़ू लगाने की पहिंद विधि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल करेंगे। पूरी यात्रा कोरोना प्रोटकाल के अनुरूप होगी। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब राज्य सरकार कोरोना की तीसरी लहर को टालने के लिए पूर्व प्रबंध में लगी है, रथ यात्रा को इस तरह से आयोजित किया जा रहा है। रथ यात्रा मार्ग पर पुलिस की व्यापक व्यवस्था और तैनाती होगी।

ज्ञातव्य है कि गुजराती कैलेंडर के हिसाब से आषाढी बीज यानी आषाढ़ माह की दूसरी तिथि को निकलने वाली अहमदाबाद की रथ यात्रा में आम दिनों में लाखों श्रद्धालु शिरकत करते हैं। यात्रा पुराने शहर के जमालपुर स्थित मंदिर से अहले सुबह निकल कर सरसपुर में भगवान के मौसा के घर जाती है और दोपहर को वह थोड़ी देर विश्राम (जब वह लाखों लोगों को भोजन जैसा प्रसाद दिया जाता है) के बाद देर शाम तक वापस लौटती है।इस दौरान लाखों लोगों का हुजूम सड़क पर रहता है। यात्रा मार्ग के साम्प्रदायिक रूप से बेहद संवेदनशील होने के कारण सुरक्षा के लिए हज़ारों पुलिस कर्मियों और अर्ध सैनिक बलों की तैनाती भी की जाती है। पूर्व में रथ यात्रा के दौरान साम्प्रदायिक हिंसा की भी घटनायें होती रही हैं।

चमेली फूल का निर्यात अमेरिका व दुबई के लिए किया

अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। तमिलनाडु में मदुरै के विशेष चमेली के फूल मल्ली तथा अन्य परंपरागत फूल बटन गुलाब, लिली और गेंदा फूल का निर्यात अमेरिका और दुबई के लिए किया गया है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यहां बताया कि इससे विदेशों में रहने वाले भारतीय परिवारों के घरों और मंदिरों में ताजे फूलों की आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
फूलों के निर्यात लिये किसानों के साथ सीधा संपर्क किया गया जिसमें लगभग 130 महिला श्रमिकों और लगभग 30 कुशल श्रमिकों को रोजगार मिला। आंकडों के अनुसार वर्ष 2020-2021 के दौरान, 66.28 करोड़ रुपये मूल्य के ताजे फूल चमेली के फूल और अन्य पारंपरिक फूल अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात और सिंगापुर आदि देशों को निर्यात किए गए थे।
फूलों के निर्यात लिये किसानों के साथ सीधा संपर्क किया गया जिसमें लगभग 130 महिला श्रमिकों और लगभग 30 कुशल श्रमिकों को रोजगार मिला। आंकडों के अनुसार वर्ष 2020-2021 के दौरान, 66.28 करोड़ रुपये मूल्य के ताजे फूल चमेली के फूल और अन्य पारंपरिक फूल अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात और सिंगापुर आदि देशों को निर्यात किए गए थे।

कटाक्ष, अब देश में टीकों की कमी नहीं होगी: राहुल

अकांशु उपाध्याय          

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के पद से डॉ. हर्षवर्धन को हटाए जाने और मनसुख मंडाविया को यह जिम्मेदारी सौंपे जाने को लेकर बृहस्पतिवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि इसका मतलब है कि अब देश में टीकों की कमी नहीं होगी। उन्होंने ‘चेंज’ हैशटैग से ट्वीट किया, ”इसका मतलब है कि अब टीकों की और कमी नहीं होगी।” भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ‘गैरजिम्मेदार’ हैं और बिना किसी वजह के आलोचना करते हैं। पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि नये स्वास्थ्य मंत्री का पहला काम देश में टीकों की उचित और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करना होना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, ”नये स्वास्थ्य मंत्री का पहला काम यह सुनिश्चित करना होना चाहिए कि टीकों की उचित और निर्बाध आपूर्ति हो।”

भाजपा बंगाल के विभाजन का समर्थन करती है

मिनाक्षी लोढी               
कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि अलीपुरद्वार के सांसद जॉन बारला को केंद्रीय मंत्री बनाना यह साबित करता है कि भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल के विभाजन का समर्थन करती है। उत्तर बंगाल में भाजपा की पैठ बढ़ाने के मुख्य रणनीतिकारों में से एक बारला ने हाल में राज्य से क्षेत्र को अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंत्रिपरिषद में उन्हें अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री के तौर पर शामिल किया गया है। टीएमसी नेता सौगत रॉय ने कहा, ”जॉन बारला को केंद्रीय मंत्री बनाने का फैसला यह साबित करता है कि भाजपा पश्चिम बंगाल के विभाजन के संबंध में उनके बयान का समर्थन करती है।भगवा पार्टी को इस पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। वह (बारला) एक विभाजनकारी व्यक्ति है। पिछले दो वर्षों में मैंने उन्हें संसद में सही से बोलते हुए नहीं देखा, कोई भी अंदाजा लगा सकता है कि वह किस तरह के मंत्री बनेंगे।” 
भाजपा की पश्चिम बंगाल ईकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने टीएमसी के आरोपों को निराधार बताया और कहा कि पार्टी राज्य के विभाजन का समर्थन नहीं करती। उन्होंने कहा, ”हम पश्चिम बंगाल के किसी भी विभाजन का समर्थन नहीं करते।पार्टी नेतृत्व और हमारे प्रधानमंत्री को लगता है कि जॉन बारला अच्छे मंत्री बनेंगे और लोगों के लिए काम कर सकते हैं इसलिए उन्हें मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है।” केंद्रीय राज्यमंत्री के तौर पर प्रभार संभालने के बाद सुबह एक बंगाली समाचार चैनल से बातचीत में बारला ने राज्य के विभाजन की मांग करने वाले अपने पूर्व के बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ”मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता।

अब मैं जनता के लाभ के लिए काम करना चाहूंगा। मैं उत्तर बंगाल के लोगों की मांगों को पूरा करने के लिए काम करूंगा, कोई भी जनता की मांगों को दबा नहीं सकता।” बारला ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल के लोगों को केंद्रीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है और केंद्रीय मंत्री के तौर पर वह यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि लोगों को ये लाभ मिले।

उन्होंने कहा, ”हम चाहते हैं कि पश्चिम बंगाल में शांति बहाल हो। केंद्रीय योजनाओं को लागू करना चाहिए।” बारला के अलावा पश्चिम बंगाल के तीन और सांसद उत्तर बंगाल के नीतीश प्रामाणिक और दक्षिण बंगाल के दो सांसद सुभाष सरकार और शांतनु ठाकुर को भी केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है।

टूर्नामेंट के कार्यक्रम की घोषणा की गई: आस्ट्रेलिया

सिडनी। युवा आक्रामक बल्लेबाज शेफाली वर्मा की अगुआई में भारतीय महिला खिलाड़ियों की महिला बिग बैश लीग (डब्ल्यूबीबीएल) के आगामी सत्र के लिए काफी मांग है। क्योंकि 14 अक्तूबर से शुरू हो रही इस टी-20 लीग से पहले वे आस्ट्रेलिया के दौरे पर होंगी। टूर्नामेंट के कार्यक्रम की घोषणा गुरुवार को की गई।
भारत सितंबर-अक्तूबर में आस्ट्रेलिया दौरे पर तीन एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय, एक गुलाबी गेंद का टेस्ट और तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेलेगा। भारत की टीम आस्ट्रेलिया में पहुंचने पर 14 दिन का पृथकवास भी पूरा कर चुकी होगी और इससे टीम को उनसे करार करने में आसानी होगी।सिडनी सिक्सर्स की टीम शेफाली और बायें हाथ की स्पिनर राधा यादव के साथ करार को अंतिम रूप देने के करीब है। क्रिकेट.कॉम.एयू के अनुसार स्मृति मंधाना, हरमनप्रीत कौर, दीप्ति शर्मा, जेमिमा रोड्रिग्स और पूनम यादव की भी डब्ल्यूबीबीएल में मांग हो सकती है।
सिडनी सिक्सर्स की मैनेजर और पूर्व आस्ट्रेलियाई कप्तान लिसा स्थालेकर ने कहा, ”(शेफली वर्मा) पर सभी की नजरें टिकी हैं, इसमें कोई शक नहीं है।”

महगांई के खिलाफ अनेक स्थानों पर प्रदर्शन किए

राणा ओबराय             
चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा के किसानों ने पेट्रोल-डीज़ल और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ दोनों राज्यों में अनेक जगहों पर बृहस्पतिवार को प्रदर्शन किए। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक प्रदर्शन का आह्वान किया था। एसकेएम केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चलाए जा रहे आंदोलन की अगुवाई कर रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने अपने ट्रैक्टर और अन्य वाहन सड़क के किनारे खड़े कर दिए और पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उनमें से कुछ विरोध स्वरूप प्रदर्शन स्थलों पर एलपीजी के खाली सिलेंडर भी लेकर आए थे। आंदोलनकारी किसानों ने कुछ मिनटों के लिए अपनी गाड़ियों के हॉर्न बजाए और कहा कि यह सरकार को “नींद से जगाने” के लिए किया गया है। किसानों ने जरूरी वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने में नाकाम रहने पर सरकार को आड़े हाथों लिया। अधिकारियों ने बताया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए धरना स्थलों के पास भारी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। प्रदर्शन पंजाब के मोहाली, अमृतसर, लुधियाना, मोगा और रूपनगर में तथा हरियाणा के सोनीपत, सिरसा और गोहाना में कई जगहों पर किए गए।लुधियाना में प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले किसान नेता हरमीत सिंह कादियान ने पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र की भाजपा नीत सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि हर दिन, पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ रही हैं जिसका समाज के हर वर्ग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

मोगा में एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि डीजल की बढ़ती कीमतों से किसानों की लागत बढ़ जाएगी। हरियाणा के सिरसा में, एक प्रदर्शनकारी किसान पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के विरोध में चार पहिया गाड़ी को खींचने के लिए ऊंट ले आया। आंदोलनकारी किसानों ने कहा कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। 

हजारों किसान पिछले साल नवंबर के अंत से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की तीन सीमाओं, सिंघू, टीकरी और गाज़ीपुर बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। उनकी मांग है कि सरकार इन कानूनों को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दे। वहीं सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों के हित में हैं। बहरहाल, सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है जो गतिरोध नहीं तोड़ पाई है।

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

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