गुरुवार, 8 जुलाई 2021

भाजपा बंगाल के विभाजन का समर्थन करती है

मिनाक्षी लोढी               
कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि अलीपुरद्वार के सांसद जॉन बारला को केंद्रीय मंत्री बनाना यह साबित करता है कि भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल के विभाजन का समर्थन करती है। उत्तर बंगाल में भाजपा की पैठ बढ़ाने के मुख्य रणनीतिकारों में से एक बारला ने हाल में राज्य से क्षेत्र को अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंत्रिपरिषद में उन्हें अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री के तौर पर शामिल किया गया है। टीएमसी नेता सौगत रॉय ने कहा, ”जॉन बारला को केंद्रीय मंत्री बनाने का फैसला यह साबित करता है कि भाजपा पश्चिम बंगाल के विभाजन के संबंध में उनके बयान का समर्थन करती है।भगवा पार्टी को इस पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। वह (बारला) एक विभाजनकारी व्यक्ति है। पिछले दो वर्षों में मैंने उन्हें संसद में सही से बोलते हुए नहीं देखा, कोई भी अंदाजा लगा सकता है कि वह किस तरह के मंत्री बनेंगे।” 
भाजपा की पश्चिम बंगाल ईकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने टीएमसी के आरोपों को निराधार बताया और कहा कि पार्टी राज्य के विभाजन का समर्थन नहीं करती। उन्होंने कहा, ”हम पश्चिम बंगाल के किसी भी विभाजन का समर्थन नहीं करते।पार्टी नेतृत्व और हमारे प्रधानमंत्री को लगता है कि जॉन बारला अच्छे मंत्री बनेंगे और लोगों के लिए काम कर सकते हैं इसलिए उन्हें मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है।” केंद्रीय राज्यमंत्री के तौर पर प्रभार संभालने के बाद सुबह एक बंगाली समाचार चैनल से बातचीत में बारला ने राज्य के विभाजन की मांग करने वाले अपने पूर्व के बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ”मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता।

अब मैं जनता के लाभ के लिए काम करना चाहूंगा। मैं उत्तर बंगाल के लोगों की मांगों को पूरा करने के लिए काम करूंगा, कोई भी जनता की मांगों को दबा नहीं सकता।” बारला ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल के लोगों को केंद्रीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है और केंद्रीय मंत्री के तौर पर वह यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि लोगों को ये लाभ मिले।

उन्होंने कहा, ”हम चाहते हैं कि पश्चिम बंगाल में शांति बहाल हो। केंद्रीय योजनाओं को लागू करना चाहिए।” बारला के अलावा पश्चिम बंगाल के तीन और सांसद उत्तर बंगाल के नीतीश प्रामाणिक और दक्षिण बंगाल के दो सांसद सुभाष सरकार और शांतनु ठाकुर को भी केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है।

टूर्नामेंट के कार्यक्रम की घोषणा की गई: आस्ट्रेलिया

सिडनी। युवा आक्रामक बल्लेबाज शेफाली वर्मा की अगुआई में भारतीय महिला खिलाड़ियों की महिला बिग बैश लीग (डब्ल्यूबीबीएल) के आगामी सत्र के लिए काफी मांग है। क्योंकि 14 अक्तूबर से शुरू हो रही इस टी-20 लीग से पहले वे आस्ट्रेलिया के दौरे पर होंगी। टूर्नामेंट के कार्यक्रम की घोषणा गुरुवार को की गई।
भारत सितंबर-अक्तूबर में आस्ट्रेलिया दौरे पर तीन एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय, एक गुलाबी गेंद का टेस्ट और तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेलेगा। भारत की टीम आस्ट्रेलिया में पहुंचने पर 14 दिन का पृथकवास भी पूरा कर चुकी होगी और इससे टीम को उनसे करार करने में आसानी होगी।सिडनी सिक्सर्स की टीम शेफाली और बायें हाथ की स्पिनर राधा यादव के साथ करार को अंतिम रूप देने के करीब है। क्रिकेट.कॉम.एयू के अनुसार स्मृति मंधाना, हरमनप्रीत कौर, दीप्ति शर्मा, जेमिमा रोड्रिग्स और पूनम यादव की भी डब्ल्यूबीबीएल में मांग हो सकती है।
सिडनी सिक्सर्स की मैनेजर और पूर्व आस्ट्रेलियाई कप्तान लिसा स्थालेकर ने कहा, ”(शेफली वर्मा) पर सभी की नजरें टिकी हैं, इसमें कोई शक नहीं है।”

महगांई के खिलाफ अनेक स्थानों पर प्रदर्शन किए

राणा ओबराय             
चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा के किसानों ने पेट्रोल-डीज़ल और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ दोनों राज्यों में अनेक जगहों पर बृहस्पतिवार को प्रदर्शन किए। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक प्रदर्शन का आह्वान किया था। एसकेएम केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चलाए जा रहे आंदोलन की अगुवाई कर रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने अपने ट्रैक्टर और अन्य वाहन सड़क के किनारे खड़े कर दिए और पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उनमें से कुछ विरोध स्वरूप प्रदर्शन स्थलों पर एलपीजी के खाली सिलेंडर भी लेकर आए थे। आंदोलनकारी किसानों ने कुछ मिनटों के लिए अपनी गाड़ियों के हॉर्न बजाए और कहा कि यह सरकार को “नींद से जगाने” के लिए किया गया है। किसानों ने जरूरी वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने में नाकाम रहने पर सरकार को आड़े हाथों लिया। अधिकारियों ने बताया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए धरना स्थलों के पास भारी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। प्रदर्शन पंजाब के मोहाली, अमृतसर, लुधियाना, मोगा और रूपनगर में तथा हरियाणा के सोनीपत, सिरसा और गोहाना में कई जगहों पर किए गए।लुधियाना में प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले किसान नेता हरमीत सिंह कादियान ने पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र की भाजपा नीत सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि हर दिन, पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ रही हैं जिसका समाज के हर वर्ग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

मोगा में एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि डीजल की बढ़ती कीमतों से किसानों की लागत बढ़ जाएगी। हरियाणा के सिरसा में, एक प्रदर्शनकारी किसान पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के विरोध में चार पहिया गाड़ी को खींचने के लिए ऊंट ले आया। आंदोलनकारी किसानों ने कहा कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। 

हजारों किसान पिछले साल नवंबर के अंत से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की तीन सीमाओं, सिंघू, टीकरी और गाज़ीपुर बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। उनकी मांग है कि सरकार इन कानूनों को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दे। वहीं सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों के हित में हैं। बहरहाल, सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है जो गतिरोध नहीं तोड़ पाई है।

भोपाल गैस त्रासदी पर सीरिज बनाने जा रहे हैं मेहता

कविता गर्ग             

मुंबई। फिल्मकार रिची मेहता 1984 की भोपाल गैस त्रासदी पर सीरिज बनाने जा रहे हैं। इसके लेखक और निर्देशक दोनों वही होंगे। निर्माता रॉनी स्क्रूवाला की निर्माण कम्पनी ‘आरएसवीपी’ और रमेश कृष्णमूर्ति की ‘ग्लोबल वन स्टूडियो’ के बैनर तले इसका निर्माण किय जाएगा। लेखक डोमिनिक लैपिएरे और जेवियर मोरो की 1997 में आई किताब ‘फाइव पास्ट मिडनाइट इन भोपाल: द एपिक स्टोरी ऑफ द वल्र्ड्स डेडलिएस्ट इंडिस्ट्रीयल डिजाज़स्टर’ पर आधारित होगी। रिची मेहता ने नेटफ्लिक्स की अपनी सीरिज ‘दिल्ली क्राइम’ के लिए काफी लोकप्रियता हासिल की है।

पिछले साल, 48वें अंतरराष्ट्रीय एमी पुरस्कार में उन्हें सर्वश्रेष्ठ ड्रामा सीरिज का पुरस्कार भी मिला था। मेहता ने कहा कि इस सीरिज के जरिए उनका मकसद लोगों को उस त्रासदी के बारे में ”निष्पक्ष” रूप से अवगत कराना है, जिसे शायद लोग भूल गए हैं। ऐसी त्रासदी जिसमें 15000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। रिची ने एक बयान में कहा, ” त्रासदी के 1980 के दशक में होने के कारण युवाओं को इसके बारे में अधिक नहीं पता। कई लोगों को इसके बारे में कुछ नहीं पता और कुछ ने भारत तथा विदेश में इसके बारे में अटकलें सुनी है। 

इसलिए मुझे लगता है कि इसे निष्पक्ष रूप से और इस पर अच्छी तरह जानकारी हासिल कर पेश करना जरूरी है, जैसा कि किताब में लेखक ने किया है।” रिची के भाई शॉन मेहता इस सीरिज के सह-लेखक होंगे। सीरिज में छह से आठ धारावाहिक होने की संभावना है। इसकी शूटिंग 2022 की शुरुआत में शुरू की जाएगी।

30 दिन के भीतर साइटोमेगलो संक्रमण का पता चला

अकांशु उपाध्याय           
नई दिल्ली। दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स में छह मरीजों में कोरोना वायरस की जांच में संक्रमित पाए जाने के 20 से 30 दिन के भीतर साइटोमेगलोवायरस (सीएमवी) संक्रमण का पता चला है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि अपोलो में भर्ती किए गए इन सभी मरीजों को पिछले महीने कोविड के कारण गंभीर निमोनिया हो गया था।
उन्हें स्टेरॉयड की बहुत ज्यादा खुराकें दी गईं थीं और सीएमवी बीमारी का पता चलने के दौरान वे कोविड नेगेटिव हो गए थे।साइटेमेगलोवायरस संक्रमण आम हर्रपीज वायरस का संक्रमण है जिसमें कई लक्षण नजर आते हैं : कोई लक्षण नहीं दिखने से ले कर बुखार और थकान से लेकर गंभीर लक्षण जो आंखों, दिमाग या अन्य आंतरिक अंगों को प्रभावित करते हैं। साइटोमेगलोवायरस (सीएमवी) बीमारी अकसर उन मरीजों में दिखने को मिलती है। जिनकी प्रतिरक्षा तंत्र पहले से ही कमजोर होता है। 
जैसे एचआईवी, कम सीडी4 संख्या, या कैंसर ट्रांसप्लांट मरीज जिन्हें प्रतिरक्षा तंत्र दबाए रखने की दवा दी जाती है।कोविड-19 के कारण प्रतिरक्षा तंत्र का कमजोर पड़ जाने और स्टेरॉयड दिए जाने से सीएमवी को मरीजों को हमला करने का मौका मिल जाता है। यह वायरस वैसे अंतर्निहित प्रतिरक्षा के कारण 80 से 90 प्रतिशत भारतीय आबादी में मौजूद रहता है। इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स में कंसल्टेंट (रेस्पिरेटरी, क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन) डॉ अतहर अंसारी ने कहा, “पिछले महीने, हमने कोविड-19 बीमारी के बाद छह मरीजों में सीएमवी बीमारी का पता लगाया था जो विभिन्न स्वरूपों के साथ सामने आया।सीएमवी के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि शरीर का कौन सा हिस्सा प्रभावित हो रहा है। अगर यह सीधे फेफड़ों को प्रभावित कर रहा है तो मरीज को बुखार होगा, सांस लेने में दिक्कत होगी, सीने में दर्द या खांसी होगी।
” उन्होंने बताया कि कोविड-19 की जांच में संक्रमित पाए जाने के 20-30 दिन बाद मरीजों में फेफड़े और जिगर में सूजन- हाइपोक्सिया और इनमें से एक में मेलोइड ल्यूकेमिया भी देखा गया। अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ अवधेश बंसल ने कहा कि इन मरीजों में सीएमी वायरस सक्रिय होने का कारण कोविड-19 के कारण प्रतिरक्षा तंत्र का कमजोर होना और स्टेरॉयड थैरेपी की उच्च डोजा देना हो सकता है।

अमेजन इंडिया ने सूरत में डिजिटल केंद्र शुरू किया

अकांशु उपाध्याय             

नई दिल्ली। अमेजन इंडिया ने गुरुवार को गुजरात के सूरत में अपना पहला डिजिटल केंद्र शुरू किया। जो कंपनी द्वारा 2025 तक भारत के एक करोड़ छोटे और मझोले उद्योगों को डिजिटल बनाने की पहल का हिस्सा है। कंपनी द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने आभासी रूप से इस डिजिटल केंद्र का उद्घाटन किया। रूपाणी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने संबोधन में इस पहल के लिए अमेजन को धन्यवाद दिया और भरोसा जताया कि केंद्र सूरत शहर में सक्रिय लगभग 41,000 एमएसएमई के लिए फायदेमंद साबित होगा।

अमेजन डिजिटल केंद्र एमएसएमई को ई-कॉमर्स से होने वाले फायदों की जानकारी देगा और उन्हें माल भेजने, डिजिटल मार्केटिंग सेवाओं, जीएसटी और कराधान जैसी सेवाओं के लिए भी सहायता देगा। इस मौके पर अमेजन इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और कंट्री हेड अमित अग्रवाल ने कहा कि कंपनी ने जब 2013 में देश में अपना परिचालन शुरू किया था, तब ई-कॉमर्स आमतौर पर शहरों से संबंधित था।

प्राइड ऑफ इंडिया की रिलीज डेट का ऐलान किया

कविता गर्ग               

मुंबई। भुज द प्राइड ऑफ इंडिया की रिलीज डेट का ऐलान कर दिया गया है। अजय देवगन, संजय दत्त, एमी विर्क, सोनाक्षी सिन्हा, शरद केलकर और नोरा फतेही अभिनीत यह फिल्म 13 अगस्त को डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज होगी। अभिषेक दुधैया का निर्देशन 1971 के भारत-पाक युद्ध की वास्तविक घटनाओं पर आधारित है। जब पाकिस्तान ने ऑपरेशन चंगेज़ खान के हिस्से के रूप में भुज एयरबेस पर हमला किया था।  टीजर से पता चलता है कि भुज एयरफील्ड पर 14 दिनों में 35 बार हमला किया गया। भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया आईएएफ स्क्वाड्रन विजय कार्णिक (अजय देवगन) की यात्रा से प्रेरित है। 

जिन्होंने 300 स्थानीय महिलाओं की मदद से भुज एयरबेस का पुनर्निर्माण किया ताकि वे वापस लड़ सकें और देश की सेवा कर सकें। भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया का निर्माण कर रहे भूषण कुमार ने पहले एक बयान में कहा था, “इस साहसी कहानी को बताने की जरूरत है क्योंकि हम चाहते हैं कि वर्तमान और आने वाली पीढ़ी इस बहादुर सैनिक, स्क्वाड्रन लीडर विजय कार्णिक के बारे में जाने, जो  1971 के युद्ध में भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।  वह युद्ध में नागरिकों को शामिल करने का यह साहसिक कदम उठाने के लिए पर्याप्त वीर था।

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...