सोमवार, 5 जुलाई 2021

अनियमितताओं के संबंध में नया मामला दर्ज किया

अकांशु उपाध्याय              
नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट परियोजना में कथित अनियमितताओं के संबंध में एक नया मामला दर्ज किया है। उत्तर प्रदेश में पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान परियोजना संचालित हुई थी। राज्य में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद सोमवार को कई राज्यों में करीब 43 जगहों पर व्यापक तलाशी अभियान चलाया। उन्होंने कहा कि सुबह शुरू हुआ तलाशी अभियान अभी चल रहा है और आज जारी रह सकता है।
अधिकारियों के मुताबिक, प्राथमिकी में करीब 180 अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है जिनमें बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश सरकार के अभियंता तथा अन्य अधिकारी शामिल हैं। सीबीआई ने उक्त परियोजना के सिलसिले में यह दूसरी प्राथमिकी दर्ज की है।
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। जिनमें अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी और मायावती की अगुवाई में बहुजन समाज पार्टी के साथ ही कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी को राज्य की सत्ता से हटाने की कोशिश करेंगे।

ताजा बयानों के परिप्रेक्ष्य में भागवत को सलाह दी

मनोज सिंह ठाकुर                
भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के ताजा बयानों के परिप्रेक्ष्य में आज ट्वीट के जरिए उन्हें सलाह दी हैं। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट के जरिए मोहन भागवत के हिंदू मुस्लिम एकता और भारतीयों के डीएनए के संबंध में आए ताजा बयानों के परिप्रेक्ष्य में लिखा है ‘मोहन भागवत, यह विचार क्या ?आप अपने शिष्यों, प्रचारकों, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल कार्यकर्ताओं को भी देंगे।
क्या यह शिक्षा आप मोदी शाह जी व भाजपा मुख्यमंत्री को भी देंगे ?’ कांग्रेस नेता ने सिलसिलेवार ट्वीट में लिखा है, ‘यदि आप अपने व्यक्त किए गए विचारों के प्रति ईमानदार हैं, तो भाजपा में वे सब नेता जिन्होंने निर्दोष मुसलमानों को प्रताड़ित किया है। उन्हें उनके पदों से तत्काल हटाने का निर्देश दें। शुरूआत नरेंद्र मोदी व योगी आदित्यनाथ से करें।
दिग्विजय सिंह ने साथ में यह भी लिखा है कि उन्हें मालूम है कि मोहन भागवत ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि उनकी कथनी और करनी में अंतर है। दिग्विजय सिंह के मुताबिक मोहन भागवत ने सही कहा है कि पहले हम सब भारतीय हैं। लेकिन पहले यह उन्हें अपने शिष्यों को समझाना होगा। मोहन भागवत का ताजा बयान आया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि हिंदू मुस्लिम अलग नहीं हैं और सभी भारतीयों का डीएनए एक है।

पीएम के नाम से विधानसभा चुनाव लड़ेगी 'भाजपा'

पंकज कपूर                           
देहरादून। आगामी विधानसभा चुनाव में उत्तराखण्ड भाजपा अब चेहरा विहीन हो गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से अब भाजपा विधानसभा चुनाव लड़ेगी।क्या पांच साल पहले का पीएम का प्रलोभन और डबल इंजन की बात जनता भूल गई होगी ?
उत्तराखण्ड में नए मुख्यमंत्री बनने के बाद से साफ हो गया कि भाजपा के पास अब चुनावी चेहरा नही रह गया। ज़ाहिर सी बात है, जब दो बार के विधायक को मुख्यमंत्री की कमान दी गई और उनसे वरिष्ठ विधायकों को दरकिनार किया गया है। यह यही साबित करता है कि अब भाजपा के पास प्रदेश में नेतृत्व क्षमता वाले नेता नही रहे।
उत्तराखण्ड में नए मुख्यमंत्री बनने के बाद से साफ हो गया कि भाजपा के पास अब चुनावी चेहरा नही रह गया। ज़ाहिर सी बात है जब दो बार के विधायक को मुख्यमंत्री की कमान दी गई और उनसे वरिष्ठ विधायकों को दरकिनार किया गया है। यह यही साबित करता है कि अब भाजपा के पास प्रदेश में नेतृत्व क्षमता वाले नेता नही रहे। कुमाऊँ के मैदानी क्षेत्र से मुख्यमंत्री बनने का निर्णय इसलिए भी जोड़ा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में किसानों को साधने का प्रयास किया जा रहा है। जिस जिले से मुख्यमंत्री आते है वह किसान बाहुल्य क्षेत्र है। किसान आंदोलन की गूंज पूरे देश में भाजपा के विरोध में काम कर रही है। उत्तराखण्ड में आगमी विधानसभा चुनाव में भाजपा को खासतौर पर तराई के किसानों का विरोध झेलना पड़ेगा।
त्रिवेन्द्र रावत, तीरथ रावत के बाद अब पुष्कर धामी को चार साल में मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला है। हाईकमान ने प्रदेश में भाजपा के हालातों को देखते हुए युवा कार्ड खेलने का भी प्रयास किया गया है, युवा मुख्यमंत्री बनाने से प्रदेश के यूथ को अपने पक्ष में करने का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने पहली कैबिनेट में ही युवाओं के लिए नौकरी बम जो फोड़ा है, वह कितना असरदार होगा वह आने वाला समय ही बताएगा। ज़ाहिर-सी बात है, जब दिल्ली हाईकमान का प्रदेश में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर प्रयोग जारी है। इस दशा में विधानसभा चुनाव किसके चेहरे पर भाजपा लड़ेगी यह तय करना बहुत ही मुश्किल है। जब प्रदेश भाजपा में चेहरा ही नही होगा तो मोदी के चेहरे पर ही जनता से वोट मांगने का काम किया जाएगा। साथ ही जनता को भी याद रखना होगा कि पिछले विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी द्वारा किये गए वादों का क्या हुआ ?

महादेवी घाट पर गंगा में नहाते समय 2 दोस्त डूबे, मौंत

हरिओम उपाध्याय              
कन्नौज। महादेवी घाट पर गंगा में नहाते समय दो दोस्त गहरे पानी में जाने से डूब गए। गोताखोरों ने एक युवक को बचा लिया। जबकि उसके साथी की डूबकर मौत हो गई। युवक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सोमवार सुबह ठठिया थाना क्षेत्र के ग्राम चौहानपुरवा निवासी गोलू उर्फ प्रिंस व गुड्डू महादेवी घाट पर गंगा स्नान करने आए थे। नहाते समय दोनों अचानक गहराई में चले गए, जिससे डूबने लगे। घाट पर मौजूद अन्य लोगों ने शोर मचाया तो गोताखोरों ने छलांग लगा दी। 
गोताखोरों ने गुड्डू को सुरक्षित निकाल लिया। इसके बाद गोलू की तलाश शुरू की गई। कुछ देर बाद उसे भी गंगा नदी से बाहर निकाला गया। दोनों को जिला अस्पताल लाया गया। 
जहां चिकित्सकों ने गोलू को मृत घोषित कर दिया। गुड्डू काे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे की जानकारी पाकर स्वजन भी अस्पताल पंहुच गए, गोलू का शव देखकर कोहराम मच गया। महादेवी घाट चौकी प्रभारी जसवंत सिंह ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

धार्मिक स्थल विभिन्न शर्तों के साथ खोलने की अनुमति

बेंगलुरु। कर्नाटक सरकार ने कोविड-19 के मद्देनजर लगी पाबंदियों में ‘अनलॉक 3.0’ के तहत ढील देते हुए सोमवार से रेस्तरां, मॉल निजी कार्यालय तथा धार्मिक स्थल विभिन्न शर्तों के साथ खोलने की अनुमति दे दी है। मेट्रो और बस जैसे सार्वजनिक वाहन भी अपनी बैठने की क्षमता के साथ चलेंगे। ये सेवाएं रात नौ बजे तक ही उपलब्ध रहेंगी। क्योंकि सरकार ने रात नौ बजे से लेकर सुबह पांच बजे तक रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है।
धार्मिक स्थल को केवल दर्शन के लिए खोले जाने के बाद कम संख्या में श्रद्धालु आज नजर आए। लेकिन सभी कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते दिखे। राज्य के बाकी स्थानों से भी ऐसी ही खबरें मिल रही हैं। कार्यालय और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के आज से पूरी क्षमता के साथ काम करने की अनुमति के मद्देनजर बेंगलुरु और अन्य शहरों में कई जगह सुबह सड़कों पर जाम लग गया। बैंगलोर महानगर परिवहन निगम ने कहा कि सभी एहतियाती नियमों का पालन करते हुए बस सेवाएं सुबह पांच बजे से रात नौ बजे तक चलेंगी
शहर और उपनगर इलाके में अभी 4500 बसें चलेंगी। यात्रियों की संख्या देखते हुए बस सेवाएं बढ़ाई जाएंगी। इस दौरान अधिकारी यह सुनिश्चित करते दिखे कि बस में भीड़ ना हो और कोई यात्री खड़े होकर यात्रा ना करे। बेंगलुरु मेट्रो सेवा ने कहा कि मेट्रो सोमवार से शुक्रवार सुबह सात बजे से रात आठ बजे तक, भीड़भाड़ वाले समय से लेकर सामान्य समय में पांच से 15 मिनट के अंतर पर चलेगी। शनिवार और रविवार को छुट्टी होने के कारण स्थिति को देखते हुए सेवाएं बढ़ाईं और कम की जाएंगी।
शहर में रेस्तरां और होटल में भी लोग नजर आए। सोमवार से राज्य में ‘बार’ खुल गए हैं, लेकिन ‘पब’ बंद अभी हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने शनिवार को कहा था कि नए दिशा-निर्देश पांच जुलाई सुबह छह बजे से 19 जुलाई सुबह छह बजे तक लागू रहेंगे। बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त कमल पंत ने कहा था कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर नजर रखने के लिए मार्शल और पुलिस कर्मियों के 54 दलों की तैनाती की गई है।
पंत ने ट्वीट किया, ” मैं सभी से अपनी सुरक्षा के लिए कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने का आग्रह करता हूं। याद रखें, मामले कम हुए हैं, लेकिन संक्रमण अब भी आसपास है।” नए दिशा-निर्देशों के तहत, थिएटर, सिनेमा और पब बंद रहेंगे जबकि प्रशिक्षण के उद्देश्य से स्वीमिंग पूल खोले जाएंगे।

प्राथमिकियां दर्ज किएं जाने पर जवाब तलब किया

अकांशु उपाध्याय              

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सूचना प्रौद्योगिकी कानून की निरस्त की गई धारा 66ए के तहत प्राथमिकियां दर्ज किए जाने को लेकर आश्चर्य व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार से सोमवार को जवाब तलब किया। शीर्ष अदालत ने श्रेया सिंघल मामले में फैसला सुनाते हुए संबंधित कानून की धारा 66ए को 2015 में ही निरस्त कर दिया था। इसके बावजूद इस धारा के तहत प्राथमिकियां दर्ज की जा रही हैं। न्यायमूर्ति आर एफ रोहिंगटन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) की याचिका की सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा। न्यायालय ने उक्त कानून की निरस्त धारा के तहत पुलिस द्वारा प्राथमिकियां दर्ज किए जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया।

न्यायमूर्ति नरीमन ने कहा, “आश्चर्य है। श्रेया सिंघल मामले में शीर्ष अदालत ने 2015 में फैसला दे दिया था। जो हो रहा है वह खतरनाक है।” सुनवाई जैसे ही शुरू हुई, पीयूसीएल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारिख ने दलील दी कि सम्बन्धित प्रावधान के निरस्त किए जाने के बाद भी देश भर में हजारों की संख्या में प्राथमिकियां दर्ज की जा रही हैं। न्यायालय ने केन्द्र सरकार को नोटिस जारी करके दो सप्ताह में जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।


योग गुरु की याचिका पर 12 जुलाई को होगीं सुनवाई

अकांशु उपाध्याय                  
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि एलोपैथी दवाइयों के इस्तेमाल के खिलाफ रामदेव के कथित बयान के संबध में दर्ज प्राथमिकियों के सिलसिले में जांच पर रोक लगाने की योग गुरु की याचिका पर 12 जुलाई को सुनवाई की जाएगी। न्यायालय ने कहा कि उसे उक्त बयान के मूल रिकॉर्ड रविवार की रात को ही मिले हैं। शीर्ष अदालत योग गुरु रामदेव के कोविड-19 के दौरान एलोपैथिक दवाओं के इस्तेमाल के बारे में दिए बयानों के मूल रिकॉर्ड पर सोमवार को गौर करने वाली थी। रामदेव ने मामले में याचिका दायर कर जांच पर रोक लगाने और इस सिलसिले में उनके खिलाफ दर्ज मामलों को दिल्ली स्थानांतरित करने का आग्रह किया है। 
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने कहा, ” कल रात 11 बजे हमें फाइलों का एक मोटा बंडल मिला, जिसमें बयानों और वीडियो की प्रतियां थी।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ” हम इस मामले को एक सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर रहे हैं।” इससे पहले, रामदेव की ओर से पेश हुए वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि मामले पर कभी और सुनवाई की जा सकती है। भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने पटना और रायपुर में कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान एलोपैथिक दवाओं के इस्तेमाल के खिलाफ दिए गए उनके बयान को लेकर कई प्राथमिकियां दर्ज कराई हैं।
इससे पहले, पीठ ने मामले पर रामदेव के कथित बयानों के मूल रिकॉर्ड मांगे थे। 
रामदेव ने आपराधिक शिकायत रद्द करने के साथ ही अपनी याचिका में पटना तथा रायपुर में दर्ज प्राथमिकी दिल्ली स्थानांतरित करने का अनुरोध भी किया है। योग गुरु पर आपदा प्रबंधन कानून, 2005 की विभिन्न धाराओं और भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 269 तथा 504 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि बाबा रामदेव के कथित बयान से देश में एलोपैथी बनाम आयुर्वेद की बहस शुरू हो गई थी। हालांकि, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा टिप्पणी को ‘अनुचित’ करार दिए जाने और पत्र लिखने के बाद रामदेव ने 23 मई को अपना बयान वापस ले लिया था।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...