गुरुवार, 1 जुलाई 2021

9 देशों ने भारत मे निर्मित कोविशील्ड का लोहा माना

अकांशु उपाध्याय                      
नई दिल्ली। यूरोपीय संघ के नौ देशों ने भारत मे निर्मित कोविशील्ड वैक्सीन को मान्यता दे दी है तथा एस्टोनिया ने कोवैक्सीन सहित सभी भारतीय टीकों को मान्यता देने का ऐलान किया है। इन यूरोपीय देशों ने यह कदम भारत द्वारा इस आशय के आग्रह के बाद उठाया है। भारत ने कल यूरोपीय संघ के सदस्य देशों से कोविड के भारतीय टीकों एवं कोविन प्रमाणपत्र को मान्यता देने का आग्रह करते हुए कहा था कि ऐसा होने पर ही भारत में यूरोपीय संघ (ईयू) के डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र को कोविड प्रोटोकॉल से छूट दी जायेगी।
सूत्रों ने बताया कि अभी तक ऑस्ट्रिया, स्लोवेनिया, आइसलैंड, आयरलैंड और स्पेन ने ईयू डिजीटल कोविड प्रमाणपत्र में कोविशील्ड को शामिल कर लिया है। स्विट्ज़रलैंड ने भी शेनजेन समूह का देश होने के नाते कोविशील्ड को मान्यता दे दी है। इसबीच एस्टोनिया ने पुष्टि की है कि वह भारत सरकार द्वारा अधिकृत सभी टीकों को मान्यता देगा और टीका लगा कर आने वाले भारतीय नागरिकों को यात्रा की अनुमति प्रदान करेगा
बुधवार की देर शाम भारत ने एक जुलाई से प्रभावी ईयू डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र फ्रेमवर्क में भारतीय टीकों को शामिल नहीं किये जाने पर नाराज़गी व्यक्त की थी। यूरोपीय संघ ने इस फ्रेमवर्क के तहत यूरोपीय मेडिकल एजेंसी (ईएमए) द्वारा अधिकृत टीके लगवाने वाले लोगों को यूरोपीय संघ के दायरे में यात्रा प्रतिबंधों से छूट देने और मुक्त आवाजाही सुलभ करने का ऐलान किया था।सूत्रों के अनुसार भारत ने यूरोपीय संघ के सदस्य देशों से आग्रह किया था कि वे अपने राष्ट्रीय स्तर पर भारत में कोविड टीका लगवाने वाले लोगों को भी इसी तरह की छूट प्रदान करें और कोविन पोर्टल पर जारी प्रमाणपत्र को मान्यता दें। 
भारत ने यूरोपीय संघ के देशों से कहा था कि भारत में यूरोपीय संघ डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र को मान्यता देने की नीति पारस्परिकता पर आधारित होगी। भारतीय टीके कोविशील्ड और कोवैक्सीन को ईयू डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र में अधिसूचित करने और कोविन टीकाकरण प्रमाणपत्र को मान्यता दिए जाने पर भारतीय स्वास्थ्य विभाग पारस्परिकता के आधार पर उक्त ईयू सदस्य देश या देशों के ईयू डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र धारक लोगों को अनिवार्य क्वारंटीन से छूट प्रदान करेगा।

बाधाओं ने अमेरिका की कूटनीति की गति धीमी की

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन दुनियाभर में जून के अंत तक कोरोना वायरस रोधी आठ करोड़ टीके देने के अपने लक्ष्य से बहुत पीछे चल रहे हैं और कई साजोसामान और नियामक संबंधी बाधाओं ने अमेरिकी की टीका कूटनीति की गति धीमी कर दी है। बाइडन प्रशासन ने घोषणा की थी कि करीब 50 देशों को कोविड-19 रोधी टीके दिए जाएंगे लेकिन ‘एसोसिएटेड प्रेस’की गणना के अनुसार, अमेरिका ने 10 देशों को 2.4 करोड़ से भी कम टीके भेजे हैं।व्हाइट हाउस ने कहा कि आगामी दिनों में और टीके भेजे जाएंगे और उसने कहा कि बाइडन ने अपने वादे को पूरा करने के लिए हरसंभव कदम उठाया है। व्हाइट हाउस ने बताया कि टीकों की कमी नहीं है। सभी अमेरिकी टीके भेजे जाने के लिए तैयार हैं।
लेकिन कानूनी औपचारिकताओं, स्वास्थ्य संहिता, सीमा शुल्क मंजूरी, कोल्ड स्टोरेज श्रृंखलाएं, भाषायी बाधाएं और वितरण कार्यक्रम की जटिलता के चलते अधिक वक्त लग रहा है।उसने कहा कि किसी देश को टीके दान देने के लिए अपने मंत्रिमंडल की मंजूरी की आवश्यकता होती है, किसी को अमेरिकी टीकों के लिए सुरक्षा जांच के लिए निरीक्षकों की आवश्यकता होती है और कुछ देशों ने अभी टीका वितरण की योजनाएं ही नहीं बनायी है जिससे यह सुनिश्चित हो कि टीके बर्बाद होने से पहले सही हाथों में पहुंचे। व्हाइट हाउस ने यह स्पष्ट करने से इनकार कर दिया कि किस देश के सामने कौन-सी बाधाएं हैं। 
उसने कहा कि वह वितरण की बाधाओं को खत्म करने के लिए देशों से बातचीत कर रहा है। बाइडन ने 17 मई को यह कहते हुए आठ करोड़ टीके देने की घोषणा की थी। यह किसी भी देश द्वारा दिए गए टीकों के मुकाबले अधिक टीके होंगे जो किसी भी देश से पांच गुना अधिक होंगे, रूस और चीन से भी अधिक होंगे।” अपने लक्ष्य को हासिल न करने के बावजूद बाइडन ने अमेरिका को दुनियाभर में टीकों का सबसे बड़ा दानदाता बना दिया है। उसने रूस या चीन से भी अधिक टीके वितरित किए हैं।

जवानों से भरा ट्रक खाई में गिरने से 3 की मौंत, हादसा

पंकज कपूर                   
देहरादून। सिक्किम से बेहद दुखद ख़बर आयी है। सिक्किम में कुमाऊं रेजिमेंट के जवानों से भरा ट्रक खाई में जा गिरा। जिसमें 3 जवानों की मौत हो गई है। जिसमें से एक जवान का नाम बृजेश रौतेला है।
मिली जानकारी के अनुसार पूर्वी सिक्किम में सेना के जवानों को ले जा रहा एक ट्रक बुधवार को खाई में जा गिरा जिससे तीन जवानों की मौत हो गई जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि यह दुर्घटना न्यू जवाहलाल नेहरू रोड पर हुई। यह मार्ग गंगटोक को सोमगो झील और भारत-चीन सीमा के निकट नाथुला से जोड़ता है।
अधिकारी के मुताबिक ट्रक में कुमाऊं रेजिमेंट के छह जवान सवार थे जो गंगटोक की तरफ जा रहे थे। यह हादसा चालक के वाहन से नियंत्रण खोने के चलते हुआ। वाहन 600 फुट गहरी खाई में जा गिरा। चालक एवं दो अन्य जवानों की मौत मौके पर ही हो गई। सेना, बीआरओ, पुलिस और स्थानीय लोगों ने इस दुर्गम क्षेत्र में खराब मौसम के बीच बचाव अभियान चलाया। तीन घायल जवानों को गंगटोक के सेना अस्पताल में भर्ती कराया। बाद में घायल जवानों को गंगटोक के सेना अस्पताल से बंगाल के सिलीगुड़ी में इलाज के लिए भेजा गया।

1 जुलाई से सिलेंडर के दामों में 25 रूपये की बढ़ोत्तरी

अकांंशु उपाध्याय                    
नई दिल्ली। एक बार फिर घरेलू गैस सिलेंडर के दाम बढ़ा दिये गये हैं। आज 1 जुलाई बृहस्पतिवार से दामों में 25 रूपये की बढ़ोत्तरी कर दी गई है। हालांकि मई—जून में सिलेंडर के दाम सामान्य रहे और अप्रैल में एलपीजी सिलेंडर में दस रूपये की कटौती हुई। लेकिन अब पेट्रोल—डीजल के बाद सिलेंडर के दाम भी बढ़ने से उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा असर पड़ने लगा है।अब घरेलू गैस सिलेंडर अलग—अलग शहरों में 834 से लेकर 850 तक में मिलेंगे। जून में इनकी कीमत 809 से 825 के बीच थी। 
मई व अप्रैल में यही दाम स्थिर थे। जबकि मार्च माह में 819 से 835 तक रहे। फरवरी में 719 से 810 तक रहे, जो कि माह में तीन बार बदले थे। जनवरी में 694 से 710 तक इसकी कीमत रही। ज्ञात रहे कि तेल कंपनियों द्वारा समय—समय पर कीमत में किए जाने वाले बदलावा का असर सीधे उपभोक्ताओं पर पड़ता है। सरकारी तेल कंपनियां प्रति माह पहली तारीख को गैस सिलेंडर के दामों में बदलाव करती हैं। 

भूस्खलनों से पर्वतीय सड़क व मार्गो पर खतरा बना

अकांशु उपाध्याय                  
नई दिल्ली। पहाड़ो में बारिश के चलते लगातार भूस्खलन की खबरें आ रहीं हैं। लगातार हो रहें भूस्खलनों से पर्वतीय सड़क मार्गो पर खतरा बना हुआ है।
वही दूसरी तरफ इन दिनों पहाड़ो की सड़कों में चौड़ीकरण का कार्य प्रगति पर है। जिसमें हरे-भरे पेड़ो को जेसीबी मशीनों द्वारा उखाड़ा जा रहा है। जेसीबी मशीन द्वारा हरे पेड़ को उखाड़ने का एक वीडियो इन दिनों वायरल हो रहा है।
जिसमे बताया जा रहा है कि वह गरमपानी से अल्मोड़ा के बीच सुयालबाड़ी का है। आप भी इस वीडियो को देखिए किस तरीके से हरे पेड़ो का दोहन किया जा रहा है। पहाड़ो में चल रहे मोटर मार्गो का कार्य मशीनों द्वारा किया जाता है। जो कि चट्टानों की उम्र कम करतें हैं। लगातार हो रहे भूस्खलन भी उसी की वजह है।ब्रिटिशकाल में बनी पहाड़ो की अधिकतर सड़के अभी भी सुरक्षित हैं। क्योंकि उस समय मैनुअली या मजदूरों द्वारा कार्य किया जाता था। जबकि अब मशीनों और ब्लास्टिंग का सहारा लेकर काम किया जा रहा है, जो चट्टानों को कमज़ोर करने का काम कर रहें हैं।

उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी जारी, अलर्ट

पंकज कपूर               
देहरादून। उत्तराखंड में अगले 48 घंटे में मौसम विभाग द्वारा कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक देहरादून पौड़ी गढ़वाल और नैनीताल जिले में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना के आसार जताए गए हैं। जबकि डिग्री चंपावत और पिथौरागढ़ ने की भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग में 48 घंटे के लिए पूर्वानुमान जारी करते हुए कल रेड अलर्ट भी रखा है।उत्तराखंड में मौसम विभाग ने अगले 5 दिनों के लिए जिला स्तरीयमौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक एक बार फिर से 17 और 18 अगस्तउत्तराखंड में मौसम विभाग के उत्तराखंड में अगले 5 दिनों के लिए मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून द्वारा पूर्वानुमान जारी के मुताबिक इस मानसून सीजन का तीसरा रेड।

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सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली  इकबाल अंसारी  रांची। झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने गुरुवार को शपथ ली। ...