गुरुवार, 1 जुलाई 2021
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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
बुधवार, 30 जून 2021
अफगान में बदलाव को लेकर कई देशों ने जताईं चिंता
वाशिंगटन डीसी/ काबुल। अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के हटने के बाद आतंकी संगठन तालिबान के हमले तेज हो गए हैं और उसने देश के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है। अफगानिस्तान में इस बदलाव को लेकर अमेरिका समेत भारत और अन्य देशों ने चिंता जताई है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के अफगानिस्तान के प्रभारी रॉस विल्सन ने कहा, कि जैसा, कि हम मीडिया रिपोर्टिंग और देश के विभिन्न हिस्सों में तालिबान के प्रत्यक्ष तौर पर हमलों और अफगानिस्तान में नागरिकों को निशाना बना कर किए जा रहे हमलों को देख रहे हैं। हम तालिबान से जारी हिंसा को समाप्त करने और बातचीत की मेज पर लौटने का आह्वान करते हैं।
ज्ञात हो कि पिछले 25 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी और राष्ट्रीय पुनर्गठन वाली उच्च परिषद के चेयरमैन अब्दुल्ला अब्दुल्ला से मुलाकात की। बाइडन ने अफगानिस्तान की सुरक्षा के स्तर पर अमेरिकी सहयोग दोहराने के साथ ही स्पष्ट किया कि 11 सितंबर तक अमेरिकी फौजों की वापसी को लेकर उनका फैसला नहीं बदलेगा। तब तक नाटो सेनाओं की भी वापसी हो जाएगी। यह सब तब होगा। जब तालिबान ने अभी तक अमेरिकी योजनाओं के अनुरूप कदम उठाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है।
अमूल दूध की कीमतों में ₹2 प्रति लीटर की बढ़ोतरी
अहमदाबाद। गुजरात सहकारी दूध विपणन संघ (जीसीएमएमएफ) ने बुधवार को कहा कि अमूल दूध की कीमतों में एक जुलाई से सभी ब्रांडों के लिए दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की जाएगी। अमूल ब्रांड नाम के तहत दूध और डेयरी उत्पादों का विपणन करने वाले जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी ने कहा कि लगभग एक साल और सात महीने के बाद कीमतों में बढ़ोतरी की जा रही है।
जो उत्पादन लागत में वृद्धि के कारण जरूरी हो गई थी। उन्होंने कहा, ”अमूल दूध की कीमतों में कल से पूरे भारत में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की जाएगी। नई कीमतें सभी अमूल दूध ब्रांडों जैसे सोना, ताजा, शक्ति, टी-स्पेशल, साथ ही गाय और भैंस के दूध पर भी लागू होंगी।”
आर्थिक परिदृश्य में मील का पत्थर साबित हुआ: भारत
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के चार साल पूरे होने के अवसर पर कहा, कि यह व्यवस्था भारत के आर्थिक परिदृश्य में मील का पत्थर साबित हुआ है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”जीएसटी भारत के आर्थिक परिदृश्य में मील का एक पत्थर है। इसने करों की संख्या कम की है। अनुपालन बोझ के साथ ही आम आदमी पर कुल मिलाकर करों का बोझ कम किया है। जबकि पारदर्शिता, अनुपालन और संग्रह में खासी वृद्धि हुई है।” ज्ञात हो कि पूरे देश में एक जीएसटी एक जुलाई 2017 को लागू किया गया था। जिसमें उत्पाद शुल्क, सेवा कर, वैट और 13 उपकर जैसे कुल 17 स्थानीय कर समाहित थे।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के चार साल पूरे होने के मौके पर वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि अब तक 66 करोड़ से अधिक जीएसटी रिटर्न दाखिल किए गए, कर की दरें में कटौती हुई और करदाताओं की संख्या में बढ़ी है। पूरे देश में एक राष्ट्रव्यापी जीएसटी एक जुलाई 2017 को लागू किया गया था, जिसमें उत्पाद शुल्क, सेवा कर, वैट और 13 उपकर जैसे कुल 17 स्थानीय कर समाहित थे।
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि जीएसटी ने सभी करदाताओं के लिए अनुपालन को सरल बना दिया है और जीएसटी परिषद ने कोविड-19 महामारी के प्रकोप के मद्देनजर कई राहत उपायों की सिफारिश भी की है। जीएसटी के तहत 40 लाख रुपये तक वार्षिक कारोबार वाले व्यवसायों को कर से छूट दी गई है। इसके अतिरिक्त 1.5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले लोग कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं और केवल एक प्रतिशत कर का भुगतान कर सकते हैं। इसी तरह सेवाओं के लिए एक साल में 20 लाख रुपये तक कारोबार वाले व्यवसायों को जीएसटी से छूट दी गई है।
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