बुधवार, 30 जून 2021

गहरी खाई में कार गिरने से 2 लोगों की मौंत, हादसा

पंकज कपूर                             
कोटद्वार। आज मंगलवार देर शाम कोटद्वार-रामणी पुलिंडा मार्ग पर एक कार गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई। जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल युवक को कोटद्वार बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद मृतकों के परिवार में कोहराम मचा हुआ है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। रेस्क्यू अभियान चलाया और शवों को किसी तरह से निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा, जबकि एक घायल को अस्पताल पहुंचाया गया है। तीनों मंगलवार शाम कार से घूमने के लिए रामणी की ओर निकले थे।कोतवाली पुलिस ने बताया कि शाम करीब पांच बजे एक कार के रामणी-पुलिंडा मार्ग पर दुर्घटनाग्रस्त होने की जानकारी क्षेत्रवासियों ने दी। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ और पुलिस फोर्स को मौके पर भेजा गया। 
राजस्व पुलिस भी मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया गया। गहरी खाई होने के कारण दोनों शव बड़ी मुश्किल से बाहर निकाले गए। राजस्व निरीक्षक हर्षबर्धन नौटियाल ने बताया कि कोटद्वार से करीब 12 किलोमीटर दूर गौजट्टा के पास कार करीब 200 मीटर गहरी खाई में गिरी थी। हादसे में विनोद ध्यानी (41) पुत्र शिवानंद ध्यानी, वीरेंद्र सिंह नेगी उर्फ विनोद (42) पुत्र विशन सिंह नेगी की मौके पर ही मौत हो गई।जबकि कार चला रहा उनका साथी युवक धीरज मोहन डबराल (42) पुत्र कुलानंद डबराल गंभीर रूप से घायल है। कार में तीन लोग ही सवार थे। घायल युवक को बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तीनों युवक कोटद्वार के शिब्बूनगर तड़ियाल चौक के निवासी हैं। तीनों दोस्त शाम को कार से घूमने के लिए रामणी पुलिंडा की ओर जा रहे थे।दुगड्डा पुलिस चौकी प्रभारी ओम प्रकाश ने बताया कि बेलेना कार संख्या यूके 15सी 3150 मंगलवार देर सांय को चरेख की तरफ से कोटद्वार आ रहे थे। इसी दौरान रामणी-पुलिण्डा मोटर मार्ग पर कोटद्वार से करीब 6 किलोमीटर आगे बलेनो कार नीचे खाई में जा गिरी। कार में सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। 
जबकि एक घायल हो गया है। उन्होंने कहा कि घायल को इलाज के लिए राजकीय बेस अस्पताल कोटद्वार में भर्ती करा दिय है। दुर्घटना में कोटद्वार के तड़ियाल चौक निवासी 38 वर्षीय विनोद पुत्र शिवानंद ध्यानी, 45 वर्षीय वीरेंद्र नेगी पुत्र विशन सिंह नेगी की मौत हो गई है। जबकि धीरज मोहन डबराल पुत्र कुलानंद डबराल गंभीर रूप से घायल हुआ है।

म्यूजिक वीडियो 'फिल्हाल 2' का दूसरा पोस्टर रिलीज

कविता गर्ग          

मुंबई। बॉलीवुड के खिलाड़ी कुमार अक्षय कुमार की अपकमिंग म्यूजिक वीडियो 'फिल्हाल 2' का दूसरा पोस्टर रिलीज कर दिया गया है। अक्षय कुमार ने अपने अपकमिंग म्यूजिक वीडियो 'फिल्हाल 2' के फर्स्ट लुक को पिछले दिनों रिलीज किया था। अक्षय कुमार ने गाने से जुड़े दूसरे पोस्टर को रिलीज किया है। पोस्टर देखने के बाद फैंस इस गाने के वीडियो को देखने के लिए बेताब हैं। इस पोस्टर में अक्षय कुमार के साथ बॉलीवुड अभिनेत्री कृति सेनॉन की बहन नुपुर सेनॉन नजर आ रही हैं। गाने को मशहूर पंजाबी सिंगर बी प्राक ने अपनी आवाज दी है। इसके बोल और म्यूजिक जानी ने दिया है। अक्षय कुमार ने गाने का दूसरा पोस्टर शेयर करते हुए लिखा, "कुछ कहानियां हमेशा हमारे साथ रहती हैं। 'फिलहाल 2 मोहब्बत' का टीजर 30 जून को रिलीज हो रहा है।"

गौरतलब है कि इस म्यूजिक वीडियो से पहले सिंगर ब्री प्राक 'फिल्हाल' लेकर आए थे। इस म्यूजिक वीडियो में भी अक्षय और नूपुर की जोड़ी को काफी पसंद किया गया था।


इंडोनेशिया में यात्री जहाज के डूबने से 6 की मौंत

जकार्ता। इंडोनेशिया में बाली के तट के पास एक यात्री जहाज के डूबने से छह लोगों की मौत हो गयी। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने मंगलवार को स्थानीय थाना प्रमुख के हवाले से बताया कि बाली के तट के पास एक यात्री जहाज के डूबने से छह लोगों की मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि हादसे में तीन पुरुषों और तीन महिलाओं सहित छह लोगों की मौत हो गयी।

एजेंसी ने बताया कि कथित तौर पर जहाज में 41 यात्री और चालक दल के 15 सदस्य सवार थे। जहाज बाली के गिलिमानुक बंदरगाह की ओर जा रहा था। लेकिन गंतव्य तक पहुंचने से पहले ही वह डूब गया। समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक सात लोगों के लापता होने की खबर है।

उपचुनाव को छोड़ इस्तीफा देंगे सीएम रावत: यूके

पंकज कपूर         
देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ रावत के दिल्ली हाईकमान बुलाए जाने पर लगातार राजनीतिक कयास लगाए जा रहें हैं। उप चुनाव को लेकर आख़िर क्या गुरूमंत्र दिल्ली से मिलेगा यह किसी को पता नहीं हैं।
कयासों का दौर जारी होने वाला है। क्या पता हाईकमान द्वारा मुख्यमंत्री तीरथ की पीठ थपथपाने को बुलाया गया हो। कयासों में सबसे पहले यह लगाया जा रहा है कि उपचुनाव को छोड़ मुख्यमंत्री तीरथ रावत इस्तीफा देंगे और पुनः मुख्यमंत्री तीरथ रावत शपथ लेंगे। जिससे मुख्यमंत्री को उपचुनाव के भंवर से बचाया जा सकता है। वही सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री तीरथ रावत से भाजपा हाईकमान भी संतुष्ट है, साथ ही भाजपा चाहेगी तो उपचुनाव करा सकती है, नहीं तो मुख्यमंत्री को पुनः शपथ दिलवा सकती है। गंगोत्री व हल्द्वानी विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है, उपचुनाव फिर सामान्य विधानसभा चुनाव भी होने है, चुनाव को लेकर भी सरकार के पास चुनौतियां भी बहुत हैं।
फिलहाल तीरथ रावत को दिल्ली क्यो बुलाया गया है यह अभी साफ नही हो पाया है। हो सकता है तीरथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद मंत्री और विधायकों के बीच चल रहे असंतुष्ट होने के बाद उन्होंने काफी हद तक शांत किया है।जबकि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के मुख्यमंत्री रहने के दौरान विधायक और मंत्रियों की काफी नाराजगी बढ़ गई थी। कार्यकर्ताओ ने तक संगठन से दूरियां बनाना शुरू कर दिया था। कुल मिलाकर हाईकमान सीएम तीरथ रावत की पीठ थपथपाने वाली है।

लाखों भिखार्यो के लिए केंद्रीय कानून बनेगा: पीएम

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “न्यू इंडिया” में बदनुमा दाग लगा रहे लाखों भिखार्यो के लिए एक केंद्रीय कानून बनने जा रहा है। जिसके तहत भिखारियों को गिरफ्तार नहीं बल्कि उन्हें पुनर्वास किया जाएगा। पुनर्वास व सुधार का राष्ट्रीय कार्यक्रम तैयार हो गया है जिसे अमल में लाने के लिए विधेयक बनाया गया है।अभी मुंबई भिक्षा वृति विरोधी कानून के तहत देश के कई राज्यों में भीखारियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई होती है। मगर दिल्ली में पिछले कुछ वर्षों से यह कार्य बंद है। इससे पहले दिल्ली, मुंबई, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों में पुलिस भिखारियों को गिरफ्तार करती थी। 
मगर अब केंद्र सरकार कि कुछ एजेंसियों ने मिलकर भिखारी सुधार एवं पुनर्वास विधेयक बनाया है जिसके तहत भिखारियों पर दंडात्मक कार्रवाई नहीं बल्कि पुनर्वास व सुधार की योजनाएं लागू होंगी।यह विधेयक संसदीय प्रक्रिया से गुजर रहा है और जल्दी ही लोकसभा में पेश किया जाएगा। फिलहाल सभी राज्यों से राय मांगी गई है। कुछ राज्यों ने अपनी रिपोर्ट भेज दी है। ज्यादातर राज्यों ने भिखारियों को सुधार गृह में भेजने और उन्हें स्वावलंबी बनाने का मशविरा दिया है। दरअसल आजादी के बाद सरकारी विकास के चाहे जो भी दावे होते रहे हो लेकिन देश की राजधानी दिल्ली सहित लगभग सभी बड़े शहरों में प्रमुख चौराहों, धार्मिक स्थलों अस्पताल रेल बस परिसरों पर भीख मांगते बच्चे, महिलाएं व युवा देश को कलंकित कर रहे है। ज्यादातर राज्यों ने बॉम्बे भिक्षावृत्ति विरोधी कानून को लागू किया हुआ है। जिसमें पुलिस को अधिकार है कि वह किसी भी समय बिना वारंट किसी भी अधिकारी को गिरफ्तार कर सकती है। 
मगर दिल्ली हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगाते हुए केंद्र एवं दिल्ली सरकार से जवाब तलब किया था और पुनर्वास की ठोस योजना बनाने के लिए कहा था। कुछ राज्यों ने अपने स्तर पर भिक्षावृत्ति के खिलाफ काम करना शुरू भी किया है जिसमें बिहार सबसे आगे है। वहां पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना सहित कई बड़े शहरों को भिक्षुक मुक्त बनाने का अभियान छेड़ा है।जबकि राजस्थान में भिखारी सुधार एवं पुनर्वास कानून लागू है और पुलिस ने इस कानून के तहत जब सर्वे किया तो वहां पढ़े लिखे लोग भी भीख मांग रहे हैं। भिखारियों के पुनर्वास की पहल तत्कालीन महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी सहित कुछ अधिवक्ताओं ने की थी जिसके तहत एक केंद्रीय कानून बनाने की मांग उठी थी। जिसके तहत भिखारियों को जेल में बंद करने के बजाए उनके पुनर्वास व सुधार का रास्ता निकाला जाए।
हालांकि भिक्षावृत्ति में कुछ बड़े शहरों में संगठित गिरोह भी काम कर रहे हैं। जिन्हें भिक्षा माफिया भी कहा जाता है। 
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इस गिरोह के विरुद्ध राज्यों की पुलिस को भी लिखा था क्योंकि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक देश में प्रतिवर्ष लगभग 50 हजार बच्चे लापता होते हैं इनमें सिर्फ आधे बच्चे ही मिलते हैं बाकी को भिक्षा वृति व अपराध में धकेल दिया जाता हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार भिखारियों की संख्या पौने चार लाख के आसपास थी जो अब दुगनी बताई जा रही है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक जब तक एक केंद्रीय कानून नहीं बनेगा तब तक भिखारियों की समस्या का समाधान निकालना मुश्किल है। क्योंकि समय-समय पर इनके विरुद्ध अभियान चलाया जाता है जिसकी जानकारी होते ही भिखारी शहर छोड़कर दूसरे राज्य में पलायन कर जाते हैं। यदि कानून बन गया तो सबसे पहले बड़े शहरों को भिखारी मुक्त बनाया जायेगा और बच्चों को शिक्षा, महिलाओं एवं युवाओं को स्वावलंबी बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन्हें रोजगार के अवसर भी उपलब्ध करवाए जाएंगे। इस विधेयक को लेकर केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत भी कई बैठकें कर चुके हैं।

रेलवे ने 4 'महत्वपूर्ण' परियोजनाओं को पूरा किया

अकांशु उपाध्याय                                  
नई दिल्ली। कोविड की चुनौतियों के बावजूद पिछले एक वर्ष में रेलवे ने विद्युतीकरण व सिग्नलिंग से संबंधित 29 ‘अति महत्वपूर्ण’ तथा 4 ‘महत्वपूर्ण परियोजनाओं समेत कुल 33 अहम परियोजनाओं को पूरा किया है। भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे अगले कुछ वर्षों में 1,15,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 58 अति महत्वपूर्ण और 68 महत्वपूर्ण परियोजनाओं को पूरा करने के लिए मिशन मोड़ में काम कर रही है। यातायात घनत्व, ढोई जाने वाली सामग्री के प्रकार तथा रणनीतिक महत्व के आधार पर तत्काल आवश्यक परियोजनाओं को ‘अति महत्वपूर्ण’ श्रेणी में रखा गया है। 
जबकि जो परियोजनाएं अगले चरण में पूरी होनी हैं, उन्हें ‘महत्वपूर्ण’ माना गया है। ये सभी परियोजनाएं विद्युतीकरण तथा सिग्नलिंग कार्य से संबंधित हैं। केंद्र सरकार के वित्तपोषण तथा निरंतर निगरानी के जरिये इन परियोजनाओं को जल्द पूरा करने का लक्ष्य है, ताकि निवेश का लाभ उठाया जा सके। इन सभी परियोजनाओं के लिए बजट आवंटन को उच्च प्राथमिकता दी गई है।लगभग 39,663 करोड़ रुपये लागत एवं 3,750 किलोमीटर कुल लंबाई वाली 58 अति महत्वपूर्ण परियोजनाएं मल्टी-ट्रैकिंग यानी दोहरी/तिहरी/चौथी लाइन वाले व्यस्त मार्गों पर हैं। इनमें 11,588 करोड़ रुपये की लागत तथा 1,044 किलोमीटर लंबाई वाली 29 ‘अति महत्वपूर्ण’ रेल परियोजनाओं को कोविड के दौरान पूरा कर दिया गया है। 
जबकि 27 परियोजनाएं दिसंबर,2021 तक पूरी हो जाएंगी। शेष 2 रेल परियोजनाओं के मार्च 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है। इन परियोजनाओं के पूरा होने पर रेलवे इन घने, संतृप्त व व्यस्त मार्गों पर सुरक्षा के साथ तेज गति से अधिक यातायात संचालन में सक्षम होगा। कुल 75,736 करोड़ रुपये की लागत तथा 6,913 किलोमीटर समग्र लंबाई वाली 68 परियोजनाओं की पहचान महत्वपूर्ण परियोजनाओं के तौर पर की गई है। इनमें 1,408 करोड़ रुपये की लागत तथा 108 किलोमीटर लंबाई वाली 4 परियोजनाएं अब तक पूरी की जा चुकी हैं। 
जबकि शेष परियोजनाओं को मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सभी महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर 21 मार्च तक 37,734 रुपये खर्च किए गए हैं। इस वर्ष इन परियोजनाओं के लिए 14,466 करोड़ रुपये का परिव्यय रखा गया है।कोविड-19 महामारी के बावजूद वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान रेलवे ने दोहरीकरण, तिहरीकरण व चौहरीकरण की कुल 1614 किलोमीटर लंबी परियोजनाओं को पूरा कर यातायात चालू कर दिया हैं। जबकि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान अब तक 133 किलोमीटर लंबी दोहरीकरण और तिहरीकरण परियोजनाएं चालू की गई हैं। 
इनमें उत्तराखंड, असम, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों की कुछ प्रमुख परियोजनाएं शामिल हैं।राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली से मेरठ, मुजफ्फरनगर और रुड़की होते हुए हरिद्वार तक इस खंड का पूरा मार्ग चालू होने के बाद इस वर्ष जनवरी से डबल लाइन में तब्दील हो गया है। इससे इस व्यस्त मार्ग पर समयबद्धता में सुधार होगा। उपरोक्त अति महत्वपूर्ण और महत्वपूर्ण परियोजनाओं के पूरा होने के बाद भीड़भाड़ वाले मार्गों पर यात्री और माल ढुलाई की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित होगी। इसके अलावा ट्रेनों की गति बढाने तथा नई रेल सेवा शुरू करने में मदद मिलेगी। सुरक्षा में वृद्धि के लिए अधिक लाइन क्षमता उपलब्ध होने से इन व्यस्त मार्गों के रखरखाव के लिए अधिक समय उपलब्ध होगा।
उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे नेटवर्क का अधिकांश यातायात स्वर्णिम चतुर्भुज, उच्च घनत्व नेटवर्क मार्गों और अत्यधिक प्रयुक्त रेल मार्गों पर चलता है। इन रेल मार्गों की लंबाई कुल रेलमार्ग का 51 प्रतिशत है। लेकिन इन पर 96 प्रतिशत यातायात संचालित होता है।

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