मंगलवार, 29 जून 2021

11 नए जनपदों में बीएसएल-2 लैब शुरू, निर्देश दिएं

हरिओम उपाध्याय                  
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर की सम्भावनाओं को देखते हुए योगी सरकार ने छोटे जिलों में भी जांच के लिये नई प्रयोगशालाओं की सौगात दी है। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 11 नए जनपदों में बीएसएल-2 लैब को शुरू करने के निर्देश दे दिये हैं। अब औरैया, महोबा, बुलंदशहर,अमेठी, सिद्धार्थनगर, देवरिया, बिजनौर, कासगंज, मऊ, कुशीनगर और सोनभद्र में आरटीपीसीआर की जांच हो सकेंगी। सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में इन नई प्रयोगशालाओं से एक ओर जांच की संख्या में तेजी से इजाफा होगा।
वहीं बीमारी को मात देने में भी सरकार को मदद मिलेगी। इन नई प्रयोगशाला के संचालन से सर्वाधिक जांच में रिकार्ड बना चुका उत्तर प्रदेश अब नया कीर्तिमान गढ़ेगा जो अन्य प्रदेशों के लिए मिसाल साबित होगा। अपर मुख्य सचिव 'सचिव' सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश में इन नई आरटीपीसीआर टेस्ट प्रयोगशालाओं के संचालन से प्रदेश के 45 जनपदों में प्रयोगशालाएं हो जाएंगी। बताया कि मुख्यमंत्री योगी ने तीन से चार माह के अंदर प्रदेश के अन्य 30 जनपदों में भी ऐसी प्रयोगशालाएं स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में 125 और निजी क्षेत्र में 104 प्रयोगशालाएं क्रियाशील हैं। अब इन नई प्रयोगशालाओं के बढ़ने से एक ओर जांच की संख्या में तेजी से इजाफा होगा। 
वहीं ट्रिपल टी की नीति के तहत कोरोना की जांच से संक्रमण पर लगाम लगने के साथ ही कोरोना वायरस के नए वेरिएंट की पहचान हो सकेगी। औरैया, महोबा, बुलंदशहर, अमेठी, सिद्धार्थनगर, देवरिया, बिजनौर, कासगंज, मऊ, कुशीनगर और सोनभद्र में आरटीपीसीआर की नई प्रयोगशाला शुरू हो रही हैं। 
 महानिदेशक डॉ डीएस नेगी ने बताया कि बुलंदशहर लैब में जांच शुरू हो गई है वहीं इन जनपदों में से छह जनपदों को आईसीएमआर से मंजूरी मिल गई है, शेष चार जनपदों को भी मंजूरी मिलते ही शुरू कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश से प्रदेश के सभी जनपदों में बीएसएल टू लैब के संचालन की प्रक्रिया तेजी से की जा रही है। इन नई लैब से प्रदेश के कुल 45 जनपदों में आरटीपीसीआर की जांचें तेजी से की जा सकेगी।
प्रदेश में महज 190 नए केस, रिकवरी रेट 98.5 प्रतिशत पहुंचा। सर्वाधिक आबादी वाले उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटों में 02 लाख 63 हजार कोरोना की जांचे की गई। प्रदेश में अब तक पांच करोड़ 73 लाख 48 हज़ार 462 कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं। प्रदेश में बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के महज 190 नए केस सामने आए हैं। जो बीते चार माह में संक्रमण के सबसे कम मामले हैं। प्रदेश में अब कुल एक्टिव केस की संख्या 3,046 हो गई है। प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 0.1 प्रतिशत से भी कम स्तर पर आ चुका है, जबकि रिकवरी रेट 98.5 प्रतिशत पहुंच गया है। 
 देश के 11 राज्यों में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट 'डेल्टा प्लस' से संक्रमित मरीजों की पुष्टि होने से सीएम ने अधिकारियों को अलर्ट मोड पर काम करने के निर्देश दिए हैं। जिसके तहत अब प्रदेश में कोविड के डेल्टा प्लस वैरिएंट की गहन पड़ताल के लिए अधिक से अधिक सैम्पल की जीनोम सिक्वेंसिंग हो इस बात पर अधिक जोर दिया जा रहा है। 
 सरकार ने प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग के दायरे को बढ़ाते हुए बीएचयू, केजीएमयू, सीडीआरआई, आईजीआईबी में जीनोम परीक्षण की व्यवस्था की है। जिससे अब प्रदेश में संक्रमण के नए वेरिएंट का परीक्षण आसानी से किया जा सकेगा। प्रदेश में पीकू व नीकू की स्थापना तेजी से की जा रही है। प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों में पीडियाट्रिक आईसीयू बेड की संख्या 5900 से अधिक हो गई है।

आतंकी कनेक्शन पुख्ता, एनआईए को जांच सौंपी

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में ​​वायु सेना स्टेशन पर ड्रोन हमले का ​​सीमा पार से आतंकी कनेक्शन पुख्ता ​होने पर इस मामले की जांच ​​गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप​ दी है​। ​इस हमले के बाद से जम्मू के सैन्य क्षेत्रों में लगातार ड्रोन देखे जा रहे हैं​। हमले के अगले ही दिन सोमवार तड़के करीब तीन बजे जम्मू के कालूचक मिलिट्री स्टेशन के पास दो ड्रोन दिखे। हाई अलर्ट पर सुरक्षा बलों ने करीब 25 राउंड फायरिंग करके खदेड़ा​।इसी तरह बीती रात कुंजवानी, सुंजवां और रत्नूचक इलाके में संदिग्ध ड्रोन देखे गए। सैनिकों के फायरिंग करने पर यह ड्रोन भी आसमान में गायब हो गए।​​​​
इस मामले की शुरू से ही आतंकी एंगल से जांच कर रही सुरक्षा एजेंसियों को भी आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की भूमिका होने का संदेह है। प्रारम्भिक जांच में पता चला है कि देश में पहली बार 'ड्रोन अटैक' को अंजाम देने के लिए जम्मू हवाई अड्डे से मात्र 14.5 किलोमीटर दूर सीमा पार से दो ड्रोन ने उड़ान भरी और पेलोड गिराकर वापस लौट गए। ड्रोन के 1.2 किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ने का संदेह है। जो लंबी दूरी की बैटरी से संचालित किये गए थे।​ 
खुफिया और जांच एजेंसियों की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान की आर्मी और आईएसआई कश्मीर घाटी में ऐसे छोटे ड्रोन को लाने की कोशिश में जुटी हुई है। जिनका इस्तेमाल लश्कर और हिज्बुल के आतंकी जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों पर आईईडी हमले के लिए कर सकते हैं​​। 
यही वजह है कि बीते ​48​ घंटे में जम्मू के सैन्य क्षेत्रों के आसपास ​ड्रोन की गतिविधियां बढ़ती दिख रही हैं​।​ जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर रविवार की रात हुए ड्रोन हमले के अगले ही दिन सोमवार तड़के करीब तीन बजे जम्मू के कालूचक मिलिट्री स्टेशन के पास दो ड्रोन दिखे। हाई अलर्ट पर सुरक्षा बलों ने करीब 25 राउंड फायरिंग की, जिसके बाद दोनों ड्रोन रात के अंधेरे में गायब हो​ गए। ​अब बीती रात ​फिर तीन जगहों ​कुंजवानी, ​​सुंजवां और ​​रत्नूचक इलाके में​​ ​संदिग्ध ड्रोन देखे गए। ​​​सुंजवां और ​​रत्नूचक​ इलाके में रात ​​1.08 बजे​, ​​कुंजवानी सैन्य इलाके में​​ सुबह तीन से साढ़े चार बजे के बीच संदिग्ध ड्रोन देखा गया​​।​ सैनिकों की फायरिंग ​के बाद यह ड्रोन वापस लौट गए​ लेकिन ​लगातार ड्रोन गतिविधियां बढ़ने पर जम्मू ही नहीं बल्कि देश के सभी सैन्य स्टेशनों के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है​​।​​
 ​जम्मू-कश्मीर में वायु सेना स्टेशन, मिलिट्री स्टेशन और अन्य सैन्य क्षेत्रों के आसपास एनएसजी कमांडो को एंटी-ड्रोन तोपों से लैस किया गया है। जांच एजेंसियों को इन धमाकों में 'इम्पैक्ट आईईडी' का इस्तेमाल किये जाने की आशंका है।इम्पैक्ट आईईडी ऐसा विस्फोटक होता है जो जमीन या सतह पर आते ही फट जाता है। हालांकि घटनास्थल पर मिले अवशेषों की अभी फोरेंसिक लैब में जांच की जा रही है, जिसकी रिपोर्ट आने में 48 घंटे तक का वक्त लग सकता है। उसके बाद ही इस बात की पुष्टि हो सकेगी कि धमाकों के लिए आतंकियों ने किस विस्फोटक का इस्तेमाल किया था।
 इस मामले की शुरू से ही आतंकी एंगल से जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी की टीम को ​सीमा पार से आतंकी कनेक्शन होने के सबूत हाथ लगे हैं, इसीलिए अब ​गृह मंत्रालय ने एनआईए को जांच सौंप​ दी है​। स्थानीय टीम की सहायता के लिए एनआईए की एक टीम शीघ्र ही जम्मू पहुंचेगी। वायुसेना की स्पेशल टीम और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की टीम भी अलग-अलग एंगल से जांच कर रही है। 

16वीं बार फिर पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोतरी

अकांशु उपाध्याय                   
नई दिल्ली। सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने आज जून के महीने में 16वीं बार फिर पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी कर दी। पेट्रोल और डीजल की कीमत में आज की गई बढ़ोतरी 2021 में की गई साल की 58वीं बढ़ोतरी है। आज पेट्रोल की कीमत में अलग अलग राज्यों में वैट की दर के मुताबिक प्रति लीटर 30 से 36 पैसे तक की बढ़ोतरी की गई है। जबकि डीजल की कीमत में प्रति लीटर 31 से 35 पैसे का इजाफा किया गया है। 
आज की बढ़ोतरी के साथ ही राजधानी दिल्ली में पेट्रोल का दाम बढ़कर 98.81 रुपये प्रति लीटर हो गया है, जबकि डीजल 89.18 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है। आज की बढ़ोतरी के बाद देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल 104.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल 96.72 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर पहुंच गया है। 
कोलकाता में डीजल की कीमत बढ़ कर 98.64 रुपये और डीजल की कीमत प्रति लीटर 92.03 रुपये प्रति लीटर हो गई है। इसी तरह चेन्नई में आज पेट्रोल 99.80 रुपये प्रति लीटर के भाव पर और डीजल 93.72 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है। 
बेंंगलुरु में आज पेट्रोल 102 रुपये प्रति लीटर के स्तर को पार करके 102.11 रुपये के भाव पर बिक रहा है, जबकि डीजल 94.54 रुपये के स्तर पर बिक रहा है। सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की ओर से आज की गई बढ़ोतरी के बाद मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पेट्रोल 107 रुपये का स्तर पार कके 107.07 रुपये प्रति लीटर के भाव पर पहुंच गया है, वहीं डीजल 97.93 रुपये प्रति लीटर की कीमत पर बिक रहा है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पेट्रोल की कीमत 95.57 रुपये प्रति लीटर हो गई है, जबकि डीजल 89.59 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है। 
 इसी तरह बिहार की राजधानी पटना में पेट्रोल की कीमत बढ़कर 100.81 रुपये प्रति लीटर हो गई, वहीं डीजल 94.52 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है। आज की बढ़ोतरी के बाद झारखंड की राजधानी रांची में पेट्रोल 94.35 रुपये प्रति लीटर और डीजल 94.12 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है। राजस्थान की राजधानी जयपुर में आज की बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल 106 रुपये का स्तर पार करके 106.08 रुपये प्रति लीटर के भाव पर पहुंच गया है, वहीं डीजल 98.82 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है। 

देश में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में लगातार कमी

अकांशु उपाध्याय                 
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के नए मामलों में लगातार कमी आ रही है। मंगलवार को प्राप्त हुए आंकड़े राहत पहुंचाने वाले हैं। रिकवरी दर बढ़कर 96.87 प्रतिशत तक पहुंच गया है। इसके बावजूद बीते 24 घंटे में 907 मरीजों की कोरोना वायरस से मृत्यु हुई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार देश में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना संक्रमण के 37,566 नए मामले सामने आए हैं। पिछले सौ दिनों में पहली बार आंकड़ा इतना कम दर्ज किया गया है।
वहीं, बीते 24 घंटों के दौरान 907 मरीजों की कोरोना वायरस से मृत्यु हुई है। हालांकि देश में कोरोना वायरस के नए मामलों में कमी आने के साथ सक्रिय मामले भी कम हो रहे हैं। फिलहाल कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या घटकर 5,52,659 रह गई है, जो कुल मामलों का 1.82 प्रतिशत है। राहत की बात यह है कि रिकवरी दर बढ़कर 96.87 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जबकि साप्ताहिक संक्रमण दर 2.74 फीसदी पर है।

15 दूसरे आरोपियों को दोबारा समन जारी किया: हिंसा

अकांशु उपाध्याय                   
नई दिल्ली। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 26 जनवरी को लालकिले पर हुई हिंसा मामले में आरोपी दीप सिद्धू और 15 दूसरे आरोपियों को दोबारा समन जारी किया है। कोर्ट ने सभी आरोपियों को 12 जुलाई को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। इससे पहले कोर्ट की ओर से भेजे गए समन आरोपियों को नहीं मिले जिसकी वजह से दोबारा समन जारी किया गया है।
पिछले 19 जून को कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गजेंद्र नागर ने दीप सिद्धू समेत सभी आरोपियों को आज कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। चार्जशीट में कहा गया है कि 26 जनवरी को लालकिले पर कब्जे की साजिश रची गई थी और लालकिले को विरोध प्रदर्शन का केंद्र बनाने की योजना थी। 
चार्जशीट में कहा गया है कि गणतंत्र दिवस के दिन हिंसा फैलाने को सोची-समझी साजिश थी। इस हिंसा के जरिये केंद्र सरकार को बदनाम करने की योजना बनाई गई थी। दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, आर्म्स एक्ट, प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी, एंशिएंट मानुमेंट्स एंड आर्कियोलॉजिकल साईट्स एंड रिमेंस एक्ट, एपिडेमिक डिसीज एक्ट और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत आरोप लगाए हैं। 
कोर्ट ने उन आरोपों पर संज्ञान नहीं लिया जिनमें अभी अनुमति नहीं ली गई थी। जिन मामलों में अनुमति नहीं ली गई थी उमें आर्म्स एक्ट, एपिडेमिक एक्ट और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के कुछ आरोप शामिल हैं। बता दें कि पिछले 17 जून को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल किया था। पिछले 28 मई को आरोपियों के खिलाफ एपिडेमिक एक्ट और आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमे के लिए जरूरी मंजूरी न मिलने के चलते आज कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लिया था। पिछले 21 मई को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने चार्जशीट दाखिल किया था। क्राइम ब्रांच ने इस मामले में दीप सिद्धू समेत 16 लोगों को आरोपी बनाया है। दीप सिद्धू को इस मामले में जमानत मिल चुकी है। 
दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर में कोर्ट ने पिछले 17 अप्रैल को दीप सिद्धू को जमानत दे दिया था। जमानत पर रिहा होते ही आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से लालकिले को नुकसान पहुंचाने के मामले में पुलिस ने दीप सिद्धू को 17 अप्रैल को ही गिरफ्तार कर लिया था। दीप सिद्धू को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हरियाणा के करनाल से पिछले 9 फरवरी को गिरफ्तार किया था। इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

शादी-शुदा औरत को संरक्षण देने से इनकार किया

बृजेश केसरवानी                   
प्रयगराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दूसरे पुरूष के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही शादी-शुदा औरत को संरक्षण देने से इंकार कर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि याची ने अपने पति के खिलाफ न तो तलाक का केस किया है और न ही घरेलू हिंसा कानून या भारतीय दंड संहिता के तहत अपराधों की शिकायत दर्ज करायी है। ऐसे में पति द्वारा प्रताड़ित करने के आधार पर पति से सुरक्षा की गुहार लगाना बेमानी है। कोर्ट ने याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति साधना रानी ठाकुर की खंडपीठ ने श्रीमती सुरभि की याचिका पर दिया है। याची का कहना था कि उसका पति समाज विरोधी क्रिया-कलापों में लिप्त है, जिससे परेशान होकर उसने घर छोड़ दिया और वह दूसरे पुरूष मोहित के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही है। पति से उसे खतरा है। उसने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन से शिकायत भी की है। कहा गया था कि पति से उसे सुरक्षा दी जाये।

बुजुर्ग से मारपीट के मामले में याचिका दायर: एससी

अश्वनी उपाध्याय                 
गाजियाबाद। जिलें में बुजुर्ग से मारपीट और दाढ़ी काटने के मामले में ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी ने सुप्रीम कोर्ट में केवियट याचिका दायर की है। मनीष माहेश्वरी ने कहा है कि कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अगर गाजियाबाद पुलिस सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करती है तो उनका पक्ष भी सुना जाए। इस मामले में मनीष माहेश्वरी के खिलाफ बुजुर्ग की पिटाई के वायरल वीडियो के खिलाफ गाजियाबाद पुलिस के पास शिकायत दर्ज की गई थी। गाजियाबाद पुलिस ने माहेश्वरी को लोनी थाने में आकर बयान दर्ज करवाने के लिए नोटिस भेजा था।
लेकिन माहेश्वरी ने थाने में आने से इनकार कर दिया। मनीष माहेश्वरी ने कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख किया था। कर्नाटक हाईकोर्ट ने माहेश्वरी को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये जांच में शामिल होने की छूट दी थी। कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को गाजियाबाद पुलिस की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। इसी के मद्देनजर मनीष माहेश्वरी ने सुप्रीम कोर्ट में केवियट याचिका दायर की है।

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ  गणेश साहू  कौशाम्बी। मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बुधवार को जिल...