अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा निर्मित 63 पुल राष्ट्र को समर्पित किये। लेह में वायुसेना स्टेशन पर 'वायु योद्धाओं' के साथ हुई बातचीत को उन्होंने अद्भुत बताते हुए कहा कि ये वायु योद्धा किसी भी विपत्ति से लड़ने और किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। वह लद्दाख के कारू में भारतीय सेना के बहादुर सैनिकों से भी मिले और उनके साहस को सलाम किया। राजनाथ सिंह लद्दाख में ऐतिहासिक ठिकसे मठ में भी गए।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में लेह से 88 किलोमीटर दूर क्यूंगम में आयोजित एक कार्यक्रम मेंलद्दाख में लेह-लोमा रोड पर बनाए गए 50 मीटर लंबे पुल का उद्घाटन किया।
यह एकल स्पेन स्टील सुपर स्ट्रक्चर ब्रिज मौजूदा बेली पुल की जगह लेगा। इससे सैन्य हथियारों, विशेष उपकरणों सहित भारी हथियार प्रणालियों की आवाजाही आसान होगी। लेह-लोमा रोड लेह को चुमथांग, हैनले और त्सो मोरोरी झील जैसे स्थानों से जोड़ती है, इसलिए पूर्वी लद्दाख में अग्रिम क्षेत्रों तक पहुंच के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। इसके अलावा राजनाथ सिंह ने लद्दाख में 62 और पुलों का उद्घाटन किया। इसमें 11 लद्दाख में, चार जम्मू-कश्मीर में, तीन हिमाचल प्रदेश में, छह उत्तराखंड में, आठ सिक्किम में, नगालैंड और मणिपुर में एक-एक और अरुणाचल प्रदेश में 29 पुलों का उद्घाटन किया। परियोजनाओं की संयुक्त लागत 240 करोड़ रुपये है और वे सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को जबरदस्त बढ़ावा देंगे। इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान दूर-दराज के क्षेत्रों में संपर्क स्थापित करने में बीआरओ की प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए कहा कि इनमें से कुछ पुल दूरदराज के दुर्गम क्षेत्रों में स्थित कई गांवों के लिए जीवन रेखा बन जाएंगे।
विशेष रूप से किसी राष्ट्र के विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने दूर-दराज के सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास को सुनिश्चित करने के सरकार के संकल्प की पुष्टि की और कहा कि आज 63 पुलों का उद्घाटन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह पुल बेहतर कनेक्टिविटी के जरिए संबंधित राज्यों के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में विभाजित करने के सरकार के फैसले पर रक्षा मंत्री ने कहा कि मजबूत और दूरदर्शी कदमों से राष्ट्रीय एकता मजबूत हुई है, जिससे बाहर से प्रायोजित आतंकवादी गतिविधियों में बड़ी कमी आई है और लोगों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए नए रास्ते खुल गए हैं।
लद्दाख के विकास पर राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि सहित कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं जो क्षेत्र के कल्याण के प्रति सरकार के संकल्प को दर्शाती हैं। उन्होंने क्षेत्र में लोकतांत्रिक प्रक्रिया शुरू करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की।
वर्ष 2020 में गलवान घाटी की घटना के दौरान अनुकरणीय साहस प्रदर्शित करने के लिए भारतीय सेना की सराहना करते हुए रक्षा मंत्री ने कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने विवादों को सुलझाने के लिए पड़ोसी देशों के साथ बातचीत का आह्वान करते हुए कहा कि भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है जो आक्रामकता में विश्वास नहीं करता है।
लेकिन अगर उकसाया जाता है, तो हम इसका माकूल जवाब देंगे। उन्होंने राष्ट्र को आश्वस्त किया कि सशस्त्र सेनाएं किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। राजनाथ सिंह ने सीमाओं पर सुरक्षा को मजबूत करने, सशस्त्र बलों के बीच संयुक्तता बढ़ाने तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार द्वारा किए गए सुधारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हम हर तरह से सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक ने अपने संबोधन में कहा कि काम करने के सीमित मौकों और कोविड-19 महामारी के बावजूद परियोजनाओं को पूरा किया गया। उन्होंने कहा कि ये पुल रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सशस्त्र बलों को तेजी से तैनात करने में सहायता करेंगे जिससे सुरक्षा माहौल को और मजबूत किया जा सकेगा और दूरदराज के सीमावर्ती क्षेत्रों के समग्र आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा। उन्होंने चुनौतियों के बावजूद राष्ट्र की सेवा जारी रखने के लिए बीआरओ के संकल्प को दोहराया। एक ही बार में 63 पुलों के उद्घाटन के साथ सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने 2020 में शुरू किए गए 44 पुलों के अपने रिकॉर्ड को पार कर लिया है। राजनाथ सिंह ने 17 जून, 2021 को अरुणाचल प्रदेश में 12 सड़कें राष्ट्र को समर्पित की थीं।
आज 63 पुलों का उद्घाटन होने के साथ बीआरओ की 75 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।
इस मौके पर लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर, लद्दाख के सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल, उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर-कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी, सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी तथा रक्षा मंत्रालय, भारतीय सेना, बीआरओ और नागरिक प्रशासन के अन्य वरिष्ठ नागरिक एवं सैन्य अधिकारी शामिल हुए। कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, जम्मू-कश्मीर के सांसद जुगल किशोर शर्मा, उत्तराखंड के सांसद अजय टम्टा और मिजोरम से सांसद सी लालरोसंग आभासी रूप से शामिल हुए।