सोमवार, 28 जून 2021

फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' की शूटिंग को पूरा किया

कविता गर्ग                      
मुंबई। बॉलीवुड फिल्मकार संजय लीला भंसाली ने अपनी आने वाली फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' की शूटिंग पूरी कर ली है। संजय लीला भंसाली ने फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' की शूटिंग को पूरा कर लिया है। इस फिल्म में आलिया भट्ट लीड रोल में हैं। फिल्म का एक सॉन्ग और छोटा सा पार्ट रह गया था लेकिन आखिरकार भंसाली और आलिया ने इसे पूरा कर लिया है। 
बताया जा रहा है कि मुंबई की फिल्म सिटी (गोरेगांव) में बची हुई शूटिंग पूरी हो गई है। संजय लीला भंसाली फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' को पूरा करने के बाद आराम करने के मूड में नहीं हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने अपनी अपकमिंग वेब सीरीज 'हीरा मंडी' की शूटिंग उसी फ्लोर पर शुरू करेंगे, जहां फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' का सेट लगा था। वेब सीरीज को संजय लीला भंसाली प्रोड्यूस और विभु पुरी डायरेक्ट कर रहे हैं।

पोषक आहार: 'डिजाइनर एग' के उत्पादन को बढ़ावा

अकांशु उपाध्याय                       
नई दिल्ली। देश में कुपोषण, रक्त की कमी और मधुमेह की बढ़ती समस्या को संतुलित पोषक आहार के माध्यम से दूर करने के उद्देश्य से 'डिजाइनर एग' के उत्पादन को बढावा दिया जा रहा है। महिलाओं और बच्चों में कुपोषण और रक्त की कमी की गंभीर समस्या को देखते हुए और बड़ी संख्या में मधुमेह पीड़ितों को संतुलित पोषक आहार उपलब्ध कराने को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिकों ने मुर्गियों के खानपान में पोषक और सूक्ष्म पोषक तत्वों को शामिल कर डिजाइनर एग तैयार किया है। 
यह अंडा सफेद रंग का सामान्य अंडों की तरह है लेकिन गुएावत्ता के कारण अपना विशेष स्थान रखता है।राष्ट्रीय कुक्कुट अनुसंधान संस्थान हैदराबाद के वैज्ञानिक कन्नन ने बताया कि मधुमेह पीड़ितों की समस्या को ध्यान में रखकर ऐसा डिजाइनर एग तैयार किया गया है जिसमें कार्बोहाइड्रेट और ग्लूकोज की मात्रा बेहद कम है । एक अंडा में एक प्रतिशत से भी कम कार्बोहाइड्रेट है। एक अंडे का वजन 52 से 60 ग्राम के बीच होता है। डा. कन्नन ने बताया कि एक सौ ग्राम अंडे (दो अंडा) में एक मिलीग्राम सूक्ष्म पोषक तत्व पाया जाता है। इसी प्रकार से दो अंडे में छह ग्राम प्रोटीन, एक अंडा में छह ग्राम वसा तथा भारी मात्रा में आयरन पाया जाता है। कैलशियम ,फास्फोरस और जिंक भी इसमें मौजूद हैं जो इसको और पौष्टिक बनाते हैं। 
इसमें कई प्रकार के विटामीन भी पाये जाते हैं जो कुपोषण की समस्या को दूर करने में सक्षम हैं। उन्होंने बताया कि छह माह की अवधि से मुर्गियां डेढ से दो किलो वजन की हो जाती है और अंडा देने लगती है। एक साल में ये मुर्गियां 250 से 300 तक अंडे देती है। मुर्गियों के सामान्य खानपान में थोड़ा बदलाव किया जाता है। इसमें आयरन की मात्रा को बढाया जाता है और जरुरत के हिसाब से भोजन में अन्य तत्वों को शामिल किया जाता है। दक्षिण भारत के कई राज्यों में किसानों ऐसे अंउों का उत्पादन शुरु कर दिया है जिसका उन्हें सामान्य अंड़ों की तुलना में अधिक मूल्य मिलता है। कई कम्पनियां इन अंडों को खरीद रही है। किसानों को विशेष विधि से मुर्गियों के पालन का प्रशिक्षण दिया गया है और स्थानीय स्तर पर वैज्ञानिक समय समय पर उनकी मदद करते हैं।

24 घंटे में कोरोना के 190 नए मामलें सामने आएं

हरिओम उपाध्याय                
लखनऊ। देश के 11 राज्यों में कोविड के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस से संक्रमित मामलों के मिलने से सतर्क उत्तर प्रदेश सरकार जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा को लगातार बढ़ा रही है। प्रदेश में पिछले 24 घंटो के दौरान कोरोना के 190 नए मामले सामने आए है। जबकि 261 स्वस्थ भी हुए। राज्य में फिलहाल 3046 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। प्रदेश में कोरोना की दैनिक पाजीटिविटी दर 0.1 फीसदी से भी कम हो चुकी है वहीं रिकवरी दर 98.5 प्रतिशत है। 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कोविड-19 प्रबंधन के लिए गठित टीम-09 की बैठक में कहा कि कोरोना वायरस के गहन अध्ययन-परीक्षण के लिए प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा को लगातार बढ़ाया जा रहा है।बीएचयू, वाराणसी, केजीएमयू लखनऊ और सीडीआरआई, आईजीआईबी, दिल्ली के सहयोग से जीनोम परीक्षण कराया जा रहा है। अध्ययन की यह रिपोर्ट डेल्टा प्लस वैरिएंट से बचाव के लिए प्रबंधन में सहायक होगी। उन्होने कहा कि देश के 11 राज्यों में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ‘डेल्टा प्लस’ से संक्रमित मरीज पाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश को विशेष सतर्कता बरतनी होगी। 
विशेषज्ञों के अनुसार इस बार का वैरिएंट पहले की अपेक्षा कहीं अधिक खतरनाक है। विशेषज्ञों के परामर्श के अनुरूप बिना देर किए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। प्रदेश में जल्द ही 11 नई आरटीपीसीआर टेस्ट प्रयोगशालाएं क्रियाशील हो जाएंगी। इनका संचालन शुरू करने के संबंध में सभी जरूरी तैयारियां तेजी से पूरी कर ली जाएं। इसके साथ ही प्रदेश के 45 जिलों में आरटीपीसीआर टेस्ट प्रयोगशालाएं हो जाएंगी। शेष 30 जिलों में भी अगले तीन-चार माह के भीतर ऐसी प्रयोगशालाएं स्थापित कराने की कार्यवाही की जाए। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना महामारी के लिहाज से प्रदेश की स्थिति हर दिन के साथ बेहतर होती जा रही है।
यह अतिरिक्त सतर्कता और सावधानी बरतने का समय है। बाजार खुल चुके हैं, आवागमन आदि निर्बाध रूप से संचालित है, ऐसे में हर एक प्रदेशवासी को सावधान रहना होगा। कोविड बचाव संबंधी व्यवहार जैसे मास्क, सैनिटाइजेशन और दो गज की दूरी का पूरी कड़ाई के साथ पालन करना जरूरी है। थोड़ी सी लापरवाही बड़ी समस्या का कारक बन सकती है। उन्होने कहा कि संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए 01 जुलाई से प्रदेशव्यापी अभियान शुरू हो रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता, फॉगिंग सैनिटाइजेशन के संबंध में जागरूकता बढ़ाये जाने की जरूरत है। अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी जरूरी तैयारियां कर ली जाएं। कोविड की तीसरी लहर की आशंका देखते हुए सभी जरूरी प्रयास यथाशीघ्र पूरी की जाए। पीकू/नीकू की स्थापना की कार्यवाही तेज हो। अब तक केवल मेडिकल कॉलेजों में पीडियाट्रिक आईसीयू बेड की संख्या 5900 से अधिक हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में भी पीकू/नीकू स्थापना की कार्यवाही जारी है। सभी ज़िलों में इस कार्य को शीर्ष प्राथमिकता दी जानी चाहिए। कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण सबसे उत्तम सुरक्षा कवर है। प्रदेश में अब तक 03 करोड़ 04 लाख से अधिक वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण केंद्रों पर लोगों का उत्साह सुखद है। बड़ी संख्या में लोग वैक्सीनेशन के लिए आ रहे हैं।

ऑनलाइन क्लास में अराजक तत्वों ने वीडियो चलाया

अकांशु उपाध्याय                     
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी और इसकी रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते हो रहे नुकसान से बचने के लिए दफ्तरों से लेकर स्कूल-कॉलेज तक की पढ़ाई में सब कुछ मोबाइल और लैपटॉप पर स्थानांतरित हो गया है। कोरोना वायरस की पहली और दूसरी लहर के चलते उत्पन्न हालातों से छात्र-छात्राएं पिछले लगभग 1 साल से ही ऑनलाइन क्लास में शामिल होते हुए पढ़ाई कर रहे हैं। मुंबई के विले पार्ले के एक कॉलेज की ऑनलाइन चल रही क्लास में कुछ शरारती तत्वों ने अचानक पोर्न वीडियो चला दिया। जिससे हड़कंप मच गया। मामले को लेकर पुलिस को शिकायत की गई है। 
जुहू पुलिस इस बाबत मामला दर्ज करते हुए आरोपी की तलाश कर रही है। सोमवार को एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया है कि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के विले पार्ले स्थित कॉलेज की ऑनलाइन क्लास के दौरान हुआ यह मामला 4 दिन पहले का है। इस संबंध में कालेज के एक प्रोफेसर ने जूहू पुलिस स्टेशन में इस मामले की शिकायत की थी। जिसके आधार पर ऑनलाइन क्लास के दौरान बेहूदगी दिखाने वाले अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी और आईटी एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। वैसे देखा जाए तो यह पहली बार नहीं हुआ है। 
जब ऑनलाइन क्लास में किसी छात्र या बाहरी तत्वों ने इस तरह की हरकत की हो। पहले भी टीचर और प्रोफेसर ऑनलाइन क्लास के दौरान इस तरह की परेशानियों का सामना करते रहे हैं। हाल ही में पिछले दिनों ही यूपी के अतर्रा में ऑनलाइन क्लास के दौरान एक पॉर्न वीडियो चल गया था। जिसके बाद स्कूल प्रबंधन ने शिक्षक को दोषी मानते हुए हटा दिया था। इतना ही नहीं इस मामले की साइबर सेल में रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी। देश के अन्य हिस्सों से भी इस तरह के कुछ मामले पहले सामने आ चुके हैं।

आतंकियों के हमले में 6 लोगों की मौंत, 13 घायल

बमाको। मध्य माली में आतंकवादियों के हमले में छह लोगों की मौत हो गयी। जबकि 13 अन्य घायल हो गये।आरएफआई प्रसारक की रिपोर्ट के मुताबिक आतंकवादियों ने माली के मध्य क्षेत्र में डौंटजा शहर के समीप रविवार को एक सार्वजनिक परिवहन वाहन पर हमला किया। हमले में छह लोगों की मौत हो गयी और 13 अन्य घायल हुए हैं। घायलों में पांच की हालत गंभीर बतायी गयी है।
माली की सेना ने कहा है कि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र में अतिरिक्त बल भेजा गया है। उल्लेखनीय है कि हाल में माली में आतंकवादियों ने कई हमलों को अंजाम दिया है।इनमें से एक हमले में 13 शांति सैनिक घायल हुए थे।

2 धमाकों के बाद सांबा सेक्टर में 2 और ड्रोन मिलें

श्रीनगर। एयरफोर्स स्टेशन में ड्रोन से किए गए दो धमाकों के बाद जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में दो और ड्रोन मिले हैं। कालूचक-रतनूचक मिलिट्री स्टेशन के पास दिखाई दिए ड्रोन के बाद सेना के जवानों ने 20 राउंड फायरिंग की। दिन निकलते ही सेना की ओर से इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है।
जम्मू स्थित एयरफोर्स स्टेशन में ड्रोन के माध्यम से किए गए दो धमाकों के बाद रविवार की देर रात जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में दो और ड्रोन उडते हुए मिले हैं। दोनों ही ड्रोन सांबा जनपद के कालूचक-रतनूचक मिलिट्री स्टेशन के पास जैसे ही सेना के जवानों को दिखाई दिए। उन्होंने तुरंत ही मोर्चा संभालते हुए फायरिंग करनी शुरू कर दी। 
इस दौरान लगभग 20 राउंड फायरिंग की गई।सोमवार को दिन निकलने पर सेना ने सवेरे से ही तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। सेना की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक पहला ड्रोन रविवार की देर रात 11.45 पर दिखाई दिया था। दूसरा ड्रोन सोमवार की तडके 2.40 पर देखा गया। सेना की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक जवानों की सतर्कता के कारण दोनों ही ड्रोन तुरंत उड़ गए। इसके बाद से ही सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। गौरतलब है कि इससे पहले जम्मू स्थित एयरफोर्स स्टेशन में ड्रोन के माध्यम से किए गए दो धमाकों की चपेट में आकर वायु सेना के 2 जवान घायल हो गए थे।

एयरफोर्स स्टेशन ​पर हुए धमाकों में ड्रोन का इस्तेमाल

अकांशु उपाध्याय                           
नई दिल्ली। जम्मू हवाई अड्डे के टेक्निकल एरिया यानी एयरफोर्स स्टेशन ​पर रविवार की रात को हुए दो धमाकों में ड्रोन का ही इस्तेमाल किया गया है​​​​। ​​​​देश में पहली बार हुए 'ड्रोन अटैक' की पुष्टि जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने की है। सिंह ने कहा है कि इस हमले की साजिश सीमापार से रची गई लेकिन इसे अंजाम सीमा के अंदर से ही दिया गया। इसीलिए एयरफोर्स स्टेशन पर एनआईए और एनएसजी की टीम टेरर एंगल से जांच कर रही है। यह भारत में अपनी तरह का पहला ड्रोन हमला है। जिसका संभावित लक्ष्य परिसर में खड़े विमान थे। 
इसके बाद अम्बाला, पठानकोट और अवंतिपुरा एयरबेस को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है​​​​। हालांकि अभी तक हुई जांच का विस्तृत खुलासा नहीं किया गया है लेकिन सूत्रों के मुताबिक जम्मू एयरफोर्स स्टेशन ​पर ड्रोन से 04 बम गिराए गए, जिनमें से 02 में विस्फोट हुआ। घटनास्थल से शेल भी बरामद हुए हैं। फोरेंसिक टीम को भी बम विस्फोट से संबंधित कई सुराग मिले हैं। ​भारतीय वायुसेना के दो जवानों को 'बेहद मामूली' चोटें आई हैं और बिल्डिंग की छत में बड़ा सा छेद होने के अलावा कोई नुकसान नहीं हुआ है। ड्रोन हमले के बावजूद जम्मू हवाईअड्डे पर उड़ान संचालन सामान्य है। हवाई अड्डे के अधिकारियों के अनुसार केवल दो उड़ानों जी-8 185 और एसजी 963 को परिचालन कारणों से रद्द किया गया है। पश्चिमी एयर कमांडर एयर मार्शल वीआर चौधरी ने भी जम्मू एयरबेस का दौरा करके जमीनी स्थिति का जायजा लिया है। उन्हें इस घटना के बारे में भारतीय वायु सेना के अधिकारियों ने जानकारी दी है। 
जम्मू का यह एयरफोर्स स्टेशन ​​किसी भी लड़ाकू विमान का एयरबेस नहीं है लेकिन यहां ​एमआई-17 और परिवहन हेलीकॉप्टर हैं। इस ​बेस में ड्रोन आधारित हमले की यह ​देश की ​पहली घटना है, जिसकी रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान में लंबे समय से आशंका जताई जा रही थी।​ यह हमला भले ही ​मामूली तीव्रता का रहा हो लेकिन यह घटना ड्रोन अटैक शुरू करने की आधुनिक क्षमताओं को ​दर्शाती है।​ हालांकि पाकिस्तान ​पहले से ​पंजाब और जम्मू-कश्मीर में आतंकी नेटवर्क को हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है​ लेकिन यह पहली बार है जब इस प्रणाली का इस्तेमाल किसी हमले को अंजाम देने के लिए किया गया है। ​भारत में अपनी तरह के पहले हमले में वायु सेना​ स्टेशन पर ​ड्रोन से कम​ ​तीव्रता वाले​ बमों से ​हेलीकॉप्टर हैंगर के करीब विस्फोट किया​ गया​। ​वायुसेना ने ​अपने ट्वीट में दो ​'​कम तीव्रता वाले विस्फोट​'​ की ​जानकारी दी है लेकिन ​ड्रोन के बारे में उल्लेख नहीं किया​ है।​ ​रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि विस्फोट का स्थान हवाई अड्डे की बाहरी परिधि की दीवार से बहुत आगे था।​ पहला धमाका रात 1 बजकर 37 मिनट पर और दूसरा धमाका ठीक 5 मिनट बाद 1 बजकर 42 मिनट पर हुआ। प्रारंभिक इनपुट के अनुसार​ वायुसेना के एक गश्ती दल ने विस्फोटक को गिराते हुए देखा और क्षेत्र में पहुंचे। ​
गश्ती दल के दो कर्मियों को मामूली चोटें आईं।​ इसी के बाद बम निरोधक दस्ते, फोरेंसिक, भारतीय वायुसेना, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की कई टीमों को मौके पर भेजा गया​​। ऐसी जानकारी मिली है कि हाल ही में पाकिस्तान के आतंकी संगठनों ने चीन से ड्रोन खरीदे थे​​।​ इन ड्रोन के जरिए एक बार में ​20 किलो तक के पेलोड ले जाए जा सकते थे और ये एक बार में 25 किलोमीटर दूर तक उड़ान भरने में सक्षम थे​​।​ बताया जा रहा है कि अक्टूबर-​नवम्बर,​ 2020 में इन्हें एक​ तय टारगेट पर ​आईईडी गिराने के लिए ट्रेन्ड किया गया था​​।​ भारत भी बड़ी संख्या में ड्रोन रोधी तकनीक हासिल करने की प्रक्रिया में है। नौसेना ​के लिए ​हाल ही में इजरायली ड्रोन रोधी प्रणाली ​'​स्मैश 2000 प्लस​'​ ​खरीदी गई है।​ ​रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने ​भी ​एक ड्रोन रोधी प्रणाली विकसित की है जिसे​ ​स्वतंत्रता दिवस ​पर ​प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ​के संबोधन के समय लाल किले पर तैनात किया गया था​​।​  
 सेना के एक पूर्व अधिकारी का कहना है कि हमारे युद्ध अध्ययन उग्रवाद का मुकाबला करने के लिए बहुत सीमित हैं​​।​ हमने युद्ध के तकनीकी सहायता प्राप्त बदलते डोमेन को आसानी से अनदेखा कर दिया है। हमें संबंधित तकनीकों का अध्ययन करने और उससे निपटने के उपायों के लिए एक सीओई की आवश्यकता है।​ ​ऐसे ड्रोन की जांच के लिए हाई पावर सर्विलांस सिस्टम, लॉन्ग रेंज रडार पर काम करना चाहिए और अगर संभव हो तो एयरपोर्ट के पास ऐसे ड्रोन को उतारने के लिए इजरायली आयरन डोम जैसी प्रणाली का इस्तेमाल करें​​।​ यह हाई सिक्योरिटी एरिया में सेंध है, इसकी ठोस जांच की जरूरत है​​।

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'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया  कविता गर्ग  मुंबई। राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन से मु...