राणा ओबरॉय
चंडीगढ़। मानसून की उत्तरी सीमा 19 जून से बाड़मेर, भीलवाड़ा, धौलपुर, अलीगढ़, मेरठ, अम्बाला, अमृतसर पर ही बनी हुई है तथा इस के बाद मॉनसूनी हवायों के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियां पश्चिमीविक्षोभ के प्रभाव के कारण ऊपरी सतह की अधिक ऊँचाई वाली पाश्चिमी हवायों के चलने के कारण नहीं बन पा रही है। मॉनसून टर्फ उत्तर में ऊपर हिमालय की तलहटियों की तरफ बढ़ने के कारण मानसूनी हवाएँ नीचे की तरफ हरियाणा की और नहीं बढ पा रही है।
मानसूनी हवायों की सक्रियता के लिए अनुकूल परिस्थितियां अगले पांच से सात दिनों के बाद ही बनने की सम्भावना है। पश्चिमीविक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण राजस्थान के ऊपर बने एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन से उत्तरी व दक्षिण पाश्चिमी क्षेत्रों में 24 से 26 जून के बीच धूलभरी हवायों व गरजचमक के साथ कहीं बूंदाबांदी व कहीं हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई।