अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों की बोर्ड की ओर से 12वीं की परीक्षा निरस्त करने की मांग करनेवाली याचिका निस्तारित कर दी है। आज आंध्र प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी है। कोर्ट ने आज अपने पहले के उस आदेश को दोहराया जिसमें कहा गया है कि सभी राज्य आंतरिक मूल्यांकन का रिजल्ट सीबीएसई और आईसीएसई की तरह ही 31 जुलाई तक जारी करें। सुनवाई के दौरान आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि राज्य सरकार ने स्थिति की दोबारा समीक्षा की और उसके बाद 12वीं की परीक्षा निरस्त करने का फैसला किया।
आंध्र प्रदेश सरकार की इस दलील के बाद कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारों की ओर से 12वीं की परीक्षाएं निरस्त करने के बाद अब कोई आदेश देने की जरूरत नहीं है।पिछले 24 जून को कोर्ट ने सभी राज्यों में 12वीं के मूल्यांकन का तरीका एक जैसा रखने का निर्देश देने से इनकार किया था। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि हर राज्य का शिक्षा बोर्ड स्वायत है, अपने हिसाब से निर्णय ले सकता है। 12वीं के रिजल्ट के लिए अंतिम तिथि घोषित करने पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यूजीसी से कहा जाएगा कि सभी राज्य बोर्ड को एक कट ऑफ डेट दें। 24 जून को सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार की 12वीं की परीक्षा जुलाई में करने के फैसले की आलोचना की थी।
कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार से कहा था कि अगर आप जुलाई के अंत में परीक्षा लेंगे तो ये काफी अनिश्चितता हो जाएगी। आप रिजल्ट कब जारी करेंगे। दूसरे कोर्स में दाखिला के लिए आपके रिजल्ट का कोई इंतजार नहीं करेगा। कोर्ट ने कहा था कि अन्य बोर्डों ने जमीनी हकीकत को देखते हुए सोच-समझकर फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डेल्टा वैरिएंट भी आ रहा है। इसे लेकर कोई असमंजस नहीं होना चाहिए। यह लोगों के स्वास्थ्य का सवाल है।