शुक्रवार, 25 जून 2021

डेल्टा प्लस वैरिएंट ने सीएम योगी की चिंता बढ़ाईं: यूपी

हरिओम उपाध्याय              
लखनऊ। देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट डेल्टा प्लस से संक्रमित मरीज पाए जा रहे हैं। इसको लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की चिंता बढ़ गई है। शुक्रवार को टीम-9 के साथ कोविड प्रबंधन को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि कोविड के डेल्टा प्लस वैरिएंट की गहन पड़ताल के लिए अधिकाधिक सैम्पल की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश को विशेष सतर्कता बरतनी होगी। 
विशेषज्ञों के अनुसार इस बार का वैरिएंट पहले की अपेक्षा कहीं अधिक खतरनाक है। राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ परामर्श समिति ने इससे बचाव के लिए विस्तृत अनुशंसा रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट के अनुसार, अपेक्षाकृत अन्य आयु के लोगों के, बच्चों पर कहीं अधिक दुष्प्रभाव डालने वाला हो सकता है। विशेषज्ञों के परामर्श के अनुरूप बिना देर किए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। 
उन्होंने कहा कि रेलवे, बस, वायु मार्ग से प्रदेश में आ रहे लोगों के सैम्पल लेकर जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जानी चाहिए। जिलों से भी सैम्पल लिए जाएं। रिजल्ट के अनुसार डेल्टा प्लस प्रभावी क्षेत्रों की मैपिंग कराई जाए। प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा के लिए केजीएमयू और बीएचयू में आवश्यक व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जाएं। 
योगी ने कहा कि विगत दिनों कराये गए सीरो सर्वे के प्रारम्भिक परिणाम अच्छे संकेत देने वाले हैं। शुरुआती नतीजों के मुताबिक सर्वेक्षण में लोगों में हाई लेवल एंटीबॉडी की पुष्टि हुई है। हमें यह समझना होगा कि वायरस से इस लड़ाई में सभी की भूमिका महत्वपूर्ण है। डबल मास्क, सैनिटाइजेशन, दो गज की दूरी जैसे कोविड बचाव सम्बंधी व्यवहार को हमें अपनी जीवन शैली में शामिल करना ही होगा। 
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश ऑक्सीजन जेनरेशन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रहा है। कल 05 और प्लांट की स्वीकृति दी गई है। लगातार प्रयासों से अब 114 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील हो चुके हैं। भारत सरकार के सहयोग से पीएम केयर्स के माध्यम से निर्माणाधीन ऑक्सीजन प्लांट्स को 15 अगस्त तक क्रियाशील कर लिया जाए। मॉनीटरिंग के लिए नोडल अधिकारी तैनात किया जाए। प्लांट स्थापना से जुड़े कार्यों की सतत् समीक्षा की जाए।
इस मौके पर टीम ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अब तक 2 करोड़ 90 लाख से अधिक वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं। करीब 42 लाख लोगों ने टीके के दोनों डोज प्राप्त कर लिए हैं। विकास खंडों को क्लस्टर में बांटकर वैक्सीनेशन की हमारी नीति के अच्छे परिणाम मिले हैं। 
अधिकारियों ने बताया कि संक्रमण दर 0.1 प्रतिशत से भी कम स्तर पर आ चुका है। जबकि रिकवरी दर 98.5 फीसद है। ज्यादातर जिलों में संक्रमण के नए केस इकाई अंकों में आ रहे हैं। वहीं, 50-52 से अधिक जिलों में 50 से कम एक्टिव केस ही हैं। वर्तमान में कुल एक्टिव केस घटकर 3423 रह गए हैं। 
उन्होंने बताया कि बीते 24 घंटे में एक ओर जहां 2 लाख 69 हजार 272 सैम्पल टेस्ट हुए, वहीं मात्र 226 नए पॉजिटिव केस आये और 320 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज भी हुए। उत्तर प्रदेश में अब तक 5 करोड़ 65 लाख 40 हज़ार 503 कोविड टेस्ट हो चुके हैं।

प्रौद्योगिकी मंत्री के खाते को अस्थायी रूप से बंद किया

अकांशु उपाध्याय               

नई दिल्ली। ट्विटर ने शुक्रवार को यूएस डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट कानून के कथित उल्लंघन को लेकर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद के खाते को अस्थायी रूप से बंद कर दिया। मंत्री ने अमेरिकी सोशल नेटवर्किंग कंपनी के इस कदम की आलोचना करते हुए इसे मनमाना और आईटी नियमों का घोर उल्लंघन बताया। ट्विटर को आड़े हाथ लेते हुए रवि शंकर प्रसाद ने अन्य सोशल मीडिया मंच कू पर लिखा कि ट्विटर का कदम आईटी नियमों का घोर उल्लंघन है। क्योंकि ”मंच मुझे मेरे खाते पर पहुंच से रोकने से पहले नोटिस देने में विफल रही।” बाद में चेतावनी के बाद खाते पर लगी रोक हटा ली गयी।

रवि शंकर प्रसाद के अनुसार यह साफ है कि ट्विटर की मनमानी, असहनशीलता को लेकर मैंने जो टिप्पणियां की और खासकर टीवी चैनलों को दिये साक्षात्कार के हिस्से जो साझा किये गये उसके जबर्दस्त प्रभाव से स्पष्ट तौर पर यह झल्लाहट सामने आई है। मंत्री ने कहा, ”दोस्तों! आज कुछ बहुत ही अनूठा हुआ। ट्विटर ने संयुक्त राज्य अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट अधिनियम के कथित उल्लंघन के आधार पर लगभग एक घंटे तक मेरे खाते तक पहुंच को रोका और बाद में उन्होंने मुझे खाते के उपयोग की अनुमति दी।”

आईटी मंत्री के ट्विटर खाते को ऐसे समय बाधित किया गया, जब अमेरिका की दिग्गज डिजिटल कंपनी का नए सोशल मीडिया नियमों को लेकर भारत सरकार के साथ विवाद चल रहा है। सरकार ने जानबूझकर अवज्ञा करने और देश के नए आईटी नियमों का पालन करने में विफल रहने को लेकर ट्विटर को फटकार लगाई है। इसके कारण माइक्रोब्लॉगिंग मंच ने भारत में अपनी मध्यस्थ स्थिति खो दी है। ऐसे में किसी भी गैरकानूनी सामग्री को पोस्ट करने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए वह जवाबदेह होगी।

10 तक 20 लाख वैक्सीन उपलब्ध कराने अपील की

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने केंद्रशासित प्रदेश के लिए आगामी 10 जुलाई तक 20 लाख कोविड वैक्सीन उपलब्ध कराने की केंद्र से अपील की है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में गुरुवार को यहां एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता ने केंद्र से यह अपील की।

डॉ. मेहता ने कहा कि जम्मू कश्मीर में 85 प्रतिशत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, 84 प्रतिशत अग्रिम मोर्चा कार्यकर्ताओं और 80 प्रतिशत 45 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। जबकि 18-45 आयु वर्ग में केवल 10 प्रतिशत आबादी को ही टीका लगाया जा सका है।

कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को दरकिनार किया: एससी

अकांशु उपाध्याय               

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने नारद स्टिंग मामले में पश्चिम बंगाल सरकार के हलफनामे को रिकॉर्ड में लेने से इंकार करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को शुक्रवार को दरकिनार कर दिया। शीर्ष अदालत ने संबंधित हलफनामा समय पर दायर न करने का कारण बताते हुए उच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल करने का राज्य सरकार, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कानून मंत्री मलय घटक को अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की अवकाशकालीन खंडपीठ ने इन सभी को 28 जून तक अपनी अर्जियां दाखिल करने का निर्देश दिया है। उसने उच्च न्यायालय का नौ जून का आदेश निरस्त कर दिया, ताकि अर्जियों का दाखिल किया जाना सुनिश्चित हो सके।

सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं को यह भी निर्देश दिया है कि वह सीबीआई को 27 जून तक अपनी अर्जियों की प्रति उपलब्ध करा दें। खंडपीठ ने साथ ही उच्च न्यायालय को सलाह दी कि वह हलफनामों को स्वीकार करने की अर्जी पर सुनवाई के लिए निर्धारित तारीख 29 जून को विचार करे।

ममता बनर्जी और मलय घटक ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के नौ जून के आदेश के विरुद्ध शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। उच्च न्यायालय ने नौ जून को नारद स्ट्रिंग टेप मामले को स्थानांतरित करने की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अर्जी पर सुनवाई के दौरान उनके हलफनामे रिकॉर्ड पर लेने से इंकार कर दिया था। गत 22 जून को मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध थी, लेकिन न्यायमूर्ति बोस ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। उसके बाद मामले की सुनवाई के लिए मौजूदा पीठ का गठन किया गया था। नयी पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए आज की तारीख मुकर्रर की थी।

मोदी सरकार की चाल का विरोध करना चाहिए: सचिन

कविता गर्ग            

मुंबई। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति के महासचिव एवं प्रवक्ता सचिन सावंत ने शुक्रवार को केंद्र पर हमला बाेलते हुए कहा कि सभी जांच एजेंसियां नरेंद्र मोदी नीत सरकार के समक्ष पूरी तरह समर्पण कर चुकी हैं और उनका उपयोग विपक्ष के खिलाफ राजनीतिक हथियार के रूप में किया जा रहा है। सचिन सावंत ने ट्वीट कर कहा, “ एमवीए सरकार में शामिल तीनों दलों को राज्य सरकार को बदनाम करने की मोदी सरकार की इस चाल का एक साथ विरोध करना चाहिए। हमें लोकतंत्र को बचाना चाहिए।” 

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, “ ईडी अनिल देशमुख के आवास पर छापेमारी के दौरान क्या तलाशने की कोशिश कर रहा है। यहां तक ​​कि वाजे और परमबीर सिंह ने भी कभी नहीं कहा कि पैसा दिया गया था। उन्होंने आगे कहा , “ अगर ईडी को लगता है कि पैसा दिया गया था तो वाजे और परमबीर के यहां छापे क्यों नहीं मारे गए। जिन्होंने कथित तौर पर पैसे दिए थे। यह लोकतंत्र की दुखद स्थिति है।” उल्लेखनीय है कि ईडी की एक टीम ने पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के आवास पर आज ही छापा मारा है।

सभी स्वास्थ्य केंद्रों को सक्रिय करने के आदेश दिएं

अश्वनी उपाध्याय               

गाजियाबाद। सरकारी कागजों में गाज़ियाबाद जिले में 118 स्वास्थ्य उप-केंद्र हैं। किन्तु, इनमें से 28 केंद्र ऐसे हैं, जो कई सालों से ताला लटका हुआ है और अब ये केंद्र जर्जर अवस्था में पहुँच चुके हैं। तत्कालीन जिलाधिकारी डॉ. अजय शंकर पांडेय ने भी निरीक्षण के बाद सभी स्वास्थ्य केंद्रों को सक्रिय करने के आदेश दिए थे। लेकिन अभी तक एक भी शुरू नहीं हुआ है।

बंद पड़े उप-केन्द्रों में से अधिकांश केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे स्थान पर हैं। जो आबादी से काफी दूर सुनसान क्षेत्रों में हैं। इस वजह से वहां आशा और एएनएम अकेले जाने में डरती हैं। कई जगहों पर एएनएम सामुदायिक भवन या आंगनबाड़ी केंद्र में टीकाकरण करती हैं।

बलात्कार के आरोप में मुजलिमों के नाम पर मुकदमा

कौशाम्बी। दो वर्ष पूर्व पूरामुफ्ती थाना से बलात्कार के आरोप में जेल गए मुजलिमों के नाम पर एफआईआर लगाने के लिए आरोपी के परिजन से पूरामुफ्ती थाना में तैनात एक हेड कांस्टेबल ने एक लाख पंचानबे हजार रुपए ले लिया था। अब जो चायल सर्किल के एक थाना में तैनात है। एक लाख पंचानबे हजार रुपए में नीचे से लेकर ऊपर तक के अफसरों ने मिलकर बंदरबाट किया है। 
अब उक्त लोगों का जेल जाना तय हो गया है।
अवैध वसूली के प्रकरण को एडीजी प्रयागराज गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए क्षेत्राधिकारी चायल को निष्पक्ष जांच के लिए आदेश दे दिए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रिश्वतखोर सिपाही आलाधिकारियों को गुमराह कर रेपोस्टिंग कराने में भी कामयाब रहा और इसी थाना क्षेत्र के रहीमाबाद चौकी में कई वर्ष गुजारने के पश्चात फिर उसी थाना में तैनात है। जो नियम विरुद्ध है और तो और उक्त सिपाही पुलिस की ड्यूटी करते हुए अवैध वसूली की काली कमाई के दम पर साम्राज्य स्थापित करने में कामयाब रहा। प्रयागराज के राजरूपपुर और कौशाम्बी जनपद के रसूलाबाद उर्फ कोइलाहा में अवैध वसूली के दाम पर बेशकीमती जमीन खरीदने में भी कामयाब रहा। 
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कौशाम्बी और प्रयागराज जनपद में कार्यकाल पूर्ण होने के पश्चात उच्चाधिकारियों ने इनका ट्रांसफर गैर जनपद कर दिया है। लेकिन फिर भी इस जनपद और थाना से मोहभंग नही हो रहा है। इस थाना और जनपद में उक्त सिपाही को क्या मिल गया है। जो इस जनपद और थाना से मोहभंग नही हो रहा है। यह जांच का विषय है।
राजकुमार 

'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला

'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। संसद सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर...