गुरुवार, 24 जून 2021
13वीं बार फिर पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोतरी
तीरथ के सीएम बने रहने की राह में अडंगा लगाया
तीसरी लहर के बीच डेल्टा प्लस वेरिएंट ने चिंता बढ़ाईं
बेसिक शिक्षा विभाग की संयुक्त बैठक आयोजित की
किसान नेता टिकैत ने केन्द्र सरकार पर कसा तंज
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं किसान नेता राकेश टिकैत ने केन्द्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि 7 माह से किसान शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहा है। क्या सरकार को यह सुनकर शर्म नहीं आती। इससे पूर्व ट्वीटर पर ट्वीट करते हुए राकेश टिकैत ने कहा था कि 4 लाख ट्रैक्टर भी यहीं है और 25 लाख किसान भी यहीं हैं।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि ये 4 लाख ट्रैक्टर और 25 लाख लोग यहां हैं। ये ट्रैक्टर इसी देश के हैं और अफगानिस्तान से नहीं आए हैं। हम पिछले 7 महीनों से शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं, क्या सरकार को यह सुनकर शर्म नहीं आती कि किसानों का क्या कहना है। यह लोकतंत्र में काम नहीं करता। राकेश टिकैत ने सोशल मीडिया इससे पहले तंज कसते हुए कहा था कि चार लाख ट्रैक्टर भी यही हैं और 25 लाख किसान भी यहीं हैं। उन्होंने यह ट्वीट करते हुए बिल वापसी ही घर वापसी का हैशटेग का यूज करते हुए लिखा था कि 4 लाख ट्रैक्टर भी यहीं है।
दिल्ली के ढब को खड़े-खड़े घे करें वे। वो 25 लाख किसान भी यही हैं औश्र 26 तारीख भी हर महीने आती है। ये सरकार याद रख लें। कुछ दिनों पहले राकेश टिकैत ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से कोलकाता में किसानों से जुड़े मामलों पर वार्ता की थी। ममता ने इस बैठक में किसान नेताओं को नये कृषि कानूनों के विरूद्ध आंदोलन के समर्थन करने का आश्वासन दिया था। इसके साथ-साथ ममता बनर्जी ने कहा था कि राज्यों को निशाना बनाना संघीय ढांचे के लिये अच्छी बात नहीं है।
अबदुल्ला ने मीटिंग से पहले पीएम मोदी से वार्ता की
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज दिल्ली में जम्मू कश्मीर के मसले को लेकर बैठक करने वाले हैं। इस बैठक में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी पहुंच गये है। उन्होंने इस मीटिंग से पहले पीएम मोदी से वार्ता की है। बैठक में जम्मू कश्मीर के सभी दलों के नेताओं से पीएम मोदी बात करेंगे। इस मीटिंग में फारूक अब्दुल्ला शामिल होने के लिये दिल्ली पहुंचे हैं। उन्होंने कहा है कि हमें पाकिस्तान के बारे में वार्ता नहीं करनी है। हमें अपने वतन को लेकर गुफ्तुगू करनी है। उन्होंने कहा है कि जो भी हमारी मीटिंग में वार्ता होगी। इसकी जानकारी हम मीडिया को देंगे।
फारूक अब्दुल्ला ने एक निजी चैनल को बातचीत के दौरान बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से बुलाई गई बैठक जाने का भी वेलकम किया है। उन्होंने कहा है कि यह देर से आने लेकिन दुरूस्त आने जैसा है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि हम उम्मीद करेंगे पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह हम लोगों की बात को शांति से सुनकर कोई ऐसा समाधान निकाले कि जिससे प्रदेश में शांति कायम हो सके। फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि बैठक के बाद हम मीडिया को इस बारे में जानकारी देंगे कि हमने क्या प्रस्ताव रखें और क्या वार्ता हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि हम चाहते तो आसमान हैं लेकिन अभी पीएम मोदी से बात करेंगे ताकि सूबे में अमनक कायम हो सके।
गौरतलब है कि इसी हफ्ते गुपकार अलायंस की बैठक के पश्चात मुफ्ती महबूबा ने कहा था कि कश्मीर के मामले पर केन्द्र सरकार को पाक से भी वार्ता करनी चाहिए। इस दौरान महबूबा ने कहा था कि यदि सरकार अफगानिस्तान में तालिबान से बात कर सकी है तो कश्मीर के मसले पर पाक से वार्ता क्यों नहीं कर सकमी। जम्मू कश्मीर मुफ्ती महबूबा की इस बयान पर विरोध कर रहा है। इतना ही नहीं बल्कि डोगरा फ्रंट संगठन से जुडे लोग सड़कों पर उतरकर महबूबा को कारागार भेजने की मांग कर रहे हैं।
मौतों के आंकड़ों पर राजनीति करने का आरोप लगाया
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और काबीना मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने विपक्षी पर कोविड से हुई मौतों के आंकड़ों पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।काबीना मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों में हेराफेरी कर कुछ असामाजिक तत्व सरकार को बदनाम करने की कोशिश में लग गए हैं। आरटीआई से मिली जानकारी के बाद तथ्यों और आंकड़ों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया जिसके बाद से सोशल मीडिया पर यह मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने पहले वैक्सीन और अब मौत के आंकड़ों की राजनीति करना शुरु कर दिया है। बौखलाया विपक्ष उत्तर प्रदेश की जनता के बीच सिर्फ भ्रम की स्थिती पैदा कोशिश कर रहा है। विभाग की ओर से जारी आकड़े बताते हैं कि सोशल मीडिया पर आंकड़ों का हेरफेर कर यूपी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही
काबीना मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि एक तथाकथित एक्टिविस्ट ने आरटीआई में सरकार से पूछा कि जुलाई 2019-मार्च 2020 और जुलाई 2020 से मार्च 2021 तक उत्तर प्रदेश में कुल कितनी मौतें हुई है। जिसके बाद सोशल मीडिया पर इन आंकड़ों को कोरोना से जोड़ुने का प्रयास किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जनवरी 2021 में कुल 103000, फरवरी 2021 में 99100, मार्च 2021 में 70797 मौतें हुई हैं। वहीं अप्रैल 2021 में 61986 मौतें हुई है। गौर करने वाली बात है कि जिन आंकड़ों को कोविड के साथ जोड़ा जा रहा है वो गलत है क्योंकि कोरोना की पहली लहर मार्च 2020 से अगस्त 2020 तक ही थी, वहीं दूसरी लहर की बात की जाए तो अप्रैल 2021 से कोविड के मामले बढ़ते दिखाई दे रहे है। ऐसे में सवाल उठता है कि जिन लोगों के आंकड़ों में हेराफेरी की है, उन्हें अप्रैल का आंकड़ा भी उजागर करना चाहिए था।
विभाग की तरफ से जारी आंकड़े बताते हैं कि जनवरी, फरवरी और मार्च 2021 में मौतें ज्यादा हुई लेकिन वो कोरोना से नहीं हुई। क्योंकि कोविड की दूसरी लहर अप्रैल 2021 में आनी शुरु हुई थी और अप्रैल की आंकड़े इस महीनों से काफी कम है। उत्तर प्रदेश सरकार पहली ऐसी सरकार है जिसने कोविड को लेकर समय रहते अस्पतालों में बेड्स की संख्या और टेस्टिंग की क्षमता को तेजी से बढ़ाया है।
'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला
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