बुधवार, 23 जून 2021

अफ्रीका: आतंकियों ने 11 पुलिसकर्मियों की हत्या की

प्रिटोरिया। उत्तर बुर्किना फासों में अज्ञात आतंकवादियों ने 11 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी है।
स्थानीय सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा, "उत्तरी बुर्किना फासो में अज्ञात आतंकवादियों ने कल (सोमवार) को घात लगकार हमला किया तथा 11 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी।" सूत्रों के मुताबिक छह अन्य पुलिसकर्मी लापता हैं।
उल्लेखनीय है कि पश्चिमी अफ्रीकी देश बुर्किना फासो साहेल के कुख्यात क्षेत्र में स्थित है। जो आतंकवादी गतिविधियों और डाकुओं के लिए एक पनाहगार है। नाइजर और माली की सीमा से लगे देश बुर्किना फासो के उत्तरी क्षेत्र विशेष रूप से विभिन्न सशस्त्र समूहों के आतंकवादियों के हमले होते रहते है।

पेट्रोल-डीजल के दाम रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर स्थिर

अकांशु उपाध्याय          
नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल के दाम आज रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर स्थिर रहे। इससे पहले मंगलवार को इनके मूल्य बढ़ाये गये थे।
अग्रणी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 97.50 रुपये और डीजल की कीमत 88.23 रुपये प्रति लीटर पर अपरिवर्तित रही। दिल्ली में जून में अब तक पेट्रोल का मूल्य 3.27 रुपये और डीजल की कीमत 3.08 रुपये बढ़ चुकी है। इससे पहले मई में पेट्रोल 3.83 रुपये और डीजल 4.42 रुपये महँगा हुआ था।
दूसरे शहरों में भी कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ। मुंबई में पेट्रोल 103.63 रुपये और 95.72 रुपये प्रति लीटर के भाव बिका। चेन्नई में एक लीटर पेट्रोल 98.65 रुपये का और डीजल 92.83 रुपये का बिका। कोलकाता में पेट्रोल 97.38 रुपये और डीजल 91.08 रुपये प्रति लीटर मिला।
पेट्रोल-डीजल के मूल्यों की रोजाना समीक्षा होती है और उसके आधार पर हर दिन सुबह छह बजे से नयी कीमतें लागू की जाती हैं।

5 माह तक अतिरिक्त अनाज के आवंटन को मंजूरी दी

अकांशु उपाध्याय              
नई दिल्ली। सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत पांच माह के लिए अतिरिक्त अनाज के आवंटन को बुधवार को मंजूरी दे दी। यह आवंटन जुलाई से नवम्बर के लिए किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की यहां हुई बैठक में आशय के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गयी। इस योजना के तहत पांच माह तक देश के खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आने वाले 81.35 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज मुफ्त उपलब्ध कराया जायेगा। इस पर करीब 64031 करोड़ रुपये के सब्सिडी दिए जाने का अनुमान है। 
केन्द्र सरकार इस योजना के लिए पूरी राशि उपलब्ध करा रही है।अनाज के परिवहन तथा डीलर के कमीशन आदि पर करीब 3234.85 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च होंगे। इस प्रकार इस योजना पर कुल व्यय 67266.44 करोड़ रुपये होगा। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग चावल या गेहूं के आवंटन पर निर्णय करेगा। इस योजना के लिए लगभग 204 लाख टन अनाज की जरुरत होगी।

40 फीसदी रकम की वसूली शेयरों की बिक्री से हुईं

अकांशु उपाध्याय                
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि पीएनबी घोटाले और भगोड़े कारोबारी विजय माल्या की बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े धोखाधड़ी मामलों में बैंकों की करीब 40 फीसदी रकम की वसूली धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जब्त किए गए शेयरों की बिक्री से हुई है।
ईडी ने कहा कि माल्या को उधार देने वाले गठजोड़ की ओर से ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) ने बुधवार को यूनाइटेड ब्रेवरीज लिमिटेड (यूबीएल) के 5,800 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे गए, जिन्हें एजेंसी ने पीएमएलए प्रावधानों के तहत जब्त किया था। ईडी ने यह कुर्की 65 वर्षीय माल्या के खिलाफ अपनी आपराधिक जांच के हिस्से के रूप में की। माल्या इस समय ब्रिटेन में हैं।
ईडी ने कहा कि मुंबई में विशेष पीएमएलए अदालत के निर्देश पर उसने जब्त किए गए शेयर (यूबीएल के लगभग 6,600 करोड़ रुपये के शेयर) एसबीआई की अगुवाई वाले गठजोड़ को सौंपा, जिसके बाद डीआरटी ने यह कार्रवाई की। जांच एजेंसी ने कहा कि माल्या और भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी, जो पीएनबी घोटाले में शामिल थे, ने ‘‘सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को उनकी कंपनियों के जरिए धन की हेराफेरी करके धोखा दिया, जिसके चलते बैंकों को कुल 22,585.83 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अब तक एजेंसी ने इन दो बैंक धोखाधड़ी मामलों में कुल 18,170.02 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। ईडी ने कहा, ‘‘कुल 9,041.5 करोड़ रुपये की संपत्ति, जो बैंकों को हुए कुल नुकसान का 40 प्रतिशत है, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को सौंप दी गई है। जांच एजेंसी ने आगे कहा कि शेयरों की बिक्री से 800 करोड़ रुपये की और वसूली 25 जून तक होने की उम्मीद है।

महाराष्ट्र: चमगादड़ों के स्वैब में निपाह वायरस मिला

कविता गर्ग              
सतारा। अभी देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है। महाराष्ट्र इससे संघर्ष करने वालों में सबसे ऊपर था। अभी यह संघर्ष खत्म ही नहीं हुआ था कि सतारा जिले के महाबलेश्वर की गुफाओं में निपाह वायरस का पता चला है। महाराष्ट्र के मिनी कश्मीर के नाम से मशहूर महाबलेश्वर के जंगलों में एक गुफा के अंदर रहने वाले चमगादड़ों में निपाह वायरस की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। 
इस बात से महाबलेश्वर के स्थानीय लोग परेशान हैं।जबकि स्थानीय कलेक्टर कार्यालय और वन विभाग को इसकी कोई जानकारी नहीं है। मार्च 2020 में पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिकों ने महाबलेश्वर की एक गुफा में चमगादड़ों के गले से स्वैब के नमूने लिए। सैंपल की जांच के बाद पता चला कि चमगादड़ों के स्वैब में निपाह वायरस मिला है। वैज्ञानिकों की टीम का नेतृत्व डॉ. प्रज्ञा यादव कर रही थीं। डॉ. प्रज्ञा यादव के अनुसार, इससे पहले निपाह वायरस महाराष्ट्र के किसी भी चमगादड़ में नहीं मिला था। निपाह वायरस अगर इंसानों में फैलता है तो जानलेवा हो सकता है। निपाह वायरस का अभी तक कोई इलाज नहीं खोजा जा सका है, इसलिए मृत्यु का जोखिम 65 से 100 प्रतिशत है।

मस्ज़िद पर दावा करनेवाली याचिका पर सुनवाई टाली

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। साकेत कोर्ट ने 27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर कुतुब मीनार परिसर में बने कुव्वत-उल-इस्लाम मस्ज़िद पर दावा करनेवाली याचिका पर सुनवाई टाल दी है। इस मामले पर अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी।
24 दिसंबर 2020 को कोर्ट ने याचिकाकर्ता को ये बताने का निर्देश दिया था कि भक्त की हैसियत से याचिका दाखिल करने का क्या औचित्य है। कोर्ट पूछा था कि ये बताइए कि क्या कोर्ट ट्रस्ट के गठन का आदेश दे सकता है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता वकील हरिशंकर जैन ने कोर्ट से कहा था कि इस मामले में इस बात को लेकर कोई विवाद नहीं है कि मंदिरों को ध्वस्त किया गया था। लिहाजा इसको साबित करने की ज़रूरत नहीं। पिछले आठ सौ से ज़्यादा सालों से हम पीड़ित हैं। अब पूजा का अधिकार मांग रहे हैं।
जो कि हमारा मूल अधिकार है। जैन ने कहा था कि वहां पिछले आठ सौ साल से नमाज़ नहीं पढ़ी गई है। मस्जिद के तौर पर इसका इस्तेमाल ही नहीं हुआ। हरिशंकर जैन ने अपनी दलीलों के समर्थन में वहाँ मौजूद लौह स्तम्भ, भगवान विष्णु और दूसरे आराध्य देवी-देवताओं की खण्डित मूर्तियों का हवाला दिया था। सुनवाई के दौरान वकील विष्णु जैन ने कहा था कि ये राष्ट्रीय शर्म का विषय है। देशी-विदेशी तमाम लोग वहां पहुचते हैं, देखते हैं कि कैसे खण्डित मूर्तियां वहां पर हैं। हमारा मकसद अब वहां किसी विध्वंस के लिए कोर्ट को आश्वस्त करना नहीं है। हम सिर्फ अपना पूजा का अधिकार चाहते हैं। तब जज नेहा शर्मा ने पूछा था कि आप पूजा का अधिकार मांग रहे हैं। अभी जगह एएसआई के कब्ज़े में है। तो दूसरे तरीके से आप ज़मीन पर कब्ज़ा मांग रहे हैं। तब हरिशंकर जैन ने कहा था कि हम ज़मीन पर अपना मालिकाना हक़ नहीं मांग रहे हैं। 
बिना मालिकाना हक़ दिए भी पूजा का अधिकार दिया जा सकता है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा था कि आपकी इस याचिका को दायर करने का क्या औचित्य है। किस हक़ से आप याचिका दायर कर रहे हैं। तब याचिकाकर्ता ने कहा था हमने देवता और भक्त, दोनों ओर से याचिका दायर की है। एक भक्त के याचिका दायर करने के अधिकार को सुप्रीम कोर्ट ने भी मान्यता दी है। आप मेरे अधिकार को खारिज नहीं कर सकते हैं।
याचिका पहले जैन तीर्थंकर भगवान ऋषभ देव, भगवान विष्णु की ओर से हरिशंकर जैन, रंजना अग्निहोत्री और जीतेंद्र सिंह बिसेन ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि मुगल बादशाह कुतुबद्दीन ऐबक ने 27 हिंदू और जैन मंदिरों की जगह कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद बना दिया। ऐबक मंदिरों को पूरी तरह से नष्ट नहीं कर सका और मंदिरों के मलबे से ही मस्जिद का निर्माण किया गया। याचिका में कहा गया है कि कुतुब मीनार परिसर के दीवारों, खंभों और छतों पर हिन्दू और जैन देवी-देवताओं के चित्र बने हुए हैं। इन पर भगवान गणेश, विष्णु, यक्ष, यक्षिणी. द्वारपाल. भगवान पार्श्वनाथ. भगवान महावीर, नटराज के चित्रों के अलावा मंगल कलश, शंख, गदा, कमल, श्रीयंत्र, मंदिरों के घंटे इत्यादि के चिह्न मौजूद हैं। ये सभी बताते हैं कि कुतुब मीनार परिसर हिंदू और जैन मंदिर थे। याचिका में कुतुब मीनार को ध्रुव स्तंभ बताया गया है।
याचिका में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया(एएसआई) के उस संक्षिप्त इतिहास का जिक्र किया गया है जिसमें कहा गया है कि 27 मंदिरों को गिराकर उनके ही मलबे से कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद का निर्माण किया गया। याचिका में मांग की गई है कि इन 27 मंदिरों को पुनर्स्थापित करने का आदेश दिया जाए और कुतुब मीनार परिसर में हिंदू रीति-रिवाज से पूजा करने की इजाजत दी जाए। बता दें कि इस विवादित स्थान को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय महत्व का मकबरा घोषित किया था। इस मकबरे की देखरेख एएसआई करती है। एएसआई एंशिएंट मॉनूमेंट्स एंड आर्कियोलॉजिकल साईट्स एंड रिमेंस एक्ट के प्रावधानों के तहत इस मकबरे की देखभाल और संरक्षण का काम करती है। याचिका में मांग की गई है कि केंद्र सरकार को एक ट्रस्ट का गठन कर इस स्थान का प्रबंधन उसे सौंपने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है।

फेसबुक-व्हाट्सएप की ओर से दायर याचिका खारिज

अकांशु उपाध्याय              
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने नई प्राईवेसी पॉलिसी के बारे में कुछ सूचनाओं की मांग करने के लिए जारी प्रतिस्पर्द्धा आयोग की नोटिस के खिलाफ फेसबुक और व्हाट्सएप की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी है। पिछले 21 जून को जस्टिस अजय जयराम भांभानी की अध्यक्षता वाली बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
व्हाट्सएप और फेसबुक की ओर से पेश वकील हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से प्रतिस्पर्द्धा आयोग के पिछले 4 जून के नोटिस पर रोक लगाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि मामले की सुनवाई की अगली तिथि तक प्रतिस्पर्द्धा आयोग को व्हाट्सएप और फेसबुक के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करे। उन्होंने कहा था कि नई प्राईवेसी पॉलिसी के मामले पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। 
ऐसे में प्रतिस्पर्द्धा आयोग को इंतजार करना चाहिए था। हरीश साल्वे ने कहा था कि व्हाट्सएप की 2021 की प्राईवेसी पॉलिसी 2016 की प्राईवेसी पॉलिसी की तरह ही है। व्हाट्सएप ने केवल प्राईवेसी पॉलिसी में अपडेट किया है।
सुनवाई के दौरान प्रतिस्पर्द्धा आयोग की ओर से पेश एएसजी अमन लेखी ने कहा था कि नोटिस उस जांच से जुड़ा है जिसपर हाईकोर्ट ने कोई रोक नहीं लगाया है। उन्होंने कहा था कि प्रतिस्पर्द्धा आयोग के महानिदेशक को रिपोर्ट भेजे जाने तक व्हाट्सएप और फेसबुक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। तब कोर्ट ने पूछा था कि नोटिस भेजने की इतनी जल्दबाजी क्या थी। तब अमन लेखी ने कहा था कि इसमें लंबी जांच प्रक्रिया होती है इसलिए नोटिस भेजा गया है। इसमें निजता का कोई मामला नहीं है ये प्रतिस्पर्द्धा का मामला है। इसके व्यावसायिक आयाम हैं। बता दें कि व्हाट्सएप और फेसबुक ने प्रतिस्पर्द्धा आयोग के जांच के आदेश के खिलाफ सिंगल बेंच के आदेश को डिवीजन बेंच के समक्ष चुनौती दी है। 
चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है।
पिछले 22 अप्रैल को जस्टिस नवीन चावला की सिंगल बेंच ने व्हाट्सएप और फेसबुक की याचिका खारिज कर दिया था। इस आदेश को दोनों कंपनियों ने डिवीजन बेंच के समक्ष चुनौती दी है। सिंगल बेंच के समक्ष सुनवाई के दौरान व्हाट्सएप की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा था कि व्हाट्सएप की प्राईवेसी पॉलिसी पर प्रतिस्पर्धा आयोग को आदेश देने का क्षेत्राधिकार नहीं है। इस मामले पर सरकार को फैसला लेना है। उन्होंने कहा था कि व्हाट्सएप की नई प्राईवेसी पॉलिसी युजर्स को ज्यादा पारदर्शिता उपलब्ध कराना है। इस पॉलिसी से व्यावसायिक सेवाओं का बेहतर उपयोग करने की सुविधा है। व्हाट्सएप की व्यावसायिक सेवा अलग है जो फेसबुक से लिंक की गई है। उन्होंने कहा था कि व्हाट्सएप किसी युजर की निजी बातचीत को नहीं देखता है। नई प्राईवेसी पॉलिसी का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
प्रतिस्पर्द्धा आयोग की ओर से एएसजी अमन लेखी ने कहा था कि ये मामला केवल प्राईवेसी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ये डाटा तक पहुंच का है। उन्होंने कहा था कि प्रतिस्पर्द्धा आयोग ने अपने क्षेत्राधिकार के तहत आदेश दिया है। उन्होंने कहा था कि भले ही व्हाट्सएप की इस नीति को प्राईवेसी पॉलिसी कहा गया है लेकिन इसे मार्केट में अपनी उपस्थिति का बेजा फायदा उठाने के लिए किया जा सकता है।

बार-बार आंखों को रगड़ना बेहद नुकसानदायक

बार-बार आंखों को रगड़ना बेहद नुकसानदायक  सरस्वती उपाध्याय  आंख हमारे शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक हैं। जिसकी मदद से हम अपने आस-पास की ...