मंगलवार, 22 जून 2021

टीकाकरण राजनीति व बहस मुबाहिसे को खत्म किया

हरिओम उपाध्याय             

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने कोविड-19 टीकाकरण को लेकर राजनीति और बहस मुबाहिसे को खत्म करके इसका फायदा आम लोगों तक पहुंचाने का चौतरफा प्रयास करने की जरूरत बताई। मायावती ने मंगलवार को सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, “देश में कोरोना टीके के निर्माण व उसके बाद टीकाकरण आदि को लेकर विवाद, राजनीति, आरोप-प्रत्यारोप आदि अब काफी हो चुका। जिसका दुष्परिणाम यहां की जनता को काफी भुगतना पड़ रहा है। मगर अब वैक्सीन विवाद को विराम देकर इसका लाभ जन-जन तक पहुंचाने का चौतरफा प्रयास जरुरी है।”

गौरतलब है कि कोविड-19 के टीके की उपलब्धता में कमी और टीकाकरण अभियान की प्रगति धीमी होने का आरोप लगाकर विपक्ष इन दिनों सरकार पर हमलावर है। बसपा अध्यक्ष ने कहा, “भारत जैसे विशाल ग्रामीण बहुल देश में कोरोना टीकाकरण को जन अभियान बनाने तथा वैज्ञानिकों को समुचित समर्थन और प्रोत्साहन देने की कमी को भी दूर करना आवश्यक है। साथ ही, केंद्र तथा सभी राज्यों की सरकारों से बसपा की मांग है कि वे बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाएं।”


महाराष्ट्र में ‘डेल्टा प्लस’ के 21 मामलें सामने आएं

कविता गर्ग             

मुंबई। महाराष्ट्र में कोविड-19 के अत्यधिक संक्रामक स्वरूप ‘डेल्टा प्लस’ के अभी तक 21 मामले सामने आ चुके हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने सोमवार को बताया कि इस स्वरूप के सबसे अधिक नौ मामले रत्नागिरी, जलगांव में सात मामले, मुंबई में दो और पालघर, ठाणे तथा सिंधुदुर्ग जिले में एक-एक मामला सामने आया है। उन्होंने बताया कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से 7,500 नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। ये नमूने 15 मई तक एकत्रित किए गए थे और इनका जीनोम अनुक्रमण किया जा चुका है। जीनोम अनुक्रमण से सार्स-सीओवी2 में छोटे से छोटे उत्परिवर्तन (वायरस के स्वरूप बदलने का) का भी पता चल जाता है।

टोपे ने बताया कि जो लोग ‘डेल्टा प्लस’ से संक्रमित पाए गए हैं, उन्होंने हाल ही में यात्रा की थी या नहीं, कोविड-19 रोधी टीका लगवाया था या नहीं और क्या वे दोबारा संक्रमित हुए। उनसे जुड़ी अन्य जानकारी एकत्रित की जा रही है। उनके सम्पर्क में आए लोगों की भी पहचान की जा रही है।

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने पिछले सप्ताह एक प्रस्तुतिकरण (प्रेसेंटेशन) दिया था जिसमें कहा था कि संक्रमण का नया स्वरूप ‘डेल्टा प्लस’ राज्य में कोविड-19 की तीसरी लहर का कारण बन सकता है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राज्य कोविड-19 कार्य बल के सदस्य और स्वास्थ्य विभाग के सदस्य भी इस बैठक में शामिल हुए थे। यह नया स्वरूप ‘डेल्टा प्लस’ भारत में सबसे पहले सामने आए ‘डेल्टा’ या ‘B.1.617.2’ स्वरूप में ‘उत्परिवर्तन’ से बना है। भारत में संक्रमण की दूसरी लहर आने की एक वजह ‘डेल्टा’ भी था। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, सोमवार को महाराष्ट्र में कोविड-19 के 6,270 नए मामले सामने आने के बाद राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 59,79,051 हो गई। वहीं, 94 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,18,313 हो गई है।

यात्रियों और कंडक्टर में पहचान कर पाना मुश्किल

संदीप मिश्र                 
बरेली। रोडवेज के चालक-परिचालक बस का स्टेयरिंग अब सिविल ड्रेस में नहीं थाम सकेंगे। इसके लिए अधिकारियों ने सख्त आदेश जारी किया है। रूट पर अक्सर बस में यात्रियों और कंडक्टर में पहचान कर पाना मुश्किल होता है। चालक को सीट पर दिखता है, लेकिन परिचालक बस में कई बार सिविल ड्रेस में होने के कारण पहचान से बाहर होता है। लेकिन अब बस में चढ़ते ही चालक और परिचालक की अलग पहचान दिखेगी। इन नियमों का पालन नहीं करने पर चालक और परिचालक पर कार्रवाई भी जाएगी। रोडवेज के चालक और परिचालकों की लगातार शिकायतें मिलने के बाद अब उनके खिलाफ कार्रवाई का शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है। क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने अनिमियत और गैर जिम्मेदार चालक परिचालकों के खिलाफ अभियान चलाने और जुर्माना लगाने के आदेश जारी किए है। 
इसमें ड्रेस नहीं पहने मिलने पर 200 जुर्माना और बस को बाईपास से होकर गुजारकर ले जाने वालों पर 1000 और इससे ऊपर तक जुर्माना लगाया जा सकता है।अधिकारियों के पास पहुंच रही शिकायतों में पाया गया कि यात्री के हाथ देने पर भी रोडवेज की बसों को नहीं रोका जाता। न ही चालक परिचालक कोरोना गाइड लाइन का पालन करते है। चालक बस को बस अड्डे तक भी नहीं लेकर आते है। क्षेत्रीय प्रबंधक बरेली रीजन आरके त्रिपाठी का कहना है कि जो चालक परिचालक कोरोना गाइड लाइन का पालन नहीं करेंगे उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि इन पर कितना जुर्माना लगाया जाएगा इसके लिए अभी तक रकम तय नहीं की गई है। जल्द ही इस पर भी जुर्मानें का प्रावधान बनाया जाएगा।

इंडिया ने 16 सदस्यीय टीम का कप्तान नियुक्त किया

अकांशु उपाध्याय                                 
नई दिल्ली। हॉकी इंडिया ने अनुभवी स्ट्राइकर रानी को सोमवार को टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व करने वाली 16 सदस्यीय टीम का कप्तान नियुक्त किया है। रानी न केवल अपने ऑन-फील्ड प्रदर्शनों के लिए, बल्कि टीम में युवाओं का मार्गदर्शन करने की अपनी सहज क्षमता के लिए भी कप्तान के रूप में पहली पसंद हैं। हॉकी इंडिया ने इसके अलावा बेहद भरोसेमंद डिफेंडर दीप ग्रेस एक्का और अनुभवी गोलकीपरसविता को महिला टीम के दो उप कप्तानों के रूप में नियुक्त किया है। दोनों खिलाड़ी लगभग एक दशक से इंडियन कोर ग्रुप में हैं और लीडरशिप ग्रुप का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। उन्होंने भारत की शानदार जीतों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दोनों ने एफआईएच महिला विश्व कप में एक प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद 2018 में करियर की सर्वश्रेष्ठ नौ रैंकिंग हासिल की थी।
उल्लेखनीय है कि रानी की कप्तानी में भारतीय महिला हॉकी टीम ने पिछले चार वर्षों में महत्वपूर्ण परिणाम हासिल किए हैं, जिसमें 2017 में एशिया कप जीतना, एशियाई खेलों 2018 में रजत पदक जीतना, एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी 2018 में रजत और साथ ही 2019 में एफआईएच सीरीज का फाइनल जीतना शामिल है। रानी के नेतृत्व वाली टीम ने पहली बार लंदन में एफआईएच महिला विश्व कप 2018 के क्वार्टर फाइनल में भी जगह बनाई थी। वह भुवनेश्वर में एफआईएच ओलंपिक क्वालीफायर के दौरान भारत के प्रदर्शन का केंद्र बिंदु थीं, जहां उनके गोल ने टीम को क्वालीफिकेशन के लिए अमेरिका के खिलाफ 6-5 से आगे कर दिया था।

फूड प्रासेसिंग फैक्ट्रियां स्थापित, 4074.02 करोड़

हरिओम उपाध्याय                 
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में फल और सब्जियों के प्रसंस्करण की क्षमता बढ़ाने को लेकर जागरूकता बढ़ी है। छोटे-छोटे कारोबारी ग्रामीण क्षेत्रों में सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत फूड प्रोसेसिंग (खाद्य प्रसंस्करण) यूनिट लगाने में रूचि दिखा रहे हैं। इन छोटे कारोबारियों को सरकार 10 लाख रुपये तक लागत वाली फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर 35 प्रतिशत की दर से ऋण में सब्सिडी देकर उनका उत्साह बढ़ा रही है जिसके चलते गावों में छोटे उद्योगों को आधुनिक बनाने और फूड प्रोसेसिंग की क्षमता बढ़ाने को लेकर तमाम प्रस्ताव उद्यान विभाग को प्राप्त हुए हुए जिन्हे जल्द ही मंजूरी मिल जायेगी।आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में 9301 सूक्ष्म खाद्य फूड प्रोसेसिंग उद्यमों को बढ़ावा देने का लक्ष्य तय किया है। इन उद्यमों में करीब 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। और हजारों किसानों को उनके उत्पाद की वाजिब कीमत मिल गांव में ही मिलेंगी, उन्हें लाभ होगा। उत्तर प्रदेश देश में फल और सब्जियों का सबसे बड़ा उत्पादक है। फिर भी राज्य में उत्पादित फल और सब्जियों की 10 फीसदी से कम की ही प्रोसेसिंग हो पाती थी। बड़ी मात्रा में जल्द खराब होने वाले खाद्य पदार्थ हर साल बर्बाद हो जाते थे। जिसके चलते किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम नहीं मिल पाता था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों की दिक्कतों को दूर करने के लिए कई फैसले लिए। किसानों के कर्ज को माफ़ करने के बाद किसानों को गन्ना, धान तथा गेहूं की खरीद का मूल्य दिलाने की व्यवस्था लागू की और इसके साथ ही फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में निवेश को बढ़ाबा देने के लिए खाद्य प्रसंस्करण नीति 2017 तैयार कराई।सूत्रों ने बताया कि इस नीति में फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने वाले उद्यमी को कई तरह की रियायते देने का ऐलान किया गया। प्रदेश सरकार की इस नीति से प्रभावित होकर वर्ष 2018 से अब तक 4109.74 करोड़ रुपए की लागत वाले 803 आवेदन उद्यमियों से प्राप्त हुए। इन आवेदनों में फल -सब्जी प्रसंस्करण के 81, उपभोक्ता उत्पाद के 232, खाद्यान्न मिलिंग के 397, हर्बल प्रोसेसिंग के 03, दुग्ध प्रसंस्करण के 35, तिलहन प्रसंस्करण के 27, दलहन प्रसंस्करण के 15, मांस प्रसंस्करण के 08, रेफर वैन के 10, मेगा फ़ूड पार्क और एग्रो प्रोसेसिंग का एक प्रस्ताव है। इन उद्योगों के लिए सरकार के स्तर से उद्यमियों को जमीन उपलब्ध कराई गई है और कई यूनिटों में उत्पादन भी शुरु हो गया है। इसके अलावा बड़े उद्योगपतियों ने भी प्रदेश सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर अपनी इकाई राज्य में लगाने की पहल ही है। इन उद्योगपतियों ने बीते चार सालों में 9105.58 करोड़ रुपए की लागत वाली 139 फूड प्रासेसिंग यूनिट (फैक्ट्री) राज्य में स्थापित करने के प्रस्ताव सरकार को सौंपे, जिनमें से 101 से फूड प्रासेसिंग फैक्ट्रियों में उत्पादन शुरू हो गया है। इन 101 से फूड प्रासेसिंग फैक्ट्रियों की स्थापना पर 4074.02 करोड़ रुपए की लागत आयी है और इन फूड प्रासेसिंग फैक्ट्रियों में 20,176 लोगों को रोजगार मिला है। जबकि 38 फूड प्रासेसिंग फैक्ट्रियों के निर्माण का कार्य चल रहा है। इन फैक्ट्रियों में 21,111 लोगों को रोजगार मिलेगा।

दूसरी तिमाही में कारों की कीमतों में बढ़ोतरी: मारुति

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने सोमवार को कहा कि कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते वह चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में अपनी कारों की कीमतों में बढ़ोतरी करेगी। एमएसआई के कार्यकारी निदेशक (बिक्री एवं विपणन) शशांक श्रीवास्तव ने बताया, ”इस्पात और कुछ कीमती धातुओं, जैसे रोडियम और पैलेडियम की कीमतें काफी बढ़ गई हैं। अप्रैल में हमने उपभोक्ताओं पर बढ़ी हुई लागत का एक हिस्सा यह सोचकर डाला था, कि इन वस्तुओं की कीमतें आखिरकार नीचे आ जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अंतिम उपाय के रूप में हम कंपनी की वित्तीय सेहत को बचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि इस्पात की कीमत 38 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 68 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है, जबकि रोडियम की कीमत 19,000 रुपये प्रति ग्राम से बढ़कर लगभग 66,000 रुपये प्रति ग्राम हो गई है, जिससे उत्पादन लागत प्रभावित हुई है। दुनिया भर में सख्त उत्सर्जन मानकों को लागू किए जाने के चलते रोडियम और पैलेडियम की मांग कई गुना बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि निकट भविष्य में इन धातुओं की कीमतों में कमी आएगी, इसलिए बढ़ी हुई कीमतों के भार का कुछ हिस्सा जुलाई-सितंबर तिमाही में उपभोक्ताओं पर डाला जाएगा। इससे पहले मारुति सुजुकी ने शेयर बाजार को बताया, ”पिछले एक साल में विभिन्न कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण कंपनी के वाहनों की लागत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। 
ऐसे में कंपनी के लिए कीमतों में बढ़ोतरी के जरिये उपरोक्त अतिरिक्त लागत का कुछ प्रभाव ग्राहकों पर डालना अनिवार्य हो गया है। कंपनी ने अभी यह नहीं बताया कि कीमतों में कितनी बढ़ोतरी की जाएगी। वाहन कंपनी ने इससे पहले अप्रैल में भी कीमतों को बढ़ाया था। कंपनी ने कहा कि कीमतों में वृद्धि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर अवधि) में की जाएगी और यह विभिन्न मॉडलों के लिए अलग-अलग होगी।

अपना नाम बदलकर लोगों के दिल में जगह बनाएं

मनोज सिंह ठाकुर                      
ग्वालियर। भाजपा के राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को सलाह दी है कि वह अपना नाम बदलकर लोगों के दिल में जगह बनाए। सिंधिया ग्वालियर का नाम बदलने की कांग्रेस नेताओं की हालिया मांग के बारे पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। सिंधिया ने कहा, ” कोरोना जैसी महामारी के समय कांग्रेस नेताओं को राजनीति दिखाई दे रही है। पहले बोले कि वैक्सीन (टीके) नहीं लगवाना, फिर कहा गया कि वैक्सीन में किसी का मांस मिला हुआ है और ऐसे लोग ही स्वयं वैक्सीन लगवाने के लिए भाग रहे हैं। 

अब नाम बदलने में इतनी ही रुचि है तो कांग्रेस को चाहिए कि पहले वे अपनी पार्टी का नाम बदल लें और दोबारा से जनता के मन व दिल में स्थान बनाएं। मालूम हो कि ग्वालियर के कुछ स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने 18 जून को ग्वालियर का नाम बदलकर महारानी लक्ष्मीबाई नगर करने की मांग की थी। सिंधिेया ने कहा, ” हमारे प्रधानमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि कांग्रेस नामदार लोगों की पार्टी है और भाजपा कामदार लोगों की।” उन्होंने बताया कि ग्वालियर में जल्द ही एक हजार बिस्तर की क्षमता वाला अस्पताल शुरु किया जाएगा। सिंधिया भाजपा में शामिल होने से पहले कांग्रेस में थे।

अभिनेत्री नम्रता ने अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की

अभिनेत्री नम्रता ने अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की  कविता गर्ग  मुंबई। भोजपुरी सिनेमा की बोल्ड अदाकारा नम्रता मल्ला ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर ...