सोमवार, 21 जून 2021

तेज रफ्तार कैंटर ने मिनी ट्रक को मारी टक्कर, मौंत

अतुल त्यागी        
हापुड़। पिलखुवा के नेशनल हाईवे पर तेज रफ्तार कैंटर ने एक मिनी ट्रक को टक्कर मार दी। मिनी ट्रक में सवार करीब एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए और एक व्यक्ति की मौके पर मौंत हो गई। आपको बता दें पूरा मामला पिलखुवा कोतवाली क्षेत्र के नेशनल हाईवे का है। जहां बृजघाट से आ रहे मिनी ट्रक में सवार लोग बारिश पड़ने के कारण पुल के ऊपर मिनी ट्रक को रोककर उस पर तिरपाल ढकने लगे। जिससे बारिश से बचा जा सके। 
इतनी ही देर में गढ़ की तरफ से तेज रफ्तार से आ रहे कैंटर ने मिनी ट्रक में टक्कर मार दी। जिससे मिनी ट्रक में सवार करीब 1 दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए और एक व्यक्ति की मौके पर मौंत हो गई घायलों को पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अस्पताल में भर्ती कराया है। पिलखुवा कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सुबोध कुमार सक्सेना ने बताया कि सभी लोग गढ़ से आ रहे थे सभी लोग नोएडा के रहने वाले हैं और गढ़ से वापस नोएडा जा रहे थे कि तभी पिलखुवा के हाईवे पर यह सड़क हादसा हो गया। अस्पताल में घायलों का उपचार कराया जा रहा है। मृतक व्यक्ति के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

देश में वोट देने का अधिकार खत्म होना चाहिए: गिरी

बृजेश केसरवानी        

प्रयागराज। साधु संतो की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने योगी सरकार जनसंख्या नियंत्रण के लिए तैयार किए जा रहे कानूनी मसौदे का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि दो से अधिक बच्चे पैदा करने वाले व्यक्ति को देश में वोट देने का अधिकार खत्म होना चाहिए। परिषद के अध्यक्ष महंत गिरि ने सोमवार को कहा कि साधु संत पहले से ही ये मांग करते आए हैं कि देश में लगातार बढ़ रही जनसंख्या पर नियंत्रण होना चाहिए। जनसंख्या वृद्धि को कानून लाकर रोका नहीं गया तो आने वाले दिनों में बड़ा जनसंख्या विस्फोट हो सकता है। 

जनसंख्या नियंत्रण कानून के तहत यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सभी समुदाय को जनसंख्या नियंत्रण पर ध्यान देना चाहिए। जनसंख्या नियंत्रण से आने वाली अनेकों समस्याओं से निजात मिलेगी। महंत नरेंद्र गिरी ने कहा है कि दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले व्यक्ति को भारत में वोट देने का अधिकार खत्म कर देना चाहिए और सरकार से मिलने वाली सुविधाओं से वंचित किया जाना चाहिए। ऐसे लोगों का वोटर कार्ड और आधार भी नहीं बनना चाहिए। इसके साथ ही साथ ऐसे लोगों को सरकार से मिलने वाली सुविधाओं से भी वंचित किया जाना चाहिए।

14.81 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त राशन वितरण

हरिओम उपाध्याय              
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से तीन महीने तक 14.81 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त राशन वितरण रविवार से शुरू हो गया। प्रदेश सरकार 80 हजार कोटेदारों के माध्‍यम से गरीब व बेसहारा लोगों को राशन वितरण कर रही है। वहीं, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना तहत जो लाभार्थियों को राशन वितरण किया जा रहा है। वह भी पूर्व की तरह जारी रहेगा। ऐसे में इतने विशाल स्तर पर निःशुल्क राशन वितरण का यह अपनी तरह का सबसे बड़ा अभियान है। मुख्‍यमंत्री ने कोविड प्रोटोकाल के तहत सरकारी राशन की दुकानों से टोकन सिस्‍टम के तहत राशन वितरित किए जाने के निर्देश दिए हैं। 
बता दें कि राज्‍य सरकार की ओर से अंत्योदय और पात्र गृहस्थी राशन कार्डधारकों को 30 जून तक राशन दिया जाएगा। इसके अलावा जुलाई और अगस्त में भी मुफ्त राशन दिया जाएगा। वहीं, अंत्योदय कार्डधारकों को न्यूनतम दर पर तीन किलो चीनी भी दी जाएगी। अन्त्योदय कार्डधारकों को 35 किलो राशन (20 किलो गेहूं और 15 किलो चावल) और पात्र गृहस्थी राशन कार्डों से सम्बद्ध यूनिटों पर पांच किलो राशन प्रति यूनिट (तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल) दिया जाएगा। वहीं, ‘प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना’ के तहत भी नवम्बर तक राशन लाभार्थियों को मुफ्त दिया जाएगा। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि अन्त्योदय राशन कार्डधारक 1 करोड़ 30 लाख 07 हजार 969 और पात्र गृहस्थी राशन कार्डधारक 13करोड़ 41 लाख 77 हजार 983 मिलाकर कुल लगभग 14.81 करोड़ लाभार्थियों को राशन वितरण किया जाना है। इस योजना से दिहाड़ी मजूदर, पटरी दुकानदार, व ठेला लगाने वाले सैकड़ों लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। 
इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत प्रदेश में जो राशन वितरण किया जा रहा है। वह पहले की तरह जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि कोविड प्रोटोकाल के तहत उचित दर की दुकानों पर राशन वितरण के दौरान टोकन सिस्‍टम लागू किया जाएगा। इसमें दुकान पर एक समय में पांच उपभोक्‍ता ही मौजूद रहेंगे। सोशल डिस्‍टेंसिंग बनाए रखने के लिए दो उपभोक्‍ताओं के बीच दो गज की दूरी रखी जाएगी। वहीं, ई पॉस से वितरण के दौरान दुकानों पर सेनीटाइजर, साबुन व पानी अनिवार्य रूप से रखना होगा। इसके उपयोग के बाद ही उपभोक्‍ता ई पॉस मशीन का प्रयोग करेगा।

कोरोना संक्रमण की दर में तेजी से गिरावट दर्ज की

हरिओम उपाध्याय                 
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के यूपी मॉडल से उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। प्रदेश में तेजी से घटते कोरोना संक्रमण के मामले ट्रिपल टी, टीकाकरण और उचित रणनीति का सकारात्मक परिणाम है। प्रदेश में योगी सरकार द्वारा समय पर लिए गए सफल निर्णय से आज प्रदेश के 74 जिलों में 200 से कम एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं। वहीं, 55 जिले ऐसे हैं, जहां कुल एक्टिव केस डबल डिजिट में ही दर्ज किए जा रहे हैं। प्रदेश के अब ज्यादातर जिलों में संक्रमण के नए मामले नहीं मिल रहे, तो कई जिले ऐसे हैं। जहां नए केस इकाई में आ रहे हैं। 
पिछले 24 घंटों में प्रदेश में महज 251 कोरोना के नए मामले सामने आए। इस अवधि में 561 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किए गए। प्रदेश में पिछले 24 घंटों में दो लाख 63 हजार 769 सैम्पल की जांच की गई। अब तक पांच करोड़ 52 लाख 64 हजार 533 कोविड की जांच की जा चुकी हैं। प्रदेश की टेस्ट पॉजिटिविटी दर लगातार एक फीसदी से कम बनी हुई है। प्रदेश में पॉजिटिविटी दर 0.1 प्रतिशत और रिकवरी रेट 98.4 प्रतिशत दर्ज किया गया। जो प्रदेशवासियों के लिए एक सुखद खबर है। 
प्रदेश में कोरोना के मामलों में गिरावट होने और लगातन संक्रमण के प्रसार में कमी होने पर सोमवार से योगी सरकार कोरोना कर्फ्यू में छूट देने जा रही है। इस विषय में शासन द्वारा तय गाइडलाइन का सभी जिलों में कड़ाई से अनुपालन हो इसके लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। राज्य सकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश स्तरीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ परामर्श समिति ने कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर अध्ययन रिपोर्ट तैयार कर ली है। विशेषज्ञों की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के सभी जिलों में आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश सीएम ने दिए। उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिए कि तीसरी लहर की आशंका के अनुसार प्रदेशवासियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सभी ठोस कदम समय से उठाए। 
प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में पीडियाट्रिक आईसीयू और नियोनेटल आईसीयू की स्थापना की जा रही है। बीते दिन सीएम के निर्देशानुसार बेड की संख्या में विस्तार करते हुए 100 बेड और बढ़ाए गए हैं। प्रत्येक मेडिकल कॉलेजों में न्यूनतम 100 बेड बढ़ाने की कार्यवाही की जा  रही है। जिला अस्पतालों और सीएचसी को भी इसी तर्ज पर सुविधायुक्त किया जा रहा है। सीएम ने पीकू और नीकू स्थापना की यह कार्यवाही इसी माह पूर्ण करने के आदेश देते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री को इस संबंध में निरीक्षण कर अगले दो दिवस के भीतर अपनी आकलन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। 

यूपी: सोमवार से मॉल-होटल और रेस्त्रां गुलजार होंगे

अश्वनी उपाध्याय                  
गाजियाबाद। करीब पौने दो माह के लॉकडाउन के बाद सोमवार से मॉल-होटल और रेस्त्रां गुलजार होंगे। कोरोना प्रोटोकॉल एवं शासन के गाइडलाइन के अनुसार 50 फीसदी क्षमता के साथ ये सभी खुलेंगे। मॉल-रेस्त्रां में साफ-सफाई से लेकर सैनेटाइजेशन की तैयारी शुरू कर दी गई है। बिना मॉस्क और तापमान मापे अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा। कोरोना की दूसरी लहर फैलने के बाद करीब पौने दो माह से मॉल, होटल रेस्त्रां आदि बंद कर दिए गए थे। मॉल के अलावा होटलों और रेस्टोरेंटों में बैठकर नाश्ता और खाना खाने पर रोक थी। संक्रमण को बढ़ते देख 30 अप्रैल के बाद से जनपद में संपूर्ण लॉकडाउन लागू होने से पूर्ण रुप से तालाबंदी हो गई। कुछ रेस्टोरेंटो से होम डिलीवरी की सिर्फ छूट दी गई थी। बीते 15 जून को उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 21 जून से 50 फीसदी क्षमता के साथ मॉल-होटल-रेस्त्रां को छूट देने के आदेश दिए थे। 
इसके बाद जनपद में इस क्षेत्र के कारोबारियों ने शनिवार से तैयारी शुरू कर दी है।
आरडीसी के कृष्णा सागर होटल-रेस्टोरेंट के प्रबंधक अमित शर्मा ने बताया कि शनिवार को साफ-सफाई और फर्नीचर आदि की सफाई की गई। पुराने खराब सामानों को फेंक दिया गया। रविवार को विशेष सफाई के साथ सैनेटाइजेशन किया जाएगा। कुर्सियों और मेज को दूरी के साथ लगवाया जाएगा। ताकि खाने या नाश्ता करने वाले ग्राहकों को कुछ अंतराल पर बैठाया जा सके।
प्रवेश गेट पर सैनेटाइजर और मॉस्क के बाद ही सभी को प्रवेश दिया जाएगा। कविनगर के तुषार होटल के मालिक तुषार मक्कर का कहना है कि होटल में सफाई और सेनेटाइजेशन का काम रविवार को पूरा कर लिया जाएगा। जिला प्रशासन के गाइडलाइन का इंतजार किया जा रहा है। गाइडलाइन का पालन करते हुए ही होटल संचालित कराया जाएगा। 
उधर, टीएचए में एक दर्जन से अधिक मॉल है। वहीं, रेस्टोरेंट भी अधिक तादाद में है। वैशाली सेक्टर-तीन के महागुन मॉल के प्रबंधक फैसल खां ने बताया कि प्रशासन के कोरोना गाइडलाइन का इंतजार किया जा रहा है। गाइडलाइन के अनुसार ही 21 जून से पंचास फीसदी क्षमता और कोरोना संक्रमण के बचाव के उपायों के साथ मॉल खोले जाएंगे। मॉल के प्रवेश द्वार पर सैनेटाइजेशन और थर्मल स्क्रीनिंग के बाद प्रवेश दिया जाएगा। सुरक्षा कर्मियों से सामाजिक दूरी के पालन कराने पर नजर रहेगी। बगैर मास्क पहने लोगों को अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

मेट्रो ने महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की: डीएमआरसी

अकांशु उपाध्याय                      
नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो रेल कॉपोर्रेशन (डीएमआरसी) ने कुछ महीनों में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चलते सामने आईं अनेक बाधाओं के बावजूद अपने चौथे चरण कॉरिडोर का निमार्ण कार्य जारी रखा है और कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियां भी हासिल की हैं। अप्रैल 2021 में लॉकडाउन लगने से पहले डीएमआरसी की साइटों पर मजदूरों की संख्या 4000 से अधिक थी। तथापि लॉकडाउन के बाद अनेक मजदूर इन साइटों से अपने मूल निवास स्थलों को चले गए। इसके अतिरिक्त अनेक मजदूर जो पहले होली के त्यौहार के लिए चले गए थे वे भी वापस नहीं लौटे। इससे कार्यस्थलों पर मजदूरों की संख्या धीरे-धीरे घटकर लगभग 2500 रह गई।
डीएमआरसी ने रुके रह गए अपने मजदूरों की न केवल डाक्टरी और आवास इत्यादि संबंधी देखभाल की बल्कि अपने चौथे चरण के निमार्ण कार्य में कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियां भी हासिल कीं। इस अवधि के दौरान सरकार द्वारा समय-समय पर जारी कोविड संबंधी सभी दिशानिर्देशों का भी सख्ती से पालन किया गया है। कोविड संबंधी प्रतिबंध समाप्त होने के बाद डीएमआरसी की साइटों पर उपलब्ध श्रमशक्ति में अब क्रमिक बढ़ोतरी हुई है। जनकपुरी पश्चिम - आर के आश्रम मार्ग कॉरिडोर पर जनकपुरी पश्चिम और कृष्णा पार्क एक्सटेंशन के बीच सुरंगों के कार्य के लिए डीएमआरसी ने चौथे चरण के पहले भूमिगत सेक्शन में इस अवधि के दौरान कई महत्वपूर्ण लक्ष्य हासिल किए हैं। इन महीनों में डीएमआरसी ने 2.8 किलोमीटर लंबी दोहरी सुरंगों में से एक सुरंग में 500 मीटर की टनलिंग का कार्य पूरा कर लिया है। 
दिल्ली मेट्रो ने कास्टिंग यार्ड में टनल के 50 प्रतिशत से अधिक सेगमेंट का कार्य भी पूरा कर लिया है। इस खंड पर पहली दोहरी सुरंगों के इस वर्ष सितंबर से पहले तक पूरा होने की उम्मीद है। इसी खंड पर डीएमआरसी ने पिछले महीने मुकरबा चौक पर इसी चरण के सबसे पहले टी-गर्डर का निमार्ण करके एक अन्य बड़ी उपलब्धि हासिल की है। ये टी-गर्डर प्री-टेंशन्ड हैं और इनकी कास्टिंग मुंडका स्थित कास्टिंग यार्ड में की जाती है। कास्टिंग के बाद इन गर्डरों को साइट पर लाया जाता है और 400 मी.टन क्षमता वाली दो विशालकाय क्रेनों की मदद से इन्हें लांच किया जाता है। इनमें प्रत्येक गर्डर की लंबाई 37 मीटर है तथा भार लगभग 90 मी.टन है। जिन खंबों पर पहला गर्डर रखा गया है उनकी ऊंचाई भूमितल से लगभग 18 मीटर है। 
इसके अतिरिक्त लांचर की लोड टैस्टिंग मजलिस पार्क में की गई है और लांचर के साथ यू-गर्डर की लांचिग मजलिस पार्क से मुकरबा चौक के इसी खंड पर शुरु की जाएगी। मजलिस पार्क-मौजपुर कॉरिडोर पर भी श्रमशक्ति की कमी के बावजूद कार्य में निरंतर प्रगति हुई है। यू-गर्डरों, टी-गर्डरों की कास्टिंग, यू-गर्डर का इरेक्शन, स्टेशनों व वायाडक्ट स्थलों पर पीयर कैप्स बनाने का कार्य भी जारी रहा है। इसी कॉरिडोर के अंतर्गत यमुना नदी पर सिगनेचर ब्रिज के समीप दिल्ली मेट्रो के पांचवे पुल का निमार्ण भी किया जा रहा है। यह कॉरिडोर महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके पूरा होने से पिंक लाइन पर कनेक्टिविटी का संपूर्ण रिंग पूरा हो जाएगा।
तुगलकाबाद-एयरोसिटी कॉरिडोर पर पंचशील पार्क स्थित कास्टिंग यार्ड पर बड़ी-बड़ी क्रेनें खड़ी करने के साथ साथ समस्त आवश्यक उपकरण इंस्टाल कर लिए गए हैं। यू-गर्डरों और खंबों की कास्टिंग का कार्य भी जारी है। 
अप्रैल और मई 2021 में डीएमआरसी के चौथे चरण के भूमिगत सेक्शनों के लिए चार प्रमुख सिविल टेंडर भी जारी किए गए थे। यह चारों सेक्शन जाइका के माध्यम से प्राप्त ऋण से वित्तपोषित होंगे। तीन टेंडर एयरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर के हैं। जबकि एक टेंडर जनकपुरी पश्चिम - आर के आश्रम मार्ग कॉरिडोर से संबद्ध है। सभी टेंडर प्रोसेसिंग के विभिन्न चरणों में है। देश में कोविड-19 के मामलों में हुए सुधार के चलते आने वाले दिनों में निमार्ण कार्य में और तेजी संभव हो सकेगी। साइटों पर मजदूरों के लिए टीकाकरण कैंप लगाए गए हैं तथा और कैंप लगाए जाने की संभावना है। 
मजदूरों के बीच टीकाकरण से होने वाले लाभ के बारे में जागरुकता उत्पन्न करने के लिए एक अभियान भी चलाया जा चुका है। हालिया दिनों में डीएमआरसी अपने चौथे चरण के विस्तार के एक भाग के रूप में प्राथमिकता वाले तीन कॉरिडोरों पर 65 कि.मी. नई लाइनों के निमार्ण में लगी है। इन कॉरिडोरों के वर्ष 2०25 तक पूरा होने की संभावना है। हालांकि कोविड के हालात को देखते हुए कार्य पूरा किए जाने के लिए लक्ष्यों की तदनुसार समीक्षा की जाएगी।

किसानों से खरीद की गारंटी सुनिश्चित करने की मांग

हरिओम उपाध्याय                             
लखनऊ। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर किसानों के खरीद की गारंटी सुनिश्चित करने की मांग की है। मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में प्रियंका गांधी ने लिखा है कि प्रदेश के तमाम जिलों से मुझे लगातार सूचनाएं आ रहीं हैं कि गेहूं की खरीद में किसानों को बहुत परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हुई लेकिन कोरोना माहमारी के चलते क्रय केंद्रों पर ताला लटकता रहा। जैसे ही किसानों गेहूं का क्रय केंद्रों पहुँचने लगा उसी समय खरीद को कम करके आधा कर दिया गया।
प्रियंका गांधी ने पत्र में लिखा है कि पंजाब और हरियाणा जैसे प्रदेशों में गेहूं की सरकारी ख़रीद कुल उत्पादन का 80-85% तक होती है।
जबकि उत्तरप्रदेश में 378 लाख मीट्रिक टन उत्पादित गेहूं के मात्र 14% हिस्से की सरकारी केंद्रों पर खरीद हुई है। बहुत सारे किसान अपना गेहूं नहीं बेच पाए हैं। अब क्रय केंद्रों पर किसानों के गेहूं खरीद में सरकारी फरमानों के चलते अफसर ना नुकूर कर रहे हैं। महासचिव प्रियंका गांधी ने पत्र में लिखा है कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि हम अंतिम किसान तक गेहूं खरीद की सुविधा देंगे, लेकिन बहुत सारे गाँवों में क्रय केंद्र बंद हो गए हैं और किसानों को दूर मंडियों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है, नमी के कारण गेहूं के सड़ने का खतरा है। इस स्थिति में किसान अपनी गाढ़ी पसीने की कमाई को औने पौने दाम पर बेचने को मजबूर होंगे। 
उन्होंने पत्र में लिखा है कि कोरोना महामारी और महंगाई के चलते किसानों की हालत पहले से ख़राब है, ऐसे में उनकी फसल की खरीद न हो पाने या औने-पौने दामों में गेहूँ बेचने के लिए मजबूर होने जैसी स्थिति किसानों की कमर तोड़ देगी। महासचिव प्रियंका गांधी ने मांग की है कि क्रय केंद्रों पर 15 जुलाई तक किसानों के गेहूं खरीद की गारंटी की जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखा है कि प्रत्येक क्रय केंद्र पर खरीद की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि किसानों को अपना अनाज बेचने के लिए भटकना न पड़े। महासचिव प्रियंका गांधी ने लिखा है कि कई जिलों से इस तरह की खबरें आ रहीं हैं कि एक किसान से एक बार में अधिकम 30 या 50 कुंतल गेहूं खरीदा जा रहा है। इससे किसान बहुत परेशान हैं। इसपर तत्काल प्रभाव से रोक लगाकर किसानों से अधिकतम खरीद की जाए।

बार-बार आंखों को रगड़ना बेहद नुकसानदायक

बार-बार आंखों को रगड़ना बेहद नुकसानदायक  सरस्वती उपाध्याय  आंख हमारे शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक हैं। जिसकी मदद से हम अपने आस-पास की ...