रविवार, 20 जून 2021

ठेकेदार ने ग्रामीणों के निकलने का रास्ता अवरुद्ध किया

कौशाम्बी। रेलवे के नीचे पुलिया बनाने वाले ठेकेदार ने ग्रामीणों के निकलने का रास्ता अवरुद्ध कर दिया है। जिससे इलाके के अशरफ पुर मरधारा वीरपर आदि गांव के ग्रामीणों को बाजार कस्बा अस्पताल जाने में दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। जबकि सरकारी ठेके के नियमानुसार सर्विस रोड का निर्माण किए बगैर किसी भी कार्य का निर्माण शुरू नहीं किया जा सकता है। ठेकेदार ने ग्रामीणों के आने जाने के लिए सर्विस रोड नहीं बनाई है और मुख्य मार्ग पर निर्माण शुरू कर दिया है। जिससे ग्रामीण परेशान हैं। 
बार-बार लोगों ने अधिकारियों से शिकायत किया। लेकिन ठेकेदार पर अंकुश नहीं लग सका। पहली बारिश होते ही निर्माणाधीन क्षेत्र में आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है। इस मुसीबत से ग्रामीणों को कौन निकालेगा ग्रामीण उसके इंतजार में है। चायल तहसील क्षेत्र के मनोहरगंज रेलवे स्टेशन के समीप 10 नंबर रेलवे गेट के पास जीएमआर कंपनी के रेलवे ठेकेदार द्वारा अंडर पास ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। 
जिससे आये दिन बारिश होने के वजह से भारी तादाद में रोड पर पानी भर जाता है। रास्ते में पानी और कीचड़ के चलते रास्ता दलदल बन जाता है। जिससे ग्रामीणों को आने जाने में बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। जब ग्रामीण कंपनी के अधिकारियो को रास्ता सही करने के लिए कहते है तो ठेकेदार हिला हवाली करते नज़र आते है। गांव में अगर कोई घटना घटती है तो रास्ता ख़राब होने की वजह से एम्बुलेंस भी मौके पर नही पहुच पाती। जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश व्याप्त है।
समीर अहमद 

हापुड़: भराव करते हुए 2 ट्रैक्टरों को रंगे हाथों पकड़ा

अतुल त्यागी               
हापुड़। धौलाना एसडीएम अरविंद द्विवेदी ने खबर का  संज्ञान लिया। क्षेत्र में रात को बड़े पैमाने पर चल रहा था।बड़े प्लॉटों में अवैध रूप से भराव का कार्य जंगलों में किया जा रहा था। अवैध मिट्टी खनन जिसको लेकर बड़े ही प्रमुखता से चलाई थी खबर। धौलाना एसडीएम अरविंद द्विवेदी हापुड़ में सबसे ज्यादा कार्यवाही करने वाले अधिकारियों में हैं। रात 12:30 बजे क्षेत्र में निकले दौरे पर तो खबर की सच्चाई आई सामने। दो ट्रैक्टरों को भराव करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। धौलाना इस्पेक्टर को सुपुर्द कर दिया। चार ट्रैक्टर एक जेसीबी मशीन लेकर खनन माफिया मौके से भागने में कामयाब हो गए।अभी उनकी भी तलाश की जा रही है। अवैध रूप से खनन कर रहे खनन माफियाओं को किसी भी सूरत में वख्शने की उम्मीद नहीं है, सभी पर हो सकती है बड़ी कार्रवाई। धौलाना एसडीएम लगातार अवैध रूप से काम करने वाले लोगों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहे हैं।जिसका असर रोज दिखाई दे रहा है।

दिल्ली में रविवार को कोरोना के 124 नए मामलें मिलें

अकांशु उपाध्याय          

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार को कोविड-19 के 124 नए मामले सामने आए हैं। जो कि 16 फरवरी से बाद से अब तक सबसे कम हैं। वहीं संक्रमण से सात और लोगों की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों से रविवार को यह जानकारी मिली। आंकड़ों के अनुसार यहां संक्रमण दर अब 0.17 फीसदी है।

लगातार यह दूसरा दिन है, जब संक्रमण की वजह से मरने वालों की संख्या 10 से कम है। शनिवार को दिल्ली में सात लोगों की मौत हुई थी। जो कि एक अप्रैल से अब तक सबसे कम है। वहीं 135 नए मामले सामने आए थे और संक्रमण दर 0.18 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण की वजह से अब तक 24,914 लोगों की मौत हो चुकी है। एक अप्रैल को शहर में नौ लोगों की मौत हुई थी और 2,790 मामले सामने आए थे।

केंद्रीय निमंत्रण के फैसलें का अधिकार मुफ्ती को दिया

श्रीनगर। पीडीपी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) ने जम्मू कश्मीर के क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को वार्ता के लिए बुलाने के केंद्र के निमंत्रण पर फैसला लेने का अधिकार रविवार को पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को दिया। पीएसी पार्टी की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च समिति है। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के यहां शहर के गुपकर इलाके में स्थित फेयरव्यू आवास पर दो घंटे तक चली पीएसी की बैठक के बाद यह फैसला किया गया। बैठक की अध्यक्षता महबूबा ने की। 
पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता सैयद सुहैल बुखारी ने बैठक के बाद महबूबा के आवास के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘‘पीएसी ने सर्वसम्मति से मामले पर अंतिम फैसला लेने का अधिकार पार्टी अध्यक्ष को दिया है।’’ बुखारी ने कहा कि पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) की बैठक मंगलवार को होगी जहां सदस्य दल मुद्दे पर चर्चा करेंगे और फिर इस पर अंतिम फैसला लेंगे कि प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई बैठक में भाग लेना है या नहीं। उन्होंने कहा, ‘‘दो दिनों के बाद पीएजीडी की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। गठबंधन के सदस्य अपने सुझाव देंगे और उसके बाद बैठक में शामिल होने पर फैसला लिया जाएगा।
महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीएसी में आर वीरी, मुहम्मद सरताज मदनी, जी एन लोन हंजुरा, महबूब बेग, नईम अख्तर, सुरिंदर चौधरी, यशपाल शर्मा, मास्टर तस्सदुक हुसैन, सोफी अब्दुल गफ्फार, निजाम उद्दीन भट, आसिया नकाश, फिरदौस अहमद टाक, मुहम्मद खुर्शीद आलम और एडवोकेट मुहम्मद युसूफ भट जैसे नेता सदस्य हैं। केंद्र सरकार से जम्मू कश्मीर के क्षेत्रीय दलों के साथ बातचीत का न्योता मिलने के कुछ घंटे बाद पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के रिश्तेदार और पार्टी के वरिष्ठ नेता सरताज मदनी को छह महीने बाद शनिवार को हिरासत से रिहा कर दिया गया।

सऊदी से याची के लिए आयें मुआवजे का भुगतान करें

बृजेश केसरवानी                   
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी मऊ को निर्देश दिया है कि वह सऊदी अरब से याची के लिए आये मुआवजे का तत्काल भुगतान करें। सऊदी अरब के बादशाह ने रियाद दूतावास के जरिये जिलाधिकारी को 60 लाख 60 हजार 606 रूपये याची हाफिज नौशाद अहमद व शाहिदा बानो को देने के लिए भेजा है। यह मुआवजा याची के बेटे मोहम्मद फैज की सड़क दुर्घटना में हुई मौत पर दिया गया है। जिसे डीएम इस धनराशि का उत्तराधिकार प्रमाणपत्र न देने के कारण भुगतान नहीं कर रहा है। 
कोर्ट ने याची से कहा है कि वह 9 अगस्त 20 से अब तक के ब्याज के लिए डीएम को अर्जी दें और वह ब्याज की गणना कर भुगतान करें। यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी तथा न्यायमूर्ति आर एन तिलहरी की खंडपीठ ने हाफिज नौशाद अहमद व अन्य की याचिका पर दिया है। इससे पहले याची के बेटे की बकाया तनख्वाह दूतावास के जरिए आयी थी। एक मात्र वारिस माता पिता को जिलाधिकारी ने भुगतान कर दिया था। मुआवजे के मामले मे डीएम ने 14 अक्टूबर 20 को याची के उत्तराधिकार की रिपोर्ट रियाद दूतावास को भेजी थी। जिस पर दूतावास ने रूपये डी एम को भेजे, परन्तु वह भुगतान नहीं कर रहे थे। जिसे लेकर याचिका दायर की गयी थी। कोर्ट ने कहा ऋण व प्रतिभूति के मामले में उत्तराधिकार प्रमाणपत्र की जरूरत होती है। मुआवजे के भुगतान पर यह लागू नहीं होता। इसलिए उत्तराधिकार प्रमाणपत्र देने की जरूरत नहीं है।

8 हफ्ते में आ सकतीं हैं 'कोरोना' की तीसरी लहर

अकांशु उपाध्याय                  
नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने देश को चेताया है। डॉ. गुलेरिया ने कहा है कि अगर कोरोना से बचाव के तरीकों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो अगले छह से आठ हफ्ते में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। उन्होंने कहा कि अगर लोगों ने मास्क और सोशल डिस्टेन्सिंग जैसे जरूरी गाइडलाइन को फॉलो नहीं किया तब काफी मुश्किल हालात पैदा हो सकते हैं। 
एम्स के निदेशक ने कहा है कि कोरोना के मामले बढ़ने पर फिर लॉकडाउन लगाने की भी जरूरत पड़ सकती है। 
जरूरत है कि वैक्सीनेशन होने तक हम आक्रामक रूप से अपनी जंग को जारी रखें। एम्स के निदेशक ने कहा है कि अगर किसी क्षेत्र में कोरोना संक्रमण का दर पांच प्रतिशत से ऊपर जाता है तो वहां लॉकडाउन लगाने या उस क्षेत्र को जोखिम क्षेत्र घोषित करने जैसे जरूरी कदम उठाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा है कि आर्थिक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए कोरोना की किसी भी लहर से निपटने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लगाना कोई उपाय नहीं है। 

शादी समारोह में 50 लोगों के एकत्र होने की अनुमति

हरिओम उपाध्याय              
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 21 जून से कोरोना कर्फ्यू में सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक की छूट दे दी है। शादी समारोह व धर्मस्थलों में 50 लोगों के एकत्र होने की अनुमति रहेगी। कोविड प्रोटोकॉल के तहत प्रदेश में सोमवार से मॉल, रेस्टोरेंट और पार्क भी खुल जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने इस संबंध में शनिवार देर रात नई गाइडलाइन भी जारी कर दी।  नई गाइडलाइन के अनुसार सरकारी दफ्तरों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शत प्रतिशत उपस्थिति हो सकेगी। 
हालांकि निजी कार्यालयों में अभी वर्क फ्राम होम व्यवस्था को ही प्रोत्साहित करने को कहा गया है। शिक्षण संस्थानों के अलावा सिनेमा हॉल, स्टेडियम, स्विमिंग पूल और जिम को अभी फिलहाल बंद रखा गया है। विद्यालयों में केवल शिक्षकों व कर्मचारियों को प्रशासनिक कार्य के लिए आने की अनुमति दी गई है। 
 जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि सब्जी मंडियों को खुले स्थान पर लगवाया जाये। साथ ही हर मंडी स्थल पर कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करने को कहा गया है। 
रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डा और रोडवेज बसों में स्क्रीनिंग और एंटीजेन टेस्ट के निर्देश दिये गये हैं।  
शासन द्वारा जारी गाइडलाइन में रात्रिकालीन कर्फ्यू रात नौ बजे से सुबह सात बजे तक रहेगा। साथ ही शनिवार और रविवार को दो दिवसीय साप्ताहिक कर्फ्यू भी अभी पूरी तरह लागू रहेगा। पुलिस को निर्देश है कि कहीं पर भी अधिक भीड़ एकत्र न होने पाए। इसके लिए पुलिस को व्यापक पेट्रोलिंग के निर्देश दिए गए हैं।

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...