रविवार, 20 जून 2021

आखिरी डायनासोरों की 6 प्रजातियों के पैरों के निशान

लंदन। ब्रिटेन में केंट की धरती पर 11 करोड़ साल पहले के आखिरी डायनासोरों की कम से कम छह विभिन्न प्रजातियों के पैरों के निशान मिले हैं। अनुसंधानकर्ताओं ने एक नयी रिपोर्ट में इस बात का दावा किया है। हेस्टिंग म्यूजियम एंड आर्ट गैलरी के एक क्यूरेटर और यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्ट्समाउथ के एक वैज्ञानिक ने ऐसे पदचिह्नों की खोज की है जो ब्रिटेन में आखिरी डायनासोरों के हैं। 

यह पदचिह्न केंट के फोकस्टोन में तटीय क्षेत्र और चट्टानों पर मिले हैं। यहां तूफानी परिस्थितियों के कारण चट्टानों और तटीय जलीय क्षेत्र के प्रभावित होने से लगातार नए जीवाश्मों का पता चलता है। यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्ट्समाउथ में पुराजैविकी के प्रोफेसर डेविड मार्टिल ने कहा कि यह पहली बार है जब ‘फोकस्टोन फॉर्मेशन’ नामक चट्टानी सतह पर पैरों के ये निशान मिले हैं और यह बेहद महत्वपूर्ण खोज है क्योंकि ये डायनासोर विलुप्त होने से पहले देश में आखिरी रहे होंगे।

उन्होंने कहा कि वे उस जगह के करीब घूम रहे थे जहां अब डोवर की सफेद चट्टान हैं। अगली बार जब आप नौकायन पर निकलें और इन शानदार चट्टानों को देखें तो बस आस-पास उनकी मौजूदगी की कल्पना करें। संबंधित रिपोर्ट ‘प्रोसीडिंग्स ऑफ द जियोलॉजिस्ट्स एसोसिएशन’ पत्रिका के इस सप्ताह के अंक में प्रकाशित हुई है। डायनासोरों के पैरों के कुछ निशान फोकस्टोन संग्रहालय में भी प्रदर्शित किए गए हैं। हेस्टिंग्स म्यूजियम एंड आर्ट गैलरी से जुड़े क्यूरेटर फिलिप हाडलैंड इसके मुख्य लेखक हैं।


10वीं-12वीं की परीक्षा परिणाम जारी करने की तैयारी

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। सीबीएसई 10वीं व 12वीं की परीक्षा परिणाम जारी करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए उसने फार्मूला भी बनाया है। जिसे बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट अपनी सैद्धांतिक मंजूरी भी दे चुका है। इसी बीच 12वीं की परीक्षा को लेकर छात्र एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। 1,152 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए सीबीएसई को फिजिकल मोड़ में 12वीं कक्षा की निजी / कंपार्टमेंट परीक्षा को रद करने का निर्देश देने की गुहार लगाई है।
याचिका में कहा गया है कि सीबीएसई द्वारा 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए निजी/कंपार्टमेंट परीक्षा आयोजित करने के निर्णय से लाखों छात्रों का जीवन कोरोना महामारी के कारणस खतरे में पड़ जाएगा, क्योंकि वे फिजिकल मोड परीक्षा में बैठने के लिए मजबूर होंगे, जो सीधे तौर पर संविधान द्वारा प्रदत उनके ‘जीवन और स्वास्थ्य के अधिकार’ का उल्लंघन है।छात्रों ने वकील अभिषेक चौधरी के माध्यम से सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में एक लंबित मामले में हस्तक्षेप आवेदन दायर किया है। 
सुप्रीम कोर्ट  21 जून को उनकी याचिका पर सुनवाई कर सकता है। निजी और कम्पार्टमेंट के छात्रों ने तर्क दिया है कि देश में मौजूदा कोविड -19 स्थिति के कारण यह निर्णायक रूप से नहीं कहा जा सकता है कि फिजिकल मोड में परीक्षाओं के संचालन के लिए कब अनुकूल स्थिति होगी। इसके अलावा यदि उनकी परीक्षाओं में अधिक देरी होती है तो वे न केवल विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में आवेदन करने और प्रवेश लेने का अवसर खो देंगे बल्कि उन्हें शिक्षा के मौलिक अधिकार से भी वंचित कर दिया जाएगा।इन छात्रों का कहना है कि नियमित छात्रों के लिए सीबीएसई द्वारा अपनाए गए मूल्यांकन मानदंडों के अनुरूप ही उनका भी मूल्यांकन किया जाए और समयबद्ध तरीके से परिणाम जारी किया जाए।

विश्व: कोरोना संक्रमितों की संख्या-17.81 करोड़ हुईं

वाशिंगटन डीसी/ नई दिल्ली। विश्वभर में कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप जारी है और इससे अब तक 17.81 करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हो चुके है तथा 38.57 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।जबकि दुनिया भर में कोरोना के 257.12 करोड़ टीके लगाए जा चुके हैं। अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केंद्र (सीएसएसई) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार दुनिया के 192 देशों एवं क्षेत्रों में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 17 करोड़ 81 लाख 27 हजार 821 हो गयी है। जबकि 38 लाख 57 हजार 954 लोग इस महमारी से जान गंवा चुके हैं। विश्व में महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कोरोना वायरस की रफ्तार।
यहां संक्रमितों की कुल संख्या 3,35,37,971 हो गयी है और छह लाख एक हजार 740 लोगों की इसके संक्रमण से मौत हो गयी है। 
दुनिया में कोरोना संक्रमितों के मामले में भारत दूसरे और मृतकों के मामले में तीसरे स्थान पर काबिज है। देश में पिछले 24 घंटों में 58,419 नये मामले सामने आने के साथ ही संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 2,98,81,965 हो गया। इस दौरान 87,619 और मरीजों के स्वस्थ होने के बाद इस महमारी को मात देने वालों की कुल संख्या बढ़कर 2,87,66,009 हो गई हैं। सक्रिय मामले 30,776 कम होकर 7,29,243 रह गये हैं। इसी अवधि में 1,576 मरीजों की जान जाने के बाद मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 3,86,713 हो गया है। ब्राजील संक्रमितों के मामले में अब तीसरे स्थान पर है।
देश में कोरोना संक्रमण के मामले फिर से बढ़ रहे हैं और अभी तक इससे 1,78,83,750 लोग प्रभावित हुए हैं। जबकि पांच लाख से अधिक 5,00,800 मरीजों की मौत हो चुकी है।
ब्राजील कोरोना से हुयीं मौतों के मामले में विश्व में दूसरे स्थान पर है। संक्रमण के मामले में फ्रांस चौथे स्थान पर है जहां कोरोना वायरस से अब तक 58.17 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं जबकि 1,10,886 मरीजों की मौत हो चुकी है। तुर्की में कोरोना से प्रभावित संख्या 53.65 लाख से अधिक हो गयी है और 49,122 मरीजों की मौत हो चुकी है। रूस में कोरोना संक्रमितों की संख्या 52.37 लाख से अधिक हो गई है और इसके संक्रमण से 1,26,761 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्रिटेन में कोरोना वायरस फिर से तेजी से पांव पसार रहा है यहां प्रभावितों की कुल संख्या 46.36 लाख से अधिक हो गयी है और 1,28,234 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों के मामले में ब्रिटेन पांचवें स्थान पर है। इस बीच इटली को पीछे छोड़ते हुए संक्रमण के मामले में अर्जेंटीना आगे निकल चुका है।
अर्जेंटीना में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 42.58 लाख से अधिक हो गयी है तथा मृतकों की संख्या 88,742 तक पहुंच गयी है। इटली में कोरोना प्रभावितों की संख्या 42.52 लाख से अधिक हो गयी है और 1,27,253 मरीजों की जान जा चुकी है। कोलंबिया में कोरोना वायरस से 39.17 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और 99,335 लोगों ने जान गंवाई है। स्पेन में इस महामारी से 37.57 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और 80,652 लोगों की मौत हो चुकी है।
जर्मनी में वायरस की चपेट में आने वालों की संख्या 37.29 लाख से अधिक हो गई है और 90,390 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच ईरान ने संक्रमण के मामले में पोलैंड को पीछे छोड़ दिया है और वहां संक्रमितों की संख्या बढ़कर 30.86 लाख से ज्यादा हो गयी है तथा मृतकों का आंकड़ा 82,854 तक पहुंच गया है। पोलैंड में कोरोना से 28.78 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और इस महामारी से 74,823 लोग जान गंवा चुके हैं।
मैक्सिको में कोरोना से 24.71 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं और यह देश मृतकों के मामले विश्व में चौथे स्थान पर है जहां अभी तक इस वायरस के संक्रमण से 2,30,959 लोगों की मौत हो चुकी है। यूक्रेन में संक्रमितों की संख्या 22.90 लाख से अधिक है और 54,142 लोग अपनी जान गंवा बैठे हैं। पेरू में संक्रमितों की संख्या 20.23 लाख से अधिक हो गयी है, जबकि 1,89,933 लोगों की जान जा चुकी है। इंडोनेशिया में भी कोरोना संक्रमण के मामले 19.76 लाख के पार पहुंच गये हैं जबकि 54,291 लोगों की मौत हो चुकी है।
दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस से 18.10 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और 58,590 लोगों की मौत हो चुकी है। नीदरलैंड में कोरोना से अब तक 17.05 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और यहां इस महामारी से 18,007 लोग जान गंवा चुके हैं। चेक गणराज्य में कोरोना से अब तक 16.65 लाख से अधिक लोग प्रभावित हो चुके हैं और यहां इस महामारी से 30,278 लोग जान गंवा चुके हैं।
महामारी के उद्गम स्थल वाले देश चीन में 1,03,525 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 4,846 लोगों की मौत हो चुकी है। पड़ोसी देश पाकिस्तान में अब तक कोरोना से 9.47 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं और 21,940 मरीजों की मौत हो चुकी है। अन्य पड़ोसी देश बंगलादेश में भी कोरोना वायरस का प्रकोप जारी है जहां करीब 8.48 लाख लोग संक्रमित हुए हैं और 13,466 मरीजों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा दुनिया के अन्य देशों में भी कोरोना वायरस के संक्रमण से स्थिति खराब है।

मृतक लोगों के परिवार को 4 लाख का मुआवजा नहीं

अकांशु उपाध्याय                      
नई दिल्ली। देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आकर अपनी जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को चार-चार लाख रुपए की अनुग्रह राशि दिए जाने से अपने हाथ खड़े करते हुए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह कोरोना वायरस की वजह से जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को चार-चार लाख रूपये का मुआवजा नहीं दे सकती है। दरअसल सुप्रीमकोर्ट में देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को 4-4 लाख रूपये की अनुग्रह राशि दिए जाने का अनुरोध करते हुए एक याचिका दायर की गई है।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए कहा है कि वह कोरोना वायरस की वजह से जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को चार-चार लाख रुपए का मुआवजा नहीं दे सकती है। केंद्र सरकार ने कहा है कि कोविड-19 के पीड़ितों को 4-4 लाख रूपये का मुआवजा नहीं दिया जा सकता है। क्योंकि आपदा प्रबंधन कानून में केवल भूकंप और बाढ़ आदि प्राकृतिक आपदाओं पर ही मुआवजा देने का प्रावधान है। सरकार ने कहा है कि अगर एक बीमारी से होने वाली मौतों पर मुआवजे की राशि दी जाए और दूसरी पर नहीं तो यह पूरी तरह से गलत होगा। सरकार ने उच्चतम न्यायालय के सम्मुख कहा है कि अगर कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले सभी लोगों को 4- 4 लाख रूपये की अनुग्रह राशि दी जाती है तो फिर एसटीआरएफ का पूरा पैसा सिर्फ एक चीज पर खर्च हो जाएगा और इससे वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई में उपयोग होने वाली राशि प्रभावित होगी। 
अगर एसडीआरएफ फंड को कोरोना मृतकों को मुआवजा देने में ही खर्च किया जाता है तो इससे राज्यों की कोरोना के खिलाफ लड़ाई बुरी तरह प्रभावित होगी और अन्य चिकित्सा आपूर्ति और आपदाओं की देखभाल के लिए पर्याप्त धन नहीं बचेगा। इसलिए कोरोना से मरे व्यक्तियों को अनुग्रह राशि के भुगतान के लिए याचिकाकर्ता की प्रार्थना राज्य सरकारों की वित्तीय सामर्थ्य से परे है।

मुंबई: दल अकेले चुनाव लड़ने की बात करेगा तो पीटेगा

अकांंशु उपाध्याय                  
नई दिल्ली। लड़खड़ाती हुई नजर आ रही महाविकास आघाडी सरकार के मुख्यमंत्री ने अडंगा लगाने की कोशिश कर रहे दलों को सावधान करते हुए कहा है कि अगर लोगों की समस्याओं का समाधान किए बगैर ही जो अकेले चुनाव लड़ने की बात करेगा तो लोग उन्हें जूतों से पीटेेंगे। दरअसल महाराष्ट्र में गठबंधन दलों के बीच चल रही कलह की वजह से महाविकास आघाडी सरकार की रफ्तार लड़खड़ाती हुई नजर आ रही है। जिसके चलते शिवसेना और कांग्रेस के बीच चल रही रार से खाई और गहरी होती जा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और अन्य स्थानीय नेता अकेले चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं। 
इसी बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेताओं पर कटाक्ष किया और कहा जो लोगों की समस्याओं का समाधान किए बगैर ही अकेले चुनाव लड़ने की बात करेगा तो लोग उन्हें जूते से पीट देंगे। कांग्रेस या अन्य किसी कांग्रेसी नेता का नाम लिए बगैर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि अगर हम लोगों की समस्याओं के समाधान की कोशिशें नहीं करते हैं और केवल राजनीति में अकेले लड़ने की बात करते हैं तो लोग हमें जूतों से पीटेंगे। वह हमारी अकेले चुनाव लड़ने की पार्टी केंद्रित महत्वाकांक्षी बात नहीं सुनेंगे।
गौरतलब है कि हालही में मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष जगताप ने कहा था कि वह शिवसेना से हाथ मिलाए बगैर अगले वर्ष मुंबई के निकाय चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी के 55वें स्थापना दिवस के अवसर पर कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियों को अपनी आकांक्षाएं अभी अलग रखनी चाहिए और अर्थव्यवस्था और हेल्थ पर फोकस करना चाहिए। 

कोरोना वायरस महामारी के बीच अपनी पार्टी के 55 वें स्थापना दिवस के मौके पर ठाकरे ने कहा कि देश के समक्ष अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य के दो प्रमुख मुद्दे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है कि सभी राजनीतिक दल यह तय करें कि वे सत्ता के लिए राजनीतिक सफलता चाहते हैं या आर्थिक मोर्चे पर समाधान खोजने के लिए। सामाजिक अशांति इसका वर्णन करने के लिए एक कठोर शब्द होगा, लेकिन देश निश्चित रूप से सामाजिक अशांति की ओर बढ़ रहा है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर कोई पार्टी यह कहना चाहती है कि वह दूसरों से हाथ मिलाए बिना चुनाव लड़ना चाहती है, तो उसे लोगों को आत्मविश्वास और साहस देना चाहिए। अन्यथा लोग पूछेंगे कि पार्टी के पास उन्हें आजीविका, नौकरी देने की क्या योजना है। बता दें कि दशकों से विरोधी रहे शिवसेना और कांग्रेस ने 2019 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के भाजपा से अलग होने के बाद शरद पवार की एनसीपी के साथ महाराष्ट्र में सरकार बनाई।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-309 (साल-02)
2. सोमवार, जून 21, 2021
3. शक-1984, ज्येठ, शुक्ल-पक्ष, तिथि-एकादशी, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 05:42, सूर्यास्त 07:16।
5. न्‍यूनतम तापमान -20 डी.सै., अधिकतम-36+ डी.सै.।
बरसात की संभावना
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.-20110
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सीएम योगी ने 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी देखी

सीएम योगी ने 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी देखी  संदीप मिश्र  लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भी 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी के टैक्स फ्री ...