अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और उसके दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजन के करीब तीन साल बाद जल्द ही एक बड़ी राजनीतिक पहल शुरू होने वाली है। खबर है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगले सप्ताह राज्य के हालात पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बैठक में राजनीतिक गतिरोध के अलावा जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने सम्बंधी विषयों पर चर्चा हो सकती है। बैठक में जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी चर्चा की उम्मीद है।
इसके पहले गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को गृह मंत्रालय में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, गृह सचिव अजय भल्ला, इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक अरविंद कुमार, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) प्रमुख सामंत कुमार गोयल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक कुलदीप सिंह और जम्मू- कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह शामिल हुए। ज्ञातव्य है कि इसके पहले गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से भी बातचीत की थी। ये दोनों बैठकें जम्मू-कश्मीर के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं।
खबर है कि राज्य से जुड़े मसलों पर अंदरखाने इस तरह की उच्चस्तरीय बैठकें चल रही हैं। अब प्रधानमंत्री के साथ होने वाली बैठक के लिए सभी दल के नेताओं को सूचना भेज दी गई है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।
राज्य के विशेष दर्जे की समाप्ति के बाद वहां 2018 से चुनाव भी लंबित हैं। उस समय तब महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी और भाजपा के बीच सत्तारुढ़ गठबंधन टूट गया था। बाद में विपक्ष ने गुपकार समूह बनाया था और हाल में इस समूह ने भी केंद्र सरकार से बातचीत पर नरम रुख अपनाने के संकेत दिए थे।
ज्ञातव्य है कि अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था। इसके साथ राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू - कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया था। तब महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला समेत कई बड़े नेताओं को उनके घरों में ही नजरबंद कर लिया गया था। वैसे अब ये नेता रिहा किए जा चुके हैं।